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गोताखोर बोले-डिप्टी डायरेक्टर का मिलना मुश्किल:डूबने वाले की 15 सेकेंड में हो जाती मौत; NDRF टीम समेत 100 लोग भी नहीं तलाश पाए
गोताखोर बोले-डिप्टी डायरेक्टर का मिलना मुश्किल:डूबने वाले की 15 सेकेंड में हो जाती मौत; NDRF टीम समेत 100 लोग भी नहीं तलाश पाए उन्नाव में गंगा नदी में डूबे स्वास्थ्य विभाग के डिप्टी डायरेक्टर आदित्यवर्धन सिंह की बॉडी का 5 वें दिन भी कोई सुराग नहीं लग सका। NDRF और SDRF की टीमें भी थक कर हार मान चुकी हैं। टीमों ने भी तलाश अब धीमी कर दी है। लेकिन, डूबने के बाद कई सवाल खड़े होते हैं कि आखिर गंगा में डूबने के बाद आदित्यवर्धन कहां गए? इसके सवाल दैनिक भास्कर की टीम ने उन गोताखोरों से जानने चाहे, जो गंगा में 30 फीट गहराई तक एक बार में गोता लगा लेते हैं। करीब 50 सालों से गंगा में गोता लगाकर 250 से अधिक लोगों की बॉडी निकाली। करीब 400 से ज्यादा लोगों को डूबने से बचा चुके हैं। टीम ने गंगा किनारे रहने वाले गोताखोरों की तलाश शुरू की। कानपुर के अटल घाट पर तलाश पूरी हुई। यहां हमारी मुलाकात गोताखोर राजू कश्यप और विनोद कश्यप से हुई। ये दोनों गोताखोर भी डिप्टी डायरेक्टर की बॉडी को ढूंढने के लिए गंगा में नाव के साथ सुबह से रात तक निगरानी कर रहे हैं। गोताखोर ने बताया कि बिल्हौर के नानामऊ घाट से कानपुर गंगा बैराज तक करीब 65 किमी. लंबाई में सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। पुलिस भी उनसे संपर्क में है। अब गोताखोरों से बातचीत का सिलसिला पढ़ते हैं… डूबने वाले की 15 सेकेंड में मौत गोताखोर राजू कश्यप ने बताया-गंगा में डूबने वाले के लिए 15 सेकेंड बेहद कीमती होते हैं। अगर डूब गया तो 15 सेकेंड में व्यक्ति की मौत हो जाती है। बीते 12 सालों से ये काम कर रहे हैं और अब तक 65 बॉडी गंगा में डूबे हुए लोगों की निकाल चुके हैं। 15 से 20 सेकेंड में दिमाग से लेकर फेफड़े तक का पानी भर जाता है। गंगा में डूबे व्यक्ति को ढूंढने में सीजन का बहुत फर्क पड़ता है। मानसून सीजन में डूबने वाले व्यक्ति को ढूंढना बहुत मुश्किल होता है। क्योंकि, पानी का बहाव बहुत तेज होता है। सहायक नदियों में भी बॉडी बह जाती है। मानसून में 90 फीसदी बॉडी नहीं मिलती नहीं है। इस दौरान पानी में भारी मात्रा में मिट्टी और बालू बहती है। इसलिए अगर बॉडी पानी में कहीं फंस गई, तो 48 घंटे में पूरी बॉडी पानी में ही फंस जाती है। फिर उस बॉडी का मिलना नामुमकिन है। वो बॉडी कभी ऊपर नहीं आती है। नानामऊ घाट से कानपुर के अटल घाट तक बीच में दर्जनों घाट पड़ते हैं। लेकिन, सरैया घाट, राधन घाट, जुलाहा, सेनघाट, बंदीमाता घाट के आसपास गंगा किनारे जंगल एरिया है। गंगा में बह रही लाशों को ज्यादातर मगरमच्छ या जंगली जानवर खींच ले जाते हैं। जहां व्यक्ति डूबा, उससे 10 मीटर चारों तरफ ढूंढते हैं
करीब 50 सालों से गोताखोरी का काम करने वाले विनोद कश्यप ने बताया- ठंड के सीजन में पानी जब बहुत ठंडा होता है, तो एक-एक हफ्ते तक बॉडी नीचे ही पड़ी रह जाती है। इसके बाद जब फूलती है तो ऊपर आती है। सबसे ज्यादा आसानी से बॉडी गर्मियों के सीजन में मिलती है। पानी कम होना, इसकी बड़ी वजह है। जहां व्यक्ति डूबता है, अमूमन उस स्थान से 10 मीटर चारों तरफ उसकी बॉडी मिल जाती है। कई बार ऐसा भी हुआ कि बारिश के समय पर बॉडी का सिर्फ हाथ या पैर छू गया तो उससे पता लग गया। क्योंकि पूरी बॉडी मिट्टी या बालू में दब जाती है तो निकालना बेहद मुश्किल हो जाती है। गोताखोरों ने बताए बचाव के तरीके
