नवांशहर जिले के आंसरों गांव के नजदीक बंदली शेर की दरगाह के पास सतलुज दरिया के किनारे खड़े एक 14 वर्षीय युवक का पैर फिसल गया और वह पानी के तेज बहाव में बह गया। सेक्टर 38 के रहने वाले 34 साल के रमन कुमार ने भी नदी में छलांग लगा दी, लेकिन वह भी बाहर नहीं आ सका और पानी के तेज बहाव में बह गया। नदी में गिरा लड़का मौके से मिली जानकारी के अनुसार गांव आंसरों के पास जो धार्मिक स्थल हैं। वहां पर संत बाबा केहर सिंह जी की बरसी आज पीर बाबा बांदली शेर में मनाई जा रही थी और इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे। एक परिवार खरड़ से भी आया था और इस परिवार से एक 14 साल का लड़का अंश वालिया नजदीक पड़ते सतलुज दरिया के किनारे पर पहुंचा और पानी देख रहा था कि अचानक पैर फिसलने से वह पानी में गिर गया। सतलुज दरिया में गिरते अंश को उसके मामा ने बचाने के लिए वह तुरंत पानी में कूद गया लेकिन तेज बहाव में वह भी बह गया। गोताखोर की टीम खोजने में जुटी स्थानीय लोगों ने तुरंत इस घटना की जानकारी चौंकी आंसरों पुलिस को दी। जहां से एएसआई लक्ष्मण दास पुलिस पार्टी के साथ मौके पर पहुंचे और उन्होंने तुरंत रोपड़ से गोताखोरों को बुलाया और मामा भांजे की तलाश शुरू कर दी। समाचार लिखे जाने तक गोताखोर अभी भी दोनों की तलाश कर रहे थे। प्रशासन के आदेश के बाद भी जा रहे लोग गौरतलब है कि कुछ दिन पहले सतलुज नदी में नहाने गए दो युवक डूब गए थे। प्रशासन के आदेश के बावजूद लोग दरिया और नहरों में स्नान कर रहे हैं। जिससे अक्सर ऐसी घटनाएं हो रही हैं। नवांशहर जिले के आंसरों गांव के नजदीक बंदली शेर की दरगाह के पास सतलुज दरिया के किनारे खड़े एक 14 वर्षीय युवक का पैर फिसल गया और वह पानी के तेज बहाव में बह गया। सेक्टर 38 के रहने वाले 34 साल के रमन कुमार ने भी नदी में छलांग लगा दी, लेकिन वह भी बाहर नहीं आ सका और पानी के तेज बहाव में बह गया। नदी में गिरा लड़का मौके से मिली जानकारी के अनुसार गांव आंसरों के पास जो धार्मिक स्थल हैं। वहां पर संत बाबा केहर सिंह जी की बरसी आज पीर बाबा बांदली शेर में मनाई जा रही थी और इस कार्यक्रम में बड़ी संख्या में लोग पहुंचे थे। एक परिवार खरड़ से भी आया था और इस परिवार से एक 14 साल का लड़का अंश वालिया नजदीक पड़ते सतलुज दरिया के किनारे पर पहुंचा और पानी देख रहा था कि अचानक पैर फिसलने से वह पानी में गिर गया। सतलुज दरिया में गिरते अंश को उसके मामा ने बचाने के लिए वह तुरंत पानी में कूद गया लेकिन तेज बहाव में वह भी बह गया। गोताखोर की टीम खोजने में जुटी स्थानीय लोगों ने तुरंत इस घटना की जानकारी चौंकी आंसरों पुलिस को दी। जहां से एएसआई लक्ष्मण दास पुलिस पार्टी के साथ मौके पर पहुंचे और उन्होंने तुरंत रोपड़ से गोताखोरों को बुलाया और मामा भांजे की तलाश शुरू कर दी। समाचार लिखे जाने तक गोताखोर अभी भी दोनों की तलाश कर रहे थे। प्रशासन के आदेश के बाद भी जा रहे लोग गौरतलब है कि कुछ दिन पहले सतलुज नदी में नहाने गए दो युवक डूब गए थे। प्रशासन के आदेश के बावजूद लोग दरिया और नहरों में स्नान कर रहे हैं। जिससे अक्सर ऐसी घटनाएं हो रही हैं। पंजाब | दैनिक भास्कर
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चंडीगढ़ में मेयर BJP का, बाकी 2 पद कांग्रेस को:AAP के हाथ खाली; चुनाव में कैसे हुआ उलटफेर, 7 सवाल-जवाब से जानिए चंडीगढ़ नगर निगम में गुरुवार को सियासी उलटफेर हुआ। 35 वार्ड वाले निगम में मेयर के लिए बहुमत कांग्रेस और AAP के गठबंधन के पास था। इसके बावजूद चुनाव हुआ तो भाजपा उम्मीदवार हरप्रीत कौर बबला को 19 वोट मिले और कांग्रेस समर्थित AAP उम्मीदवार प्रेम लता को सिर्फ 17 वोट मिले। हालांकि जब सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर का चुनाव हुआ तो दोनों सीटें AAP समर्थित कांग्रेस उम्मीदवारों ने जीत लीं। इस चुनाव में क्रॉस वोटिंग हुई, यह तो तय है लेकिन किसने की, इसको लेकर कोई कुछ नहीं कह रहा। खास बात यह है कि भाजपा और कांग्रेस इस चुनाव में फायदे में रही और सबसे ज्यादा नुकसान AAP को उठाना पड़ा। इस चुनाव से जुड़े कुछ सवाल उठ रहे हैं….। 1. सवाल: चुनाव में भाजपा की जीत, AAP की हार कैसे हुई?
