हरियाणा के 20 खिलाड़ियों को ओलंपिक कोटा:निशा दहिया और मनु भाकर समेत 13 महिला खिलाड़ी शामिल, 26 जुलाई से पेरिस में शुरू

हरियाणा के 20 खिलाड़ियों को ओलंपिक कोटा:निशा दहिया और मनु भाकर समेत 13 महिला खिलाड़ी शामिल, 26 जुलाई से पेरिस में शुरू

आज अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक दिवस है। खेलों का सबसे बड़ा महाकुंभ ओलिंपिक खेल ठीक 32 दिन बाद 26 जुलाई को पेरिस में शुरू होगा। हरियाणा के अब तक 20 खिलाड़ियों ने व्यक्तिगत स्पर्धाओं में ओलिंपिक कोटा हासिल किया है, जो एक रिकॉर्ड है। इनमें से 13 यानी 65% महिलाएं हैं। पिछली बार हरियाणा के पास 17 व्यक्तिगत कोटा थे। एथलेटिक्स के क्वालिफाइड मैच अभी होने बाकी हैं। ओलंपिक में भारत की 10 खेलों में भागीदारी पक्की हो चुकी है। हरियाणा 7 में अपना दमखम दिखाएगा। पहली बार तीरंदाजी में भी भारत का प्रतिनिधित्व होगा। तीरंदाजी, नौकायन, लॉन टेनिस में भी दिखेगा दम तीरंदाजी: सिरसा की भजन कौर ने एशियन गेम्स में कांस्य, ओलिंपिक क्वालिफायर चैंपियनशिप में स्वर्ण जीता।
नौकायन: करनाल के बलराज पंवार एम1एक्स में 2000 मी. रेस में 7:01.27 मिनट का समय ले तीसरे नंबर पर रहे।
लॉन टेनिस: झज्जर के सुमित नागल ने ऑस्ट्रेलियाई ओपन के दूसरे दौर में जगह बनाई। हीलब्रॉन नेकरकप चैलेंजर स्पर्धा व चेन्नई ओपन का खिताब जीता। बॉक्सिंग: पदकों के लिए 4 खिलाड़ी मारेंगे पंच अमित पंघाल (51 किग्रा.): रोहतक के मायना के हैं। एशियाड, कौमनवैल्थ, एशियन चैंपियनशिप में 1-1 स्वर्ण।
निशांत देव (71 किग्रा.): करनाल के हैं। वर्ल्ड चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीता।
प्रीति पंवार (54 किग्रा.): भिवानी की हैं। एशियन चैंपियनशिप में गाेल्ड।
जैस्मिन लेम्बोरिया (57 किग्रा.): भिवानी की हैं। एशियन चैंपियनशिप व कॉमनवेल्थ गेम्स में कांस्य पदक जीते। कुश्ती: पहली बार महिला पहलवान ज्यादा
विनेश फौगाट (50 किग्रा.): चरखी दादरी के बलाली की हैं। कॉमनवेल्थ में 3, एशियन गेम्स में 1 स्वर्ण जीत चुकीं।
अंतिम पंघाल (53 किग्रा.): हिसार की हैं। अंडर-20 वर्ल्ड चैंपियनशिप में 2 स्वर्ण।
अंशु मलिक (57 किग्रा.): जींद के निडानी की हैं। वर्ल्ड चैंपियनशिप और कॉमनवेल्थ गेम्स में रजत जीते।
निशा दहिया (68 किग्रा.): पानीपत के अदियाना की हैं। राष्ट्रीय चैंपियनशिप में 6 गोल्ड। एशियन चैंपियनशिप में रजत।
रीतिका हुड्डा (76 किग्रा.): रोहतक के खरकड़ा की हैं। वर्ल्ड चैंपियनशिप में स्वर्ण।
अमन सहरावत (57 किग्रा.): झज्जर के बिरोहड़ के हैं। एशियन चैंपियनशिप व जाग्रेब ओपन में गोल्ड। इस बार हमारी महिला शक्ति का जोर
2 महिला बॉक्सर जाएंगी। टोक्यो में 1 ही थी।
