आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा ने बयान जारी कर कहा कि हरियाणा में अपराध लगातार बढ़ रहे हैं। बढ़ते अपराध से साफ है कि भाजपा सरकार ने प्रदेश को जंगलराज की ओर धकेल दिया है। यहां आए दिन आपराधिक घटनाएं हो रही हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा ने हरियाणा में कानून व्यवस्था को चौपट कर दिया है। पुलिस जनता की बजाय भाजपा नेताओं की सुरक्षा में तैनात है। भाजपा के विधानसभा चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान जब रोहतक आए तो उनकी सुरक्षा में 5 जिलों की पुलिस लगा दी गई। मुख्यमंत्री की सुरक्षा में भी कई जिलों की पुलिस लगाई जा रही है। जबकि आम लोगों की सुरक्षा के लिए कोई पुलिस नहीं है। ऐसे में जनता की सुरक्षा के लिए पुलिस कब धरातल पर आएगी। CM आते हैं तो AAP नेताओं को गैर कानूनी तरीके से किया जाता है गिरफ्तार अनुराग ढांडा ने कहा कि मुख्यमंत्री आते हैं तो गैर-कानूनी तरीके से आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया जाता है। बीजेपी सरकार ने सारी पुलिस और जांच एजेंसियां आम आदमी पार्टी के पीछे लगाई। उन्होंने कहा कि भाजपा ने साढ़े 9 साल के शासन में जो जंगलराज किया है उसका जवाब जनता विधानसभा चुनाव में देगी। आम आदमी पार्टी (आप) के वरिष्ठ उपाध्यक्ष अनुराग ढांडा ने बयान जारी कर कहा कि हरियाणा में अपराध लगातार बढ़ रहे हैं। बढ़ते अपराध से साफ है कि भाजपा सरकार ने प्रदेश को जंगलराज की ओर धकेल दिया है। यहां आए दिन आपराधिक घटनाएं हो रही हैं। उन्होंने कहा कि भाजपा ने हरियाणा में कानून व्यवस्था को चौपट कर दिया है। पुलिस जनता की बजाय भाजपा नेताओं की सुरक्षा में तैनात है। भाजपा के विधानसभा चुनाव प्रभारी धर्मेंद्र प्रधान जब रोहतक आए तो उनकी सुरक्षा में 5 जिलों की पुलिस लगा दी गई। मुख्यमंत्री की सुरक्षा में भी कई जिलों की पुलिस लगाई जा रही है। जबकि आम लोगों की सुरक्षा के लिए कोई पुलिस नहीं है। ऐसे में जनता की सुरक्षा के लिए पुलिस कब धरातल पर आएगी। CM आते हैं तो AAP नेताओं को गैर कानूनी तरीके से किया जाता है गिरफ्तार अनुराग ढांडा ने कहा कि मुख्यमंत्री आते हैं तो गैर-कानूनी तरीके से आम आदमी पार्टी के कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार किया जाता है। बीजेपी सरकार ने सारी पुलिस और जांच एजेंसियां आम आदमी पार्टी के पीछे लगाई। उन्होंने कहा कि भाजपा ने साढ़े 9 साल के शासन में जो जंगलराज किया है उसका जवाब जनता विधानसभा चुनाव में देगी। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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सोनीपत में पेंशन वेरिफिकेशन का काम स्थगित:पेंशन कटौती की अफवाह से बढ़ी भीड़, नगर आयुक्त को भेजा पत्र, वार्ड कैंप निरस्त
