भारत आने की फिराक में था ISI हैंडलर इकबाल:पानीपत में पकड़े जासूस से मिले दस्तावेज, काना की जगह सिद्दीकी जुड़वा पासपोर्ट बनवा रहा था

भारत आने की फिराक में था ISI हैंडलर इकबाल:पानीपत में पकड़े जासूस से मिले दस्तावेज, काना की जगह सिद्दीकी जुड़वा पासपोर्ट बनवा रहा था

पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI का हैंडलर इकबाल काना भारत आने की फिराक में था। इसके लिए वह इकबाल सिद्दीकी के नाम से नया पासपोर्ट बनवा रहा था। इसका खुलासा पानीपत में पाकिस्तान के लिए जासूस के आरोपी नोमान इलाही के घर से बरामद दस्तावेजों से हुआ है। पानीपत पुलिस नोमान को गिरफ्तारी के बाद उसके घर कैराना ले गई थी। जहां से कुछ दस्तावेज और 6 पासपोर्ट मिले थे। इन्हीं में पुलिस को इकबाल काना के पाकिस्तानी पहचान पत्र मिले हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक उसने नोमान को इन्हें भेजा था ताकि इन्हें देखकर वह उसका इकबाल सिद्दीकी के नाम से पासपोर्ट बनवा सके। पुलिस जासूसी के आरोपी नोमान से पूछताछ और इंटेलिजेंस इनपुट के बाद संभावना जता रही है कि इकबाल काना भारत आना चाहता था। वह अपने घर कैराना आने के साथ यहां बनाए ISI एजेंट्स से मिलना चाहता था। पुलिस ने यह भी शक जताया कि वह भारत के खिलाफ कोई बड़ी साजिश रच रहा था। जिसको अंजाम दिलाने के लिए वह पाकिस्तानी एजेंटों से सीधे मिलना चाहता था। हालांकि यह तैयारी भारत की पाकिस्तान पर ऑपरेशन सिंदूर एयर स्ट्राइक से पहले की थी। बता दें कि हथियार तस्करी का माहिर इकबाल 1995 में पाकिस्तान भाग गया था। वहीं जासूसी के आरोपी नोमान इलाही को लेकर पानीपत के एसपी भूपेंद्र सिंह ने कहा… इलेक्ट्रॉनिक और फोरेंसिक साक्ष्यों के आधार पर पानीपत पुलिस जल्द ही इलाही के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट पेश करेगी। हमारे पास नोमान इलाही के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। ये सभी सबूत चार्जशीट के साथ अदालत में पेश किए जाएंगे। पुलिस की जांच में यह भी खुलासा हो चुका है कि नोमान काना के ही रेगुलर टच में था। उसके मोबाइल की फोरेंसिक जांच में पता चला कि वह काना से चैट करता था। काना उसे वॉयस मैसेज भेजकर टास्क देता था। यहां जानिए नोमान इलाही मामले में अब तक क्या खुलासे हुए… 2010 में खत्म हो चुका पासपोर्ट, 2017 में गया पाकिस्तान
पुलिस सूत्रों के मुताबिक इलाही पर एक अच्छी तरह से प्रशिक्षित आईएसआई जासूस होने का संदेह है। क्योंकि वह जांच एजेंसियों को गुमराह कर रहा है और उचित जानकारी नहीं दे रहा है। सीआईए इकाई ने उत्तर प्रदेश के कैराना में बेगमपुरा बाजार स्थित उसके घर से उसका पासपोर्ट जब्त कर लिया। इस पासपोर्ट का विश्लेषण करने के बाद टीम ने पाया कि उसकी वैधता 2010 में समाप्त हो चुकी थी। हालांकि, सूत्रों ने कहा कि आरोपी ने दावा किया था कि वह 2017 में पाकिस्तान गया था। अब ऐसे में सवाल उठता है तो जब उसके पासपोर्ट की वैधता 2010 में खत्म हो गई थी तो वह 2017 में क्या फर्जी पासपोर्ट पर पाकिस्तान गया। एजेंसियां ​​2017 में उसकी पाकिस्तान यात्रा के बारे में सभी विवरण प्राप्त करने की कोशिश कर रही हैं। 5 साल की उम्र में बन गया था पासपोर्ट
