जालंधर| सिटी की एके मेन्युफैक्चरिंग कंपनी के केस (आईटीए नंबर 319) में अमृतसर के इनकम टैक्स ट्रिब्यूनल ने ऐतिहासिक फैसला दिया है। इस फर्म ने इनकम टैक्स रिटर्न भरते हुए 4,83,000 का टीसीएस जमा नहीं कराया था। उनकी रिटर्न की एसेसमेंट करने के बाद इनकम टैक्स अफसरों ने ये रकम जमा न कराने पर इसे फर्म की आमदनी में दर्ज कर दिया। ऐसा इनकम टैक्स के सेक्शन 43 बी के तहत किया गया। इस सेक्शन के घेरे में आने वाली फर्में अगर किसी का पैसा नहीं चुकाती हैं तो इसे उनकी कमाई में शामिल माना जाता है। जालंधर की फर्म की तरफ से एडवोकेट अमित बजाज 6 मई को इनकम टैक्स ट्रिब्यूनल में पेश हुए। उन्होंने दलील दी कि टीसीएस को फर्म की कमाई नहीं माना जा सकता है। वजह – ये टैक्स की रकम है जो लोगों ने फर्म के साथ लेनदेन के दौरान बिल के साथ जमा कराया, फर्म तो केवल इस पैसे की कस्टोडियन है, ये पैसा सरकार का है। फर्म ने केवल ग्राहक से लेकर सरकार को देना है। ऐसे में इसे फर्म की कमाई नहीं माना जा सकता। ट्रिब्यूनल का फैसला 4 जून को आया है। इसके अनुसार टैक्स की रकम को प्रॉफिट नहीं माना गया। सेक्शन 43 बी के अनुसार 4,83,000 रुपए को कमाई नहीं माना जा सकता है। जालंधर| सिटी की एके मेन्युफैक्चरिंग कंपनी के केस (आईटीए नंबर 319) में अमृतसर के इनकम टैक्स ट्रिब्यूनल ने ऐतिहासिक फैसला दिया है। इस फर्म ने इनकम टैक्स रिटर्न भरते हुए 4,83,000 का टीसीएस जमा नहीं कराया था। उनकी रिटर्न की एसेसमेंट करने के बाद इनकम टैक्स अफसरों ने ये रकम जमा न कराने पर इसे फर्म की आमदनी में दर्ज कर दिया। ऐसा इनकम टैक्स के सेक्शन 43 बी के तहत किया गया। इस सेक्शन के घेरे में आने वाली फर्में अगर किसी का पैसा नहीं चुकाती हैं तो इसे उनकी कमाई में शामिल माना जाता है। जालंधर की फर्म की तरफ से एडवोकेट अमित बजाज 6 मई को इनकम टैक्स ट्रिब्यूनल में पेश हुए। उन्होंने दलील दी कि टीसीएस को फर्म की कमाई नहीं माना जा सकता है। वजह – ये टैक्स की रकम है जो लोगों ने फर्म के साथ लेनदेन के दौरान बिल के साथ जमा कराया, फर्म तो केवल इस पैसे की कस्टोडियन है, ये पैसा सरकार का है। फर्म ने केवल ग्राहक से लेकर सरकार को देना है। ऐसे में इसे फर्म की कमाई नहीं माना जा सकता। ट्रिब्यूनल का फैसला 4 जून को आया है। इसके अनुसार टैक्स की रकम को प्रॉफिट नहीं माना गया। सेक्शन 43 बी के अनुसार 4,83,000 रुपए को कमाई नहीं माना जा सकता है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पंजाब में अमृतपाल के भाई हरप्रीत को जमानत मिली:फिल्लौर से ड्रग्स के साथ किया था गिरफ्तार; 4 दिन पहले भेजा था न्यायिक हिरासत खालिस्तान समर्थक और श्री खडूर साहिब सीट से नवनिर्वाचित सांसद अमृतपाल सिंह के भाई हरप्रीत सिंह हैप्पी को फिल्लौर कोर्ट से जमानत मिल गई है। 4 दिन पहले रिमांड खत्म होने के बाद हैप्पी और लवप्रीत को 14 दिन की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था। आपको बता दें कि, विगत शनिवार को कोर्ट ने जमानत याचिका पर सुनवाई के लिए 23 जुलाई की तारीख दी थी, लेकिन मंगलवार को लवप्रीत सिंह और हैप्पी की जमानत पर सुनवाई पूरी नहीं हो पाई। आज कोर्ट में दोनों पक्षों की सुनवाई हुई। जिसके बाद कोर्ट ने हैप्पी को जमानत दे दी है। फिल्लौर हाईवे से हुई थी हैप्पी और लवप्रीत की गिरफ्तारी बता दें कि, फिल्लौर पुलिस ने हैप्पी को उसके साथी लवप्रीत के साथ 11 जुलाई की शाम फिल्लौर हाईवे से गिरफ्तार किया था। इनके पास से 4 ग्राम आइस ड्रग बरामद हुई थी। निचली अदालत से दोनों