बैठकों में हाजिर ना होकर विकास कार्यों को प्रभावित करने और सहयोग ना करने पर चरखी दादरी जिले की रूदडौल ग्राम पंचायत के 5 पंचों को चरखी दादरी जिला उपायुक्त मनदीप कौर ने निष्कासित कर दिया है। दादरी उपायुक्त मनदीप कौर ने सुनवाई के बाद ग्राम पंचायत के 5 पंचों को बर्खास्त करते हुए आगामी 5 वर्षों के लिए पंचायत चुनाव लड़ने के लिए भी अयोग्य करार देते हुए प्रतिबंध लगा दिया है। 5 वर्षों तक चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित उपायुक्त ने जिला परिषद चरखी दादरी की जांच रिपोर्ट के बाद 5 पंचों को स्वयं निजी सुनवाई काे माैका दिया गया। लेकिन सुनवाई के दौरान वे संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। उपायुक्त मन्दीप कौर ने हरियाणा पंचायती राज अधिनियम, 1994 की धारा 51(3) (ई) में निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए इन पंचों को बर्खास्त किया है। इसके अलावा हरियाणा पंचायती राज अधिनियम, 1994 की धारा 51(4) में निहित शक्तियां का प्रयोग करते हुए 5 पंचों को आगामी 5 वर्षों के लिए ग्राम पंचायत के चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित करार दिया है। ये है पूरा मामला गांव रूदडौल की सरपंच मोनिका जांगड़ा ने उपायुक्त को गांव के 5 पंचों के खिलाफ कार्रवाई के लिए शिकायत दी थी। शिकायत में सरपंच ने कहा था कि वह नवनिर्वाचित महिला सरपंच है। 5 पंचों ने ग्राम पंचायत के गठन की प्रथम बैठक से अब तक हुई मीटिंग और ग्राम सभा की मीटिंग में भाग नहीं लिया। जिससे गांव का विकास पूर्ण रूप से प्रभावित हो रहा है। ये पंच विकास कार्यों में रूचि नहीं ले रहे हैं। जिससे ग्राम पंचायत के प्रस्ताव पारित नहीं हो रहे हैं। विकास कार्य ना होने पर गांव का विकास पूर्ण रूप से प्रभावित हो रहा है। सरकार द्वारा चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ ग्रामीणों को समय पर नहीं मिल रहा है। इसलिए पंचों पर हरियाणा पंचायती राज अधिनियम, 1994 के तहत नियमानुसार कार्यवाही करें। इसी शिकायत के आधार पर जांच कर कार्रवाई की गई है। इन पंचों को किया निष्कासित उपायुक्त दादरी ने जिला परिषद चरखी दादरी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी की जांच रिपोर्ट और निजी सुनवाई में वेदपाल पुत्र दरिया सिंह पंच वार्ड 8, प्रियंका शर्मा पत्नी संजय कुमार पंच वार्ड 3, रेनू पंच वार्ड 1, रोशन लाल पुत्र भागमल पंच वार्ड 2, राजवंती पत्नी अजय कुमार पंच वार्ड 9 ग्राम पंचायत रूदडौल को बर्खास्त किया गया है। बैठकों में हाजिर ना होकर विकास कार्यों को प्रभावित करने और सहयोग ना करने पर चरखी दादरी जिले की रूदडौल ग्राम पंचायत के 5 पंचों को चरखी दादरी जिला उपायुक्त मनदीप कौर ने निष्कासित कर दिया है। दादरी उपायुक्त मनदीप कौर ने सुनवाई के बाद ग्राम पंचायत के 5 पंचों को बर्खास्त करते हुए आगामी 5 वर्षों के लिए पंचायत चुनाव लड़ने के लिए भी अयोग्य करार देते हुए प्रतिबंध लगा दिया है। 