गोताखोर राजू और विनोद ने बताया-अगर कोई व्यक्ति गंगा, स्वीमिंग पूल या किसी भी नदी में डूब रहा है तो उसको घबराना नहीं है। पहले अपने मन और दिमाग को शांत करना है। फिर धीरे-धीरे पानी की सतह पर हाथ मारना है। यानि पानी को अपने हाथ से नीचे की तरफ धकेलना है। इससे आप पानी की सतह पर ही रहेंगे। पानी में सीधे आप नीचे जा रहे हैं तो गहराई अधिक न होने पर आप सतह पर पहुंचते ही तेजी से लात जमीन पर मारे और आप सीधे ऊपर आ सकते हैं। डूबने वाला व्यक्ति सबसे पहले घबरा जाता है और कुछ भी सोचने-समझने की क्षमता खत्म हो जाती है। घबराना बिल्कुल भी नहीं है और पानी की सतह पर हाथ चलाते रहना है। अब बात करते हैं पूरे घटनाक्रम की… 65 किमी. एरिया में चल रहा सर्च ऑपरेशन
एक बॉडी को ढूंढने के लिए गंगा में पहली बार इस तरह बड़ा सर्च ऑपरेशन NDRF और SDRF की टीम द्वारा चलाया गया। नानामऊ घाट से कानपुर के अटल घाट तक सर्च ऑपरेशन चलाया जा रहा है। करीब 65 किमी. लंबाई में सर्च ऑपरेशन चलाया गया। लेकिन बॉडी हाथ नहीं लग सकी है। एनडीआरएफ टीम के सदस्य भी मान रहे हैं कि बॉडी कहीं गंगा में अंदर या उसे जलीय जीव या जंगली जानवर खा गए। गंगा बैराज पर पुलिस कर्मियों की तैनाती
कानपुर के गंगा बैराज पर भी 24 घंटे पुलिस कर्मियों की तैनाती की गई है। बुधवार को देर शाम NDRF की टीम बिल्हौर से सर्च करते हुए कानपुर के गंगा बैराज पर पहुंची। लेकिन, उन्हें बॉडी नहीं मिली। वहीं, अब परिजन भी बॉडी मिलने की आस पूरी तरह खो चुके हैं। पत्नी एडीजे, चचेरे भाई बिहार के CM के निजी सचिव
आदित्यवर्धन सिंह उर्फ गौरव (45) वाराणसी में हेल्थ विभाग में डिप्टी डायरेक्टर के पद पर तैनात हैं। उनकी पत्नी श्रेया मिश्रा महाराष्ट्र के अकोला में ADJ हैं। छोटी बेटी अपनी मां के साथ अकोला में है। बहन प्रज्ञा आस्ट्रेलिया में सॉफ्टवेयर इंजीनियर हैं। चचेरे भाई अनुपम कुमार बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के सचिव हैं। भाभी प्रतिमा सिंह भी बिहार कैडर की IAS हैं। ड्रोन से भी बॉडी की तलाश
तीन ड्रोन से चौथे दिन 20 किमी. तक चला सर्च अभियान चलाया गया। गंगा किनारे झाड़ियों में या कहीं और फंसे तो नहीं? इस उम्मीद से नानामऊ घाट से लेकर शिवराजपुर और कानपुर तक ड्रोन से भी सर्च अभियान चलाया गया। यह खबर भी पढ़ें प्रयागराज के कोरांव CHC पर गर्भवती महिलाओं से वसूली: अधीक्षक डॉ. शमीम और सर्जन डॉ. दीप्ति सोनकर के बीच बातचीत की रिकॉर्डिंग वायरल प्रयागराज के कोरांव सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र पर आने वाली गर्भवती महिलाओं से वसूली हो रही है। यहां प्रसव के नाम पर महिलाओं से रुपए मांगे जा रहे हैं। इसका खुलासा खुद सीएचसी अधीक्षक डॉ. शमीम अख्तर व महिला सर्जन डॉ. दीप्ति सोनकर के बीच मोबाइल पर हुई बातचीत में हु़ई। इसकी रिकार्डिंग भी वायरल हो गई है। पढ़ें पूरी खबर…
Haryana: फरीदाबाद में गौ तस्करी के शक में 12वीं के छात्र आर्यन मिश्रा का किया पीछा, फिर गोली मारकर ले ली जान