का रिमांड न मिलने के कारण पुलिस ने एडिशनल सेशन जज केके जैन की अदालत में क्रिमिनल रिवीजन याचिका दायर की है। वहीं, पुलिस उस व्यक्ति को पहले ही जेल भेज चुकी है, जिससे हैप्पी और लवप्रीत ने ड्रग खरीदी थी। इनमें आइस सप्लायर संदीप अरोड़ा और संदीप के फोटोग्राफर दोस्त मनीष मारवाह का नाम शामिल है। लुधियाना से 10 हजार की आइस लेकर आया था हैप्पी मिली जानकारी के अनुसार हैप्पी और लवप्रीत अपनी क्रेटा कार में लुधियाना के हैबोवाल निवासी संदीप से 10 हजार रुपए का आइस ड्रग खरीदने आए थे। पुलिस ने संदीप को भी पकड़ लिया था। एसएसपी अंकुल गुप्ता ने बताया था कि रूटीन चेकिंग के दौरान पुलिस ने फिल्लौर हाईवे से दोनों को गिरफ्तार किया था। दोनों काले शीशे लगी सफेद क्रेटा कार में बैठकर ड्रग लेने की तैयारी कर रहे थे। आरोपियों के पास लाइटर और पन्नी भी थी। अमृतपाल के वकील ने कहा था कि केस दर्ज किया खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह के वकील ईमान सिंह ने हरप्रीत की गिरफ्तारी पर कहा था कि पुलिस ने सियासत के दबाव में आकर झूठा केस दर्ज किया है। सत्ताधारी आम आदमी पार्टी द्वारा बदले की राजनीति की जा रही है। उन्होंने कहा कि, आम आदमी पार्टी द्वारा अमृतपाल की देखरेख में बनाई जा रही पार्टी को क्षति पहुंचाने की कोशिश की जा रही है। जिससे क्षेत्रीय पार्टी पंजाब में सिर न उठा सके। ये झूठा केस 2-4 ग्राम के लिए बना दिया गया। जिले का एसएसपी सिर्फ चार ग्राम नशीले पदार्थ के लिए प्रेसवार्ता कर रहा है। कौन है अमृतपाल, जो नशा विरोधी मुहिम से सुर्खियों में आया अमृतपाल मूल रूप से अमृतसर के जल्लूपुर खेड़ा गांव का रहने वाला है। अमृतपाल दुबई में रहता था। लाल किला हिंसा से चर्चा में आए पंजाबी एक्टर दीप सिद्धू की मौत के बाद 2022 में पंजाब लौटा। यहां आकर दीप सिद्धू के संगठन वारिस पंजाब दे का चीफ बन गया। इसके बाद अमृतपाल ने पंजाब में नशा विरोधी मुहिम चलानी शुरू कर दी। उसने अपने गांव जल्लूपुर खेड़ा में नशा छुड़ाओ केंद्र तक खोला। अमृतपाल ने पंजाब में नशा विरोधी लहर भी चलाई। हालांकि इसी दौरान बाद अमृतपाल ने भड़काऊ और खालिस्तान समर्थित बयानबाजी शुरू कर दी। जिस वजह से पुलिस ने अमृतपाल के एक साथी को हिरासत में ले लिया। उसे छुड़ाने के लिए अमृतपाल ने साथियों के साथ अजनाला पुलिस थाने में धरना दिया। अमृतपाल पर आरोप लगे कि उन्होंने थाने पर हमला किया। पुलिस से टकराव हुआ। इसके बाद पंजाब पुलिस ने अमृतपाल पर केस दर्ज कर घेराबंदी शुरू कर दी। कई दिनों की फरारी के बाद अमृतपाल को जनरैल सिंह भिंडरावाले के गांव रोडे से गिरफ्तार कर लिया था। इसके बाद अमृतपाल पर देश विरोधी साजिश रचने का आरोप लगाकर राष्ट्रीय सुरक्षा एक्ट (NSA) के तहत केस दर्ज कर असम की डिब्रूगढ़ जेल भेज दिया गया था।

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मुक्तसर में किसान ने नहर में कूद दी जान:अबोहर की नहर से मिला शव, धान की फसल खराब होने से था परेशान पंजाब में मुक्तसर के मलोट के गांव खानेकी ढाब के एक किसान ने फसल खराब होने की परेशानी के चलते नहर में छलांग लगाकर अपनी जीवन लीला समाप्त कर ली। मृतक की पहचान मनजिंदर सिंह (35) निवासी खानेकी ढाब के रूप में हुई है। अबोहर के हनुमानगढ़ रोड नहर से किसान का शव बरामद कर लिया गया है। मनजिंदर सिंह ने अपनी ढ़ाई एकड़ जमीन के अलावा ठेके पर जमीन लेकर धान की फसल लगाई हुई थी। लेकिन फसल खराब होने चलते वह गत कई दिनों से परेशान था, जिसके चलते उसने खुदकुशी कर ली। पुलिस ने मृतक का