हरियाणा के पानीपत जिले के इसराना उपमंडल में एक शराब ठेकेदार को उसके साथी ने झगड़े के बाद कांच की बोतल घोंप दिया। आरोपी उसे खून से लथपथ हालत में ठेके पर छोड़कर फरार हो गए। इसकी जानकारी जब पुलिस को लगी तो वह मौके पर पहुंची। आनन-फानन में उसे खून से लथपथ हालत में नागरिक अस्पताल ले जाया गया। जहां चेकअप के बाद डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद शव का पंचनामा भरकर शवगृह में रखवा दिया। सूचना मिलने पर मृतक के परिजन भी मौके पर पहुंच गए। इधर, जांच अधिकारी एसआई देवेंद्र का कहना है कि फिलहाल मृतक के परिजनों ने कोई लिखित शिकायत नहीं दी है। शिकायत के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। अचानक शुरू हुआ झगड़ा प्राप्त जानकारी के अनुसार गांव बलाना में शराब का ठेका है। जिसे गांव उग्राखेड़ी निवासी मोनू (36) पुत्र राजबीर ने ले रखा था। यह ठेका साझेदारी में चल रहा था। जिसमें गांव के ही एक अन्य युवक का हिस्सा था। बीती रात दोनों ठेके पर बैठे थे। अचानक किसी बात को लेकर दोनों में कहासुनी हो गई। दोनों गाली-गलौज करते हुए झगड़ने लगे। इसी बीच दूसरे पार्टनर ने शराब की बोतल मोनू के सिर पर मार दी। जिससे उसकी मौत हो गई। हरियाणा के पानीपत जिले के इसराना उपमंडल में एक शराब ठेकेदार को उसके साथी ने झगड़े के बाद कांच की बोतल घोंप दिया। आरोपी उसे खून से लथपथ हालत में ठेके पर छोड़कर फरार हो गए। इसकी जानकारी जब पुलिस को लगी तो वह मौके पर पहुंची। आनन-फानन में उसे खून से लथपथ हालत में नागरिक अस्पताल ले जाया गया। जहां चेकअप के बाद डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद शव का पंचनामा भरकर शवगृह में रखवा दिया। सूचना मिलने पर मृतक के परिजन भी मौके पर पहुंच गए। इधर, जांच अधिकारी एसआई देवेंद्र का कहना है कि फिलहाल मृतक के परिजनों ने कोई लिखित शिकायत नहीं दी है। शिकायत के बाद ही आगे की कार्रवाई की जाएगी। अचानक शुरू हुआ झगड़ा प्राप्त जानकारी के अनुसार गांव बलाना में शराब का ठेका है। जिसे गांव उग्राखेड़ी निवासी मोनू (36) पुत्र राजबीर ने ले रखा था। यह ठेका साझेदारी में चल रहा था। जिसमें गांव के ही एक अन्य युवक का हिस्सा था। बीती रात दोनों ठेके पर बैठे थे। अचानक किसी बात को लेकर दोनों में कहासुनी हो गई। दोनों गाली-गलौज करते हुए झगड़ने लगे। इसी बीच दूसरे पार्टनर ने शराब की बोतल मोनू के सिर पर मार दी। जिससे उसकी मौत हो गई। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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रेवाड़ी में केंटर की टक्कर से व्यक्ति की मौत:पोते का मुंडन कराने परिवार के साथ गए थे; गाड़ी का टायर बदलते समय हुआ हादसा हरियाणा के रेवाड़ी में दिल्ली-जयपुर हाइवे स्थित धारूहेड़ा फ्लाइओवर के पास तेज रफ्तार कैंटर ने एक शख्स को बुरी तरह कुचल दिया। जिससे उसकी मौत हो गई। साथ ही एक इको गाड़ी को भी टक्कर मारी। हालांकि उसमें सवार लोगों की जान बाल-बाल बच गई। सूचना के बाद मौके पर पहुंची धारूहेड़ा थाना पुलिस ने केस दर्ज कर कार्रवाई शुरू कर दी है। मिली जानकारी के अनुसार, रेवाड़ी के गांव साबन निवासी नरेश कुमार हरियाणा पुलिस में बतौर हेड कॉन्स्टेबल तैनात हैं। फिलहाल नरेश की ड्यूटी गुरुग्राम के सोहना स्थित फव्वारा चौकी पर है। नरेश