लद्दाख में बुधवार को हुए बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन और हिंसा के बाद हालात अब भी तनावपूर्ण बने हुए हैं। इस हिंसा में चार लोगों की मौत हो गई, जबकि 100 से ज्यादा लोग घायल हुए हैं। प्रशासन ने पूरे इलाके में कर्फ्यू लगाया था, जिसे शनिवार को पहली बार कुछ घंटों के लिए ढील दी गई। इसी बीच, क्लाइमेट एक्टिविस्ट सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी को लेकर सियासत गरमा गई है। पुलिस ने वांगचुक को राष्ट्रीय सुरक्षा कानून (NSA) के तहत गिरफ्तार किया है और दावा किया है कि उनके विदेशी कनेक्शन, खासकर पाकिस्तान से संबंध, सामने आए हैं।
क्या हुआ था बुधवार को
बुधवार सुबह 11 बजे के करीब लेह की सड़कों पर करीब 5,000 से 6,000 प्रदर्शनकारी उतर आए।
- प्रदर्शनकारियों ने सरकारी दफ्तरों और राजनीतिक दलों के ऑफिस को निशाना बनाया।
- हालात इतनी तेजी से बिगड़े कि पुलिस और CRPF को हालात काबू में लाने के लिए लाठीचार्ज और फायरिंग करनी पड़ी।
- चार लोगों की मौके पर मौत हो गई और 100 से ज्यादा लोग घायल हुए।
घायल हुए लोग:
- 32 सुरक्षाकर्मी गंभीर रूप से घायल।
- कुल 70-80 पुलिस और CRPF जवान जख्मी।
- 70-80 आम नागरिक भी घायल, जिनमें एक लड़की की हालत गंभीर है। उसे एयरलिफ्ट कर अस्पताल भेजा गया।
हिंसा में DGP एस.डी. सिंह जमवाल की गाड़ी पर भी हमला हुआ। उन्होंने बताया कि उनकी जान बाल-बाल बची और उन्हें मामूली चोटें आईं।
हिंसा को शाम 4 बजे के आसपास कंट्रोल में किया गया।
कर्फ्यू और ढील
हिंसा के बाद पूरे लेह में कर्फ्यू लगा दिया गया था।
- शनिवार को पहली बार कर्फ्यू में ढील दी गई।
- पुराने शहर में: दोपहर 1 बजे से 3 बजे तक।
- नए इलाकों में: 3:30 बजे से 5:30 बजे तक।
- इस दौरान लोग जरूरी सामान लेने बाहर निकले। दुकानों और ATM के बाहर लंबी लाइनें देखी गईं।
- भारी पुलिस सुरक्षा के बीच यह समय शांतिपूर्ण रहा।
पुलिस का दावा: सोनम वांगचुक ‘हिंसा का मुख्य चेहरा‘
लद्दाख के DGP एस.डी. सिंह जमवाल ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर बताया कि सोनम वांगचुक ही इस हिंसा के मुख्य भड़काने वाले हैं।
पुलिस के आरोप:
- विदेशी कनेक्शन:
- वांगचुक के प्रदर्शनों के वीडियो पाकिस्तान भेजे जा रहे थे।
- एक पाकिस्तानी इंटेलिजेंस ऑपरेटिव (PIO) को पिछले महीने गिरफ्तार किया गया था।
- वह पाकिस्तान में बैठे लोगों को यह वीडियो और जानकारी भेज रहा था।
- विदेश यात्राओं पर सवाल:
- वांगचुक पाकिस्तान के Dawn अखबार के कार्यक्रम में शामिल हुए थे।
- इसके अलावा उन्होंने बांग्लादेश की भी यात्रा की थी।
- पुलिस के मुताबिक, उनके भाषणों में नेपाल आंदोलन और अरब स्प्रिंग का जिक्र था, जो संदिग्ध माना जा रहा है।
- FCRA उल्लंघन:
- वांगचुक पर विदेशी फंडिंग और FCRA नियम तोड़ने का भी आरोप है।
DGP ने कहा कि अगर पुलिस ने तेजी से कदम नहीं उठाया होता तो पूरा लेह शहर जलकर राख हो जाता। उन्होंने सुरक्षाबलों की कार्रवाई को “उत्कृष्ट” बताया और कहा कि इससे बड़े पैमाने पर नुकसान होने से रोका गया।
गिरफ्तारियां और जांच की स्थिति
- बुधवार से अब तक 50 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
- इनमें आधा दर्जन मुख्य साजिशकर्ता (ringleaders) हैं।
- 3-4 नेपाली नागरिक भी घायल अवस्था में मिले, उनकी भूमिका की जांच चल रही है।
- पुलिस ने साफ किया कि जांच अभी जारी है और आने वाले दिनों में और भी गिरफ्तारियां हो सकती हैं।
प्रशासन का आधिकारिक बयान
शुक्रवार देर रात प्रशासन ने एक बयान जारी किया जिसमें कहा गया कि:
- वांगचुक ने उकसाने वाले भाषण दिए।
- उन्होंने नेपाल आंदोलन और अरब स्प्रिंग जैसे उदाहरणों का जिक्र किया, जिससे लोगों में गुस्सा बढ़ा।
- उनका हिरासत में रहना कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए जरूरी है।
विपक्ष और राजनीतिक दलों की प्रतिक्रिया
इस पूरे मामले पर राजनीति भी गर्मा गई है।
कांग्रेस पार्टी:
- कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे ने कहा कि सरकार ने हालात को गलत तरीके से संभाला।
- उन्होंने सोनम वांगचुक की गिरफ्तारी को “तानाशाही” और “लद्दाख आंदोलन को दबाने की कोशिश” बताया।
- पार्टी ने कहा कि वांगचुक लद्दाख आंदोलन का सबसे मजबूत और मुखर चेहरा हैं और उन पर झूठे आरोप लगाए जा रहे हैं।
शिवसेना (UBT) प्रमुख उद्धव ठाकरे:
- ठाकरे ने सरकार पर निशाना साधते हुए कहा,
“जो शख्स देश और सेना के लिए काम कर रहा है उसे आप देशद्रोही बता रहे हैं और NSA में डाल रहे हैं, और दूसरी तरफ पाकिस्तान के साथ क्रिकेट खेल रहे हैं। यह दोहरा रवैया बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।”
आगे क्या होगा
- सरकार और लद्दाख के नेताओं के बीच 6 अक्टूबर को नई बातचीत की तारीख तय की गई है।
- फिलहाल कर्फ्यू में धीरे-धीरे ढील दी जा रही है लेकिन माहौल पूरी तरह सामान्य नहीं हुआ है।
- लोगों में अभी भी गुस्सा और डर दोनों है।
लद्दाख में यह मामला सिर्फ एक आंदोलन नहीं रह गया है, बल्कि अब यह आंदोलन बनाम सुरक्षा एजेंसियां की लड़ाई बन गया है।
- पुलिस और प्रशासन का दावा:
- वांगचुक का पाकिस्तान से कनेक्शन है और वह हिंसा को बढ़ावा दे रहे थे।
- विपक्ष और स्थानीय लोगों का आरोप:
- सरकार आंदोलन को कुचलने के लिए झूठे आरोप लगाकर वांगचुक को निशाना बना रही है।
हालांकि कर्फ्यू में थोड़ी ढील के बाद हालात में सुधार दिख रहा है, लेकिन आने वाले दिनों में जांच के नतीजे और राजनीतिक घटनाक्रम यह तय करेंगे कि यह विवाद किस दिशा में जाएगा।