5 वर्षों तक चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित उपायुक्त ने जिला परिषद चरखी दादरी की जांच रिपोर्ट के बाद 5 पंचों को स्वयं निजी सुनवाई काे माैका दिया गया। लेकिन सुनवाई के दौरान वे संतोषजनक जवाब नहीं दे पाए। उपायुक्त मन्दीप कौर ने हरियाणा पंचायती राज अधिनियम, 1994 की धारा 51(3) (ई) में निहित शक्तियों का प्रयोग करते हुए इन पंचों को बर्खास्त किया है। इसके अलावा हरियाणा पंचायती राज अधिनियम, 1994 की धारा 51(4) में निहित शक्तियां का प्रयोग करते हुए 5 पंचों को आगामी 5 वर्षों के लिए ग्राम पंचायत के चुनाव लड़ने के लिए अयोग्य घोषित करार दिया है। ये है पूरा मामला गांव रूदडौल की सरपंच मोनिका जांगड़ा ने उपायुक्त को गांव के 5 पंचों के खिलाफ कार्रवाई के लिए शिकायत दी थी। शिकायत में सरपंच ने कहा था कि वह नवनिर्वाचित महिला सरपंच है। 5 पंचों ने ग्राम पंचायत के गठन की प्रथम बैठक से अब तक हुई मीटिंग और ग्राम सभा की मीटिंग में भाग नहीं लिया। जिससे गांव का विकास पूर्ण रूप से प्रभावित हो रहा है। ये पंच विकास कार्यों में रूचि नहीं ले रहे हैं। जिससे ग्राम पंचायत के प्रस्ताव पारित नहीं हो रहे हैं। विकास कार्य ना होने पर गांव का विकास पूर्ण रूप से प्रभावित हो रहा है। सरकार द्वारा चलाई जा रही जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ ग्रामीणों को समय पर नहीं मिल रहा है। इसलिए पंचों पर हरियाणा पंचायती राज अधिनियम, 1994 के तहत नियमानुसार कार्यवाही करें। इसी शिकायत के आधार पर जांच कर कार्रवाई की गई है। इन पंचों को किया निष्कासित उपायुक्त दादरी ने जिला परिषद चरखी दादरी के मुख्य कार्यकारी अधिकारी की जांच रिपोर्ट और निजी सुनवाई में वेदपाल पुत्र दरिया सिंह पंच वार्ड 8, प्रियंका शर्मा पत्नी संजय कुमार पंच वार्ड 3, रेनू पंच वार्ड 1, रोशन लाल पुत्र भागमल पंच वार्ड 2, राजवंती पत्नी अजय कुमार पंच वार्ड 9 ग्राम पंचायत रूदडौल को बर्खास्त किया गया है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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गुरुग्राम में प्रदूषण और डेंगू का कहर:दूसरे दिन भी 500 पर पहुंचा AQI; हेल्थ इमरजेंसी को लेकर स्वास्थ्य कर्मियों की छुटि्टयां रद्द
गुरुग्राम में प्रदूषण और डेंगू का कहर:दूसरे दिन भी 500 पर पहुंचा AQI; हेल्थ इमरजेंसी को लेकर स्वास्थ्य कर्मियों की छुटि्टयां रद्द हरियाणा के गुरुग्राम में पॉल्यूशन आउट ऑफ कंट्रोल हो रहा है। लगातार दूसरे दिन AQI 500 तक पहुंच गया है। यहां PM 2.5 और PM 10 दोनों का स्तर 500 है। शहरी इलाकों में जगह-जगह पर कचरे के ढेर जलाए जा रहे हैं। ग्रैप टू होने के बावजूद किसी तरह की कार्रवाई नगर निगम की ओर से नहीं की जा रही है। सड़कों से उड़ती धूल को लेकर किसी तरह का छिड़काव और एंटी स्मॉग गन का भी इस्तेमाल नहीं किया जा रहा है। इसको लेकर हरियाणा प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड ने सख्ती करते हुए नगर निगम गुरुग्राम पर 10 लाख का जुर्माना लगाया है। वहीं दूसरी ओर प्रदूषण तो लोगों की सेहत बिगाड़ रहा है, तो वहीं गुरुग्राम में डेंगू के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ती जा रहा है। जिले में डेंगू के मरीजों की संख्या 156 तक पहुंच गई है। स्वास्थ्य विभाग 10732 घरों का सर्वे कर चुका है। 