के मुताबिक, वह अपने बेटे के बाल उतरवाने के लिए परिवार सहित गुरुग्राम के शीतला माता मंदिर गए थे। उनके साथ चाचा ज्ञानचंद (48), मां कृष्णा देवी पत्नी रविना व अन्य बच्चे इको गाड़ी में थे। टायर चेंज करते वक्त मारी टक्कर वापस लौटते वक्त धारूहेड़ा फ्लाइओवर के पास उनकी कार पंचर हो गई। ज्ञानचंद ने इको गाड़ी को सड़क के साइड में लगाया और नरेश गाड़ी का टायर चेंज करने लग गया। गाड़ी से करीब 30 मीटर पहले रिफ्लेक्टर तथा रोड पर साइड में पडे़ पत्थर रखकर वह टायर चेंज कर रहे थे। नरेश कुमार जैक लगा रहा था। जबकि ज्ञानचंद गाड़ी के साइड में खड़े हुए थे। मां कृष्णा, पत्नी रविना और बच्चे गाड़ी में बैठे हुए थे। गाड़ी में सवार लोगों की बाल-बाल बची जान तभी गुरुग्राम की तरफ से एक तेज रफ्तार कैंटर आया और सीधे ज्ञानचंद को टक्कर मार दी। इतना ही नहीं गाड़ी को भी टक्कर मारी। हादसे के बाद आरोपी कैंटर चालक मौके से फरार हो गया। कैंटर की टक्कर के कारण ज्ञानचंद घायल हो गए। जबकि गाड़ी में सवार अन्य लोगों की जान बाल-बाल बच गई। नरेश किसी अन्य वाहन चालक की मदद से चाचा ज्ञानचंद को तुरंत रेवाड़ी स्थित अस्पताल लेकर पहुंचा, जहां चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया। पुलिस ने दर्ज किया केस सूचना के बाद धारूहेड़ा थाना पुलिस मौके पर पहुंची। पुलिस ने शव को कब्जे में लिया तथा पोस्टमार्टम के बाद शव परिजनों को सौंप दिया। पुलिस ने फरार कैंटर चालक के खिलाफ केस दर्ज कर लिया है। साथ ही पुलिस ने हादसे को अंजाम देने वाले कैंटर के रजिस्ट्रेशन नंबर का भी पता लगा लिया है। उसके आधार पर आरोपी चालक की तलाश की जा रही है।
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सिरसा में वाहन चेकिंग के दौरान पकड़े गए 16.66 लाख:विधानसभा चुनाव को लेकर पुलिस अलर्ट, राज्य की सीमा पर सुरक्षा के कड़े प्रबंध आगामी 5 अक्टूबर को होने वाले हरियाणा विधानसभा चुनाव के मद्देनजर सिरसा पुलिस द्वारा विशेष चेकिंग अभियान चलाए जा रहे हैं। इस दौरान जिला पुलिस ने शहर सिरसा के रंगड़ी रोड तथा ऐलनाबाद के डबवाली रोड क्षेत्र से कुल 16 लाख 66 हजार 115 रुपए की राशि बरामद कर आगामी कार्रवाई के लिए संबंधित विभाग को सौंप दिया है। इस संबंध में जानकारी देते हुए पुलिस अधीक्षक विक्रांत भूषण ने बताया कि एंटी नारकोटिक्स सेल,सिरसा पुलिस टीम ने चेकिंग के दौरान रगड़ी रोड सिरसा क्षेत्र से ड्यूटी मजिस्ट्रेट डॉ. संजय कुमार की मौजूदगी में तलाशी के दौरान मोटरसाइकिल सवार दो लोगों के कब्जे से 11 लाख 16 हजार 115 रुपए की राशि बरामद की है। मोटरसाइकिल युवकों की पहचान वीरेंद्र पुत्र राजवीर निवासी गांव फरमाई कला और तुषार पुत्र चंद्र मोहन निवासी हाउस नंबर 416 नजदीक सुभाष चौक सिरसा के रूप में हुई है । बाइक सवार से जब्त हुई 4 लाख की राशि पुलिस अधीक्षक विक्रांत भूषण ने बताया कि एक अन्य घटना में ऐलनाबाद थाना की पुलिस टीम ने ऐलनाबाद से डबवाली रोड पर चेकिंग के दौरान ड्यूटी मजिस्ट्रेट संदीप यादव की मौजूदगी में मोटरसाइकिल सवार एक व्यक्ति बलजिंदर पुत्र सतनाम निवासी अमृतसर कला के कब्जे से 4 लाख रुपए की राशि तथा स्कॉर्पियो गाड़ी सवार राजेश कुमार पुत्र गुरसेवक निवासी मलोट ,पंजाब के कब्जे से 1 लाख 50 हजार रुपए की राशि बरामद की है। पूछताछ में नहीं