सोनीपत में पेंशन वेरिफिकेशन का काम स्थगित:पेंशन कटौती की अफवाह से बढ़ी भीड़, नगर आयुक्त को भेजा पत्र, वार्ड कैंप निरस्त हरियाणा के सोनीपत में वृद्धावस्था पेंशन व अन्य पेंशनधारकों के लिए चल रहे सत्यापन शिविर पर प्रशासन ने तत्काल प्रभाव से अगले आदेश तक रोक लगा दी है। सोनीपत में जिला समाज कल्याण अधिकारी ने मंगलवार को नगर निगम आयुक्त को पत्र लिखकर 15 से 28 जनवरी तक लगने वाले सभी सत्यापन शिविरों सत्यापन रोकने की जानकारी दी। पिछले दो सप्ताह से सत्यापन केंद्रों पर वृद्धावस्था, विधवा व अन्य श्रेणी के पेंशनधारकों की भारी भीड़ उमड़ रही थी। इस स्थिति को देखते हुए स्थानीय भाजपा विधायक निखिल मदान ने भी नगर निगम का दौरा कर लोगों की समस्याओं का जायजा लिया। व्यवस्था को सुचारू बनाने और पेंशनधारकों को असुविधा से बचाने के लिए प्रशासन ने यह निर्णय लिया है। ये तिथियां पहले ही तय कर दी गई थीं वार्ड 01 व 02 के लिए 15 जनवरी, वार्ड 03 व 04 के लिए 16 जनवरी, वार्ड 05 व 06 के लिए 17 जनवरी, वार्ड 07 व 08 के लिए 21 जनवरी, वार्ड 09 व 10 के लिए 22 जनवरी, वार्ड 11 व 12 के लिए 23 जनवरी, वार्ड 13 व 14 के लिए 24 जनवरी, वार्ड 15 व 16 के लिए 27 जनवरी, वार्ड 17 व 18 के लिए 28 जनवरी अतिरिक्त उपायुक्त कार्यालय स्थित अंत्योदय भवन में 29 जनवरी को वार्ड 19 व 20 के लिए शिविर लगाए जाने थे, लेकिन अब जिला प्रशासन ने आगामी आदेशों तक सभी पेंशन सत्यापन कार्य रोक दिए हैं। ठंड में बच्चों, बुजुर्गों और दिव्यांगों को हुई परेशानी पेंशन सत्यापन की जानकारी मिलते ही सुबह से ही हाड़ कंपा देने वाली ठंड में बुजुर्गों और अन्य पेंशनधारकों की लंबी कतार लग गई। बैठने की व्यवस्था न होने से लोग काफी दुखी दिखे। अधिकांश लोग घंटों भूखे-प्यासे बैठकर अपनी बारी का इंतजार करते रहे। लेकिन अब जब लोगों ने अपनी व्यवस्था में सुधार की मांग उठाई तो वार्डवार सत्यापन की बात सामने आई। हाईकोर्ट में सिविल रिट याचिका दायर सोनीपत के उपायुक्त मनोज यादव ने बताया कि वर्ष 2018 में हाईकोर्ट में सिविल रिट याचिका संख्या 2324 दायर की गई थी। इसके चलते पेंशन सत्यापन का कार्य लगातार शुरू हुआ। जिला उपायुक्त ने बताया कि लोग नगर निगम में अपने आयु आधारित दस्तावेज जैसे वोटर कार्ड, स्कूल में अध्ययनरत होने का प्रमाण पत्र आदि का सत्यापन करा सकते हैं। दस्तावेजों के आधार पर बुजुर्ग, दिव्यांग व विधवा महिलाओं व अन्य लोगों के सत्यापन का कार्य चल रहा है। दिव्यांग लोगों के लिए दिव्यांगता प्रमाण पत्र अनिवार्य कर दिया गया है। पेंशन कटने की अफवाह ने बढ़ा दी भीड़ सभी पेंशनधारियों की पेंशन वेरिफिकेशन अनिवार्य किए जाने के बाद यह भी अफवाह फैल गई कि, वेरिफिकेशन नहीं