हिमाचल प्रदेश के जिला हमीरपुर के सुजानपुर के भटलंबर गांव के पास एक बस और मोटरसाइकिल की टक्कर में बाइक सवार सेना के जवान की मौत हो गई। पुलिस से मिली जानकारी अनुसार, सुजानपुर निवासी 37 वर्षीय बाइक सवार सुरेश कुमार सुजानपुर से बजरोल की तरफ जा रहा था, जबकि बस हमीरपुर से वाया बजरोल होकर जंगलबेरी की तरफ आ रही थी। भटलंबर गांव के पास एक मोड़ पर मोटरसाइकिल तथा बस में टक्कर हो गई, बाइक सवार सुरेश कुमार गंभीर रूप से घायल हो गया। स्थानीय लोगों ने एंबुलेंस की मदद से उसे सुजानपुर अस्पताल पहुंचाया, जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। ग्रामीणों के अनुसार सुरेश कुमार भारतीय सेना में तैनात था, तथा आजकल छुट्टियों में अपने घर आया हुआ था। सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र के एमएलए कैप्टन रंजीत ने इस दुर्घटना पर शोक व्यक्त किया है। हिमाचल प्रदेश के जिला हमीरपुर के सुजानपुर के भटलंबर गांव के पास एक बस और मोटरसाइकिल की टक्कर में बाइक सवार सेना के जवान की मौत हो गई। पुलिस से मिली जानकारी अनुसार, सुजानपुर निवासी 37 वर्षीय बाइक सवार सुरेश कुमार सुजानपुर से बजरोल की तरफ जा रहा था, जबकि बस हमीरपुर से वाया बजरोल होकर जंगलबेरी की तरफ आ रही थी। भटलंबर गांव के पास एक मोड़ पर मोटरसाइकिल तथा बस में टक्कर हो गई, बाइक सवार सुरेश कुमार गंभीर रूप से घायल हो गया। स्थानीय लोगों ने एंबुलेंस की मदद से उसे सुजानपुर अस्पताल पहुंचाया, जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। ग्रामीणों के अनुसार सुरेश कुमार भारतीय सेना में तैनात था, तथा आजकल छुट्टियों में अपने घर आया हुआ था। सुजानपुर विधानसभा क्षेत्र के एमएलए कैप्टन रंजीत ने इस दुर्घटना पर शोक व्यक्त किया है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
Related Posts
हिमाचल में नितिन गडकरी की दो जनसभाएं:कुटलैहड़ में अनुराग ठाकुर, कुल्लू में कंगना रनोट के लिए मांगेंगे वोट, कल करसोग में करेंगे हुंकार
हिमाचल में नितिन गडकरी की दो जनसभाएं:कुटलैहड़ में अनुराग ठाकुर, कुल्लू में कंगना रनोट के लिए मांगेंगे वोट, कल करसोग में करेंगे हुंकार हिमाचल की हमीरपुर लोकसभा सीट पर कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी की रैली का जवाब आज केंद्रीय सड़क परिवहन एवं राजमार्ग मंत्री नितिन गडकरी देंगे। नितिन गडकरी हमीरपुर संसदीय क्षेत्र के कुटलैहड़ में आज जनसभा को संबोधित करेंगे और केंद्रीय मंत्री एवं हमीरपुर से बीजेपी प्रत्याशी अनुराग ठाकुर ने लिए समर्थन जुटाएंगे। कुटलैहड़ में पिछले कल प्रियंका गांधी ने जनसभा की थी। इस दौरान उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, अनुराग ठाकुर और बीजेपी पर तीखे हमले किए थे। प्रियंका ने मोदी सरकार को आपदा में हिमाचल में मदद नहीं करने को लेकर लपेटा था। प्रियंका ने कहा कि मोदी हिमाचल को अपना दूसरा घर बताते है, लेकिन जब हिमचाल में आपदा आई तो हिमाचल नहीं आए