दे सके जवाब पुलिस अधीक्षक ने बताया कि पुलिस टीम तथा ड्यूटी मजिस्ट्रेट के द्वारा पूछताछ करने पर उक्त लोग कोई संतोषजनक जवाब नहीं दे सके, इसलिए चुनाव आचार संहिता के चलते नगदी जब्त कर मामला संबंधित विभाग को सौंप दिया गया है। पुलिस अधीक्षक विक्रांत भूषण ने बताया कि विधानसभा चुनाव के देखते हुए जहां सिरसा पुलिस द्वारा जिला के अंदर सुरक्षा व्यवस्था को पूरी तरह से चाक-चौबंद किया गया है, वहीं जिला के साथ लगती राजस्थान व पंजाब सीमा पर भी सुरक्षा के कड़े प्रबंध किए गए हैं। नाकों पर की जा रही चेकिंग नाकों पर से गुजरने वाले प्रत्येक व्यक्ति व वाहनों को चेक किया जा रहा है तथा संदिग्ध किस्म के लोगों पर पैनी नजर रखी जा रही है। पुलिस अधीक्षक विक्रांत भूषण ने आम जन से भी अपील की है कि अगर उनके आसपास किसी प्रकार का अवैध धंधा हो रहा है तो इस संबंध में पुलिस को सूचित करें ताकि ऐसे लोगों के खिलाफ कड़ी कानूनी कार्रवाई की जा सके।।
हरियाणा में ‘रामपुरा हाउस’ का दबदबा संकट में:राव इंद्रजीत ने सिक्सर लगाया लेकिन लड़खड़ाते हुए जीते, पैतृक सीट पर भी लीड नहीं दिला सके
हरियाणा में ‘रामपुरा हाउस’ का दबदबा संकट में:राव इंद्रजीत ने सिक्सर लगाया लेकिन लड़खड़ाते हुए जीते, पैतृक सीट पर भी लीड नहीं दिला सके हरियाणा की अहीरवाल बैल्ट यानी दक्षिणी हरियाणा में दशकों तक सियासी दबदबा रखने वाले रामपुरा हाउस के वजूद पर इस बार संकट नजर आया। यहां से रामपुरा हाउस की सियासत आगे बढ़ा रहे भाजपा उम्मीदवार राव इंद्रजीत ने भले ही लगातार छठी बार जीत का सिक्सर लगा दिया हो लेकिन हार-जीत का मार्जिन पिछली जीत के मुकाबले काफी कम रहा। मतगणना के दौरान शुरूआत में तो ऐसा लग रहा था कि कांग्रेस के राज बब्बर से उनकी हार हो सकती है लेकिन अंतिम वक्त में वह 75079 वोटों से जीत गए। हालत यह हो गई कि राव इंद्रजीत सिंह के खुद के पैतृक हल्के रेवाड़ी, बावल और पटौदी ने उन्हें कड़े मुकाबले में लाकर खड़ा कर दिया। इन तीनों ही सीट पर राव की उम्मीद के अनुरूप उन्हें लीड नहीं मिली और कांग्रेस के प्रत्याशी राज बब्बर को तीनों ही विधानसभा में 60 हजार से ज्यादा वोट मिले। जीत के बाद खुद राव ने माना कि अगर उन्हें गुरुग्राम, बादशाहपुर सीट से बढ़त नहीं मिलती तो इस बार जीत मुश्किल थी। खुद लड़खड़ाते जीते, पैतृक सीट से BJP हारी
खुद के इलाके में घिरने के बाद लड़खड़ाते हुए राव इंद्रजीत को आखिर में जीत मिल ही गई, लेकिन उनकी एक और पैतृक सीट कोसली विधानसभा ने भी सभी को चौंका दिया। पिछली बार इस सीट पर बीजेपी प्रत्याशी डा. अरविंद शर्मा को 75 हजार वोटों की लीड मिली थी। जिसकी वजह से कांग्रेस के दीपेंद्र हुड्डा चुनाव हार गए थे, लेकिन इस बार कोसली से भले ही दीपेंद्र 2 वोट से जीते, लेकिन ये परिणाम अपने आप में चौंकाने वाला है। कोसली रामपुरा हाउस का गढ़ रहा है। रोहतक से हारे अरविंद शर्मा की मदद नहीं कर पाए
यहां से बीजेपी को लीड दिलाने की जिम्मेवारी राव इंद्रजीत सिंह के कंधे पर थी। राव इंद्रजीत सिंह खुद भी आखिरी वक्त पर कोसली में प्रचार करने के लिए पहुंचे, लेकिन यहां भी बीजेपी प्रत्याशी की हार ने राव इंद्रजीत सिंह की साख पर सवाल खड़े कर दिए। हालांकि राव इंद्रजीत सिंह महेंद्रगढ़ जिले में अपनी छाप बरकरार रखने में जरूर कामयाब रहे। भिवानी-महेंद्रगढ़ से बीजेपी प्रत्याशी चौधरी धर्मबीर सिंह की जीत में महेंद्रगढ़ जिले का अहम रोल रहा है। गुरुग्राम सीट पर लगातार चौथी जीत