नोमान इलाही का पिता पासपोर्ट बनवाने का काम करता था। 5 साल पहले जब पिता की मौत हुई तो नोमान ने धंधे को अपना लिया। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, नोमान इलाही का पांच साल की उम्र में ही पासपोर्ट बन गया था। वह 2010 तक तीन बार पाकिस्तान जा चुका था। पानीपत पुलिस की सीआईए-वन ने आरोपी नोमान इलाही का बचपन में बनवाया पासपोर्ट बरामद कर लिया है, जबकि उसका अभी तक कोई नवीकृत पासपोर्ट बरामद नहीं हो पाया है। पुलिस उससे नए पासपोर्ट के बारे में भी पूछताछ कर रही है। चार बार पाकिस्तान जा चुका नोमान
यदि नोमान की 2017 की पाकिस्तान यात्रा करने की बात को सही माने तो नोमान 2017 तक चार बार पाकिस्तान जा चुका है। पाकिस्तान में नोमान की बुआ और मौसी रहती हैं,लेकिन जांच एजेंसियों को शक है कि कहीं ऐसा तो नहीं कि इन यात्राओं की आड़ में नोमान आईएसआई हेंडलर्स इकबाल काना से मिलता रहा हो और देश विरोधी गतिविधियों में शामिल रहा हो। वहीं, नोमान की बहन जीनत का कहना है कि पाकिस्तान में रिश्तेदारों से डेढ़ माह पहले एक आमंत्रण को लेकर बात हुई थी। नोमान के पास थे इकबाल काना के 4 मोबाइल नंबर
पानीपत में इलाही पर दर्ज FIR से खुलासा हुआ था कि नोमान के पास 3 मोबाइल नंबर थे। इनमें एक नंबर से वह परिजनों और दोस्तों से बात करता। बाकी 2 नंबर उसने सिर्फ पाकिस्तान में बैठे आतंकियों से बातचीत करने के लिए रखे थे। वह पाकिस्तान में बैठे ISI के हैंडलर इकबाल काना के टच में था। काना से उसकी 4 मोबाइल नंबरों पर बात होती थी। मोबाइल में मिले ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से जुड़े वॉयस नोट
पुलिस सूत्रों के मुताबिक नोमान के मोबाइल में आतंकी काना का वॉयस नोट भी मिला, जिसमें पाकिस्तान पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ एयर स्ट्राइक के बाद आतंकी उससे पठानकोट और गुरदासपुर से आने वाली फौज और फौज के सामान के बारे में जानकारी मांग रहा था। इसके अलावा नोमान को पाकिस्तान से निर्देश मिल रहे थे कि वह ऑपरेशन सिंदूर के तहत श्रीनगर जाए। उसके मोबाइल की वॉट्सऐप चैट में यह प्लान भी सामने आया है। मोबाइल चैट में कहा गया कि उसे श्रीनगर जाकर सेना की तैनाती, मूवमेंट और गतिविधियों की जानकारी साझा करनी है। भारतीय खातों से किया था जाता पेमेंट
नोमान इलाही ने ट्रेनों में जासूसी के वीडियो सीधे पाकिस्तान में बैठे आतंकी इकबाल काना को भेजे हैं, लेकिन उसे पाकिस्तान से कोई पेमेंट नहीं मिली है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि जासूस नोमान को हमेशा भारतीय खातों से पेमेंट किया जाता रहा है। इस बात का कभी किसी को शक भी नहीं हुआ। कई लोगों के खातों में पैसे ट्रांसफर किए गए। जांच के दौरान पुलिस ने एक दर्जन से ज्यादा ऐसे लोगों की पहचान की है, जिनके खातों की जांच कर रही है। एसपी ने भी कहा कि उसे पाकिस्तानी हैंडलर से सीधे अपने खातों में इतने पैसे नहीं मिले। वह किसी अन्य व्यक्ति के खाते में पैसे लाता था और उनसे नकद लेता था। UP के साथ हरियाणा और पंजाब में भी बनाने थे एजेंट
