मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने सीएसआई राजभवन में आईएएस एसोसिएशन की पत्रिका ‘अपडेट’ के 27वें अंक का विमोचन किया। वही इस मौके पर राजस्व परिषद के चेयरमैन रजनीश दुबे, प्रमुख सचिव पर्यटन मुकेश मेश्राम, प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा, सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण रंजन कुमार, सचिव नियोजन अनुराग यादव समेत और कई अधिकारी भी मौजूद रहे। मुख्य सचिव ने आईएएस एसोसिएशन के पदाधिकारियों को दी बधाई मुख्य सचिव ने पत्रिका ‘अपडेट’ के 27वें अंक को प्रकाशित करने के लिए आईएएस एसोसिएशन के पदाधिकारियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि पत्रिका आईएएस अधिकारियों को अपनी रचनात्मक प्रतिभा प्रदर्शित करने के साथ-साथ अपने वरिष्ठ सहयोगियों के अनुभवों से लाभ उठाने तथा वर्तमान चुनौतियों से निपटने में युवा पीढ़ी के कार्मिकों के मार्गदर्शन के लिये मंच प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि जो भी आईएएस अधिकारी अपने कार्य के साथ लिखने में रुचि रखते हैं, उन्हें अपने अनुभव को साझा करना चाहिए। मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र ने सीएसआई राजभवन में आईएएस एसोसिएशन की पत्रिका ‘अपडेट’ के 27वें अंक का विमोचन किया। वही इस मौके पर राजस्व परिषद के चेयरमैन रजनीश दुबे, प्रमुख सचिव पर्यटन मुकेश मेश्राम, प्रमुख सचिव चिकित्सा एवं स्वास्थ्य पार्थ सारथी सेन शर्मा, सचिव चिकित्सा स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण रंजन कुमार, सचिव नियोजन अनुराग यादव समेत और कई अधिकारी भी मौजूद रहे। मुख्य सचिव ने आईएएस एसोसिएशन के पदाधिकारियों को दी बधाई मुख्य सचिव ने पत्रिका ‘अपडेट’ के 27वें अंक को प्रकाशित करने के लिए आईएएस एसोसिएशन के पदाधिकारियों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि पत्रिका आईएएस अधिकारियों को अपनी रचनात्मक प्रतिभा प्रदर्शित करने के साथ-साथ अपने वरिष्ठ सहयोगियों के अनुभवों से लाभ उठाने तथा वर्तमान चुनौतियों से निपटने में युवा पीढ़ी के कार्मिकों के मार्गदर्शन के लिये मंच प्रदान करती है। उन्होंने कहा कि जो भी आईएएस अधिकारी अपने कार्य के साथ लिखने में रुचि रखते हैं, उन्हें अपने अनुभव को साझा करना चाहिए। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
Related Posts
अमेरिका में हुआ राहुल का अंतिम संस्कार:परिवार वालों ने LED स्क्रीन पर किए अंतिम दर्शन, 8 महीने पहले गए थे वॉशिंगटन
अमेरिका में हुआ राहुल का अंतिम संस्कार:परिवार वालों ने LED स्क्रीन पर किए अंतिम दर्शन, 8 महीने पहले गए थे वॉशिंगटन हरियाणा में करनाल के बलड़ी गांव के युवक राहुल का अमेरिका के वॉशिंगटन में ही हिंदू रीति रिवाज के अनुसार दाह संस्कार किया गया। बीती 29 मई को युवक की सड़क हादसे में मौत हो गई थी। युवक पार्सल डिलीवरी का काम करता था। मृतक की पहचान बलड़ी गांव के रहने वाले राहुल (23) के रूप में हुई है। परिवार ने LED स्क्रीन पर दाह संस्कार लाइव देखा। अंतिम संस्कार के वक्त मां, बाप, बहन व अन्य रिश्तेदारों का रो रोकर बुरा हाल था। हालांकि शव को भारत लाने की कवायद शुरू की गई थी लेकिन शव भारत नहीं लाया जा सका। 