हुआ तो पेंशन कट जाएगी। इसीलिए पेंशन वेरिफिकेशन की पहले दिन ही नगर निगम कार्यालय में 700 से ज्यादा लोग एकत्रित हो गए। जिसके चलते बेकाबू भीड़ ने नगर निगम का शीशा भी तोड़ दिया था। पेंशन वेरिफिकेशन के तीन मौके पेंशन लाभार्थियों की पेंशन वेरिफिकेशन को लेकर तीन मौके दिए गए हैं और तीन मौके से पहले किसी की भी कोई पेंशन नहीं काटी जाएगी। उसके बाद पेंशन अंतरिम रोक लगाई जाएगी, लेकिन पेंशन नहीं काटी जाएगी। जिले में 2 लाख से ज्यादा लोगों का वेरिफिकेशन सोनीपत जिले में समाज कल्याण के अंतर्गत पेंशन लेने वाले लाभार्थियों की संख्या करीबन 2 लाख के आसपास है। उन सभी 2 लाख से ज्यादा लोगों का वेरिफिकेशन होना है। वेरिफिकेशन की प्रक्रिया में समय लगता है और समाज कल्याण विभाग में काम करने वाले लोगों की संख्या भी बहुत कम है। बढ़ती हुई भीड़ लगातार प्रशासन के लिए गले का फांस बन रही थी। कर्मचारियों की कमी होने के चलते वेरिफिकेशन का कार्य की गति नहीं बढ़ पा रही थी। इसलिए प्रशासन द्वारा समाज कल्याण की विभिन्न पेंशन वेरिफिकेशन का कार्य उसे रोक दिया गया है। जिला उपायुक्त ने यह भी कहा है कि जिले में जिला परिषद, नगर पालिका और नगर निगम के अलावा 350 गाँव में अलग-अलग लोगों की वेरिफिकेशन करने की कवायद की गई है। वहीं उन्होंने अपने वार्ड और मोहल्ले में लगने वाले कैंप में वेरिफाई करने के लिए भी अपील की है। नई तारिख आने पर होगी दोबारा वेरिफिकेशन जिला उपायुक्त ने बताया कि समाज कल्याण के अंतर्गत आने वाले सभी पेंशन लाभार्थियों की वेरिफिकेशन का काम चल रहा है। जिसमें बुजुर्ग, विधवा महिलाएं, छोटे बच्चे और दिव्यांग जन शामिल हैं।जिला उपायुक्त के इस फैसले से पेंशनधारकों को राहत मिलने की उम्मीद है। नई तारिख की घोषणा जल्द की जाएगी, जिसमें बेहतर व्यवस्था के साथ वेरिफिकेशन प्रक्रिया को पूरा किया जाएगा।
डेंगू के 9 नए केस के साथ 108 पहुंची संख्या, रोजाना 70 से ज्यादा टेस्ट हो रहे
डेंगू के 9 नए केस के साथ 108 पहुंची संख्या, रोजाना 70 से ज्यादा टेस्ट हो रहे भास्कर न्यूज | रेवाड़ी जिले में डेंगू के मामले लगातार बढ़ रहे हैं। शुक्रवार को भी 9 केस नए मिले और डेंगू का शतक पूरा हो गया है। डेंगू के अब तक 108 मामले आ चुके हैं। भले ही केस मिलने की दर पिछले साल से कम है, लेकिन धीरे-धीरे आकड़ा बढ़ रहा है। जिले के सरकारी व निजी अस्पतालों को लगाकर रोज 70 से ज्यादा सैंपल लेकर जांच की जा रही है। डेंगू का कंफर्म टेस्ट एलाइजा ही है, जो सिविल अस्पताल के अलावा निजी अस्पतालों की लैब में किए जा रहे हैं। जिले में अब तक 2993 सैंपल लिए जा चुके हैं। बड़ी बात ये है कि इस बार जो डेंगू के मामले मिले, उनमें से अब तक 86 पीड़ित ठीक हो चुके हैं। वहीं अभी सरकारी व निजी