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, शुरूआती जांच में सामने आया है कि नोमान को हरियाणा और पंजाब में एजेंट्स भी बनाने का काम सौंपा गया था। कारण था कि UP और हरियाणा की सीमाएं एक-दूसरे से लगी हैं। कैराना से पानीपत महज 25-30 किलोमीटर है। ऐसे में वह यहां रहकर इकबाल उर्फ काना की ओर से दी गई जिम्मेदारियों को बखूबी निभा सकता था। इसलिए नोमान 4 महीने पहले ही पानीपत आ गया था और सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी शुरू कर दी थी। यहां उसके करीब 150 लोगों से संपर्क होने का दावा किया जा रहा है। पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी ISI का हैंडलर इकबाल काना भारत आने की फिराक में था। इसके लिए वह इकबाल सिद्दीकी के नाम से नया पासपोर्ट बनवा रहा था। इसका खुलासा पानीपत में पाकिस्तान के लिए जासूस के आरोपी नोमान इलाही के घर से बरामद दस्तावेजों से हुआ है। पानीपत पुलिस नोमान को गिरफ्तारी के बाद उसके घर कैराना ले गई थी। जहां से कुछ दस्तावेज और 6 पासपोर्ट मिले थे। इन्हीं में पुलिस को इकबाल काना के पाकिस्तानी पहचान पत्र मिले हैं। पुलिस सूत्रों के मुताबिक उसने नोमान को इन्हें भेजा था ताकि इन्हें देखकर वह उसका इकबाल सिद्दीकी के नाम से पासपोर्ट बनवा सके। पुलिस जासूसी के आरोपी नोमान से पूछताछ और इंटेलिजेंस इनपुट के बाद संभावना जता रही है कि इकबाल काना भारत आना चाहता था। वह अपने घर कैराना आने के साथ यहां बनाए ISI एजेंट्स से मिलना चाहता था। पुलिस ने यह भी शक जताया कि वह भारत के खिलाफ कोई बड़ी साजिश रच रहा था। जिसको अंजाम दिलाने के लिए वह पाकिस्तानी एजेंटों से सीधे मिलना चाहता था। हालांकि यह तैयारी भारत की पाकिस्तान पर ऑपरेशन सिंदूर एयर स्ट्राइक से पहले की थी। बता दें कि हथियार तस्करी का माहिर इकबाल 1995 में पाकिस्तान भाग गया था। वहीं जासूसी के आरोपी नोमान इलाही को लेकर पानीपत के एसपी भूपेंद्र सिंह ने कहा… इलेक्ट्रॉनिक और फोरेंसिक साक्ष्यों के आधार पर पानीपत पुलिस जल्द ही इलाही के खिलाफ कोर्ट में चार्जशीट पेश करेगी। हमारे पास नोमान इलाही के खिलाफ पर्याप्त सबूत हैं। ये सभी सबूत चार्जशीट के साथ अदालत में पेश किए जाएंगे। पुलिस की जांच में यह भी खुलासा हो चुका है कि नोमान काना के ही रेगुलर टच में था। उसके मोबाइल की फोरेंसिक जांच में पता चला कि वह काना से चैट करता था। काना उसे वॉयस मैसेज भेजकर टास्क देता था। यहां जानिए नोमान इलाही मामले में अब तक क्या खुलासे हुए… 2010 में खत्म हो चुका पासपोर्ट, 2017 में गया पाकिस्तान
पुलिस सूत्रों के मुताबिक इलाही पर एक अच्छी तरह से प्रशिक्षित आईएसआई जासूस होने का संदेह है। क्योंकि वह जांच एजेंसियों को गुमराह कर रहा है और उचित जानकारी नहीं दे रहा है। सीआईए इकाई ने उत्तर प्रदेश के कैराना में बेगमपुरा बाजार स्थित उसके घर से उसका पासपोर्ट जब्त कर लिया। इस पासपोर्ट का विश्लेषण करने के बाद टीम ने पाया कि उसकी वैधता 2010 में समाप्त हो चुकी थी। हालांकि, सूत्रों ने कहा कि आरोपी ने दावा किया था कि वह 2017 में पाकिस्तान गया था। अब ऐसे में सवाल उठता है तो जब उसके पासपोर्ट की वैधता 2010 में खत्म हो गई थी तो वह 2017 में क्या फर्जी पासपोर्ट पर पाकिस्तान गया। एजेंसियां ​​2017 में उसकी पाकिस्तान यात्रा के बारे में सभी विवरण प्राप्त करने की कोशिश कर रही हैं। 5 साल की उम्र में बन गया था पासपोर्ट