Haryana: फरीदाबाद में गौ तस्करी के शक में 12वीं के छात्र आर्यन मिश्रा का किया पीछा, फिर गोली मारकर ले ली जान <p style=”text-align: justify;”><strong>Haryana News:</strong> दिल्ली-आगरा नेशनल हाईवे पर गदपुरी के पास छात्र आर्यन मिश्रा हत्या मामले में पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है. इनकी पहचान अनिल कौशिक, वरूण, कृष्ण, सौरव और आदेश के रूप में हुई है. सभी गोरक्षक बताए जा रहे हैं. उन्होंने गौ तस्कर समझकर आर्यन और कार में बैठे उसके मकान मालिक का हाईवे पर करीब 20 किलोमीटर तक पीछा किया और गोली मार दी थी. पुलिस इस मामले में आगे की जांच कर रही है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>पुलिस से मिली जानाकरी के अनुसार, पूछताछ में सामने आया है कि 23 अगस्त की रात आरोपी गौरक्षकों को मुखबिर से सूचना मिली थी कि डस्टर और फॉच्यूर्नर कार सवार घूम रहे हैं. इसी शक में गोरक्षकों ने कार का पीछा करना शुरू किया और कार को रोकने के लिए फायरिंग करते रहे. हाईवे के गदपुरी टोल पर आरोपियों ने कार रोकने के लिए पीछे से फायरिंग की जो कार का पिछला शीशा तोड़ते हुए ड्राइवर के बगल वाली सीट पर बैठे आर्यन मिश्रा के गर्दन में जाकर लगी.</p>
<blockquote class=”twitter-tweet”>
<p dir=”ltr” lang=”hi”>हरियाणा के फरीदाबाद में 23 अगस्त की रात डस्टर कार सवार छात्र आर्यन मिश्रा की गोतस्कर समझकर हत्या कर दी गई। <br /><br />आर्यन उस रात अपने लैंडलॉर्ड व अन्य लोगों के साथ मैगी खाकर लौट रहा था। रास्ते में कुछ लोगों ने गाड़ी रोकने की कोशिश की। डर की वजह से उन्होंने गाड़ी नहीं रोकी।<br /><br />आरोपियों ने… <a href=”https://t.co/tcnBwmiSul”>pic.twitter.com/tcnBwmiSul</a></p>
— Sachin Gupta (@SachinGuptaUP) <a href=”https://twitter.com/SachinGuptaUP/status/1830596986711511098?ref_src=twsrc%5Etfw”>September 2, 2024</a></blockquote>
<p style=”text-align: justify;”>
<script src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” async=”” charset=”utf-8″></script>
<strong>गौ तस्करी के शक में मारी गोली</strong><br />इसके बाद कार चालक हर्षित ने कार रोक दी. आरोपियों ने फिर दूसरी गोली आर्यन के सीने में मार दी. इसके बाद आरोपियों ने देखा की गाड़ी में लड़कों के साथ दो महिलाएं हैं, तब आरोपी समझ गए कि गलतफहमी में उसने किसी और को गोली मार दी, जिसके बाद आरोपी मौके से फरार हो गए. वहीं घटना के दूसरे दिन 24 अगस्त को एक निजी अस्पताल में इलाज के दौरान आर्यन मौत हो गई. </p>
<p style=”text-align: justify;”>इस मामले में मृतक आर्यन के पिता ने पुलिस को लिखित में शिकायत भी दी थी. इधर मामले की गंभीरता को देखते हुए क्राइम ब्रांच मामले की जांच में जुट गई. क्राइम ब्रांच में जब ने सीसीटीवी खंगाला तो आरोपियों का पता चला, इसके बाद आरोपियों को उनके घर से गिरफ्तार कर लिया गया. इसके बाद पुलिस ने पांच आरोपियों को गिरफ्तार किया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>बता दें 19 साल का आर्यन मिश्रा 12वीं का छात्र था. वह अपने परिवार के साथ एनआईटी पांच नंबर में किराए के मकान में रहता था. 23 अगस्त को रात लगभग 9:30 बजे आर्यन अपने मकान मालिक श्वेता गुलाटी उनके बेटे हर्षित, शैंकी और एक पड़ोसी महिला के साथ बड़खल मेट्रो के पास मॉल में मैगी खाने के लिए गया था. मैगी खाने के बाद लगभग करीब 11:30 वह वापस अपने घर लौट रहे था. इस दौरान यह वारदात हुई.</p>
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<p><strong>ये भी पढ़ें: </strong></p>
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उत्तराखंड में आंदोलनकारियों के आश्रितों के लिए खुशखबरी, नौकरी में मिलेगा 10 प्रतिशत का आरक्षण