156 घरों और 540 कंटेनर में लार्वा मिल चुका है। 141 लोगों को नोटिस भी किया जारी किया है यहां तक की 174 संदिग्धों के लिए सैंपल लिए गए हैं मगर बावजूद इसके डेंगू नहीं थम रहा है। दिवाली को लेकर CMO ने एडवाइजरी की जारी दिवाली को लेकर CMO गुरुग्राम ने एडवाइजरी जारी की है। CMO ने डेंगू और पॉल्यूशन की स्थिति को देखते हुए स्वास्थ्य कर्मचारियों को बिना अनुमति के मुख्यालय न छोड़ने के निर्देश दिए हैं। इसके अलावा दिवाली पर आगजनी जैसी घटनाओं को लेकर 10 बेड का बर्न वार्ड और अस्थमा वार्ड बनाने के दिए निर्देश दिए हैं। डॉक्टर्स, नर्स और पैरामेडिकल स्टाफ ऑन कॉल मौजूद रहेंगे। वह छुट्टी पर बाहर नहीं जा सकेंगे। इसके अलावा 24 घंटे आपातकालीन सेवाएं सुचारु होंगी। एनसीआर में PM 10 बढ़ रहा दीवाली से पहले ही प्रदूषण से हवा की स्थिति बिगड़ गई है। गुरुग्राम में तो वायु की गुणवत्ता (AQI) 500 तक पहुंच गया है। जिससे सामान्य आदमी भी बीमार हो सकता है। प्रदेश में PM-10 बढ़ने लगा है। इससे गुरुग्राम, फरीदाबाद, रेवाड़ी में ज्यादा दिक्कतें हो सकती है। हालात बिगड़ते देख दिल्ली NCR में ग्रैप टू लागू कर दिया गया है। हरियाणा के 14 जिले एनसीआर में आते हैं। जिसमें फरीदाबाद, गुरुग्राम, नूंह, रोहतक, सोनीपत, रेवाड़ी, झज्जर, पानीपत, पलवल, भिवानी, चरखी दादरी, महेंद्रगढ़, जींद और करनाल शामिल हैं। लगातार बढ़ते प्रदूषण के बावजूद पराली जलने के मामले थम नहीं रहे हैं। प्रदेश में अब तक 726 जगहों पर पराली जलाई जा चुकी है। सुप्रीम कोर्ट की फटकार के बाद हरियाणा सरकार भी कुछ एक्शन में नजर आ रही है।सरकार ने 26 कर्मचारी सस्पेंड कर दिए हैं। इन कर्मचारियों पर जल्द ही एफआईआर भी दर्ज हो सकती है। PM 10 इतना खतरनाक, गले-फेफड़ों में जा सकते हैं कण, GRAP 4 लगना संभव PM10 में निर्माण स्थलों, लैंडफिल और कृषि, जंगल की आग और ब्रश,कचरा जलाने, औद्योगिक स्रोतों, खुली जमीन से हवा में उड़ने वाली धूल, पराग और बैक्टीरिया के टुकड़े भी शामिल होते हैं। पीएम 10 कण इतने छोटे होते हैं कि वे आपके गले और फेफड़ों में जा सकते हैं। पीएम 10 का उच्च स्तर आपको खांसी, नाक बहना और आंखों में जलन पैदा कर सकता है। पीएम 10 का स्तर अधिक होने पर हृदय या फेफड़ों की बीमारी वाले लोगों में अधिक लक्षण हो सकते हैं। लक्षणों में घरघराहट, सीने में जकड़न या सांस लेने में कठिनाई शामिल हो सकती है। ये हालात और बिगड़े तो फिर GRAP-4 लागू हो सकता है। जिसका मतलब है कि प्रदूषित हवा से हेल्थ इमरजेंसी के हालात बन सकते हैं। प्रदेश में पराली जलाने के 13 केस मिले प्रदेश में पराली जलाने के 13 नए केस मिले हैं। इनको मिलाकर कुल आंकड़ा 726 पर पहुंच गया है। कुरुक्षेत्र, कैथल, पलवल और अंबाला जिले में दो-दो तीन-तीन केस मिले हैं और सिरसा और करनाल में एक-एक केस मिला है। ऐसे में कृषि विभाग और प्रशासन ने अब पराली जलाने की घटनाओं पर सख्ती ज्यादा कर दी है। पराली जलाने पर सीधा केस दर्ज करने और फसल की पोर्टल पर रेड एंट्री करने के बाद काफी कमी आई है। WHO के मुताबिक वायु प्रदूषण से इन बीमारियों का खतरा 1. अस्थमा: सांस लेने में कठिनाई होती है, छाती में दबाव महसूस होता है और खांसी भी आती है। ऐसा तब होता है जब व्यक्ति की श्वसन नली में रुकावट आने लगती है। यह रुकावट एलर्जी (हवा या प्रदूषण) और कफ से आती है। कई रोगियों में यह भी देखा गया है कि सांस लेने की नली में सूजन भी आ जाती है। 