कांग्रेस आलाकमान आज दिल्ली में हरियाणा के नेताओं के साथ बड़ी बैठक करेगा। इस बैठक में हरियाणा के 30 नेता शामिल होंगे। बैठक की अध्यक्षता राहुल गांधी और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे करेंगे। इस बैठक में हरियाणा के प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया लोकसभा चुनाव को लेकर तैयार की गई रिपोर्ट आलाकमान के सामने रखेंगे। इस बैठक में 10 लोकसभा क्षेत्रों के प्रत्याशी, सांसद, 3 बार के विधायक, 3 बार के पूर्व विधायक, कांग्रेस प्रदेश सचिव समेत कुल 30 नेताओं को बुलाया गया है। खड़गे और राहुल इस बैठक में कांग्रेस नेताओं को एकजुटता का संदेश देंगे। बैठक का फोकस पार्टी में गुटबाजी को दूर करना होगा। इसमें सबकी नजर भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कुमारी सैलजा पर है। लोकसभा चुनाव में भीतरघातियों पर रिपोर्ट तैयार कल कांग्रेस प्रदेश प्रभारी ने हरियाणा के लोकसभा प्रत्याशियों के साथ चर्चा की। इस चर्चा में लोकसभा चुनाव को लेकर फीडबैक दिया गया। इस फीडबैक में सबसे ज्यादा निगेटिव रिपोर्ट भिवानी-महेंद्रगढ़, करनाल और हिसार को लेकर है। भले ही हिसार में कांग्रेस प्रत्याशी जीत गया हो, लेकिन भीतरघात पर कांग्रेस सख्त फैसला ले सकती है। पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव में उनके टिकट काट सकती है। इसके अलावा प्रत्याशियों के चयन से लेकर पांच हारी हुई लोकसभा में जीत दर्ज करने तक पार्टी की क्या कमियां रहीं, इस पर भी चर्चा हो सकती है। हुड्डा और शैलजा रख सकते हैं अपने विचार इस बैठक में सबकी नजर हुड्डा और शैलजा पर है। दोनों हाईकमान के सामने अपनी रिपोर्ट भी पेश करेंगे। शैलजा हुड्डा खेमे पर कमजोर प्रत्याशी उतारने, लोकसभा चुनाव की रणनीति में उनकी अनदेखी करने, प्रदेश प्रभारी और प्रदेश अध्यक्ष पर पक्षपात करने और आगामी विधानसभा चुनाव में मजबूत प्रत्याशियों के चयन प्रक्रिया में उन्हें शामिल करने जैसी बातें सामने रख सकती हैं। भूपेंद्र हुड्डा हाईकमान के सामने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली बढ़त, कांग्रेस का बढ़ा वोट प्रतिशत और हरियाणा में आगामी विधानसभा चुनाव में खुली छूट मिलने पर सरकार बनाने का मुद्दा रख सकते हैं। बैठक में न बुलाए जाने की खबरों के बीच बीरेंद्र सिंह दिल्ली पहुंचे माना जा रहा है कि हरियाणा के जिन 30 संभावित नेताओं को बैठक में बुलाया गया है, उनमें पूर्व कैबिनेट मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह भी शामिल हैं। पहले जानकारी आ रही थी कि बीरेंद्र सिंह को दिल्ली नहीं बुलाया गया है। हालांकि अब बिरेंद्र सिंह भी दिल्ली पहुंचे हैं। कांग्रेस आलाकमान आज दिल्ली में हरियाणा के नेताओं के साथ बड़ी बैठक करेगा। इस बैठक में हरियाणा के 30 नेता शामिल होंगे। बैठक की अध्यक्षता राहुल गांधी और कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खड़गे करेंगे। इस बैठक में हरियाणा के