हरियाणा में कांग्रेस की विधानसभा भंग करने की प्लानिंग:इसकी 3 वजहें; हॉर्स ट्रेडिंग से डर रही, JJP विधायकों पर भरोसा नहीं, चुनाव ही ऑप्शन

हरियाणा में कांग्रेस की विधानसभा भंग करने की प्लानिंग:इसकी 3 वजहें; हॉर्स ट्रेडिंग से डर रही, JJP विधायकों पर भरोसा नहीं, चुनाव ही ऑप्शन

हरियाणा में 11 मई को गवर्नर को सौंपे गए लेटर में कांग्रेस पार्टी ने फ्लोर टेस्ट की मांग की थी, लेकिन अब पार्टी नेताओं ने प्लानिंग बदल दी है। कांग्रेस के नेता फ्लोर टेस्ट कराने के बजाय अब विधानसभा भंग करने की प्लानिंग कर रहे हैं। इसको लेकर कांग्रेस के नेता 20 जून को हरियाणा गवर्नर से मिलने जा रहे हैं। वहां वह विधानसभा भंग करने की मांग करेंगे। इसकी सबसे बड़ी वजह पार्टी के नेता हॉर्स ट्रेडिंग बता रहे हैं। कांग्रेस विधायक दल के उप नेता आफताब अहमद ने बताया कि गवर्नर से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल में पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्डा, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान और 4 MLA शामिल होंगे। कांग्रेस की विधानसभा भंग करने की 3 वजहें… हॉर्स ट्रेडिंग से डर रही कांग्रेस की हरियाणा में विधानसभा भंग करने की पहली वजह हार्स ट्रेडिंग है। सियासी जानकारों का कहना है कि पार्टी को लगता है कि बीजेपी सरकार बचाने के लिए विधायकों की खरीद फरोख्त कर सकती है। इसकी सबसे बड़ी वजह यह भी है कि लोकसभा चुनाव में टिकट वितरण को लेकर कांग्रेस पार्टी के कुछ विधायक पूर्व सीएम हुड्‌डा से नाराज बताए जा रहे हैं, चुनाव में वह वोटिंग के दौरान पाला बदल सकते हैं। JJP में टूट के पूरे आसार हरियाणा में बीजेपी से गठबंधन टूटने के बाद जजपा में कई विधायक बागी हो चुके हैं। ऐसे में यदि फ्लोर टेस्ट होता है तो बीजेपी के खेमे में जजपा के बागी खड़े दिखाई देंगे। जजपा के दो विधायक जोगीराम सिहाग और रामनिवास सुरजाखेड़ा खुलेआम भाजपा की मीटिंग में शामिल हो रहे हैं। इसका बीजेपी फ्लोर टेस्ट के साथ ही राज्यसभा चुनाव में भी पूरा फायदा उठा सकती है। चुनाव का ही दिख रहा ऑप्शन हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस 0 से 5 पर पहुंच गई है। वोट प्रतिशत भी बढ़कर 46 प्रतिशत पर पहुंच गए है। ऐसे में कांग्रेस चाहती है कि हरियाणा में माहौल पार्टी के पक्ष में बना हुआ है। इसलिए यदि विधानसभा भंग होती है और चुनाव होते हैं तो जाहिर तौर पर कांग्रेस को इसका फायदा मिलेगा। वैसे भी इस लोकसभा चुनाव में 50 से ज्यादा विधानसभा सीटों पर कांग्रेस को भाजपा के मुकाबले बढ़त मिली है। JJP-INLD का ये फॉर्मूला जेजेपी के दुष्यंत चौटाला और इनेलो के अभय चौटाला ने कांग्रेस की तरह राज्यपाल को पत्र लिखकर फ्लोर टेस्ट के लिए विधानसभा सत्र बुलाने को कहा है। जेजेपी चाहती है कि राज्यपाल एसआर बोम्मई फैसले के अनुसार काम करें। बोम्मई मामले में 9 जजों की बेंच ने फैसला सुनाया था कि सरकार के समर्थन का पता लगाने का एकमात्र तरीका फ्लोर टेस्ट होगा। लेकिन इसमें एक पेंच है। जेजेपी के दो विधायक, नरवाना से राम निवास सुरजाखेड़ा और बरवाला से जोगी राम सिहाग ने लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा का समर्थन किया था। उन्होंने लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद सीएम नायब सिंह सैनी से मुलाकात भी की और अविश्वास प्रस्ताव आने पर समर्थन का आश्वासन दिया। जजपा के ये MLA बदल चुके पाला जजपा के कुछ विधायक लोकसभा चुनाव में ही पाला बदल चुके हैं। जेजेपी के टोहाना विधायक देवेंद्र सिंह बबली ने सिरसा लोकसभा सीट पर कुमारी शैलजा का समर्थन किया है। जेजेपी के गुहला विधायक ईश्वर सिंह के बेटे ने कांग्रेस का दामन थाम लिया और पार्टी के शाहबाद विधायक राम करण काला के दो बेटे भी संसदीय चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस में शामिल हो गए। इससे पता चलता है कि जेजेपी में उथल-पुथल मची हुई है। सदन में ये है दलीय स्थिति भाजपा के पास 41 विधायक हैं और हरियाणा लोकहित पार्टी (HLP) के एकमात्र विधायक गोपाल कांडा और एक निर्दलीय नयन पाल रावत के समर्थन के साथ, उनके विधायकों की संख्या 43 है। विपक्ष में, कांग्रेस के पास 29 विधायक हैं, जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के पास 10 और इंडियन नेशनल लोकदल (आईएनएलडी) के पास एक विधायक है। तीन निर्दलीय कांग्रेस का समर्थन करते हैं और एक अन्य निर्दलीय बलराज कुंडू भाजपा का विरोध कर रहे हैं। इस तरह विपक्ष के विधायकों की संख्या 44 हो जाती है। 90 नहीं, अब सदन में 87 विधायक हरियाणा विधानसभा में विधायकों की संख्या 90 है। लेकिन, 25 मई को बादशाहपुर विधायक राकेश दौलताबाद के निधन, बिजली मंत्री और हिसार लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार रणजीत सिंह के इस्तीफे और अंबाला लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के बाद मुलाना विधायक वरुण चौधरी के इस्तीफे के बाद सदन में अब 87 विधायक हैं। हरियाणा में 11 मई को गवर्नर को सौंपे गए लेटर में कांग्रेस पार्टी ने फ्लोर टेस्ट की मांग की थी, लेकिन अब पार्टी नेताओं ने प्लानिंग बदल दी है। कांग्रेस के नेता फ्लोर टेस्ट कराने के बजाय अब विधानसभा भंग करने की प्लानिंग कर रहे हैं। इसको लेकर कांग्रेस के नेता 20 जून को हरियाणा गवर्नर से मिलने जा रहे हैं। वहां वह विधानसभा भंग करने की मांग करेंगे। इसकी सबसे बड़ी वजह पार्टी के नेता हॉर्स ट्रेडिंग बता रहे हैं। कांग्रेस विधायक दल के उप नेता आफताब अहमद ने बताया कि गवर्नर से मिलने वाले प्रतिनिधिमंडल में पूर्व CM भूपेंद्र सिंह हुड्डा, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान और 4 MLA शामिल होंगे। कांग्रेस की विधानसभा भंग करने की 3 वजहें… हॉर्स ट्रेडिंग से डर रही कांग्रेस की हरियाणा में विधानसभा भंग करने की पहली वजह हार्स ट्रेडिंग है। सियासी जानकारों का कहना है कि पार्टी को लगता है कि बीजेपी सरकार बचाने के लिए विधायकों की खरीद फरोख्त कर सकती है। इसकी सबसे बड़ी वजह यह भी है कि लोकसभा चुनाव में टिकट वितरण को लेकर कांग्रेस पार्टी के कुछ विधायक पूर्व सीएम हुड्‌डा से नाराज बताए जा रहे हैं, चुनाव में वह वोटिंग के दौरान पाला बदल सकते हैं। JJP में टूट के पूरे आसार हरियाणा में बीजेपी