2. फेफड़ों का कैंसर: स्मॉल सेल लंग कैंसर (SCLC) प्रदूषण और धूम्रपान से होने वाला कैंसर है। इसका पता तब चलता है जब SCLC शरीर के अलग-अलग हिस्सों में फैल चुका होता है। साथ ही, नॉन-स्मॉल सेल लंग कैंसर (NSCLC) तीन तरह के होते हैं। एडेनोकार्सिनोमा, स्क्वैमस सेल कार्सिनोमा और लार्ज सेल कार्सिनोमा। 3. हार्ट अटैक : वायु प्रदूषण से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। जहरीली हवा के PM 2.5 के बारीक कण खून में चले जाते हैं। इससे धमनियों में सूजन आ जाती हैं। 4. बच्चों में सांस की दिक्कत: बच्चों को सांस लेने में दिक्कत होती है। यह नाक, गले और फेफड़ों को संक्रमित करता है, जो सांस लेने में मदद करने वाले अंग हैं। बच्चों को इस बीमारी का खतरा अधिक होता है। 5 साल से कम उम्र के बच्चे इस बीमारी से सबसे ज्यादा मरते हैं। 5. क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (COPD) : क्रोनिक ऑब्सट्रक्टिव पल्मोनरी डिजीज (सीओपीडी) एक सांस संबंधी बीमारी है जिसमें मरीज को सांस लेने में दिक्कत होती है। यह बहुत खतरनाक है। विश्व स्वास्थ्य संगठन के मुताबिक सबसे ज्यादा लोग सीओपीडी से मरते हैं।
पानीपत नहर में डूबा किशोर सोनीपत में मृत मिला:घर से नहाने गया था; गहराई में बिगड़ा संतुलन, खुबडू झाल पर ऊपर आई डेडबॉडी
पानीपत नहर में डूबा किशोर सोनीपत में मृत मिला:घर से नहाने गया था; गहराई में बिगड़ा संतुलन, खुबडू झाल पर ऊपर आई डेडबॉडी हरियाणा के पानीपत शहर में दो दिन पहले दिल्ली पैरलल नहर में नहाते वक्त एक 16 वर्षीय किशोर डूब गया था। जिसका शव शुक्रवार दोपहर को सोनीपत जिले के गन्नौर उप-मंडल में स्थित खुबडू झाल से मिला। परिजन, उसे पानीपत से सोनीपत तक तलाश रहे थे, इसी दौरान उसका शव मिला।
शव को नहर से बाहर निकलवाया गया। इसके बाद शव को सिविल अस्पताल भिजवाया गया। जहां उसका पंचनामा भरवा कर शवगृह में रखवाया गया। परिजनों के बयानों के आधार पर सोनीपत पुलिस ने सीआरपीसी की धारा 174 के तहत कार्रवाई कर रही है। 5 भाई-बहनों में तीसरे नंबर पर था
तहसील कैंप थाना पुलिस को दी शिकायत में 6 जून को परबीता ने बताया था कि मूल रूप से उत्तर प्रदेश के शामली की आदर्श विहार कॉलोनी की रहने वाली है। हाल में वह पानीपत की देशराज कॉलोनी में रहती है। वह 3 बेटों और 2 बेटियों की मां है। उसका तीसरे नंबर का बेटा सुदामा उर्फ कार्तिक (16) घर पर ही रहता है।
उसने पढ़ाई छोड़ी हुई है। सुदामा 5 जून की दोपहर करीब 2 बजे असंध रोड स्थित दिल्ली पैरलल नहर में नहाने के लिए गया था। जिसके बाद से वह घर वापस नहीं लौटा। देर शाम तक न लौटने पर परिजनों ने उसकी तलाश शुरू की। उसको नहर के भीतर और बाहर देखा, लेकिन नहीं पता लगा।
सिल्वर आने पर नीरज चोपड़ा की माता बोलीं:बार-बार पैर फिसल रहा था, लग रहा था कि उसका दिन अच्छा नहीं है; अब शादी के लिए मनाएंगे
