हरियाणा में मुख्यमंत्री नायब सैनी की ओर से समाधान शिविर लगाए जा रहे हैं मगर अब इन शिविरों के माध्यम से कमाई का खेल किया जा रहा है। दरअसल, शिकायतें लिखवाने के लिए लोग नोटरी के पास जा रहे हैं, वहीं नोटरी संचालक साधारण कागज पर शिकायत लिखने के बजाय स्टाम्प पेपर पर शिकायत देकर कमाई करने में लगे हैं। आज हिसार डीसी के सामने ऐसे कई शिकायतें आई जिस पर डीसी ने सख्त चेतावनी नोटरी संचालकों को दी। डीसी ने कहा कि आगे जिस नोटरी संचालक के द्वारा स्टाम्प पेपर पर लिखकर शिकायत आई संबंधित नोटरी संचालक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। डीसी ने कहा कि समाधान शिविर के शिकायत पत्रों पर पैसे वाली स्टांप न लगाई जाए। ये आवेदन साधारण कागज पर भी दिए जा सकते हैं। डीसी ने बताया कि अब तक समाधान शिविर में कुल 1390 शिकायत आ चुकी हैं, जिनमें से 717 फैमिली आईडी से संबंधित, 100 पंचायत विभाग से संबंधित, 25 कृषि विभाग से संबंधित व 104 समाज कल्याण विभाग से संबंधित है। इनमें से ज्यादातर का समाधान जिला स्तर पर हो चुका है और जिन शिकायतों का समाधान चंडीगढ़ मुख्यालय स्तर पर होना था उनको वहां भेज कर समाधान करवाने के प्रयास किया जा रहे हैं। जमीन इंतकाल के लंबित मामलों का जल्द करें निपटारा डीसी प्रदीप दहिया ने राजस्व विभाग के अधिकारियों को निर्देशों दिए कि जमीन इंतकाल के लंबित मामलों का जल्द निपटारा करना सुनिश्चित किया जाएं अन्यथा संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह निर्देश उपायुक्त प्रदीप दहिया ने शुक्रवार को लघु सचिवालय परिसर स्थित जिला सभागार में आयोजित समाधान शिविर में पहुंचे नागरिकों की शिकायत सुनने के दौरान अधिकारियों को दिए। इस अवसर पर एएसपी डॉ. राजेश मोहन, डीएसपी विजयपाल, जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी नरेंद्र सिंह, जिला राजस्व अधिकारी चेतना चौधरी, जिला शिक्षा अधिकारी प्रदीप नरवाल, एचएसवीपी ईओ राजेश खोथ, कष्ट निवारण समिति के सदस्य कृष्ण खटाना सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे। शिविर में इन समस्याओं का समाधान 1. समाधान शिविर में हांसी ब्लॉक के गांव धर्मखेड़ी के सरपंच कृष्ण कुमार ने शिकायत दी कि जब से उसने सरपंच का पद संभाला है तब से उसका मानदेय नहीं मिल रहा है। उपायुक्त ने तुरंत मामले की जांच के आदेश दिए। जांच उपरांत पता चला कि रिकॉर्ड में सरपंच का बैंक खाता गलत दर्ज था। उपायुक्त के निर्देशानुसार बैंक खाते को तुरंत ठीक करते हुए मानदेय राशि जारी कर दी गई। 2. इसी प्रकार गांव किरोड़ी निवासी राममेहर ने शिकायत दी कि उसके पिता पीटीआई सेवानिवृत्त थे। जिला मौलिक शिक्षा विभाग द्वारा पिता के मरणोपरांत उनकी सर्विस बुक गुम कर दी गई है। माता की फैमिली पेंशन रिवाइज करने के लिए वह 6 महीने से चक्कर काट रहे हैं। उपायुक्त ने जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी को 4 दिन के अंदर सर्विस बुक ढूंढने व उचित कार्रवाई करने के आदेश दिए। 3. भगतसिंह नगर निवासी अनीता की शिकायत पर श्रम विभाग को मजदूर कॉपी बनवाने के आवेदन पर नियमानुसार उचित कार्रवाई करने के निर्देश दीजिए। 4. गांव मोहब्बतपुर निवासी संजीव कुमार की गली में अवैध रूप से कुई खुदाई की शिकायत पर जिला विकास को पंचायत अधिकारी को नियमानुसार कार्रवाई करने के निर्देश दिए। 5. सेक्टर 14 निवासी सरोज की शिकायत पर उपायुक्त ने उपनिदेशक कृषि विभाग को जल्द से जल्द फसल बीमा राशि उपलब्ध करवाने को लेकर त्वरित आधार पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। 