29 मई को हुआ था हादसा मृतक राहुल के पिता सुभाष ने 8 महीने पहले अपने इकलौते बेटे राहुल को 50 लाख खर्च करके अमेरिका भेजा था। करीब 2 महीने पहले ही उसे वॉशिंगटन में पार्सल डिलीवरी का काम मिला था। यहां वह पार्सल वाली गाड़ी चलाता था।29 मई (भारत में 30 मई) की रात 9 बजे राहुल रेड लाइट पर गाड़ी में था। उसी दौरान दूसरी तरफ से तेज रफ्तार कार आई और राहुल की गाड़ी को टक्कर मार दी। टक्कर इतनी जबरदस्त थी की राहुल की मौके पर ही मौत हो गई। कैसे मिली हादसे की जानकारी राहुल जब वॉशिंगटन में घर नहीं पहुंचा तो उसके रिश्ते में भाई लगने वाले रमन ने उसे कॉल की। नंबर बंद आने पर रमन ने अपने साथियों के साथ राहुल की तलाश शुरू कर दी। रेड लाइट पर उसकी गाड़ी क्षतिग्रस्त हालत में मिली। इसके बाद सभी युवक तुरंत पुलिस स्टेशन पहुंचे। यहां उन्हें पता चला कि सड़क हादसे में राहुल की मौत हो चुकी है। इसके बाद बलड़ी गांव में परिवार को राहुल की मौत की जानकारी दी। राहुल के पिता ने सरकार से भी गुहार लगाई, लेकिन कोई मदद नहीं मिल पाई और परिवार की भी आर्थिक स्थिति ऐसी नहीं थी कि वह बेटे का शव अपने दम पर भारत लेकर आ सके। पिता सुभाष ने बताया कि राहुल का दाह संस्कार अमेरिका में ही करवाया गया है, अब अस्थियां मंगवाई जाएगी ताकि उनको यहां गंगा में प्रवाहित करवाया जा सके और आगामी क्रिया शुरू हो सके। पहले भी हो चुकी है करनाल के युवक की मौत करीब सात महीने पहले अमेरिका में करनाल के नरूखेड़ी गांव के भारत नरवाल की भी मौत सड़क हादसे में हुई थी। भारत नरवाल का अंतिम संस्कार न्यू जर्सी सिटी में कर दिया गया। मृतक के ताऊ के बेटे राजेश ने भारत को मुखाग्नि दी थी। परिवार ने सरकार और प्रशासन से भारत का शव इंडिया लाने की गुहार लगाई थी, लेकिन यह नहीं हो सका। वीडियो कॉलिंग के जरिए परिजनों ने अपने इकलौते बेटे के अंतिम दर्शन किए। करनाल के नरूखेड़ी गांव स्थित घर में 2 LED स्क्रीन लगाई गई थीं। एक स्क्रीन पुरुषों के लिए थी तो दूसरी महिलाओं के लिए थी। परिजनों ने बिलखते हुए अपने जिगर के टुकड़े को विदाई दी थी। शव को भारत लाने में जटील प्रक्रिया ऐसे में माता पिता अपने बेटो को अमेरिका या दूसरे देशों में डोंकी से भेज तो देते है लेकिन मृत्यु जैसे मामलों शव को भारत लेकर आना बहुत मुश्किल होता है, क्योंकि नंबर एक तरीके से शव भारत लाने में जटिल प्रक्रिया से गुजरना पड़ता है, लेकिन दो नंबर या डोंकी वाले केसों में तो दाह संस्कार अमेरिका में ही करना पड़ता है।
आइए, पाकिस्तान में करें ‘भारत की खोज’!:कराची में दिल्ली और बिहार कॉलोनी मिलेगी; लखनऊ सोसाइटी और बनारस टाउन भी
आइए, पाकिस्तान में करें ‘भारत की खोज’!:कराची में दिल्ली और बिहार कॉलोनी मिलेगी; लखनऊ सोसाइटी और बनारस टाउन भी अगर मैं कहूं कि आप पूरे पाकिस्तान में भी भारत की खोज बहुत आसानी से कर सकते हैं तो क्या आप यकीन करेंगे? आइए जानते हैं। दिल्ली भारत की राजधानी है, लेकिन आपको कराची में ‘दिल्ली कॉलोनी’ मिल जाएगी। यहां बिहार कॉलोनी भी है तो ग्वालियर सोसाइटी, लखनऊ सोसाइटी, भोपाल हाउस, बनारस टाउन और हिंदू जिमखाना भी है। दिल्ली के