प्रदेश प्रभारी दीपक बाबरिया लोकसभा चुनाव को लेकर तैयार की गई रिपोर्ट आलाकमान के सामने रखेंगे। इस बैठक में 10 लोकसभा क्षेत्रों के प्रत्याशी, सांसद, 3 बार के विधायक, 3 बार के पूर्व विधायक, कांग्रेस प्रदेश सचिव समेत कुल 30 नेताओं को बुलाया गया है। खड़गे और राहुल इस बैठक में कांग्रेस नेताओं को एकजुटता का संदेश देंगे। बैठक का फोकस पार्टी में गुटबाजी को दूर करना होगा। इसमें सबकी नजर भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कुमारी सैलजा पर है। लोकसभा चुनाव में भीतरघातियों पर रिपोर्ट तैयार कल कांग्रेस प्रदेश प्रभारी ने हरियाणा के लोकसभा प्रत्याशियों के साथ चर्चा की। इस चर्चा में लोकसभा चुनाव को लेकर फीडबैक दिया गया। इस फीडबैक में सबसे ज्यादा निगेटिव रिपोर्ट भिवानी-महेंद्रगढ़, करनाल और हिसार को लेकर है। भले ही हिसार में कांग्रेस प्रत्याशी जीत गया हो, लेकिन भीतरघात पर कांग्रेस सख्त फैसला ले सकती है। पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव में उनके टिकट काट सकती है। इसके अलावा प्रत्याशियों के चयन से लेकर पांच हारी हुई लोकसभा में जीत दर्ज करने तक पार्टी की क्या कमियां रहीं, इस पर भी चर्चा हो सकती है। हुड्डा और शैलजा रख सकते हैं अपने विचार इस बैठक में सबकी नजर हुड्डा और शैलजा पर है। दोनों हाईकमान के सामने अपनी रिपोर्ट भी पेश करेंगे। शैलजा हुड्डा खेमे पर कमजोर प्रत्याशी उतारने, लोकसभा चुनाव की रणनीति में उनकी अनदेखी करने, प्रदेश प्रभारी और प्रदेश अध्यक्ष पर पक्षपात करने और आगामी विधानसभा चुनाव में मजबूत प्रत्याशियों के चयन प्रक्रिया में उन्हें शामिल करने जैसी बातें सामने रख सकती हैं। भूपेंद्र हुड्डा हाईकमान के सामने लोकसभा चुनाव में कांग्रेस को मिली बढ़त, कांग्रेस का बढ़ा वोट प्रतिशत और हरियाणा में आगामी विधानसभा चुनाव में खुली छूट मिलने पर सरकार बनाने का मुद्दा रख सकते हैं। बैठक में न बुलाए जाने की खबरों के बीच बीरेंद्र सिंह दिल्ली पहुंचे माना जा रहा है कि हरियाणा के जिन 30 संभावित नेताओं को बैठक में बुलाया गया है, उनमें पूर्व कैबिनेट मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह भी शामिल हैं। पहले जानकारी आ रही थी कि बीरेंद्र सिंह को दिल्ली नहीं बुलाया गया है। हालांकि अब बिरेंद्र सिंह भी दिल्ली पहुंचे हैं। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा के गांव में घुसे 2 मगरमच्छ:गोताखोरों ने 6 घंटे में दोनों रेस्क्यू किए, ग्रामीणों ने ड्रेन में देखे थे
हरियाणा के गांव में घुसे 2 मगरमच्छ:गोताखोरों ने 6 घंटे में दोनों रेस्क्यू किए, ग्रामीणों ने ड्रेन में देखे थे हरियाणा में कुरुक्षेत्र के एक गांव में 2 मगरमच्छ घुस गए। उन्हें रेस्क्यू करने के लिए करीब 6 तक ऑपरेशन चला। गोताखोरों की टीम ने उन्हें रात 10 बजे पकड़ा। दोनों मगरमच्छों को रेस्क्यू करने के बाद वाइल्ड लाइफ की टीम को सौंप दिया गया। जिसके बाद टीम दोनों को क्रोकोडाइल ब्रीडिंग सेंटर पर लेकर पहुंची। बताया जा रहा है कि नहर की दूसरी तरफ से मगरमच्छ एक ड्रेन में आ गए थे। इस ड्रेन के नजदीक एक डेरा भी लगता है। ग्रामीणों ने ड्रेन में देखे 2 मगरमच्छ