6. जवाहर नगर निवासी सेवानिवृत्त शिक्षिका कलावती ने सैलरी व 4 इंक्रीमेंट शिक्षा विभाग द्वारा रोके जाने की शिकायत दी। डीसी ने जिला शिक्षा अधिकारी प्रदीप नरवाल को 15 दिन के अंदर मामले के निपटारें के निर्देश दिए। 7. गांव शिकारपुर निवासी वीरेंद्र सिंह ने बिजली के बिल में अनियमितता की शिकायत दी। उपायुक्त ने दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम को 7 दिन के अंदर जांच कर त्रुटि को दूर करने के निर्देश दिए। हरियाणा में मुख्यमंत्री नायब सैनी की ओर से समाधान शिविर लगाए जा रहे हैं मगर अब इन शिविरों के माध्यम से कमाई का खेल किया जा रहा है। दरअसल, शिकायतें लिखवाने के लिए लोग नोटरी के पास जा रहे हैं, वहीं नोटरी संचालक साधारण कागज पर शिकायत लिखने के बजाय स्टाम्प पेपर पर शिकायत देकर कमाई करने में लगे हैं। आज हिसार डीसी के सामने ऐसे कई शिकायतें आई जिस पर डीसी ने सख्त चेतावनी नोटरी संचालकों को दी। डीसी ने कहा कि आगे जिस नोटरी संचालक के द्वारा स्टाम्प पेपर पर लिखकर शिकायत आई संबंधित नोटरी संचालक के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। डीसी ने कहा कि समाधान शिविर के शिकायत पत्रों पर पैसे वाली स्टांप न लगाई जाए। ये आवेदन साधारण कागज पर भी दिए जा सकते हैं। डीसी ने बताया कि अब तक समाधान शिविर में कुल 1390 शिकायत आ चुकी हैं, जिनमें से 717 फैमिली आईडी से संबंधित, 100 पंचायत विभाग से संबंधित, 25 कृषि विभाग से संबंधित व 104 समाज कल्याण विभाग से संबंधित है। इनमें से ज्यादातर का समाधान जिला स्तर पर हो चुका है और जिन शिकायतों का समाधान चंडीगढ़ मुख्यालय स्तर पर होना था उनको वहां भेज कर समाधान करवाने के प्रयास किया जा रहे हैं। जमीन इंतकाल के लंबित मामलों का जल्द करें निपटारा डीसी प्रदीप दहिया ने राजस्व विभाग के अधिकारियों को निर्देशों दिए कि जमीन इंतकाल के लंबित मामलों का जल्द निपटारा करना सुनिश्चित किया जाएं अन्यथा संबंधित अधिकारियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की जाएगी। यह निर्देश उपायुक्त प्रदीप दहिया ने शुक्रवार को लघु सचिवालय परिसर स्थित जिला सभागार में आयोजित समाधान शिविर में पहुंचे नागरिकों की शिकायत सुनने के दौरान अधिकारियों को दिए। इस अवसर पर एएसपी डॉ. राजेश मोहन, डीएसपी विजयपाल, जिला विकास एवं पंचायत अधिकारी नरेंद्र सिंह, जिला राजस्व अधिकारी चेतना चौधरी, जिला शिक्षा अधिकारी प्रदीप नरवाल, एचएसवीपी ईओ राजेश खोथ, कष्ट निवारण समिति के सदस्य कृष्ण खटाना सहित विभिन्न विभागों के अधिकारी और कर्मचारी उपस्थित रहे। शिविर में इन समस्याओं का समाधान 1. समाधान शिविर में हांसी ब्लॉक के गांव धर्मखेड़ी के सरपंच कृष्ण कुमार ने शिकायत दी कि जब से उसने सरपंच का पद संभाला है तब से उसका मानदेय नहीं मिल रहा है। उपायुक्त ने तुरंत मामले की जांच के आदेश दिए। जांच उपरांत पता चला कि रिकॉर्ड में सरपंच का बैंक खाता गलत दर्ज था। उपायुक्त के निर्देशानुसार बैंक खाते को तुरंत ठीक करते हुए मानदेय राशि जारी कर दी गई। 2. इसी प्रकार गांव किरोड़ी निवासी राममेहर ने शिकायत दी कि उसके पिता पीटीआई सेवानिवृत्त थे। जिला मौलिक शिक्षा विभाग द्वारा पिता के मरणोपरांत उनकी सर्विस बुक गुम कर दी गई है। माता की फैमिली पेंशन रिवाइज करने के लिए वह 6 महीने से चक्कर काट रहे हैं। उपायुक्त ने जिला मौलिक शिक्षा अधिकारी को 4 दिन के अंदर सर्विस बुक ढूंढने व उचित कार्रवाई करने के आदेश दिए। 