फतेहगढ़ साहिब में आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं मार्केट कमेटी सरहिंद के चेयरमैन गुरविंदर सिंह ढिल्लों ने एक सरकारी अधिकारी से रिश्वत के साढ़े तीन लाख रुपए वापस कराए। आप नेता ने इस अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कराई, बल्कि उसे ऐसे ही छोड़ दिया। और तो और रिश्वत की रकम वापस कराने पर चनार्थल अनाज मंडी के आढ़ती भी चेयरमैन को सम्मानित करने पहुंच गए। खुद को सम्मान मिलने के बाद चेयरमैन काफी खुश दिखाई दिए और दावा किया कि भगवंत मान की सरकार में करप्शन बिल्कुल नहीं चलेगी। चेयरमैन का आरोप – गेहूं के सीजन में ली रिश्वत चेयरमैन गुरविंदर सिंह ढिल्लों ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि चनार्थल अनाज मंडी के आढ़ती उनके पास आए थे। जिन्होंने यह मुद्दा रखा था कि गेहूं के सीजन में वेयर हाउस मैनेजर कुलविंदर सिंह उनसे रिश्वत लेते हैं। प्रति कुंतल के हिसाब से पैसे लिए जाते हैं। पैसे न देने वाले आढ़तियों को बिना वजह परेशान किया जाता है। इस बार गेहूं के सीजन में साढ़े तीन लाख रुपए लिए गए थे। इसके बाद चेयरमैन ने मैनेजर को बुलाया और आढ़तियों के साथ मीटिंग रखी। चेयरमैन ने दावा किया कि मीटिंग में मैनेजर ने इस बात को स्वीकार किया कि उन्होंने रिश्वत ली थी। रिश्वत की रकम मैनेजर ने वापस कर दी। जिस पर आढ़ती संतुष्ट हुए। चनार्थल अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन के अध्यक्ष अवतार सिंह ने कहा कि मैनेजर द्वारा रिश्वत लेने का मुद्दा उन्होंने चेयरमैन के ध्यान में लाया था। विजिलेंस या पुलिस के पास कोई शिकायत नहीं की गई। अध्यक्ष ने यह भी कहा कि मैनेजर ने पहली बार उनसे रिश्वत ली। इससे पहले कभी उनसे पैसे नहीं लिए गए। एफआईआर दर्ज होनी चाहिए – विधायक वहीं, फतेहगढ़ साहिब से आप विधायक एडवोकेट लखवीर सिंह राय ने इस पूरे मामले को लेकर हैरानी प्रकट की। राय ने कहा कि वे जालंधर उप चुनाव में प्रचार कर रहे हैं। उनके ध्यान में ऐसा कोई मामला नहीं है। अगर किसी ने रिश्वत ली है तो उसके खिलाफ एफआईआर होनी चाहिए। वे अभी डिप्टी कमिश्नर से बात करके मामले की तफ्तीश और कार्रवाई के लिए बोलेंगे। मेरी छवि खराब की जा रही – मैनेजर उधर, वेयर हाउस के मैनेजर कुलविंदर सिंह ने कहा कि उनकी छवि खराब की जा रही है। उन्होंने किसी से कोई पैसा नहीं लिया और न ही कोई पैसा वापस किया है। मार्केट कमेटी चेयरमैन या किसी आढ़ती से भी उनकी कोई मीटिंग नहीं हुई। चेयरमैन और आढ़ती झूठे आरोप लगा रहे हैं। फतेहगढ़ साहिब में आम आदमी पार्टी के वरिष्ठ नेता एवं मार्केट कमेटी सरहिंद के चेयरमैन गुरविंदर सिंह ढिल्लों ने एक सरकारी अधिकारी से रिश्वत के साढ़े तीन लाख रुपए वापस कराए। आप नेता ने इस अधिकारी के खिलाफ कोई कार्रवाई नहीं कराई, बल्कि उसे ऐसे ही छोड़ दिया। और तो और रिश्वत की रकम वापस कराने पर चनार्थल अनाज मंडी के आढ़ती भी चेयरमैन को सम्मानित करने पहुंच गए। खुद को सम्मान मिलने के बाद चेयरमैन काफी खुश दिखाई दिए और दावा किया कि भगवंत मान की सरकार में करप्शन बिल्कुल नहीं चलेगी। चेयरमैन का आरोप – गेहूं के सीजन में ली रिश्वत चेयरमैन गुरविंदर सिंह ढिल्लों ने मीडिया से बातचीत करते हुए बताया कि चनार्थल अनाज मंडी के आढ़ती उनके