जानकारी के मुताबिक मुस्तापुर गांव में लोगों ने 2 मगरमच्छ ड्रेन में देखे। मगरमच्छ होने की सूचना के बाद ग्रामीणों में हड़कंप मच गया था। इसके बाद सोमवार शाम को उन्होंने वाइल्ड लाइफ डिपार्टमेंट और गोताखोर प्रगट सिंह को सूचना दी। गोताखोर प्रगट सिंह ने बताया कि उन्हें ग्रामीणों ने मगरमच्छों की वीडियो भी भेजी थी। जिसके बाद वह टीम के साथ गांव में पहुंचे। अब देखिए मगरमच्छों के रेस्क्यू की PHOTOS… अपने खर्च पर लगाए पंप
प्रगट सिंह के मुताबिक ड्रेन में काफी ज्यादा पानी था। पानी निकाले बिना दोनों मगरमच्छों को ढूंढ पाना मुश्किल था। स्थिति को समझते हुए अपने खर्चे पर दो वाटर जैट पंप मंगवाए और ड्रेन को खाली करने के लिए लगाए। पंप के जरिए पानी बाहर निकाला गया। जिससे मगरमच्छों को ढूंढने में आसानी हुई। ज्यादा बड़े नहीं थे मगरमच्छ
गोताखोर प्रगट सिंह ने बताया कि मगरमच्छ छोटे ही थे, लेकिन खतरा उनसे भी बना हुआ था। 4 बजे सर्च एंड रेस्क्यू ऑपरेशन पूरी टीम द्वारा शुरू किया गया। एक मगरमच्छ को 5 घंटे में और दूसरे को 6 घंटे में पकड़ा गया है। वाइल्ड लाइफ ने लिया दोनों को कब्जे में
वाइल्ड लाइफ डिपार्टमेंट के अधिकारी सुभाष भी अपनी टीम के साथ मौके पर पहुंच गए थे। जिन्होंने दोनों मगरमच्छों को अपने कब्जे में ले लिया। पंप के जरिए पानी पहले बाहर निकाला गया था और उसके बाद दोनों मगरमच्छों को काबू कर लिया गया। अब इन्हें सेंटर लेकर जाया जाएगा।
नीरज चोपड़ा का फाइनल मैच आज:पिता बोले- सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं, मां ने कहा- उम्मीद तो गोल्ड की है, बाकी किस्मत
नीरज चोपड़ा का फाइनल मैच आज:पिता बोले- सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं, मां ने कहा- उम्मीद तो गोल्ड की है, बाकी किस्मत हरियाणा के गोल्डन बॉय नीरज चोपड़ा का आज पेरिस ओलिंपिक में फाइनल मुकाबला है। देर रात 11:55 बजे मैच शुरू होगा। देश को इस बार भी उनसे गोल्ड मेडल की उम्मीद है। 6 अगस्त को नीरज चोपड़ा जेवलिन थ्रो इवेंट के फाइनल में पहुंचे थे। उन्हें ग्रुप-B में रखा गया था, जहां उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में 89.34 मीटर दूर भाला फेंक कर फाइनल के लिए क्वालीफाई कर लिया। फाइनल में उनका मुकाबला ग्रेनेडा के एंडरसन पीटर्स, जर्मनी के जूलियन वेबर और पाकिस्तान के अरशद नदीम से होगा। इस खिलाड़ियों ने भी क्वालिफायर में भाला फेंक कर 85 मीटर के आसपास की दूरी तय की थी। पिता बोले- हम मैच को लेकर बहुत उत्साहित हैं
नीरज के पिता सतीश चोपड़ा ने कहा कि हम लोग बहुत उत्साहित हैं। हम रात के 11:55 बजे का इंतजार कर रहे हैं। पूरा गांव इंतजार कर रहा है। जैसे ही 11:55 बजेंगे, वैसे ही नीरज देशवासियों की उम्मीद पर खरा उतरने की कोशिश में मैदान में उतरेगा। नीरज पूरी जी जान लगा देगा। मैच के लिए सभी तैयारियां की जा चुकी हैं। गली में बड़ी LED स्क्रीन लगाई जाएगी। कुर्सियां मंगवा ली गई हैं। मां ने कहा- मेहनत पूरी कर रहा है बच्चा