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जवाब: मोटे तौर पर कांग्रेस को। AAP का जरूर एक साल मेयर रहा लेकिन उसके बदले चंडीगढ़ में कांग्रेस के मनीष तिवारी 5 साल तक सांसद बने रहेंगे। जब 2022 में कांग्रेस-आप का समझौता हुआ था तो यह तय हुआ था कि 5 साल में हर बार मेयर उम्मीदवार आप का होगा और लोकसभा में वह कांग्रेस का समर्थन करेंगे। 5. सवाल: दिल्ली चुनाव पर इसका क्या असर पड़ेगा?
जवाब: सीधे तौर पर चंडीगढ़ का रिजल्ट AAP और कांग्रेस के लिए झटका है लेकिन दिल्ली चुनाव के लिहाज से वह BJP की सियासी चाल में फंसने से खुद को बचाने की कोशिश करेंगे। भाजपा सवाल खड़े करती थी कि दिल्ली में एक-दूसरे के खिलाफ और चंडीगढ़ में ये आपस में लड़ते हैं। अब AAP और कांग्रेस कह सकती है कि वे एक साथ नहीं, अगर ऐसा होता तो फिर मेयर भी AAP का नेता होता। इस बहाने वह चंडीगढ़ में गठबंधन टूटने की बात कह सकते हैं। 6. सवाल: क्या AAP को सियासी तौर पर इसका नुकसान ही है?
जवाब: राजनीति में हार-जीत को देख दांव-पेंच खेले जाते हैं। AAP मेयर सीट जरूर गंवा बैठी लेकिन अब वे कांग्रेस पर आरोप लगा सकते हैं कि उन्होंने जानबूझकर हराया। ऐसे में AAP सहानुभूति बटोरने की कोशिश कर सकती है। इसके अलावा दिल्ली चुनाव में भी वह कांग्रेस पर खुलकर हमला करेगी। असल में इस नतीजे ने AAP के सिर से चंडीगढ़ में कांग्रेस से हाथ मिलाने का बोझ सीधे हटा दिया है। हालांकि कांग्रेस को सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर का पद मिला है, ऐसे में वह भाजपा के आरोपों के घेरे में बने रहेंगे। 7. सवाल: मेयर चुनाव जीती भाजपा को और क्या फायदे हो रहे?
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चंडीगढ़ चुनाव के रिजल्ट से जुड़ी एक दिलचस्प बात यह भी है कि 2024 में जब मेयर चुनाव हुए तो कुलदीप कुमार AAP से मेयर बने। सीनियर डिप्टी मेयर और डिप्टी मेयर का पद भाजपा के खाते में चला गया। तब कांग्रेस खाली हाथ रह गई। इस बार मेयर पद भाजपा और बाकी 2 पद कांग्रेस के हाथ में चले गए। AAP खाली हाथ रह गई। कांग्रेस इस बात को लेकर खुश हो सकती है कि जो पिछले साल उनके साथ हुआ, वह इस बार AAP के साथ हो गया। ———————— चंडीगढ़ मेयर चुनाव-क्रॉस वोटिंग में BJP की हरप्रीत जीतीं, 16 पार्षद थे, 19 वोट मिले चंडीगढ़ नगर निगम में BJP की हरप्रीत बबला नई मेयर बन गई हैं। उन्होंने क्रॉस वोटिंग के बाद 2 वोटों से चुनाव जीता। भाजपा उम्मीदवार को 19 वोट मिले। वहीं, आम आदमी पार्टी (AAP) और कांग्रेस गठबंधन की उम्मीदवार प्रेम लता को 17 वोट मिले। पूरी खबर पढ़ें…
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पंजाब के गवर्नर गुरुद्वारा बाउली साहिब में हुए नमस्तक:कहा- पवित्र भूमि पर नमन करने का सौभाग्य मिला; साहिबजादों के बलिदान को याद किया पंजाब के राज्यपाल गुलाब चंद कटारिया आज श्री गुरु अमरदास जी के 450 वर्ष ज्योति-ज्योति दिवस के मौके पर गुरुद्वारा बाउली साहिब श्री गोइंदवाल साहिब में नतमस्तक हुए। पंजाब में आपसी भाईचारे को और मजबूत करने की प्रार्थना की। ताकि पंजाब शांति, अमन और प्रगति का प्रतीक बनकर उभरे। राज्यपाल ने कहा कि आज उन्हें इस पवित्र भूमि पर नमन करने का सौभाग्य मिला है। उन्होंने कहा कि सिख गुरुओं ने देश की धार्मिक संस्कृति को बचाने के लिए महान बलिदान दिए हैं। पंजाब ही नहीं बल्कि भारत का कोई भी बच्चा ऐसा नहीं है जो गुरुओं की इस महान परंपरा से परिचित न हो। उन्होंने कहा कि महान सिख गुरुओं के जीवन और दर्शन ने मानवता को निस्वार्थ सेवा के लिए प्रेरित किया है। उन्होंने कहा कि सिख गुरुओं की चलाई गई संगत और पंगत की परंपरा सामाजिक समानता का एक बड़ा उदाहरण है, यहां न कोई जाति से ऊंचा है, न कोई पद से ऊंचा है, सभी को पंगत में बैठकर लंगर ग्रहण करना पड़ता है। इस अवसर पर उन्होंने कहा कि छोटे साहिबजादों के महान बलिदान को याद करते हुए कहा कि ऐसे महान पुरुषों के बलिदान के कारण ही हमारे देश का धर्म और संस्कृति बची हुई है। उन्होंने कहा कि हमें भी इन महापुरुषों के जीवन से मार्गदर्शन लेकर देश की इस महान धार्मिक संस्कृति को बनाये रखने में योगदान देना चाहिए।