हरियाणा के नारनौल में एक व्यक्ति ने उधार दिए हुए 30 लाख रुपए नहीं मिलने पर आत्महत्या कर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। इस बारे में मृतक के पुत्र ने पुलिस में आरोपी व्यक्ति के खिलाफ शिकायत दी है। शिकायत के बाद पुलिस ने आरोपी व्यक्ति के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है। वहीं पुलिस ने मृतक का नागरिक अस्पताल से पोस्टमार्टम कराने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया। मामले की जांच में जुटी पुलिस पुलिस को दी गई शिकायत में सदर थाना के अंतर्गत आने वाले हाजीपुर गांव निवासी पंकज कुमार ने बताया कि उसके पिता का गांव के ही देवेंद्र कुमार मास्टर के साथ रुपयों को लेकर लेनदेन था। शिकायत में बताया है कि उसके पिता ने 40 लाख रुपए में एक जमीन दी थी। इसके बाद यह रुपए देवेंद्र मास्टर ने ले लिए थे, यह बात गांव वालों को भी पता है। उधार लिए हुए 40 लाख रुपए में से देवेंद्र मास्टर ने 30 लाख रुपए नहीं दिए। उसके पिता ने बार-बार उससे पैसा मांगा तो वह जान से मारने की धमकी देने लगा। वह पैसे देने से भी मना करने लगा। इससे परेशान होकर उसके पिता ने आत्महत्या कर ली। शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने आरोपी व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हरियाणा के नारनौल में एक व्यक्ति ने उधार दिए हुए 30 लाख रुपए नहीं मिलने पर आत्महत्या कर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। इस बारे में मृतक के पुत्र ने पुलिस में आरोपी व्यक्ति के खिलाफ शिकायत दी है। शिकायत के बाद पुलिस ने आरोपी व्यक्ति के खिलाफ विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज कर लिया है। वहीं पुलिस ने मृतक का नागरिक अस्पताल से पोस्टमार्टम कराने के बाद शव परिजनों को सौंप दिया। मामले की जांच में जुटी पुलिस पुलिस को दी गई शिकायत में सदर थाना के अंतर्गत आने वाले हाजीपुर गांव निवासी पंकज कुमार ने बताया कि उसके पिता का गांव के ही देवेंद्र कुमार मास्टर के साथ रुपयों को लेकर लेनदेन था। शिकायत में बताया है कि उसके पिता ने 40 लाख रुपए में एक जमीन दी थी। इसके बाद यह रुपए देवेंद्र मास्टर ने ले लिए थे, यह बात गांव वालों को भी पता है। उधार लिए हुए 40 लाख रुपए में से देवेंद्र मास्टर ने 30 लाख रुपए नहीं दिए। उसके पिता ने बार-बार उससे पैसा मांगा तो वह जान से मारने की धमकी देने लगा। वह पैसे देने से भी मना करने लगा। इससे परेशान होकर उसके पिता ने आत्महत्या कर ली। शिकायत मिलने के बाद पुलिस ने आरोपी व्यक्ति के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts
करनाल विधानसभा सीट पर कांग्रेस की रणनीति:4 प्रमुख दावेदारों पर राजनीतिक विशेषज्ञों की राय, भाजपा के लिए होगा चुनौतीपूर्ण मुकाबला
करनाल विधानसभा सीट पर कांग्रेस की रणनीति:4 प्रमुख दावेदारों पर राजनीतिक विशेषज्ञों की राय, भाजपा के लिए होगा चुनौतीपूर्ण मुकाबला करनाल विधानसभा सीट हरियाणा की सबसे हॉट सीटों में से एक बनी हुई है। भाजपा के लिए इस सीट पर अपनी पकड़ बनाए रखने की चुनौती है, जबकि कांग्रेस इसे जीतने के लिए पूरी ताकत लगा रही है। कांग्रेस के 23 दावेदारों में से 4 प्रमुख चेहरे उभर कर सामने आए है। मनोज वाधवा, सुमिता सिंह, तरलोचन सिंह, और अशोक खुराना। इन चारों नेताओं के राजनीतिक करियर और उनकी संभावनाओं पर राजनीतिक विशेषज्ञों ने अपनी राय दी है। मनोज वाधवा: सबसे बड़ा पंजाबी चेहरा और राजनीतिक सक्रियता मनोज वाधवा का करनाल के पंजाबी समाज में गहरा प्रभाव है। उन्होंने अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत INLD से की थी और मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर के खिलाफ चुनाव भी लड़ा था। पूर्व डिप्टी मेयर और मेयर चुनाव में उनकी पत्नी की उम्मीदवारी ने उन्हें करनाल की राजनीति