वहीं, मां सरोज देवी ने कहा कि तैयारियां बहुत अच्छी हैं। मेहनत पूरी कर रहा है बच्चा। उम्मीद तो गोल्ड की है। बाकी किस्मत देखते हैं क्या दिलवाएगी। घर में माहौल बहुत अच्छा है। सब अच्छा चल रहा है। इस सीजन का बेस्ट थ्रो किया नीरज ने
नीरज चोपड़ा का इस सीजन का बेस्ट थ्रो 88.36 मीटर था, जो उन्होंने दोहा डायमंड लीग 2024 में बनाया था। यानी पेरिस ओलिंपिक्स 2024 के क्लासिफिकेशन राउंड में 89.34 मीटर की दूरी तय कर उन्होंने इस सीजन के बेस्ट थ्रो को बेहतर कर लिया है। क्लासिफिकेशन राउंड में दूसरे भारतीय एथलीट किशोर जेना की बात करें तो उनका बेस्ट थ्रो 80.73 मीटर का रहा, लेकिन यह उन्हें फाइनल में ले जाने के लिए नाकाफी साबित हुआ। बचपन में नीरज को मोटापे को लेकर चिढ़ाया जाता था
नीरज चोपड़ा का जन्म 24 दिसंबर 1997 को हरियाणा में पानीपत जिले के खंडरा गांव में हुआ। उन्होंने चंडीगढ़ के दयानंद एंग्लो वैदिक कॉलेज से ग्रेजुएशन की है। बचपन में नीरज को मोटापे को लेकर चिढ़ाया जाता था। जिसके बाद उनके पिता ने उन्हें मतलौडा और बाद में पानीपत के एक जिम में भेजना शुरू किया। भाला फेंक खिलाड़ी जयवीर चौधरी ने पानीपत खेल प्राधिकरण में आने के दौरान उनकी प्रतिभा को पहचाना। इसके बाद जयवीर, नीरज के पहले कोच बने। उसके बाद नीरज का दाखिला पंचकूला के ताऊ देवी लाल स्पोर्ट्स कॉम्प्लेक्स में हुआ, जहां उन्हें नसीम अहमद ने ट्रेनिंग दी। उनसे उन्होंने लंबी दौड़ और भाला फेंकना सीखा। उन्होंने 55 मीटर की थ्रो रेंज हासिल की, लेकिन जब वे लखनऊ की 2012 की जूनियर चैंपियनशिप में हिस्सा लेने गए, तो उन्होंने 68.40 मीटर का रिकॉर्ड बनाया। इसके बाद नीरज ने कभी पीछे मुड़कर नहीं देखा। दक्षिण एशियाई खेलों में नीरज के प्रदर्शन से प्रभावित होकर भारतीय सेना ने उन्हें राजपूताना राइफल्स में जूनियर कमीशंड ऑफिसर के पद का ऑफर दिया। उन्हें नायब सूबेदार का पद दिया गया, जो एथलीटों के लिए आसानी से उपलब्ध होने वाला पद नहीं है। उन्हें 2016 में औपचारिक रूप से जेसीओ के रूप में शामिल किया गया और ट्रेनिंग के लिए छुट्टी दी गई।
रेवाड़ी में गलियों-मकानों के नंबर होंगे आवंटित:वित्त समिति की मीटिंग के बाद होगा सर्वे, सदन की बैठक में उठा था मुद्दा
रेवाड़ी में गलियों-मकानों के नंबर होंगे आवंटित:वित्त समिति की मीटिंग के बाद होगा सर्वे, सदन की बैठक में उठा था मुद्दा हरियाणा के रेवाड़ी शहर की कॉलोनियों में स्थित गलियों और मकानों को जल्द ही पहचान मिलेगी। नगर परिषद ने गलियों और मकानों को नंबर आवंटित करने की योजना बनाई है। इसके लिए जल्द ही वित्त समिति की बैठक होगी और उसके बाद सर्वे का काम होगा। 