कुश्ती में पहली बार 5 महिला पहलवान जाएंगी।
शूटिंग में 4 महिला जाएंगी। पिछली बार 2 थीं।
तीरंदाजी में पहला कोटा महिला ने ही दिलाया। उम्मीदें बड़ी क्यों? देश की 2% आबादी वाले हरियाणा ने 33% कोटा दिलाए कृपाशंकर बिश्नोई ने बताया कि पहली बार कुश्ती में 6 में से 5 और शूटिंग में 4 महिलाएं, तीरंदाजी में भी 1 खिलाड़ी एथलेटिक्स: नीरज चोपड़ा: पेरिस ओलिंपिक के लिए डायरेक्ट क्वालीफाइंग मार्क 85.50 मीटर था। इसे पूरा किया। पेरिस ओलिंपिक में जगह बनाने वाले पहले एथलीट हैं। एथलेटिक्स में ओलिंपिक स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय बने। टोक्यो ओलिंपिक के बाद 5 स्पर्धाओं में स्वर्ण और 2 में रजत पदक जीत चुके हैं। ओलिंपिक कोटा जीतने वाले हरियाणवियों में 65% महिलाएं ओलिंपिक मेडलिस्ट साक्षी मलिक, दो बार की ओलिंपियन विनेश फौगाट जैसी खिलाड़ियों को कोचिंग दे चुका हूं। इस बार ओलिंपिक कोटा जीतने वाले हरियाणवियों में 65% महिलाएं हैं। लड़कियां लक्ष्य को लेकर गंभीर और करियर ओरिएंटेड होती हैं। एक बार लग्न से काम शुरू कर दें तो उस पर खरा उतरती हैं। इसी की बदौलत कुश्ती में पहली बार 6 में से 5 और शू​टिंग में 6 में से 4 महिला हैं। तीरंदाजी में पहला कोटा दिलाने वाली भी महिला है। कुश्ती में इतना लंबा विवाद चला, पर महिला पहलवानों ने खुद पर इसका असर नहीं पड़ने दिया। तकनीक, जोश और सही समय पर तत्काल निर्णय से हरियाणा के खिलाड़ी देश काे गोल्डन तोहफा दे सकते हैं। आज अंतरराष्ट्रीय ओलंपिक दिवस है। खेलों का सबसे बड़ा महाकुंभ ओलिंपिक खेल ठीक 32 दिन बाद 26 जुलाई को पेरिस में शुरू होगा। हरियाणा के अब तक 20 खिलाड़ियों ने व्यक्तिगत स्पर्धाओं में ओलिंपिक कोटा हासिल किया है, जो एक रिकॉर्ड है। इनमें से 13 यानी 65% महिलाएं हैं। पिछली बार हरियाणा के पास 17 व्यक्तिगत कोटा थे। एथलेटिक्स के क्वालिफाइड मैच अभी होने बाकी हैं। ओलंपिक में भारत की 10 खेलों में भागीदारी पक्की हो चुकी है। हरियाणा 7 में अपना दमखम दिखाएगा। पहली बार तीरंदाजी में भी भारत का प्रतिनिधित्व होगा। तीरंदाजी, नौकायन, लॉन टेनिस में भी दिखेगा दम तीरंदाजी: सिरसा की भजन कौर ने एशियन गेम्स में कांस्य, ओलिंपिक क्वालिफायर चैंपियनशिप में स्वर्ण जीता।
नौकायन: करनाल के बलराज पंवार एम1एक्स में 2000 मी. रेस में 7:01.27 मिनट का समय ले तीसरे नंबर पर रहे।
लॉन टेनिस: झज्जर के सुमित नागल ने ऑस्ट्रेलियाई ओपन के दूसरे दौर में जगह बनाई। हीलब्रॉन नेकरकप चैलेंजर स्पर्धा व चेन्नई ओपन का खिताब जीता। बॉक्सिंग: पदकों के लिए 4 खिलाड़ी मारेंगे पंच अमित पंघाल (51 किग्रा.): रोहतक के मायना के हैं। एशियाड, कौमनवैल्थ, एशियन चैंपियनशिप में 1-1 स्वर्ण।