सिल्वर आने पर नीरज चोपड़ा की माता बोलीं:बार-बार पैर फिसल रहा था, लग रहा था कि उसका दिन अच्छा नहीं है; अब शादी के लिए मनाएंगे पेरिस ओलिंपिक में देश की गोल्डन आस नीरज चोपड़ा को इस बार सिल्वर मेडल जीतने में कामयाबी मिली है। पूरा देश उनसे गोल्ड मेडल की आस लगा रहा था। यहां तक कि परिवार भी गोल्ड की उम्मीद में था। मैच के परिणाम के बाद नीरज की मां ने बड़ी प्रतिक्रिया दी है। माता सरोज देवी ने कहा कि जिस तरह बार-बार उसका पैर फिसल रहा था, पता ही नहीं लग रहा था कि आज नीरज कैसे खेल रहा है। उसका दिन अच्छा नहीं था। फिर भी उसने अपनी जी-जान लगाकर बहुत अच्छा किया। जिसकी जैसी मेहनत होती है, उसे वैसा फल मिलता है। हालांकि हमें सिल्वर और गोल्ड मेडल में कोई फर्क नहीं है। हर बार गोल्ड ला रहा था, इस बार सिल्वर लाया है तो कोई दु:ख नहीं है। अब उसके स्वागत की पूरी तैयारी है। एयरपोर्ट से उसे धूम-धड़के से लेकर आएंगे। पीएम मोदी से जब मिलने जाएंगे, तो चूरमा ले जाएंगे। नीरज खुद प्रधानमंत्री को चूरमा खिलाएगा।
इस बार शादी के लिए नीरज को मनाएंगे: मां सरोज देवी
हम तो नीरज की शादी करना चाहते हैं। ओलिंपिक के बाद शादी की बात कही थी, अब तो तैयार है। लेकिन नीरज अभी नहीं मान रहा है। उसका मन अभी देश के लिए और खेलने का है। नीरज कहता है कि जब तब वह अपनी गेम में बेस्ट कर रहा है, तब तक वह शादी का कोई विचार नहीं करेगा। इस बार नीरज को शादी के लिए हम मनाएंगे। नीरज ने हमेशा ही परिवार को शादी की कमान सौंपी है कि जिससे भी कहेंगे, शादी कर लेगा। लेकिन कभी अपनी पसंद की कोई खिलाड़ी नहीं बताई है। अगर वह अपनी पसंद की भी कोई बताएगा, तो भी हम उसके साथ है। लस्सी का शौकीन है नीरज
नीरज आज भी बचपन की तरह ही अपनी जिंदगी जीता है। हाथ में रोटी रखकर उसमें चीनी-घी-शक्कर मिलाकर रोटी को गोल कर खाता है। लस्सी भी शोक से पीता है। हरियाणा की डाइट ही ये ही है। आज भी रोटी को गोल कर चाय के साथ खा लेता है। थाली भी नहीं लेता है। पिता बोलें ने तीन कारण बताएं नीरज के गोल्ड न आने के
पूरे देश को क्वालीफाई मैच के बाद से नीरज से हमेशा की तरह गोल्ड की ही आस थी। आज पहली बार ही हमने ऐसा देखा कि 90 के पार जाकर मैच जीता है। नहीं तो एक ऐसा स्टेंडर्ड ऐसा था कि हम 90 से पहले ही गोल्ड में होते थे। पहले जो जैवलिन के गेम होती थी, तो यूरोपियन कंट्री ही ज्यादा भाग लेते थे। लेकिन अब हमारे खिलाड़ी इसमें बहुत ज्यादा भाग ले रहे हैं। अब यूरोपियन कंट्री को भी लगने लगा है कि ये इस गेम में दुनिया भर में, खासतौर से भारत में बहुत प्रतिभाएं हैं। हमेशा की तरह खेलने वाले नीरज का खेल आज वैसा नहीं था। इस सवाल के जवाब में पिता सतीश चोपड़ा ने कहा कि इसके कई कारण हो सकते है। नीरज की ग्रोइिंग इंजरी भी कारण हो सकती है। दूसरा ये है कि पहला थ्रो नीरज का फाउल गया। जब भी उसका पहला थ्रो सही जाता है, तो वह अगले बाकी थ्रो में और जी-जान लगा देता है। इसके अलावा प्रतिद्वंदी ने भी टारगेट बड़ा कर दिया था। बाकी तो सही मायने में कारण नीरज से बात कर ही पता लग सकती है। नीरज की शादी के सवाल के जवाब में कहा कि हम चाहते जरूर है कि उसकी शादी हो जाए। लेकिन अभी वह और खेलना चाहता है। परिवार उसके फैसले के साथ है।