गुरदासपुर के गांव सरफकोट के 19 वर्षीय युवक गुरबाज सिंह पुत्र गुरप्रीत सिंह की रोमानिया में संदिग्ध हालत में मौत हो गई। वह कुछ समय पहले ही काम-काज के लिए रोमानिया गया था। इस संबंध में मृतक गुरबाज सिंह की मां मनदीप कौर और ताऊ चरणजीत सिंह खालसा ने बताया कि उनका बेटा गुरबाज सिंह रोजी रोटी कमाने के लिए रोमानिया गया था। वहां सब कुछ ठीक चल रहा था लेकिन अचानक बेटे के रूम मेट हीरा सिंह का फोन आया कि गुरबाज की तबीयत खराब है। फिर अगले दिन उन्हें फोन आया कि गुरबाज सिंह की मौत हो गई है। परिजनों ने बताया कि उन्हें फोन पर बताया गया है कि गुरबाज सिंह की तबीयत खराब होने के कारण उसे रात को दवा दी गई थी, लेकिन अगली सुबह वह उठा ही नहीं। इसके बाद मेडिकल टीम को सूचित किया गया। डाक्टरों ने चेकअप के बाद उसे मृत करार दे दिया। परिजनों ने केंद्र और पंजाब सरकार से अपील की है कि उनके बेटे गुरबाज सिंह का शव भारत वापस लाने में मदद की जाए। गुरदासपुर के गांव सरफकोट के 19 वर्षीय युवक गुरबाज सिंह पुत्र गुरप्रीत सिंह की रोमानिया में संदिग्ध हालत में मौत हो गई। वह कुछ समय पहले ही काम-काज के लिए रोमानिया गया था। इस संबंध में मृतक गुरबाज सिंह की मां मनदीप कौर और ताऊ चरणजीत सिंह खालसा ने बताया कि उनका बेटा गुरबाज सिंह रोजी रोटी कमाने के लिए रोमानिया गया था। वहां सब कुछ ठीक चल रहा था लेकिन अचानक बेटे के रूम मेट हीरा सिंह का फोन आया कि गुरबाज की तबीयत खराब है। फिर अगले दिन उन्हें फोन आया कि गुरबाज सिंह की मौत हो गई है। परिजनों ने बताया कि उन्हें फोन पर बताया गया है कि गुरबाज सिंह की तबीयत खराब होने के कारण उसे रात को दवा दी गई थी, लेकिन अगली सुबह वह उठा ही नहीं। इसके बाद मेडिकल टीम को सूचित किया गया। डाक्टरों ने चेकअप के बाद उसे मृत करार दे दिया। परिजनों ने केंद्र और पंजाब सरकार से अपील की है कि उनके बेटे गुरबाज सिंह का शव भारत वापस लाने में मदद की जाए। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
नवांशहर में बदमाशों से भिड़ा रिटायर फौजी:एटीएम से निकालने आया था पेंशन, हाथ में चाकू मारा, 14 हजार लूटकर फरार
नवांशहर में बदमाशों से भिड़ा रिटायर फौजी:एटीएम से निकालने आया था पेंशन, हाथ में चाकू मारा, 14 हजार लूटकर फरार पंजाब के नवांशहर में देर शाम एटीएम से पैसे निकालने गए एक रिटायर बुजुर्ग फौजी से रुपए लूटने का मामला सामने आया है। हालांकि रिटायर फौजी ने लूट का विरोध किया। रिटायर फौजी और बदमाश के बीच हाथापाई भी हुई। हाथापाई में बदमाश ने फौजी के हाथ पर चाकू मारकर घायल कर दिया। इस दौरान एटीएम कार्ड छीनने का प्रयास किया तो एटीएम कार्ड टूट गया। कस्बा बलाचौर में भद्दी रोड पर स्थित एसबीआई बैंक के एटीएम से देर शाम पेंशन के पैसे निकालने गए रिटायर फौजी हरि कृष्ण भूंबला (78) ने बताया कि जब वह पैसे निकालकर एटीएम से बाहर निकलो लगा तो एक लुटेरा उनके पीछे आकर खड़ा हो गया और चाकू निकाल कर एटीएम से निकाले गए रुपए मांगे।