मोहाली आईटी सिटी-कुराली रोड की विजिलेंस जांच:लैंड एक्वायर की नोटिफिकेशन के बाद भी हुई बिक्री, फर्जी बगीचे लगाए, दोषियों पर होगी FIR

मोहाली आईटी सिटी-कुराली रोड की विजिलेंस जांच:लैंड एक्वायर की नोटिफिकेशन के बाद भी हुई बिक्री, फर्जी बगीचे लगाए, दोषियों पर होगी FIR

पंजाब समेत कई राज्यों के लोगों की आवाजाही को सुगम बनाने के लिए मोहाली आईटी सिटी से कुराली तक बनाई जा रही सड़क की विजिलेंस जांच शुरू हो गई है। आरोप है कि भारत माला प्रोजेक्ट के तहत बनाई जा रही सड़क को लेकर जमीन अधिग्रहण करने के लिए धारा 3-डी की अधिसूचना जारी होने के बाद भी जमीन बेची गई है। यहां तक ​​कि जमीनों की रजिस्ट्री भी कर दी गई है। शिकायतकर्ता ने इस मामले में अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। विजिलेंस ने बयान दर्ज कर लिए हैं। वहीं, अब विजिलेंस हर तथ्य की गंभीरता से जांच कर रही है। अगर विजिलेंस को इसमें कोई खामी मिली तो आने वाले दिनों में केस दर्ज किया जाएगा। फरवरी में जमीन अधिग्रहण की अधिसूचना इस संबंध में किसान रणवीर सिंह ने विजिलेंस को शिकायत दी थी। उन्होंने बताया था कि 32 किलोमीटर लंबी सड़क बनाई जा रही है। केंद्र सरकार ने फरवरी 2021 में जमीन अधिग्रहण की अधिसूचना जारी की थी। इस दौरान उन्हें पता चला कि कुछ प्रभावशाली लोगों ने जमीन की खरीद-फरोख्त कर ली है। जबकि धारा-3डी की अधिसूचना के बाद जमीन नहीं बेची जा सकती। उन्होंने विजिलेंस को कुछ रजिस्ट्रियों की प्रतियां भी सौंपी हैं। धोखाधड़ी से लगाए बाग शिकायतकर्ता ने बताया कि जो लोग जमीन की खरीद-फरोख्त में शामिल हैं, उन्होंने नोटिफिकेशन के बाद उन जमीनों पर बाग भी लगा दिए हैं। ताकि बागों के बहाने सरकार से मोटी रकम वसूली जा सके। उन्होंने बताया कि इससे संबंधित फोटो भी विजिलेंस को सौंपे गए हैं। याद रहे कि इससे पहले मोहाली में भी सरकारी प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण करने के मामले में धोखाधड़ी से अमरूद के बाग लगाने का मामला सामने आया था। पंजाब समेत कई राज्यों के लोगों की आवाजाही को सुगम बनाने के लिए मोहाली आईटी सिटी से कुराली तक बनाई जा रही सड़क की विजिलेंस जांच शुरू हो गई है। आरोप है कि भारत माला प्रोजेक्ट के तहत बनाई जा रही सड़क को लेकर जमीन अधिग्रहण करने के लिए धारा 3-डी की अधिसूचना जारी होने के बाद भी जमीन बेची गई है। यहां तक ​​कि जमीनों की रजिस्ट्री भी कर दी गई है। शिकायतकर्ता ने इस मामले में अधिकारियों की भूमिका पर सवाल उठाए हैं। विजिलेंस ने बयान दर्ज कर लिए हैं। वहीं, अब विजिलेंस हर तथ्य की गंभीरता से जांच कर रही है। अगर विजिलेंस को इसमें कोई खामी मिली तो आने वाले दिनों में केस दर्ज किया जाएगा। फरवरी में जमीन अधिग्रहण की अधिसूचना इस संबंध में किसान रणवीर सिंह ने विजिलेंस को शिकायत दी थी। उन्होंने बताया था कि 32 किलोमीटर लंबी सड़क बनाई जा रही है। केंद्र सरकार ने फरवरी 2021 में जमीन अधिग्रहण की अधिसूचना जारी की थी। इस दौरान उन्हें पता चला कि कुछ प्रभावशाली लोगों ने जमीन की खरीद-फरोख्त कर ली है। जबकि धारा-3डी की अधिसूचना के बाद जमीन नहीं बेची जा सकती। उन्होंने विजिलेंस को कुछ रजिस्ट्रियों की प्रतियां भी सौंपी हैं। धोखाधड़ी से लगाए बाग शिकायतकर्ता ने बताया कि जो लोग जमीन की खरीद-फरोख्त में शामिल हैं, उन्होंने नोटिफिकेशन के बाद उन जमीनों पर बाग भी लगा दिए हैं। ताकि बागों के बहाने सरकार से मोटी रकम वसूली जा सके। उन्होंने बताया कि इससे संबंधित फोटो भी विजिलेंस को सौंपे गए हैं। याद रहे कि इससे पहले मोहाली में भी सरकारी प्रोजेक्ट के लिए जमीन अधिग्रहण करने के मामले में धोखाधड़ी से अमरूद के बाग लगाने का मामला सामने आया था।   पंजाब | दैनिक भास्कर