3. भगतसिंह नगर निवासी अनीता की शिकायत पर श्रम विभाग को मजदूर कॉपी बनवाने के आवेदन पर नियमानुसार उचित कार्रवाई करने के निर्देश दीजिए। 4. गांव मोहब्बतपुर निवासी संजीव कुमार की गली में अवैध रूप से कुई खुदाई की शिकायत पर जिला विकास को पंचायत अधिकारी को नियमानुसार कार्रवाई करने के निर्देश दिए। 5. सेक्टर 14 निवासी सरोज की शिकायत पर उपायुक्त ने उपनिदेशक कृषि विभाग को जल्द से जल्द फसल बीमा राशि उपलब्ध करवाने को लेकर त्वरित आधार पर कार्रवाई करने के निर्देश दिए। 6. जवाहर नगर निवासी सेवानिवृत्त शिक्षिका कलावती ने सैलरी व 4 इंक्रीमेंट शिक्षा विभाग द्वारा रोके जाने की शिकायत दी। डीसी ने जिला शिक्षा अधिकारी प्रदीप नरवाल को 15 दिन के अंदर मामले के निपटारें के निर्देश दिए। 7. गांव शिकारपुर निवासी वीरेंद्र सिंह ने बिजली के बिल में अनियमितता की शिकायत दी। उपायुक्त ने दक्षिण हरियाणा बिजली वितरण निगम को 7 दिन के अंदर जांच कर त्रुटि को दूर करने के निर्देश दिए। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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राव इंद्रजीत ने 7 विधानसभा सीटें मांगी:5 पर केंद्रीय नेतृत्व सहमत, पैनल में समर्थित नेताओं के नाम न होने पर भड़के थे हरियाणा के विधानसभा चुनाव में टिकट वितरण से पहले भारतीय जनता पार्टी (BJP) में घमासान मचा हुआ है। BJP के गढ़ कहे जाने वाले अहीरवाल बेल्ट में इसका असर ज्यादा देखने को मिल रहा है। यहां के कद्दावर नेता और केंद्रीय मंत्री राव इंद्रजीत सिंह ने टिकट वितरण के मामले में खुद को पूरी तरह एक्टिव किया हुआ है। राव इंद्रजीत सिंह की अहीरवाल की 11 सीटों पर खुद की पकड़ है, जिसके बलबूते राव 7 सीटों पर खुद के समर्थकों का हक जता रहे हैं। केंद्रीय नेतृत्व 5 सीटों पर उनकी रजामंदी से कैंडिडेट उतारने के लिए तैयार है, लेकिन राव अपने उन राजनीतिक धुर विरोधियों को निपटाने के लिए कुछ और भी शर्तें रख रहे हैं। BJP शीर्ष नेतृत्व जिन्हें मजबूत कैंडिडेट मानकर चुनावी मैदान में उतारने के लिए तैयार है वह अहीरवाल की 3 सीटें हैं। इन सीटों पर राव इंद्रजीत सिंह चाहते हैं कि उनकी पसंद और संगठन दोनों को तवज्जो मिले। अहीरवाल बेल्ट से विरोधियों को निपटाना है असली लड़ाई
राव इंद्रजीत सिंह की नाराजगी की पहली वजह उनकी बेटी आरती राव की टिकट को लेकर मानी जा रही थी, लेकिन हकीकत ये है कि पार्टी नेतृत्व ने शुरू से ही आरती राव को टिकट देने में कोई संकोच नहीं रखा। राव इंद्रजीत सिंह की असली लड़ाई अहीरवाल बेल्ट में अपने राजनीतिक विरोधियों को निपटा कर ज्यादा से ज्यादा अपने समर्थकों को टिकट दिलाने की रही है। BJP से जुड़े सूत्रों के मुताबिक अगर राव इंद्रजीत सिंह की नाराजगी नहीं होती तो 27 या 28 अगस्त को ही कैंडिडेट की पहली लिस्ट जारी हो सकती थी। कई सीटों पर राव ने दी जीत की गारंटी
राव की नाराजगी को BJP ने पहले से ही भांप लिया था। उसके बाद राव को तवज्जो दी गई। सूत्र ये भी बताते हैं कि जिन सीटों पर राव इंद्रजीत सिंह ने अपने समर्थकों के लिए टिकट मांगी उन पर उन्होंने जीत की गारंटी भी पार्टी नेतृत्व को दी है। अहीरवाल बेल्ट की 2 सीटें उनकी साख का सवाल बनी हुई हैं। इनमें एक पटौदी और दूसरी बावल सीट है। ये दोनों ही सीटें अनुसूचित जाति के लिए रिजर्व हैं और इन पर रामपुरा हाउस यानी राव इंद्रजीत सिंह के परिवार का दबदबा रहा है। इन चार सीटों में राव की खास रुचि