में एक महत्वपूर्ण चेहरा बना दिया है। वाधवा का कांग्रेस में शामिल होना और उनकी सक्रियता उन्हें इस चुनाव में एक बड़ा उम्मीदवार बनाती है। राजनीतिक विश्लेषक प्रोफेसर आरपी सैनी का कहना है कि मनोज वाधवा कांग्रेस के सबसे बड़े पंजाबी चेहरे के रूप में उभर सकते हैं। उनका राजनीतिक अनुभव और पंजाबी समाज में पकड़ कांग्रेस के लिए बेहद लाभकारी हो सकती है। वाधवा का नाम कांग्रेस के लिए एक मजबूत दावेदारी पेश करता है और यह भाजपा के लिए चुनौतीपूर्ण हो सकता है। सुमिता सिंह: अनुभवी नेतृत्व और करनाल की राजनीति में प्रभाव सुमिता सिंह करनाल की राजनीति में एक अनुभवी और जाना-पहचाना नाम हैं। उन्होंने 10 वर्षों तक विधायक के रूप में सेवा की है और करनाल की राजनीतिक और सामाजिक स्थितियों पर गहरी पकड़ रखती हैं। सुमिता सिंह का नाम कांग्रेस के संभावित उम्मीदवारों में सबसे आगे है, क्योंकि उनका पंजाबी समाज के साथ-साथ अन्य समुदायों में भी अच्छा खासा वोट बैंक है। वरिष्ठ राजनीतिक विश्लेषक एडवोकेट संजीव मंगलोरा का मानना है कि सुमिता सिंह का करनाल की राजनीति में एक अलग ही स्थान है। उनका अनुभव और स्थानीय जुड़ाव कांग्रेस के लिए बहुत महत्वपूर्ण साबित हो सकता है। पंजाबी समाज और अन्य समुदायों में उनकी लोकप्रियता कांग्रेस की जीत की संभावनाओं को मजबूत करती है। अशोक खुराना: लंबा अनुभव और सामाजिक जुड़ाव अशोक खुराना ने 1994 में पार्षद के रूप में अपने राजनीतिक करियर की शुरुआत की और तब से करनाल की राजनीति में सक्रिय रहे हैं। उन्होंने अपनी पंजाबी बिरादरी में मजबूत पकड़ बनाई है और उनके पास स्थानीय राजनीति का लंबा अनुभव है। उनकी गिनती कांग्रेस के हुड्डा खेमे के वफादार कार्यकर्ताओं में होती है। राजनीतिक विश्लेषक संजीव मंगलोरा ने कहा कि अशोक खुराना का करनाल की राजनीति में लंबा अनुभव और पंजाबी बिरादरी में उनकी पकड़ कांग्रेस के लिए एक मजबूत स्थिति तैयार कर सकती है। खुराना की गिनती हुड्डा के वफादार कार्यकर्ताओं में होती है, जिससे उनकी दावेदारी और मजबूत हो जाती है। तरलोचन सिंह: दो बार सीएम के सामने लड़ चुके हैं चुनाव तरलोचन सिंह करनाल से कांग्रेस के सबसे वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं। उन्होंने दो बार मुख्यमंत्रियों (मनोहरलाल खट्टर और नायब सिंह सैनी) के खिलाफ चुनाव लड़ा है और उनके पास करनाल की राजनीति का गहरा अनुभव है। कांग्रेस के पुराने सिपाही होने के नाते उन्होंने पार्टी के मुद्दों को प्रमुखता से उठाया है। राजनीतिक विशेषज्ञ अनुज सैनी का मानना है कि तरलोचन सिंह कांग्रेस के सबसे वरिष्ठ नेताओं में से एक हैं। दो बार मुख्यमंत्रियों के सामने चुनाव लड़ चुके तरलोचन का अनुभव कांग्रेस के लिए एक महत्वपूर्ण संपत्ति है। उनकी लोकल पहचान और पार्टी के प्रति निष्ठा उन्हें एक प्रमुख उम्मीदवार बनाते हैं। भाजपा के लिए चुनौतीपूर्ण मुकाबला राजनीतिक विशेषज्ञों का मानना है कि करनाल विधानसभा सीट पर कांग्रेस के 4 प्रमुख दावेदार भाजपा के लिए एक बड़ी चुनौती पेश कर सकते हैं। खासकर, पंजाबी मतदाताओं पर इन नेताओं की पकड़ भाजपा के लिए मुश्किलें बढ़ा सकती है। करनाल में 63,000 से अधिक पंजाबी मतदाता इस चुनाव में निर्णायक भूमिका निभा सकते हैं, और कांग्रेस की सक्रिय रणनीति भाजपा के लिए मुकाबला कठिन बना सकती है। कुल मिलाकर, राजनीतिक विशेषज्ञों की नजर में करनाल विधानसभा सीट पर कांग्रेस और भाजपा के बीच कांटे की टक्कर होने की उम्मीद है। किसका चेहरा जनता की उम्मीदों पर खरा उतरेगा और कौन सी पार्टी करनाल में जीत हासिल करेगी, यह चुनाव के नतीजे ही बताएंगे।
हरियाणा के जवान ने छत्तीसगढ़ में सुसाइड किया:सर्विस राइफल से खुद को गोली मारी; पिता भी आर्मी में रह चुके, परिवार में दो बच्चे
