हिमाचल प्रदेश के तीन जिलों आज भारी बारिश का पूर्वानुमान है। मानसून के साथ पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता को देखते हुए मौसम विभाग (IMD) ने शनिवार के लिए तीन जिलों और रविवार को चार जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। आज के लिए चंबा, कांगड़ा और कुल्लू जिला को ऑरेंज अलर्ट दिया है, जबकि कल के लिए मंडी, शिमला, सिरमौर और सोलन जिला में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इन जिलों के कुछेक क्षेत्रों में अगले 48 घंटे के दौरान एक दो स्पैल भारी बारिश का हो सकता है। इसे देखते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने स्थानीय लोगों सहित पर्यटकों से भी सावधानी बरतने का आग्रह किया है। लोगों को अधिक ऊंचाई वाले, भूस्खलन संभावित क्षेत्रों और नदी-नालों के आसपास नहीं जाने की सलाह दी है। IMD के अनुसार, प्रदेश में अगले छह दिन यानी 4 जुलाई तक निरंतर बारिश के आसार है। एक से चार जुलाई तक बारिश को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है। येलो अलर्ट लाहौल स्पीति को छोड़कर अन्य सभी 11 जिलों को दिया गया है। जुब्बड़हट्टी में 136 MM बारिश मौसम विभाग के अनुसार, बीते 24 घंटे के दौरान शिमला के जुब्बड़हट्टी में सबसे ज्यादा 136.0 मिलीमीटर (MM) बारिश हुई है। शिमला शहर में 84.3 MM, गोहर में 42.0 MM, अर्की में 40.0 MM, मशोबरा में 38.0 MM, कुफरी में 24.2 MM, शिलारू में 24.2 MM, सरांहन में 22.0 MM, बरठी में 22.0, कंडाघाट में 8.4 MM, राजगढ़ 11.2 MM, ठियोग में 20.0 MM बारिश हुई है। मानसून की तीन जिलों में धमाकेदार एंट्री प्रदेश के ऊना, शिमला और सोलन जिला में मानसून ने धमाकेदार एंट्री की है। अन्य जिलों में हल्की बारिश हुई है। बारिश के बाद प्रदेशभर में लोगों ने गर्मी से राहत की सांस ली है। दो-तीन दिन देरी से पहुंचा मानसून IMD की मानें तो हिमाचल के सात जिलों में दो दिन और पांच जिलों में तीन दिन से मानसून पहुंचा है। आमतौर पर प्रदेश में मानसून की एंट्री 22 से 25 जून के बीच होती है। इस बार मानसून 27 व 28 जून को हुई है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक डॉ. सुरेंद्र पाल ने बताया, इस बार मई माह में ‘रेमल’ चक्रवात के कारण थोड़ी देरी हुई है। उन्होंने बताया कि हिंद महासागर और अरब सागर से चलने वाली हवाओं का दबाव नहीं बन पाया। इस कारण मानसून बीच में ही रुक गया था। जानिए कब जारी होता है यलो, ऑरेंज और रेड अलर्ट आईएमडी के अनुसार, 24 घंटे में 0-64 मिमी (एमएम) बारिश का पूर्वानुमान होने पर यलो अलर्ट जारी किया जाता है, जबकि 65 से 114 मिमी बारिश होने पर ऑरेंज अलर्ट और 24 घंटे में 115 मिमी से अधिक बारिश का पूर्वानुमान होने पर रेड अलर्ट जारी किया जाता है। हिमाचल प्रदेश के तीन जिलों आज भारी बारिश का पूर्वानुमान है। मानसून के साथ पश्चिमी विक्षोभ की सक्रियता को देखते हुए मौसम विभाग (IMD) ने शनिवार के लिए तीन जिलों और रविवार को चार जिलों में भारी बारिश का ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। आज के लिए चंबा, कांगड़ा और कुल्लू जिला को ऑरेंज अलर्ट दिया है, जबकि कल के लिए मंडी, शिमला, सिरमौर और सोलन जिला में ऑरेंज अलर्ट जारी किया है। इन जिलों के कुछेक क्षेत्रों में अगले 48 घंटे के दौरान एक दो स्पैल भारी बारिश का हो सकता है। इसे देखते हुए प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने स्थानीय लोगों सहित पर्यटकों से भी सावधानी बरतने का आग्रह किया है। लोगों को अधिक ऊंचाई वाले, भूस्खलन संभावित क्षेत्रों और नदी-नालों के आसपास नहीं जाने की सलाह दी है। IMD के अनुसार, प्रदेश में अगले छह दिन यानी 4 जुलाई तक निरंतर