और राष्ट्रीय आपदा भी घोषित नहीं किया। नितिन गडकरी आज इसका जवाब देंगे। कुटलैहड़ में गडकरी विधानसभा चुनाव में पार्टी प्रत्याशी देवेंद्र कुमार भुट्टो के लिए भी वोट मांगेगे। दोपहर बाद कुल्लू में जनसभा करेंगे गडकरी कुटलैहड़ के बाद दोपहर दो बजे गडकरी मंडी लोकसभा के अंतर्गत कुल्लू में भी जनसभा करेंगे। कुल्लू के रघुवीर सिंह स्टेडियम में पार्टी प्रत्याशी कंगना रनोट के समर्थन में जनसभा रखी गई है। शाम को गडकरी कुल्लू में ही रुकेंगे। कल करसोग में गरजेंगे गडकरी अगले कल वह मंडी लोकसभा सीट के तहत करसोग विधानसभा क्षेत्र में जनसभा को संबोधित करेंगे। इसके बाद गडकरी वापस नागपुर लौटेंगे। कल ही प्रदेश में चुनाव प्रचार का शोर भी थम जाएगा। इसके बाद झुंडों और लाउड स्पीकर से प्रचार पर रोक रहेगी। प्रदेश की चार लोकसभा और छह विधानसभा सीटों पर परसो वोटिंग होनी है।
हिमाचल की अर्थव्यवस्था लड़खड़ाने लगी:अब खर्चों और मुफ्त सेवाओं में कटौती की तैयारी; 5 कोर्ट केसों से दबाव में सरकार
हिमाचल की अर्थव्यवस्था लड़खड़ाने लगी:अब खर्चों और मुफ्त सेवाओं में कटौती की तैयारी; 5 कोर्ट केसों से दबाव में सरकार कर्ज की जिंदगी जी रही हिमाचल सरकार आर्थिक मोर्चे पर मुश्किलें बढ़ाती जा रही है। एक तरफ केंद्र ने हिमाचल की कर्ज सीमा 5500 करोड़ रुपये घटा दी है, वहीं दूसरी तरफ हिमाचल हाईकोर्ट में चल रहे 5 मामले सरकार के गले की फांस बन गए हैं। ये मामले नए वेतन आयोग के एरियर, दैनिक वेतन भोगियों के भुगतान, अनुबंध अवधि की पेंशन और अनुबंध के बाद मिलने वाली वरिष्ठता से जुड़े हैं। कोर्ट ने इन पांचों मामलों में कर्मचारियों और पेंशनरों को करोड़ों रुपये का भुगतान सुनिश्चित करने को कहा है। कई मामलों में कोर्ट ने सरकार को सख्त टिप्पणियां और चेतावनी भी दी है। इससे सरकार और खासकर वित्त प्रबंधन देख रहे अधिकारी दबाव में हैं। कोर्ट की फटकार के बाद अब सरकार की रिसोर्स मोबिलाइजेशन कमेटी भी आय के संसाधन बढ़ाने और खर्चों में कटौती करने के लिए सक्रिय हो गई है। 80 हजार करोड़ सत्ता संभालने पर मिला: धर्माणी टीसीसी मंत्री राजेश धर्माणी ने कहा कि जब कांग्रेस सत्ता में आई थी, तब राज्य पर 80 हजार करोड़ रुपये से अधिक का कर्ज था। सरकार पर कर्मचारियों की 10 हजार करोड़ रुपये की देनदारी है। इसलिए सरकार को अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए कुछ कड़े फैसले लेने होंगे। साफ है कि आने वाले समय में सरकार पेट्रोल-डीजल पर राज्य कर बढ़ाने के साथ ही मुफ्त सेवाओं में कटौती करने के फैसले ले सकती है। राज्य में अमीर लोगों के लिए मुफ्त बिजली पहले ही बंद की जा चुकी है। आमदनी 50 पैसे और खर्च एक रुपये होने के चलते सरकार अब मुफ्त सेवाओं और सब्सिडी में भी कटौती करने पर विचार कर रही है। हिमाचल पर 94 हजार करोड़ का कर्ज हिमाचल सरकार पर लगभग 94 हजार करोड़ रुपए का कर्ज चढ़ चुका है। 