चंडीगढ़ में गत चार दिनों से कृषि नीति समेत आठ मुद्दों को लेकर संघर्ष पर चल रहे किसानों की आज (वीरवार) को CM भगवंत मान से मीटिंग होगी। मीटिंग दोपहर तीन बजे होगी। मीटिंग के बाद किसानों द्वारा आगे की रणनीति तय की जाएगी। इससे पहले बुधवार को सरकार के अफसरों ने किसानों से मीटिंग की थी। किसान नेता जोगिंदर सिंह उगराहां का कहना है कि आज की मीटिंग के बाद ही संघर्ष को लेकर सारी स्थिति साफ होगी। 15 साल बाद चंडीगढ़ में किसानों का मोर्चा पंजाब के यह किसान भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहां ) और खेत मजदूर यूनियन के बैनर तले जुटे हैं। मानसून सेशन शुरू होने से पहले किसान चंडीगढ़ पहुंच गए थे। करीब पंद्रह साल के बाद चंडीगढ़ प्रशासन ने उन्हें चंडीगढ़ में मोर्चा लगाने की मंजूरी दे दी थी। किसानों ने सेक्टर-34 के दशहरा ग्राउंड में मोर्चा लगाया था। फिर किसानों की मांग थी वह सेशन के दौरान विधानसभा तक मार्च निकालेंगे। लेकिन बाद में चंडीगढ़ प्रशासन ने उन्हें मटका चौक तक मार्च के रूप में जाने दिया था। कृषि मंत्री गुरमीत सिंह ने मटका चौक पर पहुंचकर किसानों से मांग पत्र लिया था। साथ ही किसानों को विश्वास दिलाया था कि वह उनके वकील बनकर सीएम के समक्ष इस मामले को उठाएंगे। कृषि पॉलिसी तैयार, चर्चा करेंगे इससे पहले विधानसभा के मानसून सत्र के आखिरी दिन बुधवार को पंजाब CM भगवंत मान ने बताया कि हमारी सरकार ने कृषि पॉलिसी बना ली है। जल्दी ही इसे लागू करेंगे। जैसे इंडस्ट्रियल पॉलिसी को लागू करने से पहले हमने मिलनी समारोह आयोजित किए थे। ठीक उसी तर्ज पर मीटिंग की जाएगी। साथ ही सारी चीजों पर विचार करने के बाद पॉलिसी को लागू करेंगे। किसानों काे किसी भी तरह की दिक्कत नहीं उठानी पड़ेगी। सरकार खुद बनाए एमएसपी नीति पंजाब विधानसभा के मानसून सेशन में किसानों का मुद्दा इस बार उठा। कांग्रेस नेता प्रताप सिह बाजवा, अकाली ने मनप्रीत अयाली और आप ने कुंवर विजय प्रताप ने किसानों के मामले के उठाया। प्रताप सिंह बाजवा का कहना था कि इस मामले में एक जॉइंट कमेटी बना लेनी चाहिए। साथ ही इस मामले को निपटाया जाना चाहिए। जबकि कुंवर विजय प्रताप सिंह ने कहा कि किसान पहले दिल्ली और अब शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे है। सरकार को खुद एमएसपी पर पॉलिसी बनानी चाहिए। क्योंकि खेती स्टेट का विषय है। चंडीगढ़ में गत चार दिनों से कृषि नीति समेत आठ मुद्दों को लेकर संघर्ष पर चल रहे किसानों की आज (वीरवार) को CM भगवंत मान से मीटिंग होगी। मीटिंग दोपहर तीन बजे होगी। मीटिंग के बाद किसानों द्वारा आगे की रणनीति तय की जाएगी। इससे पहले बुधवार को सरकार के अफसरों ने किसानों से मीटिंग की थी। किसान नेता जोगिंदर सिंह उगराहां का कहना है कि आज की मीटिंग के बाद ही संघर्ष को लेकर सारी स्थिति साफ होगी। 15 साल बाद चंडीगढ़ में किसानों का मोर्चा पंजाब के यह किसान भारतीय किसान यूनियन (एकता उगराहां ) और खेत मजदूर यूनियन के बैनर तले जुटे हैं। मानसून सेशन शुरू होने से पहले किसान चंडीगढ़ पहुंच गए थे। करीब पंद्रह साल के बाद चंडीगढ़ प्रशासन ने उन्हें चंडीगढ़ में मोर्चा लगाने की मंजूरी दे दी थी। किसानों ने सेक्टर-34 के दशहरा ग्राउंड में मोर्चा लगाया था। फिर किसानों की मांग थी वह सेशन के दौरान विधानसभा तक मार्च निकालेंगे। लेकिन बाद में चंडीगढ़ प्रशासन ने उन्हें मटका चौक तक मार्च के रूप में जाने दिया था। कृषि मंत्री गुरमीत सिंह ने मटका चौक पर पहुंचकर किसानों से मांग पत्र लिया था। साथ ही किसानों को विश्वास दिलाया था कि वह उनके वकील बनकर सीएम के समक्ष इस मामले को उठाएंगे। कृषि पॉलिसी तैयार, चर्चा करेंगे इससे पहले विधानसभा के मानसून सत्र के आखिरी दिन बुधवार को पंजाब CM भगवंत मान ने बताया कि हमारी सरकार ने कृषि पॉलिसी बना ली है। जल्दी ही इसे लागू करेंगे। जैसे इंडस्ट्रियल पॉलिसी को लागू करने से पहले हमने मिलनी समारोह आयोजित किए थे। ठीक उसी तर्ज पर मीटिंग की जाएगी। साथ ही सारी चीजों पर विचार करने के बाद पॉलिसी को लागू करेंगे। किसानों काे किसी भी तरह की दिक्कत नहीं उठानी पड़ेगी। सरकार खुद बनाए एमएसपी नीति पंजाब विधानसभा के मानसून सेशन में किसानों का मुद्दा इस बार उठा। कांग्रेस नेता प्रताप सिह बाजवा, अकाली ने मनप्रीत अयाली और आप ने कुंवर विजय प्रताप ने किसानों के मामले के उठाया। प्रताप सिंह बाजवा का कहना था कि इस मामले में एक जॉइंट कमेटी बना लेनी चाहिए। साथ ही इस मामले को निपटाया जाना चाहिए। जबकि कुंवर विजय प्रताप सिंह ने कहा कि किसान पहले दिल्ली और अब शंभू बॉर्डर पर प्रदर्शन कर रहे है। सरकार को खुद एमएसपी पर पॉलिसी बनानी चाहिए। क्योंकि खेती स्टेट का विषय है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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