लाल किले में अगर लाहौरी गेट है तो लाहौर में दिल्ली गेट को देख सकते हैं। दिल्ली के चांदनी चौक के पास अनारकली बाजार है। लेकिन, एक अनारकली बाजार हमारे लाहौर में भी है। इस्लामाबाद पाकिस्तान की राजधानी है, जिसका निर्माण 1960 में हुआ था। लेकिन, सिंध सूबे में इस्लामकोट नाम से एक पुराना शहर है, जहां नौ हिंदू मंदिर हैं। इस शहर का नाम ‘इस्लामकोट’ है, मगर अधिकांश आबादी हिंदू है। यह जानकर आपको और भी ताज्जुब होगा कि कुछ पाकिस्तानी शहरों में एक भी हिंदू नहीं मिलेगा, लेकिन उन शहरों के नाम हिंदुओं के नाम पर हैं। पाकिस्तानी पंजाब में एक पुराना शहर है। नाम है- कोटा राधा किशन। हालांकि यहां एक भी हिंदू नहीं है। 1947 में यहां की हिंदू आबादी हिंदुस्तान चली गई थी। इसका नाम बदलने की काफी कोशिश भी की गई, लेकिन स्थानीय मुस्लिमों ने इससे साफ इनकार कर दिया। बंटवारे के समय ही एक मुसलमान अमृतसर से कोट राधा किशन आया। उसने यहां मिठाइयों का कारोबार शुरू किया। नाम रखा- अमृतसर स्वीट्स। इसी तरह कराची में दिल्ली स्वीट्स और इस्लामाबाद में अंबाला बेकर्स के नाम से मिठाई की दुकानें हैं। पाकिस्तानी शहरों, कस्बों और गांवों के हिंदू और सिख नाम हमारे साझा इतिहास का हिस्सा हैं। बेशक, बंटवारे के बाद दोनों देशों में कई नाम बदले गए, लेकिन नए नाम पुराने इतिहास को खत्म नहीं कर सकते। पंजाब भारत का एक सूबा (राज्य) है और पंजाब पाकिस्तान के एक सूबे का भी नाम है। गुजरात भारत का एक सूबा है और पाकिस्तान के एक शहर का नाम गुजरात है। हैदराबाद नाम से भारत में भी शहर है तो पाकिस्तान में भी। पाकिस्तानी हैदराबाद में ‘बॉम्बे बेकरी’ के केक पूरे पाकिस्तान में मशहूर हैं तो वहीं भारत के हैदराबाद स्थित ‘कराची बेकरी’ एक जाना-माना नाम है। हिंदू देवी मां सीता के नाम पर आपको पाकिस्तान में शहर व कस्बे मिल जाएंगे। पाकिस्तान के पश्चिमी पंजाब सूबे में स्थित एक कस्बा है ‘सीतापुर’ (इसे पंजाबी टोन के कारण कुछ लोग ‘सीतपुर’ भी कहते हैं)। एक दूसरे सूबे सिंध में भी एक शहर का नाम ‘सीता गोठ’ है। गंगा भारत की एक पवित्र नदी है, लेकिन आपको पाकिस्तानी पंजाब में गंगापुर नाम से एक शहर मिल जाएगा। खैबर पख्तूनख्वा सूबे में गंगानगर नाम का भी एक शहर है। सर गंगाराम ने बंटवारे से पहले लाहौर में गंगाराम हॉस्पिटल बनवाया था। इसी नाम से एक और हॉस्पिटल उनके परिवार ने दिल्ली में बनवाया था। इस तरह सरहद के दोनों तरफ एक ही नाम से दो अस्पताल हैं, जिनका इतिहास भी साझा है। ननकाना साहिब गुरु नानकदेव का जन्म स्थान है। यह शहर पाकिस्तानी पंजाब में स्थित है। गुरुद्वारा करतारपुर साहिब की वजह से करतारपुर पाकिस्तान में सिखों का एक और धार्मिक स्थल है। जालंधर के करीब भारत में करतारपुर नाम का एक शहर स्थित है। जालंधर भारत का एक शहर है, जो पंजाब में है। लेकिन, इस नाम से एक शहर पाकिस्तानी पंजाब में भी मौजूद है। भारतीय पंजाब में शहीद भगत सिंह नगर एक जिला है, जबकि भगत सिंह का जन्मस्थल पाकिस्तानी पंजाब के जरानवाला शहर के पास ‘विलेज भगत सिंह’ कहलाता है। कराची में मोहनदास करमचंद गांधी स्ट्रीट है। स्थानीय लोगों में यह अब भी मोहन रोड के नाम से मशहूर है। भारत के आगरा