लोकसभा चुनावों में आए नतीजों के बाद आज शिरोमणि अकाली दल (SAD) की कोर कमेटी की मीटिंग होगी। मीटिंग पार्टी प्रधान सुखबीर बादल की अध्यक्षता में दोपहर तीन बजे पार्टी के चंडीगढ़ स्थित मुख्यालय में रखी गई। इसमें सभी जिलों के मेंबर मौजूद रहेंगे। चुनाव नतीजों के बाद पार्टी की पहली मीटिंग है। पार्टी के सीनियर नेता डॉ. दलजीत सिंह सीमा ने बताया कि मीटिंग में चुनाव नतीजों पर मंथन होगा। साथ ही पार्टी द्वारा आगे की रणनीति तय की जाएगी। इसके अलावा देश में चल रहे राजनीतिक हालातों पर भी मंथन होगा। उन्होंने इस संबंधी सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर इस बारे पोस्ट भी शेयर की थी। एक सीट पर ही पार्टी को मिली है जीत इस बार लोकसभा चुनाव में SAD अकेले चुनावी मैदान में उतरा था। क्योंकि उनकी भाजपा से गठबंधन को लेकर बातचीत सिरे नहीं चढ़ पाई थी। पार्टी ने सभी 13 लोकसभा सीटों उम्मीदवार उतारे थे। इसमें पार्टी को केवल एक सीट पर ही सफलता मिली है। पार्टी केवल बठिंडा लोकसभा सीट ही जीत पाई है। जहां से हरसिमरत कौर चुनाव जीती हैं, जबकि अन्य 12 सीटों पर पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ा है। पार्टी का वोट प्रतिशत भी कम हुआ है। अब यह कम होकर 13.42 फीसदी हो गया है, जो कि साल 2019 में 27.26 फीसदी रहा था। हालांकि 2019 लोकसभा चुनाव में पार्टी दो सीटें जीतने में कामयाब रही थी। मिलकर लड़ते तो 5 सीटों पर मिलती जीत 2024 के लोकसभा चुनाव नतीजों को देखे तो उससे एक बात यह भी निकलकर सामने आई है कि अगर SAD और भाजपा मिलकर लड़े होते तो पांच सीटें जीत जाते। क्योंकि 5 सीटों पर दोनों पार्टियों के नेताओं से मिले मतों काे जाेड़ विजयी उम्मीदवार से ज्यादा रहा है। इन सीटों में गुरदासपुर, लुधियाना, अमृतसर, फिरोजपुर और पटियाला सीट शामिल है। वहीं, अकाली दल के कई सीनियर नेता भी खुलकर कह रहे हैं कि चुनाव में गठबंधन में गए होते तो इतना नुकसान नहीं होना था। लोकसभा चुनावों में आए नतीजों के बाद आज शिरोमणि अकाली दल (SAD) की कोर कमेटी की मीटिंग होगी। मीटिंग पार्टी प्रधान सुखबीर बादल की अध्यक्षता में दोपहर तीन बजे पार्टी के चंडीगढ़ स्थित मुख्यालय में रखी गई। इसमें सभी जिलों के मेंबर मौजूद रहेंगे। चुनाव नतीजों के बाद पार्टी की पहली मीटिंग है। पार्टी के सीनियर नेता डॉ. दलजीत सिंह सीमा ने बताया कि मीटिंग में चुनाव नतीजों पर मंथन होगा। साथ ही पार्टी द्वारा आगे की रणनीति तय की जाएगी। इसके अलावा देश में चल रहे राजनीतिक हालातों पर भी मंथन होगा। उन्होंने इस संबंधी सोशल मीडिया अकाउंट एक्स पर इस बारे पोस्ट भी शेयर की थी। एक सीट पर ही पार्टी को मिली है जीत इस बार लोकसभा चुनाव में SAD अकेले चुनावी मैदान में उतरा था। क्योंकि उनकी भाजपा से गठबंधन को लेकर बातचीत सिरे नहीं चढ़ पाई थी। पार्टी ने सभी 13 लोकसभा सीटों उम्मीदवार उतारे थे। इसमें पार्टी को केवल एक सीट पर ही सफलता मिली है। पार्टी केवल बठिंडा लोकसभा सीट ही जीत पाई है। जहां से हरसिमरत कौर चुनाव जीती हैं, जबकि अन्य 12 सीटों पर पार्टी को हार का मुंह देखना पड़ा है। पार्टी का वोट प्रतिशत भी कम हुआ है। अब यह कम होकर 13.42 फीसदी हो गया है, जो कि साल 2019 में 27.26 फीसदी रहा था। हालांकि 2019 लोकसभा चुनाव में पार्टी दो सीटें जीतने में कामयाब रही थी। मिलकर लड़ते तो 5 सीटों पर मिलती जीत 2024 के लोकसभा चुनाव नतीजों को देखे तो उससे एक बात यह भी निकलकर सामने आई है कि अगर SAD और भाजपा मिलकर लड़े होते तो पांच सीटें जीत जाते। क्योंकि 5 सीटों पर दोनों पार्टियों के नेताओं से मिले मतों काे जाेड़ विजयी उम्मीदवार से ज्यादा रहा है। इन सीटों में गुरदासपुर, लुधियाना, अमृतसर, फिरोजपुर और पटियाला सीट शामिल है। वहीं, अकाली दल के कई सीनियर नेता भी खुलकर कह रहे हैं कि चुनाव में गठबंधन में गए होते तो इतना नुकसान नहीं होना था। पंजाब | दैनिक भास्कर
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