हरियाणा के जवान ने छत्तीसगढ़ में सुसाइड किया:सर्विस राइफल से खुद को गोली मारी; पिता भी आर्मी में रह चुके, परिवार में दो बच्चे हरियाणा में रेवाड़ी जिले के जैनाबाद गांव के रहने वाले CRPF के जवान पवन कुमार ने छत्तीसगढ़ में सुसाइड कर लिया। पवन ने ऑन ड्यूटी अपनी सर्विस राइफल से खुद को गोली मार ली। हालांकि अभी ये साफ नहीं हो पाया कि सुसाइड करने के पीछे की वजह क्या रही। दरअसल, पवन कुमार तकरीबन 20 साल पहले CRPF में भर्ती हुए थे। छत्तीसगढ़ के बीजापुर के पातरपारा में CRPF 199 बटालियन का कैंप है। फिलहाल वह हेड कॉन्स्टेबल के पद पर मोर्चा नंबर-2 में ड्यूटी पर तैनात थे। शुक्रवार को अचानक गोली की आवाज सुनते ही कैंप के बाकी जवान मौके पर पहुंचे। पवन को तत्काल भैरमगढ़ अस्पताल लाया गया लेकिन डॉक्टरों ने जवान को मृत घोषित कर दिया। शनिवार को पवन कुमार का शव उनके पैतृक गांव जैनाबाद पहुंच सकता है। उसके बाद उनका अंतिम संस्कार किया जाएगा। दो बच्चों के पिता थे पवन कुमार बता दें कि पवन कुमार के घर में पत्नी के अलावा एक बेटा और एक बेटी हैं। उनके पिता का देहांत हो चुका हैं। घर में परिवार के साथ बूढ़ी मां रहती हैं। पवन कुमार के पिता भी आर्मी में ही थे। उनके नक्शे कदम पर चलते हुए पवन कुमार CRPF में भर्ती हुए हैं। पवन कुमार की मौत की खबर सुनकर उनके घर और गांव में शोक की लहर दौड़ गई। पवन कुमार के बेटे और बेटी किसी की भी अभी शादी नहीं हुई हैं। पवन कुमार का एक बड़ा भाई भी हैं। हर कोई पवन कुमार के सुसाइड करने से हैरान हैं। पवन कुमार का शव शनिवार शाम तक उनके घर पहुंचने की उम्मीद है।
करनाल में करंट से रिटायर्ड सूबेदार की मौत:कूलर का तार जोड़ते समय आई बिजली, छत पर फैला करंट; अस्पताल में तोड़ा दम
करनाल में करंट से रिटायर्ड सूबेदार की मौत:कूलर का तार जोड़ते समय आई बिजली, छत पर फैला करंट; अस्पताल में तोड़ा दम हरियाणा के करनाल के कर्ण विहार में एक रिटायर्ड सूबेदार की करंट लगने से मौत हो गई। सूबेदार अपने मुंह से कूलर की मोटर का तार छील रहा था और जैसे ही उसने तार छीलकर हटाया तो अचानक लाइट आ गई, उस समय तार उसके हाथ में था। जिससे उसे करंट का जोरदार झटका लगा और उसकी मौत हो गई। घटना की सूचना पाकर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम हाउस में रखवा दिया। आज दोपहर पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया गया। घर पर चल रहा था निर्माण कार्य कर्ण विहार निवासी 51 वर्षीय रिटायर्ड सूबेदार राजेश कुमार के घर पर निर्माण कार्य चल रहा है। मृतक के भाई ने बताया कि कल शाम बारिश के कारण छत पर पानी भर गया था। छत से पानी निकालने के लिए उसने कूलर में इस्तेमाल होने वाले मोटर पंप का इस्तेमाल करना चाहा। जब उसने मोटर पंप लगाकर उसका तार बिजली के सर्किट में लगाया। उसने स्विच भी ऑन किया, लेकिन उस समय लाइट नहीं थी। पानी के कारण पूरी छत को करंट लग गया जब राजेश पंप की तार को मुंह से छील रहा था, उस समय लाइट नहीं थी। उसे शायद पता नहीं था कि लाइट कभी भी आ सकती है और वही हुआ। जैसे ही उसने तार को छीलकर हाथ में पकड़ा, तार का अगला हिस्सा उसके हाथ को छू गया, तभी उसे करंट लग गया और वह बेहोश हो गया। तार नीचे गिर गई और नीचे छत पर पानी भर गया और पूरी छत पर करंट फैल गया। उसे तुरंत करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज लाया गया, जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। राजेश कुमार मूल रूप से घरौंडा के गुढ़ा गांव का रहने वाला था। उसके दो बेटे हैं। उसका एक बेटा सेना में सेवारत है और दूसरा कनाडा गया हुआ है। सेना में तैनात बेटे को सूचना दे दी गई है और वह वहां से वापस आ रहा है। पूरा परिवार शोक में है। पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंपा गया सेक्टर 32,33 थाना पुलिस ने आज शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया। जांच अधिकारी ने बताया कि पुलिस मामले की जांच कर रही है।