शिमला डाक थैला सुरंग का 100 साल बाद बंद हुआ इस्तेमाल, ब्रिटिश शासनकाल में हुआ था निर्माण

शिमला डाक थैला सुरंग का 100 साल बाद बंद हुआ इस्तेमाल, ब्रिटिश शासनकाल में हुआ था निर्माण

<p style=”text-align: justify;”><strong>Kalka Shimla Railway Heritage Track:</strong> विश्व भर में शिमला की पहचान ऐतिहासिक शहर के रूप में है. ब्रिटिश शासनकाल के दौरान देश की ग्रीष्मकालीन राजधानी शिमला ऐतिहासिक महत्व का शहर है. यहां हर ऐतिहासिक इमारत खुद में कई कहानियां समेटे हुए है. आपने अमूमन कालका-शिमला रेलवे हैरिटेज ट्रैक पर की खूबसूरती और रोमांच भरे सफर के बारे में तो खूब देखा और पढ़ा होगा, लेकिन शिमला रेलवे स्टेशन पर डाक एक ऐसी टनल है जिसके बारे में आप शायद ही जानते होंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>साल 1920 में हुआ था टनल का निर्माण</strong><br />शिमला रेलवे स्टेशन पर एक खास तरह की टनल है. इसे डाक थैला सुरंग कहा जाता है. इसका निर्माण साल 1920 में हुआ था. रेल डाक भवन से रेलवे प्लेटफॉर्म तक डाक पहुंचाने के लिए इस टनल का इस्तेमाल हुआ था. इस सुरंग की लंबाई 16 मीटर है, जबकि चौड़ाई 0.68 मीटर है. डाक थैला सुरंग की ऊंचाई 0.8 मीटर है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>खास बात है कि इसका फर्श मृदु इस्पात यानी सॉफ्ट मेटल से बना है. इसके किनारों पर पत्थर की दीवार से चिनाई की गई है. इसकी छत लकड़ी की बनी हुई है. यह ब्रिटिश शासनकाल के दौरान इंजीनियरिंग का एक अद्भुत और बेजोड़ नमूना है.&nbsp;</p>
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<p dir=”ltr” lang=”hi”>शिमला रेलवे स्टेशन पर एक खास तरह की टनल है. इसे डाक थैला सुरंग कहा जाता है. इसका निर्माण साल 1920 में हुआ था. रेल डाक भवन से रेलवे प्लेटफॉर्म तक डाक पहुंचाने के लिए इस टनल का इस्तेमाल होता था. इस सुरंग की लंबाई 16 मीटर है, जबकि चौड़ाई 0.68 मीटर और ऊंचाई 0.8 मीटर है.<a href=”https://twitter.com/ABPNews?ref_src=twsrc%5Etfw”>@ABPNews</a> <a href=”https://t.co/wDrm1UVrlu”>pic.twitter.com/wDrm1UVrlu</a></p>
&mdash; Ankush Dobhal🇮🇳 (@DobhalAnkush) <a href=”https://twitter.com/DobhalAnkush/status/1806736999665311955?ref_src=twsrc%5Etfw”>June 28, 2024&nbsp;</a>
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<p style=”text-align: justify;”><strong>100 साल तक इस्तेमाल में लाई गई टनल</strong><br />साल 2020 तक डाक थैला सुरंग का इस्तेमाल किया जाता रहा. कोरोना काल के बाद इस टनल का इस्तेमाल बंद कर दिया गया. अब बीते चार साल से यह टनल इस्तेमाल में नहीं लाई जा रही है. यह किसी संयोग से कम नहीं है कि इस डाक थैला सुरंग के पूरे 100 साल इस्तेमाल होने के बाद ही इसे काम में लाना बंद कर दिया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इससे पहले तक डाक भवन से रेलवे प्लेटफॉर्म तक कुरियर, पार्सल और जरूरी डाक पहुंचाने के लिए इसे इस्तेमाल में लाया जाता रहा. इससे कर्मचारियों की मेहनत और वक्त की बचत होती थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें: <a title=”Himachal Weather: हिमाचल में झमाझम बारिश, मौसम विभाग ने 7 जिलों के लिए जारी किया ऑरेंज अलर्ट” href=”https://www.abplive.com/states/himachal-pradesh/himachal-weather-forecast-imd-issued-orange-alert-reagrd-heavy-rain-2725792″ target=”_blank” rel=”noopener”>Himachal Weather: हिमाचल में झमाझम बारिश, मौसम विभाग ने 7 जिलों के लिए जारी किया ऑरेंज