उत्तराखंड में आंदोलनकारियों के आश्रितों के लिए खुशखबरी, नौकरी में मिलेगा 10 प्रतिशत का आरक्षण <p style=”text-align: justify;”><strong>Uttarakhand Reservation Bill:</strong> उत्तराखंड के राज्यपाल ने राज्य आंदोलनकारियों और उनके आश्रितों को सरकारी नौकरी में 10% क्षैतिज आरक्षण के विधेयक को मंजूरी दे दी है. जिसके बाद मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने कहा है कि राज्य आंदोलनकारी हमारे लिए सदैव सम्मानीय रहे हैं और हम उनके सपनों का उत्तराखंड बनाने के लिए प्रतिबद्धता से कार्य कर रहे हैं. इस विधेयक के पास होने से राज्य आंदोलनकारियों एवं उनके आश्रितों को सरकारी नौकरी में प्राथमिकता मिल सकेगी और शीघ्र ही इस विधेयक को लागू किया जाएगा.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस निर्णय से उत्तराखंड के आंदोलनकारियों में खुशी की लहर देखी जा रही है, क्योंकि यह उनके संघर्षों का सम्मान है और उनके परिवारों के लिए एक सुरक्षित भविष्य का आश्वासन है. उत्तराखंड सरकार का यह कदम राज्य के विकास में आंदोलनकारियों के योगदान को पहचानने और सम्मानित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.</p>
<blockquote class=”twitter-tweet”>
<p dir=”ltr” lang=”en”><a href=”https://twitter.com/hashtag/WATCH?src=hash&ref_src=twsrc%5Etfw”>#WATCH</a> | Uttarakhand CM Pushkar Singh Dhami says, “The state agitators have contributed a lot to the formation of Uttarakhand state, so to secure their rights, they should get 10% horizontal reservation, for this a bill was brought in the assembly and passed. This bill has been… <a href=”https://t.co/wUQ9dImxdt”>pic.twitter.com/wUQ9dImxdt</a></p>
— ANI UP/Uttarakhand (@ANINewsUP) <a href=”https://twitter.com/ANINewsUP/status/1825182460050891074?ref_src=twsrc%5Etfw”>August 18, 2024</a></blockquote>
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<script src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” async=”” charset=”utf-8″></script>
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<p style=”text-align: justify;”><strong>परिवारों को मिलेगा सरकारी नौकरियों में आरक्षण </strong><br />इस विधेयक के लागू होने से उत्तराखंड के आंदोलनकारियों और उनके परिवारों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण मिलेगा, जिससे उन्हें रोजगार के अवसर मिलेंगे और वे अपने परिवारों का भरण-पोषण कर पाएंगे. यह निर्णय उत्तराखंड के विकास में आंदोलनकारियों के योगदान को पहचानने और सम्मानित करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>रोजगार के मिलेंगे अवसर </strong><br />उत्तराखंड के राज्यपाल का यह निर्णय राज्य के आंदोलनकारियों के लिए एक महत्वपूर्ण कदम है, जो उनके संघर्षों को सम्मानित करता है और उनके परिवारों के लिए एक सुरक्षित भविष्य का आश्वासन देता है. इस विधेयक के लागू होने से उत्तराखंड के आंदोलनकारियों और उनके परिवारों को सरकारी नौकरियों में आरक्षण मिलेगा, जिससे उन्हें रोजगार के अवसर मिलेंगे और वे अपने परिवारों का भरण-पोषण कर पाएंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>ये भी पढ़ें: <a title=”रक्षाबंधन पर मायके जा रही महिला से रेप, फरार आरोपी पुलिस एनकाउंटर में गिरफ्तार” href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/firozabad-police-arrested-absconding-rape-accused-after-the-encounter-ann-2764000″ target=”_self”>रक्षाबंधन पर मायके जा रही महिला से रेप, फरार आरोपी पुलिस एनकाउंटर में गिरफ्तार</a></strong></p>