अस्पतालों में खांसी-जुकाम और वायरल के ही पीड़ित ज्यादा पहुंच रहे हैं। इधर, हेल्थ इंस्पेक्टर बीरेंद्र सिंह ने बताया कि इस बार डेंगू फैलने की रफ्तार कम है। पिछले वर्ष अब तक 350 से ज्यादा मामले आ गए थे। इस बार स्थिति नियंत्रण में है। मगर लोगों को सावधानी बरतने की जरूरत है, क्योंकि डेंगू का सीजन नवंबर माह तक चलता है। अगर डेंगू के संदिग्ध लक्षण हैं तो नजदीकी अस्पताल में पहुंचकर जांच कराएं। खुद से कोई दवाई न खाएं। इसके अलावा विभाग की टीम की तरफ से शहर व गांवों में घरों व बाहर होदी और अन्य जगह भरे पानी में लार्वा जांच किया जा रहा है। लार्वा मिलने पर नोटिस थमाया जा रहा है। सीएचसी-पीएचसी पर एलाइजा जांच की सुविधा नहीं जिले की सीएचसी और पीएचसी में एलाइजा टेस्ट नहीं होते हैं। वहां सिर्फ सैंपल कलेक्शन सेंटर ही बने हुए हैं। इन जगह से सैंपल कलेक्ट करके उनको जांच के लिए सिविल अस्पताल रेवाड़ी में भेजा जाता है। यह मरीजों के लिए भी बड़ी समस्या है। अगर सीएचसी स्तर पर यह सुविधा मिल जाए तो मरीजों को भी राहत होगी।
हरियाणा में VIP सीटों पर मतगणना के हाल:पहले राउंड में नायब सैनी, भूपेंद्र हुड्डा, विनेश फोगाट आगे; अनिल विज, गोपाल कांडा, दुष्यंत पीछे
हरियाणा में VIP सीटों पर मतगणना के हाल:पहले राउंड में नायब सैनी, भूपेंद्र हुड्डा, विनेश फोगाट आगे; अनिल विज, गोपाल कांडा, दुष्यंत पीछे हरियाणा की 90 विधानसभा सीटों पर काउंटिंग शुरू हो गई है। रुझान में कांग्रेस बढ़त बनाए हुए है। इस चुनाव में 10 ऐसी सीटें हैं, जिन पर सबकी नजर लगी हुई हैं। कार्यवाहक मुख्यमंत्री नायब सैनी लाडवा से चुनाव लड़ रहे हैं। वह भाजपा की तरफ से CM फेस हैं। इसी तरह, भूपेंद्र सिंह हुड्डा की गढ़ी सांपला किलोई सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। कांग्रेस में वह मुख्यमंत्री की कुर्सी के प्रबल दावेदार हैं। जुलाना से पहलवान विनेश फोगाट चुनाव लड़ रही हैं। 5 अक्टूबर को राज्य में 67.90% वोटिंग हुई। इस चुनाव में 10 ऐसी सीटें हैं, जिन पर सबकी नजर लगी हुई हैं। लाइव अपडेट्स… सिलसिलेवार ढंग से राज्य की 10 VIP सीटों पर वोटिंग % के मायने जानिए… लाडवा: वोटिंग % का ट्रेंड CM नायब सैनी के हक में
BJP सरकार में CM नायब सैनी करनाल से बदलकर कुरूक्षेत्र की लाडवा सीट से चुनाव लड़ रहे हैं। इस सीट पर 74.96% मतदान हुआ। 2019 में यहां 75.4% वोटिंग हुई थी। सीएम सैनी की सीट पर 0.44% वोटिंग कम हुई है। 2014 की बात करें तो इस सीट पर 83.1% वोटिंग हुई थी। पिछले 2 चुनाव का ट्रेंड देखें तो यहां जब भी मतदान घटा तो नई पार्टी का उम्मीदवार चुनाव जीता है। इस लिहाज से सीएम सैनी के जीतने के अच्छे आसार नजर आ रहे हैं क्योंकि 2019 में यहां कांग्रेस के मेवा सिंह विधायक थे। गढ़ी सांपला किलोई : हुड्डा की जीत संभव, लेकिन अंतर घट सकता है