शहर से सभी परिचित हैं, लेकिन पाकिस्तान के साहीवाल जिले में भी आगरा नाम का एक छोटा-सा कस्बा है। पाकिस्तान में कसूर के पास एक छोटा-सा इलाहाबाद भी है। भारत के नागपुर के पास एक गोपालनगर है और इसी गोपालनगर नाम से लाहौर के पास भी एक कस्बा है। पाकिस्तानी पंजाब में चकवाल के पास हिंदुओं के लिए कटास राज एक बेहद मशहूर और पवित्र स्थल है। कटास में विष्णु, शिव, गणेश, शिवलिंग, काली माता, पार्वती और लक्ष्मी के नाम से एक परिसर में एक-दूसरे से जुड़े सात हिंदू मंदिर हैं। इस्लामाबाद के सैदपुर गांव में एक पुराना राम मंदिर है, जिसे राम कुंड मंदिर के नाम से भी जाना जाता है। हिंदुओं का मानना है कि वनवास के दौरान राम इस क्षेत्र में भी रहे थे। 1947 के बाद भारत और पाकिस्तान अलग-अलग मुल्क बन गए, लेकिन हकीकत तो यह है कि हम अपने अतीत को नहीं बदल सकते। ऊपर तो केवल चंद मिसालें भर हैं। आपको न जाने कितनी ऐसी मिसालें और भी मिल जाएंगी। तो आप चाहें तो पाकिस्तान में भारत की खोज कर सकते हैं।
Gorakhpur News: सीएम सिटी में पोस्टरवार से फिर गरमाई सियासत, सपा ने “जुड़ेंगे तो बढ़ेंगे” से “बटेंगे तो कटेंगे” पर किया पलटवार
Gorakhpur News: सीएम सिटी में पोस्टरवार से फिर गरमाई सियासत, सपा ने “जुड़ेंगे तो बढ़ेंगे” से “बटेंगे तो कटेंगे” पर किया पलटवार <p style=”text-align: justify;”><strong>UP Politics:</strong> मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ का बयान सियासी सरगर्मियां बढ़ा रहा है. यूपी उप चुनाव के पहले उनके दिए गए बयान ‘बटेंगे तो कटेंगे’ पर सियासत गरमा गई है. मुख्यमंत्री के शहर गोरखपुर में भाजपा कार्यकर्ताओं ने पहले ‘बटेंगे तो कटेंगे’ होर्डिंग लगाकर लोगों को संदेश देने का प्रयास किया. अब उसके जवाब में समाजवादी पार्टी के नेताओं ने भी उस होर्डिंग के ठीक बगल में ‘जुड़ेंगे तो बढ़ेंगे’ होर्डिंग लगाकर पलटवार किया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>गोरखपुर के विश्वविद्यालय चौराहा, गोरखनाथ रोड, रामगढ़ताल, नौकायन रोड, मोहद्दीपुर समेत शहर के विभिन्न चौराहों और मार्गों पर यह होर्डिंग लगाई गई है. बीते दिनों भाजपा नेता और युवा मोर्चा के पदाधिकारी दिग्विजयनाथ पीजी कॉलेज के छात्र संघ अध्यक्ष अभय सिंह ने शहर के विभिन्न मार्गों और चौराहों पर ‘बटेंगे तो कटेंगे’ होर्डिंग लगाकर सियासत गरमा दी थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”>अब इस होर्डिंग के ठीक बगल में सपा नेता मृत्युंजय यादव ‘बिट्टू’ और लोहिया वाहिनी के पूर्व प्रदेश सचिव आशुतोष गुप्ता ने बराबरी से एक होर्डिंग लगवाई है. इसमें उन्होंने ‘जुड़ेंगे तो बढ़ेंगे’ का स्लोगन दिया है. दोनों होर्डिंग पर जिसकी भी नजर पड़ रही है वह यूपी की सियासत और पोस्टरवार की खींचतान देखकर हैरत में पड़ जा रहा है. लोग दोनों होर्डिंग्स को देखकर आपस में चर्चा करते भी नजर आ रहे हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’जोड़ने और जीतने की बात करेगी सपा'</strong><br />होर्डिंग्स लगवाने वाले सपा लोहिया वाहिनी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष मृत्युंजय यादव बिट्टू और लोहिया वाहिनी के