10 हजार करोड़ रुपए से ज्यादा की कर्मचारियों की देनदारी बकाया है। इससे प्रति व्यक्ति 1.17 लाख रुपए कर्ज चढ़ चुका है, जो कि देश में अरुणाचल प्रदेश के बाद दूसरा सबसे ज्यादा है। प्रदेश की पूर्व BJP सरकार ने सभी कर्मचारियों-पेंशनर को जनवरी 2016 से नए वेतनमान के लाभ तो दे दिए। मगर इसका एरियर अभी भी बकाया पड़ा है। दिसंबर 2022 में विधानसभा चुनाव से पहले 30 से 40 हजार रुपए की एरियर की एक किश्त जरूर दी गई है। मगर यह ऊंट के मुंह में जीरा समान है। कई कर्मचारियों व पेंशनर का तीन-चार लाख रुपए से भी ज्यादा का एरियर बकाया है। जिसका कर्मचारी-पेंशनर बेसब्री से इंतजार कर रहे हैं। इससे डगमगा रही अर्थव्यवस्था रेवेन्यू डेफिसिएट ग्रांट (RDG) लगातार कम हो रही है। 14वें वित्त आयोग में हिमाचल को RDG में 40624 करोड़ रुपए मिले थे। 15वें वित्त आयोग में यह बढ़ने के बजाय कम होकर 37199 करोड़ रह गया। साल 2021-22 में RDG 10249 करोड़ मिली थी, जो कि 2025-26 में 3257 करोड़ की रह जाएगी। इसी तरह GST प्रतिपूर्ति राशि भी भारत सरकार ने जून 2022 में बंद कर दी है, जोकि देश में जीएसटी लागू होने के बाद से हर साल लगभग 3000 करोड़ रुपए से ज्यादा मिल रही थी। NPA के बदले हिमाचल को हर साल मिलने वाली मैचिंग ग्रांट भी केंद्र सरकार ने बंद कर दी है। राज्य सरकार हर साल मार्च में 1780 करोड़ रुपए NPA के तौर पर PFRDA के पास जमा कराता था, लेकिन बीते साल अप्रैल से हिमाचल में OPS बहाल कर दी गई है। इसलिए अप्रैल 2023 से NPA में स्टेट और कर्मचारियों का शेयर PFRDA के पास जमा नहीं होगा। इसे देखते हुए केंद्र ने इसकी मैचिंग ग्रांट भी रोक दी है। इन सब वजह से हिमाचल की अर्थव्यवस्था डगमगा लगी है। लोन लेने की सीमा 5% से 3.5% की पूर्व BJP सरकार के कार्यकाल में हिमाचल को जीडीपी का 5% तक लोन लेने की छूट थी, जो अब घटाकर 3.5% कर दी गई है। यानी 2022 तक हिमाचल को 14,500 करोड़ रुपए सालाना का लोन लेने की छूट थी। मगर अब 9000 करोड़ रुपए सालाना लोन लेने की छूट है। इससे ज्यादा पैसा हर साल पुराना कर्ज लौटाने और ब्याज देने में खर्च हो रहा है। इससे कर्मचारियों-पेंशनर की सैलरी-पेंशन और विकासात्मक गतिविधियों के बजट जुटा पाना सरकार के लिए मुश्किल हो गया है। 4000 करोड़ की इनकम को कोर्ट का झटका हिमाचल सरकार ने आय के संसाधन बढ़ाने के लिए वाटर सेस लगाया था। इससे सरकार को लगभग 4000 करोड़ रुपए सालाना आय की उम्मीद थी। मगर इसे कोर्ट असंवैधानिक करार चुका है। ऐसे में हिमाचल सरकार अब केंद्र पर बहुत ज्यादा निर्भर हो गई है। केंद्र से मदद नहीं मिली तो आने वाले समय में सरकार की मुश्किलें बढ़नी तय है। इससे कर्मचारियों की सैलरी और पेंशनरों को पेंशन देना भी चुनौतीपूर्ण हो जाएगा।
हिमाचल में श्रीखंड यात्रा के लिए पहुंचे श्रद्धालुओं की वापसी:3 की हो चुकी है मौत, प्रशासन की अपील- 14 जुलाई से पहले न आएं