पूर्व CM भूपेंद्र हुड्डा की गढ़ी सांपला किलोई में 67.02% वोटिंग हुई। 2019 में यहां 73.3% और 2014 में यहां 74.8% वोटिंग हुई थी। हालांकि दोनों ही बार भूपेंद्र हुड्डा की जीत हुई। 2019 में हुड्डा की जीत का अंतर 58312 और 2014 में 47,185 रहा था। यह सीट हुड्डा का गढ़ है। इस बार पिछले 2 चुनाव के मुकाबले कम वोटिंग हुई है। ऐसे में हुड्डा की जीत तय मानी जा रही है, लेकिन उनकी जीत का अंतर घट सकता है। जुलाना : कम वोटिंग % विनेश के लिए टेंशन
विनेश फोगाट की जुलाना सीट पर 74.66% वोटिंग हुई। 2019 में जुलाना में 73% और 2014 में 78.1% वोटिंग हुई थी। दोनों ही बार यहां वोटिंग बढ़ी तो जीतने वाली पार्टी बदल गई। 2014 में इनेलो के परमिंदर ढुल तो 2019 में जजपा के अमरजीत ढांडा जीते। वोटिंग बढ़ी तो यह नई पार्टी और खास तौर पर विनेश के लिए अच्छा संकेत है। हालांकि कांग्रेस के सामने इस सीट पर करीब 15 साल का सूखा है। आखिरी बार 2005 में कांग्रेस के शेर सिंह ने जीत दर्ज की थी। उचाना कलां : वोटिंग % घटने से दुष्यंत की राह आसान नहीं
दुष्यंत चौटाला की उचाना कलां सीट पर 75.44% वोटिंग हुई है। 2019 में यहां 76.9% और 2014 में 85.4% वोटिंग हुई थी। वोटिंग बढ़ने के बाद 2014 में जीती भाजपा की प्रेमलता की जगह 2019 में दुष्यंत चौटाला जीत गए। हालांकि इस बार वोटिंग % पिछले दोनों चुनावों से कम है। ऐसे में यहां पासा किसी भी तरफ जा सकता है। ऐसे में दुष्यंत चौटाला के लिए यहां जीत आसान नहीं लग रही। हिसार: सावित्री जिंदल की राह मुश्किल
देश की सबसे अमीर महिला सावित्री जिंदल वाली हिसार सीट पर रात 12 बजे तक 61.44% वोटिंग हुई। 2019 में यहां 59.9% और 2014 में 70.1% वोटिंग हुई थी। दोनों ही बार BJP के डॉ. कमल गुप्ता जीते थे। कमल गुप्ता इस बार भी भाजपा के उम्मीदवार हैं। पिछले 2 चुनावों में उनके लिए कम और ज्यादा वोटिंग, दोनों ही फायदेमंद रही। ऐसी सूरत में सावित्री जिंदल की राह मुश्किल नजर आती है। अटेली : वोटिंग % और नया चेहरा आरती राव के हक में
केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत की बेटी आरती राव वाली अटेली सीट पर 70.58% वोटिंग हुई। 2019 में इस सीट पर 67.8% और 2014 में 77.7% वोटिंग हुई थी। दोनों ही बार भाजपा जीती लेकिन उम्मीदवार अलग-अलग थे। इस बार भी वोटिंग % दोनों चुनावों के बीच का है लेकिन आरती नई उम्मीदवार हैं। ऐसे में इस सीट पर पॉलिटिकल डेब्यू में ही उनकी जीत की उम्मीद जताई जा रही है। अंबाला कैंट : वोटिंग% विज के लिए चिंता, जीते भी तो अंतर मामूली होगा
