संभल जामा मस्जिद का सर्वे फिर होगा:मुस्लिम पक्ष की याचिका खारिज; हाईकोर्ट ने कहा-जो भी कार्रवाई हुई, वह सही यूपी में संभल की विवादित जामा मस्जिद का सर्वे का मुकदमा शुरू चलेगा। इलाहाबाद हाईकोर्ट ने मस्जिद कमेटी की उस सिविल रिवीजन याचिका को खारिज कर दिया, जिसमें सर्वे पर रोक लगाने की मांग की थी। सोमवार को जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल ने यह आदेश दिया। कोर्ट ने कहा- हिंदू पक्ष की ओर से दाखिल केस सुनने योग्य हैं। अब तक इस मामले में जो भी कार्रवाई हुई है, वह सही है। हम कमीशन की जांच में हस्तक्षेप नहीं करेंगे। कमीशन जांच और दाखिल वाद पहले की तरह जारी रहेगा। दरअसल, संभल में लोअर कोर्ट (दीवानी अदालत) ने जामा मस्जिद के सर्वे का आदेश दिया था। 19 नवंबर 2024 को पहली बार भारतीय पुरातत्व विभाग (ASI) ने सर्वे किया। दूसरी बार 5 दिन बाद 24 नवंबर को दोबारा सर्वे के लिए ASI की टीम पहुंची थी। इस दौरान हिंसा भड़क गई थी। इसमें 4 लोगों की मौत हुई थी। इसके बाद 8 जनवरी 2025 को हाईकोर्ट ने अंतरिम आदेश देते हुए सर्वे पर रोक लगा दी थी। साथ ही सभी पक्ष से जवाब मांगा था। इसके बाद मस्जिद की इंतजामिया कमेटी ने हाईकोर्ट में सिविल रिवीजन याचिका दाखिल की। इसमें सर्वे पर रोक की मांग की थी। इस याचिका पर 13 मई को बहस पूरी होने के बाद हाईकोर्ट ने अपना फैसला रिजर्व रख लिया था। 24 नवंबर को सर्वे के दौरान हिंसा में 4 की हुई थी मौत
जामा मस्जिद को लेकर हिंदू पक्ष का दावा है कि ये पहले हरिहर मंदिर था, जिसे बाबर ने 1529 में तुड़वाकर मस्जिद बनवा दिया। इसे लेकर 19 नवंबर, 2024 को संभल कोर्ट में याचिका दायर हुई। उसी दिन यानी 19 नवंबर को सिविल जज सीनियर डिवीजन आदित्य सिंह ने मस्जिद के अंदर सर्वे करने का आदेश दिया। कोर्ट ने रमेश सिंह राघव को एडवोकेट कमिश्नर नियुक्त किया। उसी दिन शाम 4 बजे सर्वे के लिए टीम मस्जिद पहुंच गई। 2 घंटे सर्वे किया। हालांकि, उस दिन सर्वे पूरा नहीं हुआ। इसके बाद 24 नवंबर को सर्वे की टीम जामा मस्जिद पहुंची। मस्जिद के अंदर सर्वे हो रहा था। इसी दौरान भारी संख्या में लोग जुट गए। भीड़ ने पुलिस की टीम पर पत्थर फेंके। इसके बाद हिंसा भड़क गई। इसमें गोली लगने से 4 लोगों की मौत हो गई। 2 जनवरी, 2025 को दाखिल हुई थी सर्वे रिपोर्ट
संभल में शाही जामा मस्जिद की 45 पन्नों की सर्वे रिपोर्ट चंदौसी कोर्ट में 2 जनवरी 2025 को दाखिल कर दी गई थी। 4.5 घंटे की वीडियोग्राफी और 1200 से अधिक फोटो भी अदालत को दिए गए। इसमें दावा किया गया कि जामा मस्जिद में मंदिर होने के सबूत मिले हैं। मस्जिद में 50 से ज्यादा फूल, निशान और कलाकृतियां मिली हैं। अंदर 2 वट वृक्ष हैं। हिंदू धर्म में वट वृक्ष की पूजा की जाती है। एक कुआं है, उसका आधा हिस्सा मस्जिद के अंदर और आधा हिस्सा बाहर है। बाहर वाले हिस्से को ढंक दिया गया है। पुराने ढांचे को बदला गया है। जिन जगहों पर पुराने ढांचे हैं, वहां नए निर्माण के सबूत मिले हैं। मंदिर वाले स्ट्रक्चर जैसे- दरवाजे, झरोखों और अलंकृत दीवारों पर प्लास्टर लगाकर पेंट कर दिया गया है। मस्जिद के भीतर जहां बड़ा गुंबद है, उस पर झूमर को तार से बांधकर एक चेन से लटकाया गया है। ऐसी चेन का इस्तेमाल मंदिरों में घंटों को लटकाने में किया जाता है। 