बता दें कि गुरुग्राम सीट 2008 में अस्तित्व में आई। कांग्रेस की टिकट पर राव इंद्रजीत सिंह ने पहला चुनाव 2009 में इस सीट से लड़ा और बीएसपी के जाकिर हुसैन को 84,864 वोटों से हराया था। 2013 में मोदी लहर को देख राव इंद्रजीत सिंह कांग्रेस छोड़कर बीजेपी में शामिल हो गए थे। साल 2014 में हुए चुनाव में रिकॉर्ड 2,74,722 वोटों से जीते थे। इसमें राव इंद्रजीत सिंह को 644780 और इनेलो नेता जाकिर हुसैन को 370058 वोट मिले थे। 2019 में हुए चुनाव में बीजेपी ने दूसरी बार राव इंद्रजीत को गुरुग्राम सीट से चुनाव मैदान में उतारा था। उनका मुकाबला कांग्रेस नेता और 6 बार विधायक रहे कैप्टन अजय सिंह यादव से हुआ। इसमें राव इंद्रजीत सिंह को 881546 वोट मिले और कैप्टन अजय सिंह यादव को 495290 वोट मिले थे। इस सीट राव इंद्रजीत ने अपना पुराना रिकॉर्ड तोड़ा और 386256 वोटों से जीते थे। लेकिन इस बार राव इंद्रजीत सिंह पहली बार कड़े मुकाबले में फंसते हुए दिखाई दिए। राव इंद्रजीत सिंह को कुल 8 लाख 8 हजार 336 वोट मिले और उन्होंने राज बब्बर को 75079 वोट से हरा दिया। राव इंद्रजीत सिंह की ये सबसे छोटी जीत है। विरोधी रहे एक्टिव, बादशाहपुर ने बचाई लाज
दरअसल, गुरुग्राम सीट पर बीजेपी के भीतर सबसे ज्यादा गुटबाजी भी रही। अहीरवाल की राजनीति को अपने हिसाब से चलाने वाले राव इंद्रजीत सिंह के विरोधियों की फेहरिस्त अपनी ही पार्टी में काफी लंबी हैं। इसी गुटबाजी की वजह से इस बार चुनाव प्रचार में राव इंद्रजीत सिंह पूरी तरह अलग-थलग भी पड़ते हुए दिखाई दिए। उनके लिए ना कोई बड़ा नेता प्रचार करने आया और ना ही इलाके के दूसरे बड़े स्थानीय नेताओं ने प्रचार किया। पूर्व सांसद सुधा यादव, निवर्तमान केंद्रीय मंत्री भूपेंद्र यादव, पूर्व कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह, पूर्व विधायक रणधीर सिंह कापड़ीवास जैसे सीनियर नेताओं ने दूरी बनाए रखी। जिसकी वजह से राव इंद्रजीत सिंह को बीजेपी के मजबूत कहे जाने वाले रेवाड़ी जिले की तीनों विधानसभा सीट पर राव इंद्रजीत सिंह कांटे के मुकाबले में फंसे रहे। हालांकि उन्हें गुरुग्राम और बादशाहपुर विधानसभा में करीब 1-1 लाख वोट की लीड मिली, जिसकी वजह वो चुनाव जीत गए। बता दें कि बादशाहपुर वहीं हल्का है, जहां से 2019 में राव इंद्रजीत सिंह ने पूर्व कैबिनेट मंत्री राव नरबीर सिंह की टिकट कटवा दी थी। इस सीट पर सबसे ज्यादा भीतरघात की होने की चर्चा थी, लेकिन चुनाव परिणाम के बाद ऐसा दिखाई नहीं दिया। कभी 14 विधानसभा सीटों पर रहा दबदबा दक्षिणी हरियाणा में विधानसभा की 14 सीटें है। इनमें गुरुग्राम, रेवाड़ी, नूंह और महेंद्रगढ़ जिले की अलग-अलग विधानसभा सीटें शामिल है। दशकों तक इन सीटों पर रामपुरा हाउस का दबदबा बना रहा, लेकिन पिछले कुछ सालों में इन सीटों पर रामपुरा हाउस की पकड़ कमजोर होती चली गई। पिछले विधानसभा चुनाव में भी इसकी बानगी देखने को मिली थी। राव इंद्रजीत सिंह के खुद के गृह जिले रेवाड़ी की विधानसभा सीट पर उनके समर्थक सुनील मुसेपुर को हार का सामना करना पड़ा था। ऐसे में इस बार खुद राव इंद्रजीत सिंह के सामने खड़ी हुई चुनौती ने इसे और गहरा कर दिया है।