हिमाचल में श्रीखंड यात्रा के लिए पहुंचे श्रद्धालुओं की वापसी:3 की हो चुकी है मौत, प्रशासन की अपील- 14 जुलाई से पहले न आएं धार्मिक श्रीखंड यात्रा के लिए देश के विभिन्न राज्यों से श्रद्धालु पहुंच रहे हैं। लेकिन अभी यह यात्रा आधिकारिक तौर पर शुरू नहीं हुई है। इसे देखते हुए स्थानीय प्रशासन ने 140 से अधिक श्रद्धालुओं को वापस भेज दिया है। अभी किसी को भी श्रीखंड जाने की अनुमति नहीं दी जा रही है। एसडीएम निरमंड मनमोहन ने बताया कि पिछले डेढ़ सप्ताह के दौरान दो श्रद्धालुओं और एक स्थानीय व्यक्ति की मौत हो चुकी है। इनमें एक श्रद्धालु हरियाणा, दूसरा यूपी के बुलंदशहर और तीसरा स्थानीय व्यक्ति था। इसे देखते हुए प्रशासन ने फैसला लिया है कि किसी भी श्रद्धालु को श्रीखंड नहीं जाने दिया जाएगा। उन्होंने बताया कि वापस भेजे गए अधिकतर श्रद्धालु गैर हिमाचली यानी दूसरे राज्यों से आए थे। आधिकारिक तौर पर 14 जुलाई से शुरू होगी यात्रा एसडीएम ने बताया कि आधिकारिक तौर पर यात्रा 14 से 27 जुलाई तक चलेगी। इस यात्रा के लिए विशेष सुरक्षा व्यवस्था की जा रही है। इसलिए आधिकारिक यात्रा से पहले किसी को भी श्रीखंड जाने की अनुमति नहीं दी जाएगी। दुनिया की सबसे कठिन धार्मिक यात्रा श्रीखंड यात्रा दुनिया की सबसे कठिन धार्मिक यात्रा मानी जाती है। 18,570 फीट की ऊंचाई तक पहुंचने के लिए श्रद्धालुओं को ग्लेशियर, ऊंचे पहाड़, संकरे रास्तों से 32 किलोमीटर पैदल यात्रा करनी पड़ती है। हर समय हादसे का डर बना रहता है। पार्वती बाग से आगे कुछ इलाके ऐसे हैं जहां ऑक्सीजन की भी कमी है। ऐसे में अगर श्रद्धालुओं को समय रहते उपचार या नीचे नहीं उतारा गया तो हादसे का डर बना रहता है। इस कारण कई श्रद्धालु भोले के दर्शन किए बिना ही लौटने को मजबूर हो जाते हैं। यात्रा को आसान बनाने के लिए पांच स्थानों पर बनाए जा रहे बेस कैंप एसडीएम ने बताया कि यात्रा को आसान बनाने के लिए श्रीखंड ट्रस्ट समिति और जिला प्रशासन पांच स्थानों पर बेस कैंप बना रहा है। पहले चरण में सिंघगाड़ में बेस कैंप बनाया जा रहा है। इसके अलावा थाचडू, कुंशा, भीमद्वार और पार्वती बाग में भी बेस कैंप बनाए जाएंगे। इसमें सेक्टर मजिस्ट्रेट और उनके साथ पुलिस अधिकारी/प्रभारी के अलावा मेडिकल स्टाफ और बचाव दल भी तैनात रहेंगे। पहली बार बचाव दल एसडीआरएफ की यूनिट तैनात की जाएगी इस यात्रा में पहली बार पार्वती बाग में बचाव दल एसडीआरएफ की यूनिट तैनात की जाएगी, क्योंकि संकरा और खतरनाक रास्ता होने के कारण इस यात्रा के दौरान कई अनचाहे हादसे होते रहते हैं। खास तौर पर बारिश के कारण यह यात्रा बाधित होती है। ऑनलाइन पंजीकरण के लिए पोर्टल बनाया गया बाहरी राज्यों से आने वाले श्रद्धालुओं के लिए ऑनलाइन पंजीकरण पोर्टल बनाया गया है। बिना पंजीकरण के किसी भी श्रद्धालु को श्रीखंड नहीं भेजा जाएगा। देश भर से श्रद्धालु पहुंचते हैं श्रीखंड श्रीखंड यात्रा में हिमाचल के अलावा देश के कोने-कोने और नेपाल से भी बड़ी संख्या में श्रद्धालु दर्शन के लिए पहुंचते हैं। इसलिए जिला प्रशासन और श्रीखंड ट्रस्ट के लिए लोगों की जान की सुरक्षा सुनिश्चित करना चुनौती भरा होगा।