निशांत देव (71 किग्रा.): करनाल के हैं। वर्ल्ड चैम्पियनशिप में कांस्य पदक जीता।
प्रीति पंवार (54 किग्रा.): भिवानी की हैं। एशियन चैंपियनशिप में गाेल्ड।
जैस्मिन लेम्बोरिया (57 किग्रा.): भिवानी की हैं। एशियन चैंपियनशिप व कॉमनवेल्थ गेम्स में कांस्य पदक जीते। कुश्ती: पहली बार महिला पहलवान ज्यादा
विनेश फौगाट (50 किग्रा.): चरखी दादरी के बलाली की हैं। कॉमनवेल्थ में 3, एशियन गेम्स में 1 स्वर्ण जीत चुकीं।
अंतिम पंघाल (53 किग्रा.): हिसार की हैं। अंडर-20 वर्ल्ड चैंपियनशिप में 2 स्वर्ण।
अंशु मलिक (57 किग्रा.): जींद के निडानी की हैं। वर्ल्ड चैंपियनशिप और कॉमनवेल्थ गेम्स में रजत जीते।
निशा दहिया (68 किग्रा.): पानीपत के अदियाना की हैं। राष्ट्रीय चैंपियनशिप में 6 गोल्ड। एशियन चैंपियनशिप में रजत।
रीतिका हुड्डा (76 किग्रा.): रोहतक के खरकड़ा की हैं। वर्ल्ड चैंपियनशिप में स्वर्ण।
अमन सहरावत (57 किग्रा.): झज्जर के बिरोहड़ के हैं। एशियन चैंपियनशिप व जाग्रेब ओपन में गोल्ड। इस बार हमारी महिला शक्ति का जोर
2 महिला बॉक्सर जाएंगी। टोक्यो में 1 ही थी।
कुश्ती में पहली बार 5 महिला पहलवान जाएंगी।
शूटिंग में 4 महिला जाएंगी। पिछली बार 2 थीं।
तीरंदाजी में पहला कोटा महिला ने ही दिलाया। उम्मीदें बड़ी क्यों? देश की 2% आबादी वाले हरियाणा ने 33% कोटा दिलाए कृपाशंकर बिश्नोई ने बताया कि पहली बार कुश्ती में 6 में से 5 और शूटिंग में 4 महिलाएं, तीरंदाजी में भी 1 खिलाड़ी एथलेटिक्स: नीरज चोपड़ा: पेरिस ओलिंपिक के लिए डायरेक्ट क्वालीफाइंग मार्क 85.50 मीटर था। इसे पूरा किया। पेरिस ओलिंपिक में जगह बनाने वाले पहले एथलीट हैं। एथलेटिक्स में ओलिंपिक स्वर्ण पदक जीतने वाले पहले भारतीय बने। टोक्यो ओलिंपिक के बाद 5 स्पर्धाओं में स्वर्ण और 2 में रजत पदक जीत चुके हैं। ओलिंपिक कोटा जीतने वाले हरियाणवियों में 65% महिलाएं ओलिंपिक मेडलिस्ट साक्षी मलिक, दो बार की ओलिंपियन विनेश फौगाट जैसी खिलाड़ियों को कोचिंग दे चुका हूं। इस बार ओलिंपिक कोटा जीतने वाले हरियाणवियों में 65% महिलाएं हैं। लड़कियां लक्ष्य को लेकर गंभीर और करियर ओरिएंटेड होती हैं। एक बार लग्न से काम शुरू कर दें तो उस पर खरा उतरती हैं। इसी की बदौलत कुश्ती में पहली बार 6 में से 5 और शू​टिंग में 6 में से 4 महिला हैं। तीरंदाजी में पहला कोटा दिलाने वाली भी महिला है। कुश्ती में इतना लंबा विवाद चला, पर महिला पहलवानों ने खुद पर इसका असर नहीं पड़ने दिया। तकनीक, जोश और सही समय पर तत्काल निर्णय से हरियाणा के खिलाड़ी देश काे गोल्डन तोहफा दे सकते हैं।   हरियाणा | दैनिक भास्कर