पंजाब के राइस मिलर्स इन दिनों मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं। जगह की कमी के कारण एफसीआई और केंद्रीय एजेंसियां चावल नहीं उठा रही हैं। इससे मिलर्स को नुकसान हो रहा है। वहीं, एक हजार शैलर बंद होने की स्थिति में हैं। इस मामले को लेकर पंजाब भाजपा अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने केंद्रीय खाद्य आपूर्ति मंत्री प्रहलाद जोशी को पत्र लिखा है। उन्होंने इस संबंध में खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री रवनीत बिट्टू को मांग पत्र सौंपा है। साथ ही उन्होंने इस मामले को प्राथमिकता के आधार पर निपटाने की मांग की है। 85 फीसदी चावल की डिलीवरी जाखड़ ने पत्र में लिखा है कि पंजाब के किसानों ने खरीफ सीजन 2023-24 में 185 लाख मीट्रिक टन धान की बंपर फसल पैदा की थी। जिसे राज्य की खरीद एजेंसियों ने खरीद लिया था। यह धान राइस मिलर्स के पास स्टोर था। जिन्हें इसे 31 मार्च तक चावल के रूप में एफसीआई को डिलीवर करना था। लेकिन अभी तक सिर्फ 85 फीसदी चावल की डिलीवरी हो पाई है। जबकि बचा हुआ स्टॉक शेलर्स में है। इसका उठान नहीं हुआ है। इसकी आखिरी तारीख 30 जून है, जिससे चिंता बनी हुई है। जबकि इसका असर चावल पर भी पड़ रहा है। नई चावल मिलों पर पड़ रहा है असर केंद्रीय मंत्री को लिखे पत्र में जाखड़ ने बताया कि तरसेम सैनी के नेतृत्व में पंजाब राइस मिलर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने उनसे मुलाकात की और बताया कि उठान न होने के कारण 1000 राइस मिलर्स परेशानी में हैं। उन पर आर्थिक बोझ बहुत ज्यादा है। ऐसे में अगले साल से 1000 यूनिट काम करना बंद कर सकती हैं। क्योंकि उन्हें बैंक का कर्ज चुकाने में दिक्कत आ रही है। पिछले साल पंजाब में 650 नई राइस मिलें स्थापित की गई थीं। इनमें से ज्यादातर नई राइस मिलें परेशानी में हैं। पंजाब सरकार को भी घेरा जाखड़ के पत्र मुताबिक, अक्टूबर से नए धान की आवक शुरू हो जाएगी। लेकिन अगर इस दिशा में जल्द ही कार्रवाई नहीं की गई तो किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने केंद्र को कुछ सुझाव भी दिए हैं। इस मौके पर जाखड़ ने कहा कि पंजाब सरकार को भी इस मामले में गंभीरता दिखानी चाहिए। साथ ही इस मामले में केंद्र से संपर्क करना चाहिए। पंजाब के राइस मिलर्स इन दिनों मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं। जगह की कमी के कारण एफसीआई और केंद्रीय एजेंसियां चावल नहीं उठा रही हैं। इससे मिलर्स को नुकसान हो रहा है। वहीं, एक हजार शैलर बंद होने की स्थिति में हैं। इस मामले को लेकर पंजाब भाजपा अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने केंद्रीय खाद्य आपूर्ति मंत्री प्रहलाद जोशी को पत्र लिखा है। उन्होंने इस संबंध में खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री रवनीत बिट्टू को मांग पत्र सौंपा है। साथ ही उन्होंने इस मामले को प्राथमिकता के आधार पर निपटाने की मांग की है। 85 फीसदी चावल की डिलीवरी जाखड़ ने पत्र में लिखा है कि पंजाब के किसानों ने खरीफ सीजन 2023-24 में 185 लाख मीट्रिक टन धान की बंपर फसल पैदा की थी। जिसे राज्य की खरीद एजेंसियों ने खरीद लिया था। यह धान राइस मिलर्स के पास स्टोर था। जिन्हें इसे 31 मार्च तक चावल के रूप में एफसीआई को डिलीवर करना था। लेकिन अभी तक सिर्फ 85 फीसदी चावल की डिलीवरी हो पाई है। जबकि बचा हुआ स्टॉक शेलर्स में है। इसका उठान नहीं हुआ है। इसकी आखिरी तारीख 30 जून है, जिससे चिंता बनी हुई है। जबकि इसका असर चावल पर भी पड़ रहा है। नई चावल मिलों पर पड़ रहा है असर केंद्रीय मंत्री को लिखे पत्र में जाखड़ ने बताया कि तरसेम सैनी के नेतृत्व में पंजाब राइस मिलर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने उनसे मुलाकात की और बताया कि उठान न होने के कारण 1000 राइस मिलर्स परेशानी में हैं। उन पर आर्थिक बोझ बहुत ज्यादा है। ऐसे में अगले साल से 1000 यूनिट काम करना बंद कर सकती हैं। क्योंकि उन्हें बैंक का कर्ज चुकाने में दिक्कत आ रही है। पिछले साल पंजाब में 650 नई राइस मिलें स्थापित की गई थीं। इनमें से ज्यादातर नई राइस मिलें परेशानी में हैं। पंजाब सरकार को भी घेरा जाखड़ के पत्र मुताबिक, अक्टूबर से नए धान की आवक शुरू हो जाएगी। लेकिन अगर इस दिशा में जल्द ही कार्रवाई नहीं की गई तो किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने केंद्र को कुछ सुझाव भी दिए हैं। इस मौके पर जाखड़ ने कहा कि पंजाब सरकार को भी इस मामले में गंभीरता दिखानी चाहिए। साथ ही इस मामले में केंद्र से संपर्क करना चाहिए। पंजाब | दैनिक भास्कर
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