लेकिन हरिकृष्ण पैसे देने से इनकार दिया। इसी बात को लेकर फौजी और बदमाश के बीच हाथापाई हो गई। इस दौरान बदमाश ने चाकू से फौजी की उंगलियों पर वार दिया, जिससे वह घायल हो गया और 14 हजार रुपए छीन लिए। बाइक पर सवार होकर आए थे बदमाश बुजुर्ग के बेटे वीरेंद्र भूंबला ने बताया कि, एटीएम पर तीन लुटेरे पहुंचे थे। एक लुटेरा एटीएम में घुसा और दो बाइक लेकर बाहर खड़े थे। लूटपाट के बाद तीनों बदमाश बाइक पर सवार होकर फरार हो गए। उन्होंने बताया कि आरोपियों में दो पगड़ीधारी थे और एक ने अपना चेहरा ढका हुआ था। सिटी पुलिस स्टेशन बलाचौर के एसएचओ सतनाम सिंह अपनी पुलिस पार्टी के साथ मौके पर पहुंचे और सीसीटीवी फुटेज की जांच की। रिटायर फौजी के बयान के आधार पर केस दर्ज कर लिया गया है और पुलिस ने आगे की कार्रवाई शुरू कर दी है।
अब सिर्फ नीले-पीले रंग के होंगे निशान साहिब:श्री अकाल तख्त से आदेश जारी; गुरुद्वारों में केसरी रंग का भी होता था प्रयोग
अब सिर्फ नीले-पीले रंग के होंगे निशान साहिब:श्री अकाल तख्त से आदेश जारी; गुरुद्वारों में केसरी रंग का भी होता था प्रयोग शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी (SGPC) के तहत आते हर गुरुद्वारा साहिब में अब केसरी रंग की जगह सुरमई (नेवी ब्लू) या बसंती (पीले) रंग का निशान साहिब ही फहराया जाएगा। ये आदेश श्री अकाल तख्त की ओर से जारी किए गए हैं। आदेश के बाद SGPC ने सभी गुरुद्वारों को ये इसे लागू करने के लिए कह दिया है। श्री अकाल तख्त साहिब पर 15 जुलाई को हुई पांच तख्तों के जत्थेदारों की बैठक में ये निर्णय लिया गया था। निर्णय के बाद आदेशों को लागू करने के लिए अब इसे लेकर सर्कुलर जारी कर दिया गया है। पांच सिंह साहिबानों की बैठक में निशान साहिब के पोशाक के रंग की दुविधा को दूर करने के लिए फैसला लिया गया। आदेश में कहा गया है कि अब हर गुरुद्वारा साहिब पर निशान साहिब का रंग सुरमई या फिर बसंती होगा। जिसे लागू करने के लिए शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को आदेश जारी किए गए हैं। SGPC ने जारी किया सर्कुलर श्री अकाल तख्त साहिब की ओर से दिए गए आदेशों के बाद अब SGPC ने एक सर्कुलर जारी किया है। धर्म प्रचार समिति की ओर से जारी परिपत्र में सिख प्रचारकों को सिख राहत मर्यादा के बारे में संगत और गुरुद्वारा प्रबंधनों के बीच जागरूकता पैदा करने के आदेश हैं। जानकारी के मुताबिक, SGPC प्रबंधित गुरुद्वारों में मूल रंग बहाल करने की प्रक्रिया जल्द ही शुरू की जाएगी। भगवा रंग का भी होता था निशान साहिब वर्तमान में, निशान साहिब ज्यादातर केसरी (भगवा) रंग में देखा जाता है। अधिकांश गुरुद्वारों में भी केसरी रंग का निशान साहिब होता है वहीं निहंग समूहों और उनकी छावनियों द्वारा प्रबंधित गुरुद्वारों में यह सुरमई रंग में होता है। जुड़वां निशान साहिब झंडे, जो मिरी पीरी के प्रतीक हैं वहां भी केसरी रंग के निशान साहिब फहराए जाते रहे हैं।