20 से ज्यादा ऐसी कॉलोनियां हैं, जिनमें गलियों और मकानों की पहचान नहीं हो पाई है। जिसके कारण पूरा पता निर्धारित नहीं हो पाया है। नगर परिषद ने अब इन्हें पहचान दिलाने की प्रक्रिया शुरू कर दी है। पिछले दिनों हुई हाउस मीटिंग में यह प्रस्ताव पास हो चुका है। अब वित्त समिति की बैठक का इंतजार है। नगर परिषद के अधिकारियों का कहना है कि मीटिंग के बाद गायब गलियों और मकानों का सर्वे करवाया जाएगा। शहर की यह अहम जरूरत बड़ी समस्या बनी हुई है। गलियों और मकानों पर नंबर न होने के कारण कई बार पुलिस भी पता नहीं ढूंढ पाती है। कई कॉलोनियों की हालत तो ऐसी है कि लोगों के नौकरी से जुड़े कॉल लेटर जैसे जरूरी दस्तावेज भी समय पर नहीं पहुंच पाते या बड़ी मुश्किल से पहुंचते हैं। कई वर्षों बाद गंभीरता से हो रहा विचार वर्षों बाद नगर परिषद हाउस ने इस पर गंभीरता से विचार किया है। कभी भी पार्षदों द्वारा पूरे शहर के लिए यह प्रस्ताव भी नहीं लाया गया। हाल ही में हुई सदन की बैठक में पहली बार पूरे शहर की कॉलोनियों के इस मुद्दे को लेकर चर्चा हुई थी। शहर में 31 वार्ड हैं। इन वार्डों में दर्जन भर से अधिक ऐसी कॉलोनियां हैं जो 20 वर्ष या फिर इसे भी अधिक समय से वैध हो चुकी हैं। सरकार इनमें सुविधाएं मुहैया करा चुकी है। इनमें सीवरेज और पानी जैसी सहूलियत शामिल हैं। हैरानी की बात यह है कि इन पूरी तरह से विकसित हो चुकी कॉलोनियों में गलियों की भी कोई पहचान नहीं है। हाउस नंबर तो दूर की बात है। इन कॉलोनी में कुतुबपुर, उत्तम नगर, हंस नगर, विजय नगर, आजाद नगर, मधु विहार और शिव नगर जैसे बड़े एरिया भी शामिल हैं। पुलिस और डाकिये भी आसानी से नहीं ढूंढ पाते पते गलियों के नंबर नहीं होने से पुलिस और डाकियों को संबंधित व्यक्ति का घर तलाशने में परेशानी होती है। पुलिसकर्मी मोहल्ले में घुसकर घरों के दरवाजे खटखटा कर संबंधित व्यक्ति के नाम से ही मकान ढूंढते रहते हैं। बाहरी कॉलोनी में दस्तावेज आने पर डाकिये भी बहुत बार समय से तथा सही पते पर डाक नहीं पहुंच पाते। बहुत बार डाक को वापस भी भेज दिया जाता है। हाउस की बैठक में उठा था मुद्दा कुछ दिन पूर्व पीडब्ल्यूडी रेस्ट हाउस में हुई नगर परिषद हाउस की बैठक में पहली बार पूरे शहर की कॉलोनी की गलियों के नंबर देने का मुद्दा उठा। वार्ड 5 के पार्षद एडवोकेट लोकेश यादव ने यह समस्या उठाते हुए कहा कि वर्षों से बसी हुई कॉलोनी में भी लोगों को मकान ढूंढ़ने में समस्या झेलनी पड़ती है। इसलिए नंबर दिए जाने चाहिए। विधायक लक्ष्मण यादव और चेयरपर्सन पूनम यादव की मौजूदगी में हाउस ने इसका समर्थन किया और प्रस्ताव पास किया। अंतिम रूपरेखा फाइनेंस कमेटी की बैठक में होगी: ईओ नगर परिषद के ईओ संदीप मलिक ने बताया कि शहर में कॉलोनियों की गलियों व घरों को नंबर देने को लेकर हाउस की बैठक में प्रस्ताव लाया गया था। पार्षदों की सहमति के बाद उसे पास भी किया जा चुका है। अब इसकी अंतिम रूपरेखा फाइनेंस कमेटी की बैठक में पास होगी। इसके बाद सर्वे कराकर इस दिशा में प्रक्रिया आगे बढ़ाएंगे।