पास आए थे। जिन्होंने यह मुद्दा रखा था कि गेहूं के सीजन में वेयर हाउस मैनेजर कुलविंदर सिंह उनसे रिश्वत लेते हैं। प्रति कुंतल के हिसाब से पैसे लिए जाते हैं। पैसे न देने वाले आढ़तियों को बिना वजह परेशान किया जाता है। इस बार गेहूं के सीजन में साढ़े तीन लाख रुपए लिए गए थे। इसके बाद चेयरमैन ने मैनेजर को बुलाया और आढ़तियों के साथ मीटिंग रखी। चेयरमैन ने दावा किया कि मीटिंग में मैनेजर ने इस बात को स्वीकार किया कि उन्होंने रिश्वत ली थी। रिश्वत की रकम मैनेजर ने वापस कर दी। जिस पर आढ़ती संतुष्ट हुए। चनार्थल अनाज मंडी आढ़ती एसोसिएशन के अध्यक्ष अवतार सिंह ने कहा कि मैनेजर द्वारा रिश्वत लेने का मुद्दा उन्होंने चेयरमैन के ध्यान में लाया था। विजिलेंस या पुलिस के पास कोई शिकायत नहीं की गई। अध्यक्ष ने यह भी कहा कि मैनेजर ने पहली बार उनसे रिश्वत ली। इससे पहले कभी उनसे पैसे नहीं लिए गए। एफआईआर दर्ज होनी चाहिए – विधायक वहीं, फतेहगढ़ साहिब से आप विधायक एडवोकेट लखवीर सिंह राय ने इस पूरे मामले को लेकर हैरानी प्रकट की। राय ने कहा कि वे जालंधर उप चुनाव में प्रचार कर रहे हैं। उनके ध्यान में ऐसा कोई मामला नहीं है। अगर किसी ने रिश्वत ली है तो उसके खिलाफ एफआईआर होनी चाहिए। वे अभी डिप्टी कमिश्नर से बात करके मामले की तफ्तीश और कार्रवाई के लिए बोलेंगे। मेरी छवि खराब की जा रही – मैनेजर उधर, वेयर हाउस के मैनेजर कुलविंदर सिंह ने कहा कि उनकी छवि खराब की जा रही है। उन्होंने किसी से कोई पैसा नहीं लिया और न ही कोई पैसा वापस किया है। मार्केट कमेटी चेयरमैन या किसी आढ़ती से भी उनकी कोई मीटिंग नहीं हुई। चेयरमैन और आढ़ती झूठे आरोप लगा रहे हैं। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
पंजाब के इंडस्ट्रियल प्लांट घोटाले में इंजीनियर ने किया सरेंडर:4 महीने से चल रहा था फरार, अदालत ने तीन दिन के रिमांड पर भेजा
पंजाब के इंडस्ट्रियल प्लांट घोटाले में इंजीनियर ने किया सरेंडर:4 महीने से चल रहा था फरार, अदालत ने तीन दिन के रिमांड पर भेजा पंजाब विजिलेंस ब्यूरो ने इंडस्ट्रियल प्लॉट अलॉटमेंट घोटाले में पंजाब स्मॉल इंडस्ट्रीज एंड काॅरपोरेशन (PSEIC) के सब डिवीजनल इंजीनियर सवतेज को आज (मंगलवार) को गिरफ्तार किया है। हालांकि आरोपी सीधे पहले मोहाली अदालत पहुंच गया था, जहां पर उसने सरेंडर कर दिया। इस दौरान विजिलेंस ने आरोपी का तीन दिन का रिमांड हासिल किया है। वहीं, विजिलेंस को आरोपी से पूछताछ में कई खुलासे होने की उम्मीद है । आठ मार्च को आरोपी पर दर्ज हुआ था केस विजिलेंस ब्यूरो की तरफ से इस घोटाले संबंधी मामला आठ मार्च को दर्ज किया गया था। यह मामला विजिलेंस ब्यूरो मोहाली की फ्लाइंग स्कवॉयड ने दर्ज किया है। आरोपी पर धारा 409, 420, 465, 467, 468, 471, 120-बी और 13 (2) सहित 13 (1) ए के तहत मामला दर्ज किया गया था। आरोपी चार महीने से फरार चल रहा था। विजिलेंस की टीमें काफी समय से उसकी तलाश में थी। लेकिन आरोपी हर बार विजिलेंस से बचने में कामयाब हो जाता था। ऐसे की था धोखाधड़ी का खेल विजिलेंस जांच में सामने आया है कि आरोपी अधिकारी ने फर्जी दस्तावेजों का प्रयोग कर गुरतेज सिंह नाम के मैसरर्ज गुरतेज इंडस्ट्रीज नाम की फर्जी फर्म बनाई थी। उसके बाद उसने अपने बेटे मनरूप सिंह व रिश्तेदारों के खातों से पैसे पीएसआईईसी को ट्रांफसर करके उक्त फर्म के नाम पर प्लाॅट नंबर ए 394 इंडस्ट्रियल फोकल प्वाइंट अमृतसर में प्लांट कर दिया था।