पंजाब में AAP के दिग्गज धराशायी:4 मंत्री व 3 विधायक चुनाव हारे, CM और केजरीवाल की कैंपेन भी नहीं बचा पाई हार
पंजाब में AAP के दिग्गज धराशायी:4 मंत्री व 3 विधायक चुनाव हारे, CM और केजरीवाल की कैंपेन भी नहीं बचा पाई हार पंजाब के लोकसभा चुनाव में राज्य की सत्ता पर काबिज आम आदमी पार्टी (AAP) को लोगों ने ढाई साल में ही आइना दिखा दिया है। चुनाव लड़ रहे पांच मंत्रियों से 4 चुनाव हार गए हैं, जबकि तीन विधायकों को भी हार का मुंह देखना पड़ा है। कई जगह तो पार्टी के उम्मीदवार तीसरे स्थान पर रहे हैं। जबकि चुनावी मुहिम को कामयाब बनाने में पार्टी के प्रधान व सीएम भगवंत मान करीब मार्च महीने से डटे हुए थे। पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल ने खुद रोड शो और जनसभाएं की। हालांकि जनवरी माह से ही सरकार चुनावी मोड में चल रही थी। कई बड़े फैसले भी लिए गए, लेकिन पार्टी चुनाव में इन्हें कैश नहीं कर पाई। साथ ही मन मुताबिक नतीजे नहीं मिले हैं। इन मंत्रियों और विधायकों को मिली हार चुनाव हारने वालों में पटियाला लोकसभा हलके से सेहत मंत्री बलबीर सिंह, खडूर साहिब से लालजीत सिंह भुल्लर, अमृतसर से कैबिनेट मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल और बठिंडा लोकसभा में पूर्व मुख्यमंत्री स्व. प्रकाश सिंह बादल को चुनाव जीतने वाले गुरमीत सिंह खुडि्डयां शामिल थे। इसके अलावा तीन विधायक अमनदीप सिंह शेयरी कलसी, अशोक पराशर व जगदीप सिंह काका बराड़ भी चुनाव हारे हैं। मंत्रियों और विधायकों की फौज के हारने की वजह जानते है। आप के विधायकों से लोग नाराज पटियाला लोकसभा सीट से सेहत मंत्री बलबीर सिंह चुनाव हारने की कई वजह हैं। इस एरिया के अधीन आने वाली विधानसभाओं के आप विधायकों के मंत्रियों से लोग खुश नहीं थे। इस वजह से पार्टी को नुकसान झेलना पड़ा है। महिलाओं को हजार रुपये न देने वाली गारंटी का असर भी दिखा है। इसके अलावा इलाके में उस हिसाब से विकास नहीं हुआ। वहीं, कांग्रेस के दिग्गज नेता राहुल व प्रियंका गांधी और प्रधानमंत्री मोदी की रैलियों से भी आप का कुछ वोट खिसका है। मुआवजे में देरी पड़ी भारी बठिंडा लोकसभा सीट से उम्मीदवार गुरमीत सिंह खुडियां राज्य सरकार में कृषि मंत्री हैं। लेकिन चुनाव में उन्हें किसानों के विरोध का सामना करना पड़ा था। क्योंकि किसानों की फसलों काे हुए नुकसान का उचित मुआवजा नहीं मिला था। इस वजह से किसान नाराज चल रहे थे। इस इलाके में भी उचित तरीके से विकास नहीं हुआ। वहीं, सरकार की गारंटियां पूरी न