25 फरवरी 2025 को रंगाई-पुताई को लेकर हाईकोर्ट में दाखिल हुई थी याचिका 25 फरवरी 2025 को जामा मस्जिद कमेटी के वकील जाहिर असगर ने मस्जिद की रंगाई-पुताई के लिए हाईकोर्ट में याचिका दाखिल की। कहा- हम लोग हर साल रमजान से पहले मस्जिद की रंगाई-पुताई करते हैं, लेकिन इस बार प्रशासन अनुमति नहीं दे रहा है। हिंदू पक्ष रंगाई-पुताई का विरोध कर रहा था। हिंदू पक्ष का कहना था- रंगाई-पुताई से मंदिर के साक्ष्य मिटाए जा सकते हैं, इसलिए परमिशन न दी जाए। 27 फरवरी 2025 को हाईकोर्ट में पहली बार इस मामले पर सुनवाई हुई। कोर्ट ने 3 सदस्यीय कमेटी गठित की थी। इसमें मस्जिद के मुतल्लवी और भारतीय पुरातत्व विभाग (ASI) को भी शामिल किया था। कोर्ट ने कमेटी को निर्देश दिया था कि 24 घंटे के अंदर कमेटी मस्जिद का निरीक्षण करके अपनी रिपोर्ट दे। 28 फरवरी को टीम ने जामा मस्जिद पहुंचकर रिपोर्ट तैयार की थी
28 फरवरी 2025 को तीन सदस्यीय टीम संभल की शाही जामा मस्जिद पहुंची। टीम ने यहां डेढ़ घंटे रहकर अपनी रिपोर्ट तैयार की। इस दौरान साथ में मुस्लिम पक्ष के वकील जफर अली भी थे। ये 3 बातें निकलकर सामने आई थीं। 1. मस्जिद के अंदरूनी हिस्से को गोल्डन, लाल, हरे और पीले जैसे तेज रंगों के साथ मोटी परतों में पेंट किया गया है, जो स्मारक की मूल सतह को छिपा रहा था। आधुनिक एनामल पेंट अब भी अच्छी स्थिति में है। 2. एंट्री गेट के साथ प्रार्थना हॉल के पीछे और उत्तर की ओर स्थित कमरों की हालत कुछ खराब है। गेट का लिंटर खराब हो गया है, जिसे बदलने की आवश्यकता है। 3. कमरे खस्ता हालत में हैं, खासकर वो छत जो लकड़ी के छप्पर से बनी है। 4 मार्च को हाईकोर्ट ने मस्जिद को विवादित ढांचा लिखवाया था
हाईकोर्ट में 4 मार्च 2025 को फिर से सुनवाई हुई। इस दौरान कोर्ट ने संभल की शाही जामा मस्जिद को विवादित ढांचा लिखवाया। कोर्ट मेंं हिंदू पक्ष के वकील हरिशंकर जैन ने कहा था- ये (मुस्लिम पक्ष) मस्जिद कहेंगे तो हम मंदिर कहेंगे, राम मंदिर के केस में भी उसे (बाबरी मस्जिद) विवादित ढांचा ही कहा जाता था। इसके बाद जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल ने कहा था- हम देखते हैं। इसके बाद उन्होंने 10 मार्च को सुनवाई की डेट दी थी, लेकिन 10 मार्च को सुनवाई नहीं हो सकी 12 मार्च को रंगाई-पुताई का आदेश दिया
संभल की जामा मस्जिद में इलाहाबाद हाईकोर्ट ने 12 मार्च को रंगाई-पुताई की मंजूरी दे दी थी। कोर्ट ने कहा था- मस्जिद कमेटी मस्जिद की बाहरी दीवारों में ही रंगाई-पुताई करवा सकती है। रमजान के दौरान मस्जिद में लाइटिंग भी करवा सकती है, लेकिन इस दौरान ढांचे को किसी भी तरह का नुकसान नहीं पहुंचाया जाना चाहिए। 16 मार्च को रंगाई-पुताई शुरू हुई
16 मार्च 2025 को जामा मस्जिद की रंगाई-पुताई का काम शुरू हुआ। ASI की निगरानी में सुबह 9 बजे 10 मजदूरों को लगाया गया। पहले मस्जिद की बाहरी दीवारों की साफ-सफाई हुई, फिर रंगाई शुरू हुई। भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (ASI) टीम के साथ मौके पर भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात रही। ……………. ये खबर भी पढ़िए- हत्या कर 4 करोड़ का कॉपर लूटने वाला एनकाउंटर में ढेर:कौशांबी पुलिस ने 3 गोलियां मारीं, SHO की बुलेटप्रूफ जैकेट से बची जान कौशांबी में ट्रेलर ड्राइवर की हत्या कर 4 करोड़ का कॉपर लूटने वाले संतोष उर्फ राजू को पुलिस ने एनकाउंटर में ढेर कर दिया। पुलिस को सूचना मिली थी कि 5 लोग कॉपर बेचने की तैयारी में हैं। पुलिस ने घेराबंदी कर कार सवार संतोष समेत 5 लोगों को गिरफ्तार कर लिया। पढ़ें पूरी खबर