नारनौल, बावल, कोसली, पटौदी ऐसी सीट हैं, जहां पर मौजूदा विधायकों की टिकट कटना लगभग तय ही माना जा रहा है। राव इंद्रजीत सिंह की इन चारों ही सीटों पर खास रुचि है। पिछले दिनों गुरुग्राम में हुई BJP की मीटिंग में 90 सीटों के कैंडिडेट को लेकर लंबी चर्चा हुई थी, लेकिन राव इंद्रजीत सिंह अपने समर्थकों का पैनल में नाम ही नहीं होने से नाराज हो गए थे। जिसके बाद पूरे मामले में शीर्ष नेतृत्व ने हस्ताक्षेप किया। वीटो का इस्तेमाल कर पैनल में शामिल कराए नाम
राव इंद्रजीत सिंह ने वीटो पावर का इस्तेमाल कर न केवल अपने समर्थित नेताओं के नाम पैनल में शामिल कराए बल्कि एक दिन पहले केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक में इन नामों पर चर्चा भी हुई। BJP की तरफ से हरियाणा की 90 सीटों में से 55 सीटों पर उम्मीदवार के नाम लगभग फाइनल कर लिए गए हैं। इनमें अहीरवाल बेल्ट में राव इंद्रजीत सिंह की पसंद के कुछ कैंडिडेट भी शामिल हैं। हालांकि उम्मीदवारों की लिस्ट को अमित शाह की रैली के चलते रोका गया है। बादशाहपुर में सुधा टॉप पर
गुरुग्राम जिले की बादशाहपुर सीट भी अहीरवाल बेल्ट में ही आती है। इस सीट पर पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर और वर्तमान सीएम नायब सैनी के सबसे करीबी राव नरबीर सिंह प्रबल दावेदार माने जा रहे हैं। इसके अलावा खट्टर के पूर्व OSD जवाहर यादव, मनीष यादव भी टिकट मांग रहे हैं, लेकिन राव इंद्रजीत सिंह इस सीट पर खुद के समर्थक नेता को चुनावी मैदान में उतारने के मूड में हैं। गुरुग्राम में 4 दिन पहले हुई बैठक में BJP पार्लियामेंट्री बोर्ड की सदस्य और पूर्व सांसद सुधा यादव द्वारा सीनियर नेताओं के सामने राव नरबीर सिंह के खिलाफ अनुशासनात्मक कार्रवाई की मांग उठाना उनके लिए काफी फायदेमंद रहा। BJP सूत्रों के मुताबिक केंद्रीय नेतृत्व सुधा यादव को बादशाहपुर सीट से चुनाव लड़ाना चाहता था, जिस पर राव इंद्रजीत सिंह ने भी किसी भी तरह का विरोध नहीं किया। इससे साफ ही कि राव नरबीर का टिकट काटकर BJP सुधा यादव को बादशाहपुर सीट से चुनाव लड़ा सकती है। 2019 के चुनाव में भी BJP ने राव नरबीर सिंह की टिकट काट दी थी। नरबीर सिंह उस वक्त मनोहर लाल की कैबिनेट में तीसरे नंबर के पावरफुल मंत्री थे। नरबीर सिंह के समर्थकों ने टिकट कटवाने का आरोप राव इंद्रजीत सिंह पर लगाया था। 2019 में भी इस्तेमाल की थी वीटो पावर राव इंद्रजीत सिंह 2014 में BJP में शामिल हुए थे। विधानसभा चुनाव में BJP की पूर्ण बहुमत से सरकार बनने के बाद मनोहर लाल से उनके रिश्तों में खटास बनी रही। 2019 के विधानसभा चुनाव में मनोहर लाल खट्टर जिन्हें चुनाव लड़ाना चाहते थे, उन पर वीटो पावर का इस्तेमाल करते हुए राव इंद्रजीत सिंह ने उनकी टिकट ही कटवा दी थी। इसमें बादशाहपुर से राव नरबीर सिंह, रेवाड़ी से रणधीर सिंह कापड़ीवास, अटेली से संतोष यादव के अलावा कुछ अन्य नेता थे। हालांकि राव इंद्रजीत सिंह ने अपनी पसंद के मुताबिक रेवाड़ी और बादशाहपुर में प्रत्याशी उतारे, लेकिन इन दोनों ही सीट पर BJP को हार मिली। केंद्रीय राज्य मंत्री बनाए जाने से नाराज राव राव इंद्रजीत केंद्र में तीसरी बार केंद्रीय राज्य मंत्री बनाए जाने से नाराज चल रहे हैं। वह खुद भी कह चुके हैं कि मैं इतिहास में ऐसा नेता हूं, जिसने केंद्र में राज्य मंत्री बनने का रिकॉर्ड बना दिया है। राव इंद्रजीत को मोदी 3.0 सरकार में केंद्रीय राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) बनाया गया है। इसके बाद से उनकी नाराजगी कई मौकों पर सामने आ चुकी है।
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