पानीपत की बेटी शिवानी पांचाल बनी SDM:पिता की हो चुकी है मौत, मां आंगनवाड़ी में करती हैं काम, चाचा ने पढ़ाया

पानीपत की बेटी शिवानी पांचाल बनी SDM:पिता की हो चुकी है मौत, मां आंगनवाड़ी में करती हैं काम, चाचा ने पढ़ाया

हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन (HPSC) ने देर रात रिजल्ट घोषित किया है। जिसमें पानीपत जिले के गांव भोडवाल माजरी कि शिवानी पांचाल ने बीसीए कैटेगरी ने प्रथम स्थान हासिल कर जिले का नाम रोशन किया है। शिवानी को SDM पद पर नियुक्त किया गया है। हरियाणा सिविल सर्विसेज के लिए पब्लिक सर्विस कमीशन द्वारा तीन सीट दी गई है। प्रथम स्थान पर बीसीए कैटेगरी शिवानी रही। एक पद जनरल कैटेगरी के लिए दिया गया था व एक पद ईडब्ल्यूएस (इकोनामी वीकर सेक्शन) कैटिगरी के लिए था। पिता के देहांत के बाद चाचा ने संभाला-पढ़ाया शिवानी के चाचा नरेश बताते हैं कि जैसे ही लिस्ट आउट होने के बाद शिवानी और परिवार को पता चला पूरे परिवार में खुशियां छा गई। पड़ोसियों ने भी बधाइयां देनी शुरू की। थोड़ी देर बाद फोन पर ही लोगों की बधाइयां देने का तांता लग गया। नरेश कुमार बताते हैं कि शिवानी के पिता दिलबाग सिंह की 2005 में मृत्यु हो गई थी। उसके बाद माता सविता और संयुक्त परिवार ने शिवानी को पढ़ाया। शिवानी ने 12वीं कक्षा समालखा से ही पास की। उसके बाद बीटेक सिविल इंजीनियरिंग एनआईटी कुरुक्षेत्र से पास की। उसके बाद शिवानी की बावल स्थित जेएसडब्ल्यू कंपनी में इंजीनियर पोस्ट पर नौकरी पर लग गई। लेकिन शिवानी का सपना कुछ और ही था। शिवानी ने फिर पढ़ने का मन बनाया और हरियाणा पब्लिक सर्विस कमिशन की परीक्षा दी। मां आंगनवाड़ी में है कार्यरत शिवानी का एक भाई वंश जो कि अभी नेट की परीक्षा की तैयारी कर रहा है। शिवानी की मां आंगनवाड़ी में कार्यरत है। गांव में ही वह आंगनवाड़ी वर्कर है। चाचा दिनेश और नरेश दोनों ने शिवानी की पढ़ाई पर पूरा ध्यान दिया। शिवानी ने फोन पर हुई बातचीत में बताया कि पिता के बाद दोनों चाचा और मां ने उसके लिए संघर्ष किया। आज उसे संघर्ष की बदौलत वह इस मुकाम पर काबिज हुई है। अभी उसका सपना यूपीएससी की परीक्षा को पास कर देश की सेवा करना है। हरियाणा पब्लिक सर्विस कमीशन (HPSC) ने देर रात रिजल्ट घोषित किया है। जिसमें पानीपत जिले के गांव भोडवाल माजरी कि शिवानी पांचाल ने बीसीए कैटेगरी ने प्रथम स्थान हासिल कर जिले का नाम रोशन किया है। शिवानी को SDM पद पर नियुक्त किया गया है। हरियाणा सिविल सर्विसेज के लिए पब्लिक सर्विस कमीशन द्वारा तीन सीट दी गई है। प्रथम स्थान पर बीसीए कैटेगरी शिवानी रही। एक पद जनरल कैटेगरी के लिए दिया गया था व एक पद ईडब्ल्यूएस (इकोनामी वीकर सेक्शन) कैटिगरी के लिए था। पिता के देहांत के बाद चाचा ने संभाला-पढ़ाया शिवानी के चाचा नरेश बताते हैं कि जैसे ही लिस्ट आउट होने के बाद शिवानी और परिवार को पता चला पूरे परिवार में खुशियां छा गई। पड़ोसियों ने भी बधाइयां देनी शुरू की। थोड़ी देर बाद फोन पर ही लोगों की बधाइयां देने का तांता लग गया। नरेश कुमार बताते हैं कि शिवानी के पिता दिलबाग सिंह की 2005 में मृत्यु हो गई थी। उसके बाद माता सविता और संयुक्त परिवार ने शिवानी को पढ़ाया। शिवानी ने 12वीं कक्षा समालखा से ही पास की। उसके बाद बीटेक सिविल इंजीनियरिंग एनआईटी कुरुक्षेत्र से पास की। उसके बाद शिवानी की बावल स्थित जेएसडब्ल्यू कंपनी में इंजीनियर पोस्ट पर नौकरी पर लग गई। लेकिन शिवानी का सपना कुछ और ही था। शिवानी ने फिर पढ़ने का मन बनाया और हरियाणा पब्लिक सर्विस कमिशन की परीक्षा दी। मां आंगनवाड़ी में है कार्यरत शिवानी का एक भाई वंश जो कि अभी नेट की परीक्षा की तैयारी कर रहा है। शिवानी की मां आंगनवाड़ी में कार्यरत है। गांव में ही वह आंगनवाड़ी वर्कर है। चाचा दिनेश और नरेश दोनों ने शिवानी की पढ़ाई पर पूरा ध्यान दिया। शिवानी ने फोन पर हुई बातचीत में बताया कि पिता के बाद दोनों चाचा और मां ने उसके लिए संघर्ष किया। आज उसे संघर्ष की बदौलत वह इस मुकाम पर काबिज हुई है। अभी उसका सपना यूपीएससी की परीक्षा को पास कर देश की सेवा करना है।   हरियाणा | दैनिक भास्कर