नोमान इलाही का पिता पासपोर्ट बनवाने का काम करता था। 5 साल पहले जब पिता की मौत हुई तो नोमान ने धंधे को अपना लिया। पुलिस सूत्रों के मुताबिक, नोमान इलाही का पांच साल की उम्र में ही पासपोर्ट बन गया था। वह 2010 तक तीन बार पाकिस्तान जा चुका था। पानीपत पुलिस की सीआईए-वन ने आरोपी नोमान इलाही का बचपन में बनवाया पासपोर्ट बरामद कर लिया है, जबकि उसका अभी तक कोई नवीकृत पासपोर्ट बरामद नहीं हो पाया है। पुलिस उससे नए पासपोर्ट के बारे में भी पूछताछ कर रही है। चार बार पाकिस्तान जा चुका नोमान
यदि नोमान की 2017 की पाकिस्तान यात्रा करने की बात को सही माने तो नोमान 2017 तक चार बार पाकिस्तान जा चुका है। पाकिस्तान में नोमान की बुआ और मौसी रहती हैं,लेकिन जांच एजेंसियों को शक है कि कहीं ऐसा तो नहीं कि इन यात्राओं की आड़ में नोमान आईएसआई हेंडलर्स इकबाल काना से मिलता रहा हो और देश विरोधी गतिविधियों में शामिल रहा हो। वहीं, नोमान की बहन जीनत का कहना है कि पाकिस्तान में रिश्तेदारों से डेढ़ माह पहले एक आमंत्रण को लेकर बात हुई थी। नोमान के पास थे इकबाल काना के 4 मोबाइल नंबर
पानीपत में इलाही पर दर्ज FIR से खुलासा हुआ था कि नोमान के पास 3 मोबाइल नंबर थे। इनमें एक नंबर से वह परिजनों और दोस्तों से बात करता। बाकी 2 नंबर उसने सिर्फ पाकिस्तान में बैठे आतंकियों से बातचीत करने के लिए रखे थे। वह पाकिस्तान में बैठे ISI के हैंडलर इकबाल काना के टच में था। काना से उसकी 4 मोबाइल नंबरों पर बात होती थी। मोबाइल में मिले ‘ऑपरेशन सिंदूर’ से जुड़े वॉयस नोट
पुलिस सूत्रों के मुताबिक नोमान के मोबाइल में आतंकी काना का वॉयस नोट भी मिला, जिसमें पाकिस्तान पर ‘ऑपरेशन सिंदूर’ एयर स्ट्राइक के बाद आतंकी उससे पठानकोट और गुरदासपुर से आने वाली फौज और फौज के सामान के बारे में जानकारी मांग रहा था। इसके अलावा नोमान को पाकिस्तान से निर्देश मिल रहे थे कि वह ऑपरेशन सिंदूर के तहत श्रीनगर जाए। उसके मोबाइल की वॉट्सऐप चैट में यह प्लान भी सामने आया है। मोबाइल चैट में कहा गया कि उसे श्रीनगर जाकर सेना की तैनाती, मूवमेंट और गतिविधियों की जानकारी साझा करनी है। भारतीय खातों से किया था जाता पेमेंट
नोमान इलाही ने ट्रेनों में जासूसी के वीडियो सीधे पाकिस्तान में बैठे आतंकी इकबाल काना को भेजे हैं, लेकिन उसे पाकिस्तान से कोई पेमेंट नहीं मिली है। पुलिस सूत्रों ने बताया कि जासूस नोमान को हमेशा भारतीय खातों से पेमेंट किया जाता रहा है। इस बात का कभी किसी को शक भी नहीं हुआ। कई लोगों के खातों में पैसे ट्रांसफर किए गए। जांच के दौरान पुलिस ने एक दर्जन से ज्यादा ऐसे लोगों की पहचान की है, जिनके खातों की जांच कर रही है। एसपी ने भी कहा कि उसे पाकिस्तानी हैंडलर से सीधे अपने खातों में इतने पैसे नहीं मिले। वह किसी अन्य व्यक्ति के खाते में पैसे लाता था और उनसे नकद लेता था। UP के साथ हरियाणा और पंजाब में भी बनाने थे एजेंट
पुलिस सूत्रों के मुताबिक, शुरूआती जांच में सामने आया है कि नोमान को हरियाणा और पंजाब में एजेंट्स भी बनाने का काम सौंपा गया था। कारण था कि UP और हरियाणा की सीमाएं एक-दूसरे से लगी हैं। कैराना से पानीपत महज 25-30 किलोमीटर है। ऐसे में वह यहां रहकर इकबाल उर्फ काना की ओर से दी गई जिम्मेदारियों को बखूबी निभा सकता था। इसलिए नोमान 4 महीने पहले ही पानीपत आ गया था और सिक्योरिटी गार्ड की नौकरी शुरू कर दी थी। यहां उसके करीब 150 लोगों से संपर्क होने का दावा किया जा रहा है।   हरियाणा | दैनिक भास्कर