नहर से शव बरामद कर आगामी कार्रवाई शुरू कर दी है। घर से खेत जाने के लिए निकला जानकारी के अनुसार, गांव खानेकी ढाब निवासी किसान मनजिंदर सिंह शनिवार की सुबह घर से खेत में जाने की बात कहकर निकला था। परंतु देर शाम तक भी घर वापस नहीं लौटा तो परिजनों ने खेत में जाकर देखा। इस दौरान परिजनों को पता चला कि मनजिंदर सिंह खेत में पहुंचा ही नहीं। जिसके बाद परिवार ने आसपास तलाश शुरू कर दी। परिजनों को सूचना मिली कि गांव के नजदीक से मलूकपूरा नहर की पटरी पर एक बाइक व चप्पल पड़ी है। जब परिवार ने मौके पर जाकर देखा तो वह चप्पल और बाइक मनजिंदर सिंह की ही थी। सिंचाई न होने के कारण खराब हुई फसल परिजन मनजिंदर सिंह की तलाश कर रहे थे कि आज सुबह परिजनों को अबोहर के हनुमानगढ़ रोड नहर से एक लाश की सूचना मिली। पुलिस द्वारा समाज सेवी संस्था की सहायता से लाश बाहर निकाली और शिनाख्त कराई। परिजनों ने शव की पहचान मनजिंदर के रुप में की। पारिवारिक सदस्यों का कहना था कि मनजिंदर सिंह के पास केवल ढाई एकड़ जमीन थी। उसने कुछ जमीन ठेके पर भी ली थी। जिसमें उसने धान की फसल लगाई थी। परिजनों का कहना है कि बिजली न आने और बारिश ना आने के कारण फसल की सिंचाई नहीं हो सकी और फसल खराब हो गई। फसल के खराब होने से मनजिंदर परेशान रहने लगा, जिस कारण उसने खुदकुशी कर ली। पुलिस ने शव का पोस्टमार्टम कराकर परिजनों के हवाले कर दिया।

बरनाला विधानसभा सीट पर काउंटिंग आज:8 बजे शुरू होगी गिनती, BJP-AAP के बीच मुकाबला; सुरक्षा बढ़ाई
बरनाला विधानसभा सीट पर काउंटिंग आज:8 बजे शुरू होगी गिनती, BJP-AAP के बीच मुकाबला; सुरक्षा बढ़ाई पंजाब की बरनाला विधानसभा सीट पर हुए उप चुनाव का नतीजा कल यानी 23 नवंबर को घोषित किया जाएगा। बरनाला के एसडी कॉलेज में ईवीएम मशीनों का स्ट्रॉन्ग रूम बनाया गया है। जहां कल सुबह 8:00 बजे वोटों की गिनती शुरू हो जाएगी। 20 नवंबर को हुई वोटिंग में बरनाला सीट पर 56.3 फीसदी मतदान हुआ था। इस सीट पर 99,956 वोट पड़े। जिनमें से 53,489 पुरुष, 46,465 महिला और 2 अन्य मतदाताओं ने अपने मताधिकार का प्रयोग किया। इस सीट पर आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और बीजेपी के बीच मुकाबला है। AAP से हरिंदर सिंह धालीवाल, भारतीय जनता पार्टी से केवल सिंह ढिल्लों और कांग्रेस पार्टी से कुलदीप सिंह काला ढिल्लों के बीच मुकाबला है। आजाद उम्मीदवार गुरदीप सिंह बाठ ने इस मुकाबले को बहुकोणीय बनाया है। मीत हेयर के सांसद बनने पर खाली हुई थी सीट बरनाला जिला आम आदमी पार्टी का गढ़ माना जाता है। क्योंकि आम आदमी पार्टी 2014 के बाद से बरनाला जिले से एक बार भी नहीं हारी है। वहीं, बरनाला विधानसभा सीट से आम आदमी पार्टी लगातार दो बार 2017 और 2022 में विधानसभा चुनाव जीत चुकी है। मीत हेयर के सांसद बनने के बाद उनके इस्तीफा देने से यह सीट खाली हुई थी, और मीत हेयर के हरिंदर सिंह धालीवाल को उप चुनाव में उम्मीदवार बनाया गया था। जिसके खिलाफ आम आदमी पार्टी के जिला अध्यक्ष गुरदीप सिंह बाठ आजाद उम्मीदवार के तौर पर चुनाव लड़ रहे हैं। जिससे आम आदमी पार्टी को इस सीट पर नुकसान हो सकता है। इस बार बरनाला विधानसभा सीट से कांग्रेस पार्टी ने लंबे समय बाद जिला अध्यक्ष कुलदीप सिंह काला ढिल्लों को अपना उम्मीदवार बनाकर पूरे जोश के साथ चुनाव लड़ा। जिसके चलते मुख्य मुकाबला दोनों पार्टियों के बीच होने की संभावना है। वहीं भारतीय जनता पार्टी पूर्व विधायक केवल सिंह ढिल्लो को अपना उम्मीदवार बनाकर ग्रामीण क्षेत्र में उतरती नजर आ रही है।