Modi Government का बड़ा Decision: कपास पर Import Duty हटाने से किसानों में गुस्सा, Kejriwal बोले- “किसानों के साथ बड़ा धोखा”

देश के किसानों के लिए आने वाले दिन मुश्किल भरे हो सकते हैं। केंद्र सरकार ने हाल ही में एक ऐसा बड़ा फैसला लिया है, जिसे लेकर राजनीति गरमा गई है। सरकार ने अमेरिका से आने वाली कपास (Cotton) पर लगने वाली 11% आयात शुल्क (Import Duty) को हटा दिया है। पहले अमेरिका से भारत आने वाली कपास पर यह टैक्स लागू था, लेकिन अब यह छूट 19 अगस्त से 30 सितंबर 2025 तक यानी 40 दिनों के लिए दी गई है। बाद में वित्त मंत्रालय ने इस छूट को 31 दिसंबर 2025 तक बढ़ाने का ऐलान किया।

इस फैसले को लेकर किसानों में गुस्सा है और विपक्षी दलों ने मोदी सरकार पर निशाना साधा है। आम आदमी पार्टी (AAP) के राष्ट्रीय संयोजक और दिल्ली के पूर्व मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने इस मुद्दे को लेकर केंद्र पर सीधा हमला बोला है।

केजरीवाल का आरोप: किसानों की पीठ में छुरा घोंपा गया

गुरुवार (28 अगस्त) को प्रेस कॉन्फ्रेंस करते हुए अरविंद केजरीवाल ने कहा कि मोदी सरकार ने यह फैसला किसानों से बिना सलाह-मशविरा किए, चोरी-छिपे, अमेरिका के दबाव में लिया है।

उन्होंने कहा:

अभी 90-95% किसानों को इस फैसले की जानकारी ही नहीं है। जब उन्हें असलियत पता चलेगी, तो कई किसान आत्महत्या करने के लिए मजबूर हो जाएंगे।”

केजरीवाल के मुताबिक, इस फैसले का सबसे बड़ा नुकसान यह होगा कि जब अक्टूबर में भारतीय किसानों की कपास मंडियों में आएगी, तब तक भारत की टेक्सटाइल इंडस्ट्री अमेरिका से सस्ती कपास खरीद चुकी होगी।

उन्होंने बताया कि अमेरिकी कपास भारतीय कपास से ₹15-20 प्रति किलो सस्ती है। ऐसे में भारतीय किसानों की कपास कोई नहीं खरीदेगा, और उन्हें औने-पौने दामों पर अपनी फसल बेचनी पड़ेगी।

किसानों पर सबसे ज्यादा असर किन राज्यों में होगा

इस फैसले से खासकर इन राज्यों के किसान प्रभावित होंगे:

  • गुजरात
  • पंजाब
  • महाराष्ट्र का विदर्भ क्षेत्र
  • तेलंगाना

ये वो राज्य हैं जहां कपास की खेती बड़े पैमाने पर होती है। खास बात यह है कि विदर्भ और गुजरात जैसे इलाकों में पहले से ही किसान आत्महत्या के मामले काफी ज्यादा हैं।

केजरीवाल ने बताया कि जनवरी से मार्च 2025 के बीच सिर्फ महाराष्ट्र में 767 किसानों ने आत्महत्या की।

मदद करने की बजाय मोदी सरकार ने उनकी पीठ में छुरा घोंपा है,” उन्होंने कहा।

भारत-अमेरिका के बीच Trade War

यह मामला सिर्फ कपास का ही नहीं है, बल्कि भारत और अमेरिका के बीच चल रही टैरिफ जंग (Tariff War) का भी हिस्सा है।

  • अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने भारतीय सामान पर 50% टैरिफ लगा दिया, जो 27 अगस्त 2025 से लागू हो गया।
  • केजरीवाल का कहना है कि जब अमेरिका ने यह किया, तब भारत को भी उसी तरह जवाब देना चाहिए था।
  • लेकिन मोदी सरकार ने उल्टा अमेरिकी सामान पर टैरिफ खत्म कर दिया, जिससे अमेरिका को फायदा और भारत को नुकसान हुआ।

दूसरे देशों ने कैसे जवाब दिया:

  • यूरोपियन यूनियन (EU): अमेरिका ने उनकी कारों पर 25% टैरिफ लगाया, तो EU ने मोटरसाइकिलों पर 50% टैरिफ लगाया।
  • चीन: अमेरिका ने 145% टैरिफ लगाया, तो चीन ने 125% लगाया।
  • कनाडा और मेक्सिको: दोनों ने भी अमेरिका को कड़ा जवाब दिया।