बारिश के आसार है। एक से चार जुलाई तक बारिश को लेकर येलो अलर्ट जारी किया गया है। येलो अलर्ट लाहौल स्पीति को छोड़कर अन्य सभी 11 जिलों को दिया गया है। जुब्बड़हट्टी में 136 MM बारिश मौसम विभाग के अनुसार, बीते 24 घंटे के दौरान शिमला के जुब्बड़हट्टी में सबसे ज्यादा 136.0 मिलीमीटर (MM) बारिश हुई है। शिमला शहर में 84.3 MM, गोहर में 42.0 MM, अर्की में 40.0 MM, मशोबरा में 38.0 MM, कुफरी में 24.2 MM, शिलारू में 24.2 MM, सरांहन में 22.0 MM, बरठी में 22.0, कंडाघाट में 8.4 MM, राजगढ़ 11.2 MM, ठियोग में 20.0 MM बारिश हुई है। मानसून की तीन जिलों में धमाकेदार एंट्री प्रदेश के ऊना, शिमला और सोलन जिला में मानसून ने धमाकेदार एंट्री की है। अन्य जिलों में हल्की बारिश हुई है। बारिश के बाद प्रदेशभर में लोगों ने गर्मी से राहत की सांस ली है। दो-तीन दिन देरी से पहुंचा मानसून IMD की मानें तो हिमाचल के सात जिलों में दो दिन और पांच जिलों में तीन दिन से मानसून पहुंचा है। आमतौर पर प्रदेश में मानसून की एंट्री 22 से 25 जून के बीच होती है। इस बार मानसून 27 व 28 जून को हुई है। मौसम विज्ञान केंद्र शिमला के निदेशक डॉ. सुरेंद्र पाल ने बताया, इस बार मई माह में ‘रेमल’ चक्रवात के कारण थोड़ी देरी हुई है। उन्होंने बताया कि हिंद महासागर और अरब सागर से चलने वाली हवाओं का दबाव नहीं बन पाया। इस कारण मानसून बीच में ही रुक गया था। जानिए कब जारी होता है यलो, ऑरेंज और रेड अलर्ट आईएमडी के अनुसार, 24 घंटे में 0-64 मिमी (एमएम) बारिश का पूर्वानुमान होने पर यलो अलर्ट जारी किया जाता है, जबकि 65 से 114 मिमी बारिश होने पर ऑरेंज अलर्ट और 24 घंटे में 115 मिमी से अधिक बारिश का पूर्वानुमान होने पर रेड अलर्ट जारी किया जाता है। हिमाचल | दैनिक भास्कर
Related Posts
हिमाचल में बेल्जियम के पैराग्लाइडर की मौत:बीड़ से भरी उड़ान; पोलेंड के पायलट से हवा में टक्कर, 4 दिन बाद होना है वर्ल्ड कप
हिमाचल में बेल्जियम के पैराग्लाइडर की मौत:बीड़ से भरी उड़ान; पोलेंड के पायलट से हवा में टक्कर, 4 दिन बाद होना है वर्ल्ड कप हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिला की विश्व विख्यात पैरा ग्लाइडिंग साइट बीड़ बिलिंग में मंगलवार को एक विदेशी पायलट की मौत हो गई। बताया जा रहा है कि मंगलवार दोपहर के वक्त 2 विदेशी पैराग्लाइडरों ने बीड़ उड़ान भरी थी। दोनों की आपस में भिड़ंत हो गई। इससे एक पैराग्लाइडर क्रेश होकर गिर गया। इस हादसे में एक पायलट की जान चली गई, जबकि दूसरा पायलट सुरक्षित बताया जा रहा है। घटना की जानकारी मिलने के बाद बीड़ बिलिंग पुलिस स्टेशन ने दोपहर बाद पुलिस घटना स्थल को रवाना हो गई। मगर पुलिस टीम देर रात सवा 10 बजे भी वापस थाना नहीं पहुंच पाई। इस वजह से देर रात तक हादसे की सही व पूरी जानकारी नहीं लग पाई। पोलेंड और बेल्जियम के पायलटों में टक्कर प्रारंभिक सूचना के अनुसार, पोलेंड और बेल्जियम के पायलटों ने दिन के वक्त उड़ान भरी। दोनों पायलट के पैराग्लाइडर हवा में अनियंत्रित हो गए और टक्कर के बाद एक पैराग्लाइडर क्रैश हो गया। इससे बेल्जियम के पायलट पेट्रिक की मौत की सूचना है। पुख्ता तौर पर इसकी जानकारी पुलिस टीम के लौटने के बाद चल पाएगी। बता दें कि जिस जगह हादसा हुआ है, वह पहाड़ी इलाका है और पुलिस चौकी से काफी दूर बताया जा रहा है। 4 दिन बाद होना है पैराग्लाइडिंग वर्ल्ड कप 4 दिन बाद कांगड़ा के बीड़ बिलिंग में पैराग्लाइडिंग विश्व कप होने जा रहा है। कई देशों के पैरा ग्लाइडर तीन चार दिन पहले ही पहुंचने शुरू हो गए हैं और बीड़ बिलिंग में रोमांच की उड़ान भर रहे हैं।
मंडी मस्जिद तोड़ने के आदेशों पर रोक:MC आयुक्त ने 30 दिन में हटाने के दे रखे ऑर्डर; मुस्लिम पक्ष की याचिका पर राहत