प्रदेश के दिग्गज पंजाबी नेता अनिल विज की अंबाला कैंट सीट पर 64.45% वोटिंग हुई। 2019 में यहां 62.7% और 2014 में 72.8% वोटिंग हुई थी। दोनों ही बार अनिल विज यहां से चुनाव जीते। 2014 में उनकी जीत का अंतर 15,462 और 2019 में 20,165 रहा था। इन आंकड़ों को देखें तो विज कड़े मुकाबले में फंसे नजर आते हैं। अगर वे जीते तो फिर अंतर कम हो सकता है। तोशाम : बंसीलाल की विरासत का साथ मिला तो वोटिंग % श्रुति के हक में
पूर्व CM बंसीलाल की पोती श्रुति चौधरी वाली तोशाम सीट पर रात 12 बजे तक 72% वोटिंग हुई थी। यह आंकड़ा रविवार को बढ़कर 72.24% वोटिंग हुई। 2019 में यहां 70.8% और 2014 में 82.3% वोटिंग हुई थी। हालांकि दोनों ही बार कांग्रेस की किरण चौधरी ने चुनाव जीता था। किरण श्रुति की मां हैं जो विधानसभा चुनाव से पहले कांग्रेस छोड़ भाजपा में आ चुकी हैं। वोटिंग % फिलहाल उन्हीं के हक में दिख रहा है लेकिन यहां से कांग्रेस ने बंसीलाल परिवार से ही अनिरुद्ध चौधरी को टिकट दी है। ऐसे में कम वोटिंग से किसी एक पक्ष में लहर की जगह यहां बंसीलाल की विरासत का फायदा जिसे मिलेगा, वही जीत सकता है। इस रेस में श्रुति चौधरी आगे दिख रही हैं। सिरसा : कम वोटिंग कांडा के पक्ष में लेकिन सेतिया की वजह से टेंशन हरियाणा लोकहित पार्टी (HLP) के सुप्रीमो गोपाल कांडा वाली सिरसा सीट पर शनिवार रात 12 बजे तक 64% वोटिंग थी। यह आंकड़ा रविवार को बढ़कर 67.76% हो गया। 2019 में यहां 69.5% और 2014 में 77.8% वोटिंग हुई थी। इस बार की वोटिंग पिछले 2 चुनावों के मुकाबले कम है। 2014 में ज्यादा वोटिंग हुई तो कांग्रेस के मक्खनलाल को फायदा हुआ था। 2019 में कम वोटिंग कांडा के पक्ष में गई थी। हालांकि इस बार अहम ये भी है कि कांडा ने पिछली बार जिस निर्दलीय गोकुल सेतिया को महज 602 वोटों से हराया, वही सेतिया इस बार कांग्रेस के उम्मीदवार हैं। ऐसे में कांडा के लिए वोटिंग % टेंशन बढ़ाने वाले हैं। आदमपुर : बिश्नोई परिवार बड़ी पार्टी से उम्मीदवार को वोटिंग कम
पूर्व CM भजनलाल परिवार की विरासत वाली आदमपुर सीट पर भव्य बिश्नोई चुनाव लड़ रहे हैं। रात 12 बजे तक वोटर टर्नआउट एप पर यहां की वोटिंग 72.9% थी। अब यह आंकड़ा बढ़कर 75.47% हो गया है। 2019 में यहां 76.5% और 2014 में 78.4% वोटिंग हुई थी। हालांकि दोनों ही बार भव्य के पिता कुलदीप बिश्नोई जीते थे लेकिन 2014 में उन्होंने हजकां और 2019 में कांग्रेस से चुनाव जीता। इस बार उनके बेटे भव्य को भाजपा ने टिकट दी है। ऐसे में कम वोटिंग % उनकी थोड़ी चिंता बढ़ा सकता है क्योंकि 2014 में जब कुलदीप ने अपनी पार्टी से चुनाव लड़ा तो लोगों ने खूब वोट दिए। 2019 में वे कांग्रेस से लड़े तो वोटिंग % कम हो गया। इस बार भी वोटिंग % और कम हुआ है तो इसकी चिंता भजनलाल परिवार को ही हो सकती है। हालांकि उनके गढ़ की वजह से वह थोड़े आश्वस्त जरूर हो सकते हैं।