पूर्व प्रदेश सचिव आशुतोष गुप्ता ने कहा कि पोस्टरवार और नारे की शुरुआत मुख्यमंत्री और उनके लोगों ने की है. उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री पूरे प्रदेश में बांटने, काटने और छाटने की बात करते हैं. वे इस पोस्टर के माध्यम से उनका जवाब देना चाहते हैं कि गोरखपुर से लेकर गाजियाबाद तक भाजपा जहां-जहां काटने और छाटने की बात करेगी, उत्तर प्रदेश का इंकलाबी नौजवान अखिलेश यादव के नेतृत्व में हमेशा जोड़ने और जीतने की बात करेगा. </p>
<p style=”text-align: justify;”>भाजपा के लोग डरे हुए हैं, इसलिए बार-बार उपचुनाव को टालने की कोशिश कर रहे हैं. सपा सभी 9 सीटें इस उपचुनाव में जीतने जा रही है. मुख्यमंत्री काटने-छाटने की बात कर रहे हैं. हम जोड़ने और मोहब्बत की बात कर रहे हैं. मुख्यमंत्री की तस्वीर देख लीजिए और हमारे नेता की तस्वीर देख लीजिए. उस पर लिखा नारा भी देख लीजिए. उन्होंने कहा कि सपा लोगों को जोड़ने की बात कर रही है सपा के पूर्व में किए गए कार्यों को लोगों तक पहुंचा जा रहा है. लोग जुड़ भी रहे हैं. यही वजह है कि भाजपा काटने और छाटने की बात कर रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पोस्टर वार पर क्या है लोगों की राय?</strong><br />अधिवक्ता बबलू तिवारी का कहना है कि भाजपा और सपा दोनों का पोस्टर लोगों को एकजुट रहने का संदेश दे रहा है. भाजपा के पोस्टर में ‘बटेंगे तो कटेंगे’ यानी एकजुट होने की बात कही जा रही है. वहीं सपा के पोस्टर में भी ‘जुड़ेंगे तो बढ़ेंगे’ का नारा देकर एकजुट रहने को कहा जा रहा है. अधिवक्ता सुमित अग्रहरि का कहना है कि जब रूलिंग पार्टी कोई संदेश देती है तो विपक्ष का मजबूत होना भी जरूरी है. भाजपा ने जहां ‘बटेंगे तो कटेंगे’ का संदेश दिया है. तो वहीं समाजवादी पार्टी ने भी जुड़ेंगे तो बढ़ेगा का संदेश देकर यह बताने की कोशिश की है कि वे विपक्ष में बैठे हैं. ऐसे में चुनाव जीतने के लिए उन्हें लोगों को जोड़ने की जरूरत है, तभी पार्टी का उद्धार होगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>गोरखपुर के रहने वाले अभिषेक पांडे कहते हैं कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने जो संदेश दिया है, वह हिंदुओं के लिए दिया हुआ महत्वपूर्ण संदेश है. गोरखपुर के विकास की बात करें, तो भाजपा और मुख्यमंत्री <a title=”योगी आदित्यनाथ” href=”https://www.abplive.com/topic/yogi-adityanath” data-type=”interlinkingkeywords”>योगी आदित्यनाथ</a> ने जितना विकास किया है, उतना किसी भी सरकार ने नहीं किया है. समाजवादी पार्टी और अखिलेश यादव ने ‘जुड़ेंगे तो बढ़ेंगे’ संदेश से सिर्फ अपनी जाति-बिरादरी और सपा को समर्थन देने वाले लोगों को जोड़ने की बात कही है, जिससे वह पार्टी को मजबूत स्थिति में ला सकें.</p>
<p style=”text-align: justify;”>ये भी पढ़े: <a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/aligarh-muslim-university-students-celebrated-after-supreme-court-restores-amu-minority-status-ann-2819407″><strong>सुप्रीम कोर्ट ने किया AMU का अल्पसंख्यक दर्जा बहाल, छात्रों ने तिरंगे के साथ मनाया जश्न</strong></a></p>