होने का असर भी दिखा। हालांकि ढाई साल में ही सत्ता विरोधी लहर दिखी। विधायकों से नाराज, नशा व बेरोजगारी अमृतसर लोकसभा हलके से पार्टी ने तेज तर्रार नेता व मंत्री कुलदीप सिंह धालीवाल को चुनावी मैदान में थे। उनकी चुनावी कैंपेन के लिए खुद पार्टी सुप्रीमो अरविंद केजरीवाल अमृतसर आए थे। साथ ही रोड शो से लेकर जनसभा तक की थी। लेकिन लोगों ने उन्हें नकार दिया। उसकी वजह यह है एक तो उनका वर्चस्व अपने हलके तक सीमित रहा। दूसरा इस लोकसभा हलके के आप के विधायकों की कारगुजारी भी बढ़िया नहीं थी। कई विधायक तो विधानसभा चुनाव के बाद हलकों में सक्रिय नहीं थे। आखिरी समय में पार्टी ने दूसरी पार्टियों के कई दिग्गज नेता जॉइन भी करवाए। लेकिन उसका कोई फायदा पार्टी को नहीं मिला है। नशा और बेरोजगारी से लोग काफी आहत थे। पंथक मुद्दे रहे भारी खडूर साहिब में लोकसभा हलके में आप के परिवहन मंत्री लालजीत सिंह भुल्लर चुनावी मैदान में थे। यहां पर पर पार्टी तीसरे नंबर पर रही। हलके में पार्टी की हार की वजह है कि पार्टी के उम्मीदवारों को विधायकों का साथ नहीं मिला। वहीं, पंथक मुद्दे भी भारी रहे हैं। ढाई साल में पार्टी इन मुद्दों पर कुछ नहीं कर पाई। जबकि लोगों ने बड़े विश्वास से इस पार्टी को मौका दिया था। इस वजह से भी पार्टी को नुकसान हुआ है। कांग्रेस और भाजपा ने बिगाड़ा गणित गुरदासपुर लोकसभा सीट से AAP ने बटाला के विधायक अमन शेर सिंह कलसी को आखिरी में जाकर उम्मीदवार बनाया था। यहां पर पार्टी के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर थी। दूसरा कांग्रेस ने दिग्गज व पूर्व उप मुख्यमंत्री सुखजिंदर सिंह रंधावा और भाजपा ने दिनेश बब्बू को चुनावी मैदान में उतारा था। ऐसे में वह शुरू से ही गिर गए। इस लोकसभा हलके में कांग्रेस काफी मजबूत है। पांच विधानसभा सीटों पर कांग्रेस का कब्जा है। वहीं, आप के इस हलके से मंत्री भी विवादों में रहे हैं। पार्टी से नाराजगी का असर फिरोजपुर लोकसभा हलके से आप ने मुक्तसर के विधायक को जगदीप सिंह काका बराड़ को चुनाव मैदान में उतारा था। यहां पर राय सिख बिरादरी का फायदा कांग्रेस को मिला। पार्टी के खिलाफ नाराजगी का भी काका बराड़ को नुकसान हुआ है। इसके अलावा प्रधानमंत्री मोदी की सुरक्षा में हुई चूक व राम मंदिर का अंडर करंट भी लोगों में देखने को मिला। विधायकों का नहीं मिला साथ लुधियाना से आप ने विधायक अशोक पराशर पप्पी को चुनावी मैदान में उतारा था। उन्हें आखिरी समय में टिकट दी गई थी। लेकिन यहां पर पार्टी में बिखराव था। सभी विधायकों का समर्थन उस हिसाब से नहीं मिला है। विरोधियों ने पार्टी की नीतियों व कमजोरियों पर जबरदस्त हमला बोला। इसके अलावा कांग्रेस के राहुल गांधी और भाजपा नेता अमित शाह की रैली से काफी समीकरण बदले। यहां कुछ स्थानीय मुद्दे भी हावी रहे हैं।