केजरीवाल ने कहा:

ट्रंप एक कायर आदमी है। जो देश उसके खिलाफ खड़ा हुआ, ट्रंप को उसके सामने झुकना पड़ा। लेकिन मोदी जी ट्रंप के सामने भीगी बिल्ली बने हुए हैं।”

किसानों की बड़ी चिंता

केजरीवाल ने कहा कि जुलाई में किसानों ने कर्ज लेकर कपास की बुवाई की है।

  • अक्टूबर से उनकी कपास मंडियों में आने लगेगी।
  • लेकिन 30 सितंबर तक इंडस्ट्री अमेरिका से सस्ती कपास खरीद लेगी।
  • नतीजतन, भारतीय किसानों की फसल या तो बहुत कम दाम पर बिकेगी, या बिकेगी ही नहीं।

उन्होंने पिछले साल का उदाहरण देते हुए कहा कि:

  • MSP (Minimum Support Price) ₹7,000 प्रति क्विंटल था,
  • लेकिन किसान को मंडियों में केवल ₹6,000 या उससे भी कम दाम मिला।
  • इस साल यह हालत और भी खराब होगी।

मोदी सरकार क्यों झुकी? केजरीवाल का सवाल

केजरीवाल ने सवाल उठाया कि आखिर मोदी सरकार अमेरिकी दबाव में क्यों झुकी?

देश की आबादी 140 करोड़ है। इतनी बड़ी मार्केट है कि कोई भी देश हमारी नाराजगी बर्दाश्त नहीं कर सकता। फिर मोदी जी क्यों झुके?”

उन्होंने आरोप लगाया कि चर्चा है कि:

  • अमेरिका में अडानी ग्रुप से जुड़े मामलों की जांच चल रही है।
  • अडानी की गिरफ्तारी हो सकती है।
  • मोदी सरकार अडानी को बचाने के लिए देश के किसानों और उद्योगपतियों को दांव पर लगा रही है।

केजरीवाल ने कहा कि उन्हें इसकी पुष्टि नहीं है, लेकिन अगर यह सच हुआ तो यह देश के साथ बहुत बड़ा धोखा होगा।

AAP की बड़ी रैली की घोषणा

  • 7 सितंबर 2025 को गुजरात के सुरेंद्रनगर जिले के चोटीला में आम आदमी पार्टी एक बड़ी जनसभा करेगी।
  • यह इलाका गुजरात का सबसे बड़ा कपास उत्पादक क्षेत्र है।
  • इस रैली में किसानों को एकजुट कर सरकार के खिलाफ आवाज उठाई जाएगी।
  • केजरीवाल ने अन्य राजनीतिक दलों और किसान संगठनों से भी एकजुट होने की अपील की।

केजरीवाल की मुख्य मांगें

  1. कपास पर तुरंत 11% Import Duty वापस लगाई जाए।
  2. अमेरिकी सामान पर भी रिटैलिएटरी टैरिफ (50% या उससे ज्यादा) लगाया जाए।
  3. किसानों को उनकी फसल के उचित दाम दिए जाएं।

वित्त मंत्रालय का बयान

वित्त मंत्रालय ने कहा है कि यह फैसला निर्यातकों को राहत देने के लिए लिया गया है।

कपास (HS 5201) पर आयात शुल्क छूट को 30 सितंबर से बढ़ाकर 31 दिसंबर 2025 तक कर दिया गया है।”

लेकिन सरकार ने यह स्पष्ट नहीं किया कि किसानों को इस फैसले से होने वाले नुकसान की भरपाई कैसे होगी।

मोदी सरकार के इस कदम ने किसानों के बीच चिंता बढ़ा दी है।

  • जहां एक तरफ अमेरिका को इससे बड़ा फायदा मिलेगा,
  • वहीं भारतीय किसान और उद्योगपति भारी नुकसान झेलेंगे।
  • अक्टूबर में मंडियों में आने वाली कपास की फसल की खरीद को लेकर भारी संकट खड़ा हो सकता है।

अरविंद केजरीवाल ने इसे किसानों के साथ धोखा करार देते हुए कहा कि अगर सरकार ने यह फैसला वापस नहीं लिया, तो यह कृषि क्षेत्र के लिए विनाशकारी साबित होगा।

NOTE: NEWS SOURCE AVP News Punjab

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