अलर्ट</a></strong></p> <p style=”text-align: justify;”><strong>Kalka Shimla Railway Heritage Track:</strong> विश्व भर में शिमला की पहचान ऐतिहासिक शहर के रूप में है. ब्रिटिश शासनकाल के दौरान देश की ग्रीष्मकालीन राजधानी शिमला ऐतिहासिक महत्व का शहर है. यहां हर ऐतिहासिक इमारत खुद में कई कहानियां समेटे हुए है. आपने अमूमन कालका-शिमला रेलवे हैरिटेज ट्रैक पर की खूबसूरती और रोमांच भरे सफर के बारे में तो खूब देखा और पढ़ा होगा, लेकिन शिमला रेलवे स्टेशन पर डाक एक ऐसी टनल है जिसके बारे में आप शायद ही जानते होंगे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>साल 1920 में हुआ था टनल का निर्माण</strong><br />शिमला रेलवे स्टेशन पर एक खास तरह की टनल है. इसे डाक थैला सुरंग कहा जाता है. इसका निर्माण साल 1920 में हुआ था. रेल डाक भवन से रेलवे प्लेटफॉर्म तक डाक पहुंचाने के लिए इस टनल का इस्तेमाल हुआ था. इस सुरंग की लंबाई 16 मीटर है, जबकि चौड़ाई 0.68 मीटर है. डाक थैला सुरंग की ऊंचाई 0.8 मीटर है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>खास बात है कि इसका फर्श मृदु इस्पात यानी सॉफ्ट मेटल से बना है. इसके किनारों पर पत्थर की दीवार से चिनाई की गई है. इसकी छत लकड़ी की बनी हुई है. यह ब्रिटिश शासनकाल के दौरान इंजीनियरिंग का एक अद्भुत और बेजोड़ नमूना है.&nbsp;</p>
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<p dir=”ltr” lang=”hi”>शिमला रेलवे स्टेशन पर एक खास तरह की टनल है. इसे डाक थैला सुरंग कहा जाता है. इसका निर्माण साल 1920 में हुआ था. रेल डाक भवन से रेलवे प्लेटफॉर्म तक डाक पहुंचाने के लिए इस टनल का इस्तेमाल होता था. इस सुरंग की लंबाई 16 मीटर है, जबकि चौड़ाई 0.68 मीटर और ऊंचाई 0.8 मीटर है.<a href=”https://twitter.com/ABPNews?ref_src=twsrc%5Etfw”>@ABPNews</a> <a href=”https://t.co/wDrm1UVrlu”>pic.twitter.com/wDrm1UVrlu</a></p>
&mdash; Ankush Dobhal🇮🇳 (@DobhalAnkush) <a href=”https://twitter.com/DobhalAnkush/status/1806736999665311955?ref_src=twsrc%5Etfw”>June 28, 2024&nbsp;</a>
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<p style=”text-align: justify;”><strong>100 साल तक इस्तेमाल में लाई गई टनल</strong><br />साल 2020 तक डाक थैला सुरंग का इस्तेमाल किया जाता रहा. कोरोना काल के बाद इस टनल का इस्तेमाल बंद कर दिया गया. अब बीते चार साल से यह टनल इस्तेमाल में नहीं लाई जा रही है. यह किसी संयोग से कम नहीं है कि इस डाक थैला सुरंग के पूरे 100 साल इस्तेमाल होने के बाद ही इसे काम में लाना बंद कर दिया गया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इससे पहले तक डाक भवन से रेलवे प्लेटफॉर्म तक कुरियर, पार्सल और जरूरी डाक पहुंचाने के लिए इसे इस्तेमाल में लाया जाता रहा. इससे कर्मचारियों की मेहनत और वक्त की बचत होती थी.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>यह भी पढ़ें: <a title=”Himachal Weather: हिमाचल में झमाझम बारिश, मौसम विभाग ने 7 जिलों के लिए जारी किया ऑरेंज अलर्ट” href=”https://www.abplive.com/states/himachal-pradesh/himachal-weather-forecast-imd-issued-orange-alert-reagrd-heavy-rain-2725792″ target=”_blank” rel=”noopener”>Himachal Weather: हिमाचल में झमाझम बारिश, मौसम विभाग ने 7 जिलों के लिए जारी किया ऑरेंज अलर्ट</a></strong></p>  हिमाचल प्रदेश पूर्वी मध्य प्रदेश में जून में सूखे जैसी रही स्थिति, 44 फीसदी कम बारिश, पश्चिम के कुछ ऐसे रहे हालात