से गठबंधन टूटने के बाद जजपा में कई विधायक बागी हो चुके हैं। ऐसे में यदि फ्लोर टेस्ट होता है तो बीजेपी के खेमे में जजपा के बागी खड़े दिखाई देंगे। जजपा के दो विधायक जोगीराम सिहाग और रामनिवास सुरजाखेड़ा खुलेआम भाजपा की मीटिंग में शामिल हो रहे हैं। इसका बीजेपी फ्लोर टेस्ट के साथ ही राज्यसभा चुनाव में भी पूरा फायदा उठा सकती है। चुनाव का ही दिख रहा ऑप्शन हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में कांग्रेस 0 से 5 पर पहुंच गई है। वोट प्रतिशत भी बढ़कर 46 प्रतिशत पर पहुंच गए है। ऐसे में कांग्रेस चाहती है कि हरियाणा में माहौल पार्टी के पक्ष में बना हुआ है। इसलिए यदि विधानसभा भंग होती है और चुनाव होते हैं तो जाहिर तौर पर कांग्रेस को इसका फायदा मिलेगा। वैसे भी इस लोकसभा चुनाव में 50 से ज्यादा विधानसभा सीटों पर कांग्रेस को भाजपा के मुकाबले बढ़त मिली है। JJP-INLD का ये फॉर्मूला जेजेपी के दुष्यंत चौटाला और इनेलो के अभय चौटाला ने कांग्रेस की तरह राज्यपाल को पत्र लिखकर फ्लोर टेस्ट के लिए विधानसभा सत्र बुलाने को कहा है। जेजेपी चाहती है कि राज्यपाल एसआर बोम्मई फैसले के अनुसार काम करें। बोम्मई मामले में 9 जजों की बेंच ने फैसला सुनाया था कि सरकार के समर्थन का पता लगाने का एकमात्र तरीका फ्लोर टेस्ट होगा। लेकिन इसमें एक पेंच है। जेजेपी के दो विधायक, नरवाना से राम निवास सुरजाखेड़ा और बरवाला से जोगी राम सिहाग ने लोकसभा चुनाव के दौरान भाजपा का समर्थन किया था। उन्होंने लोकसभा चुनाव के नतीजों के बाद सीएम नायब सिंह सैनी से मुलाकात भी की और अविश्वास प्रस्ताव आने पर समर्थन का आश्वासन दिया। जजपा के ये MLA बदल चुके पाला जजपा के कुछ विधायक लोकसभा चुनाव में ही पाला बदल चुके हैं। जेजेपी के टोहाना विधायक देवेंद्र सिंह बबली ने सिरसा लोकसभा सीट पर कुमारी शैलजा का समर्थन किया है। जेजेपी के गुहला विधायक ईश्वर सिंह के बेटे ने कांग्रेस का दामन थाम लिया और पार्टी के शाहबाद विधायक राम करण काला के दो बेटे भी संसदीय चुनाव प्रचार के दौरान कांग्रेस में शामिल हो गए। इससे पता चलता है कि जेजेपी में उथल-पुथल मची हुई है। सदन में ये है दलीय स्थिति भाजपा के पास 41 विधायक हैं और हरियाणा लोकहित पार्टी (HLP) के एकमात्र विधायक गोपाल कांडा और एक निर्दलीय नयन पाल रावत के समर्थन के साथ, उनके विधायकों की संख्या 43 है। विपक्ष में, कांग्रेस के पास 29 विधायक हैं, जननायक जनता पार्टी (जेजेपी) के पास 10 और इंडियन नेशनल लोकदल (आईएनएलडी) के पास एक विधायक है। तीन निर्दलीय कांग्रेस का समर्थन करते हैं और एक अन्य निर्दलीय बलराज कुंडू भाजपा का विरोध कर रहे हैं। इस तरह विपक्ष के विधायकों की संख्या 44 हो जाती है। 90 नहीं, अब सदन में 87 विधायक हरियाणा विधानसभा में विधायकों की संख्या 90 है। लेकिन, 25 मई को बादशाहपुर विधायक राकेश दौलताबाद के निधन, बिजली मंत्री और हिसार लोकसभा सीट से भाजपा उम्मीदवार रणजीत सिंह के इस्तीफे और अंबाला लोकसभा सीट से चुनाव लड़ने के बाद मुलाना विधायक वरुण चौधरी के इस्तीफे के बाद सदन में अब 87 विधायक हैं।   हरियाणा | दैनिक भास्कर