मंडी मस्जिद तोड़ने के आदेशों पर रोक:MC आयुक्त ने 30 दिन में हटाने के दे रखे ऑर्डर; मुस्लिम पक्ष की याचिका पर राहत हिमाचल प्रदेश की छोटी काशी मंडी की मस्जिद के कथित अवैध हिस्से को हटाने के मामले में नया मोड़ आ गया है। नगर नियोजन विभाग (TCP) के प्रधान सचिव देवेश कुमार ने नगर निगम (MC) आयुक्त मंडी के 13 सितंबर के उन आदेशों पर रोक लगा दी है, जिसमें MC आयुक्त ने मस्जिद की दो मंजिल हटाने के आदेश दिए थे। TCP विभाग के प्रधान सचिव ने यह आदेश मुस्लिम पक्ष ने द्वारा दायर अपील पर सुनवाई के बाद दिए। स्टे-आर्डर के मुताबिक प्रधान सचिव ने निगम को मस्जिद की संपत्ति को लेकर किसी तरह की कार्यवाही करने पर रोक लगा दी है। प्रधान सचिव ने प्रतिवादियों को 3 दिन में पक्ष रखने और संबंधित रिकॉर्ड पेश करने के निर्देश दिए। 10 दिन बाद मामले में अगली सुनवाई होगी। मुस्लिम पक्ष ने स्टे ऑर्डर की प्रति नगर निगम आयुक्त मंडी को सौंप दी है। निगम आयुक्त ने 13 सितंबर को दिए थे तोड़ने के आदेश बता दें कि नगर निगम आयुक्त मंडी एचएस राणा ने बीते 13 सितंबर को मंडी के जेल रोड में बनी मस्जिद ती दो मंजिल 30 दिन के भीतर हटाने के आदेश दिए थे। यहां पर मुस्लिम समुदाय ने तीन मंजिला मस्जिद बना दी थी। हिंदू संगठनों का आरोप है कि मंडी में आजादी के बाद एक मंजिला मस्जिद थी। मगर यहां पर बीते कुछ सालों के दौरान सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करके तीन मंजिला मस्जिद बनाई गई।लिहाजा इसे गिराने के लिए मंडी में हिंदू संगठनों ने दो बार प्रदर्शन किया।
मुख्यमंत्री सुक्खू और मंत्रियों ने दो महीने की सैलरी छोड़ी:बोले- हमारे पास रुपए नहीं; भत्ते भी छोड़े
मुख्यमंत्री सुक्खू और मंत्रियों ने दो महीने की सैलरी छोड़ी:बोले- हमारे पास रुपए नहीं; भत्ते भी छोड़े हिमाचल प्रदेश की खराब वित्तीय स्थिति को देखते हुए मुख्यमंत्री सुखविंर सिंह सुक्खू , सभी मंत्री सीपीएस और बोर्ड निगमीय में लगे चेयरमैन ने अपनी दो महीने की सैलरी और भत्ते को छोड़ने का फैसला किया है। मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने गुरुवार को विधानसभा के मानसून सत्र के तीसरे दिन सत्र की कार्यवाही के दौरान इसकी घोषणा की है। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश की वित्तीय स्थिति ठीक नहीं है। इसके कई कारण हैं। रेवेन्यू डेफिसिट ग्रांट जो वर्ष 2023-24 में 8058 करोड़ रुपए थी। वह इस वर्ष 1800 करोड़ रुपए कम हो कर 6258 करोड़ रुपए हो गई है। अगले वर्ष (2025-26) में यह 3000 करोड़ रुपए और कम हो कर 3257 करोड़ रुपए रह जाएगी। PDNA की लगभग 9042 करोड़ रुपए की राशि में से केन्द्र सरकार से अभी तक कोई भी राशि प्राप्त नहीं हुई है। विपक्ष से सैलरी न लेने की अपील
मुख्यमंत्री ने बताया कि NPS के लगभग 9200 करोड़ रुपए PFRDA से प्राप्त नहीं हुए है। जिसका हम केन्द्र सरकार से कई बार अनुरोध कर चुके हैं। जीएसटी कंपनसेशन जून 2022 के बाद मिलना बन्द हो गया है जिससे प्रतिवर्ष लगभग 2500-3000 करोड़ की आय कम हो गई है। OPS बहाल करने के कारण हमारी उधार भी लगभग 2000 करोड़ से कम कर दी गई है। इन परिस्थितियों से पार पाना आसान नहीं है। हमने प्रदेश सरकार की आय बढ़ाने और अनुत्पादक व्यय कम करने का प्रयास किया है। उन्होंने कहा कि इन प्रयासों के परिणाम आने में समय लगेगा। लेकिन उन्होंने इसकी शुरुआत कर दी है। वहीं मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विधानसभा में अपने वेतन भत्ते छोड़ने की घोषणा के बाद पक्ष व विपक्ष के सभी विधायकों से भी प्रदेश की खराब वित्तीय स्थिति को देखते हुए उसे सुधारने के लिए वेतन व भत्ते छोड़ने की अपील की है।