अमृतसर में AAP विधायक ने अपनी ही सरकार को घेरा:लॉरेंस का जेल इंटरव्यू का मामला, बोले- मैंने पहले कहा था, इंटरव्यू पंजाब में हुआ
अमृतसर में AAP विधायक ने अपनी ही सरकार को घेरा:लॉरेंस का जेल इंटरव्यू का मामला, बोले- मैंने पहले कहा था, इंटरव्यू पंजाब में हुआ जेल में हुए गैंगस्टर लॉरेंस बिस्नोई के इंटरव्यू मामले में आम आदमी पार्टी (AAP) के अमृतसर नॉर्थ से विधायक कुंवर विजय प्रताप सिंह ने अपनी ही सरकार पर सवाल खड़ा किया है। उनका कहना है कि अब पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट की SIT ने जो रिपोर्ट दी है, उन्होंने पहले ही कह दिया था कि ये इंटरव्यू पंजाब की जेल में हुआ है। विधायक व पूर्व आईजी रिटायर्ड कुंवर विजय प्रताप सिंह ने अपने सोशल मीडिया एकाउंट्स पर पोस्ट कर अपनी सरकार पर ही सवाल उठाया। अपने सोशल मीडिया एकाउंट्स पर कुंवर ने पोस्ट शेयर करते हुए लिखा- लॉरेंस बिश्नोई की जेल इंटरव्यू का मामला। अब हाईकोर्ट की SIT ने रिपोर्ट दी कि गैंगस्टर का इंटरव्यू पंजाब में हुआ था। मैंने 28 मार्च 2023 को कहा था कि ये इंटरव्यू पंजाब जेल में हुआ था। आश्चर्य की बात है कि जब मुख्यमंत्री ने कहा कि यह इंटरव्यू पंजाब में नहीं हुआ तो पंजाब के डीजीपी साहब ने यह तर्क दिया। किस दिशा में जा रहा है पंजाब? कुंवर विजय प्रताप ने वीडियो भी किया पोस्ट विधायक ने इस पोस्ट के साथ अपना पुराना 28 मार्च 2023 का इंटरव्यू भी पोस्ट किया है। जिसमें वे कह रहे हैं – वे जो इंटरव्यू हुआ था 13 मार्च को हुआ था। 15 दिन हो चुके हैं। एक स्मार्टफोन, एक गैंगस्टर, एक जेल और एक पत्रकार जेल में ये सब कुछ उपलब्ध है। अभी तक हालात के अनुसार ये इंटरव्यू बठिंडा जेल में करवाया गया। कुछ कह रहे हैं कि ये इंटरव्यू किसी और जेल का है। डीजीपी साहिब लाइव आकर क्लैरिफिकेशन दे रहे हैं। डीजीपी साहिब को चाहिए था कि इस क्लैरिफिकेशन से पहले FIR दर्ज करते। ये एक नेशनल सिक्योरिटी मैटर है। सरकारें दो ही हैं। एक केंद्र की और दूसरी पंजाब की। देखने वाली बात है कि किस सरकार ने तो ये सब करवाया है। या दो सरकारों से ऊपर भी एक गैंगस्टर सरकार हो गई। जो अपनी मर्जी से सरकार चला रहे हैं। यहां हर तरह की एजेंसियां हैं। केंद्र की भी और राज्य की भी अलग-अलग एजेंसियां है। क्लैरिफिकेशन से पहले डीजीपी पंजाब को एफआईआर करवानी चाहिए थी और जांच के बाद दूध का दूध और पानी का पानी करना चाहिए था। पुलिस में लीडरशिप क्वालिटी की कमी कुंवर विजय प्रताप सिंह ने वीडियो इंटरव्यू में कहा कि जो नीचे वाली पुलिस होती है, वो कमजोर पड़ जाती है। आज कल जो हालात बने हुए हैं, पंजाब पुलिस में लीडरशिप क्राइसिस आ चुके हैं। 2022 से जो हालात बने हैं, UPSC से चुना गया डीजीपी हाउसिंग बोर्ड में लगाया गया है। यहां एक्टिंग डीजीपी है। हालात ऐसे हैं कि डीजीपी के ऊपर भी डीजीपी हैं और नीचे 7 डीजीपी हैं, जो डीजीपी के लिए ट्राय करने में लगे हैं। ऐसे में एक डीजीपी को फुल पावर देनी चाहिए। आज पंजाब पुलिस को लीडरशिप व गाइडेंस की जरूरत हे। डीजीपी की क्लैरिफिकेशन के बाद एक और इंटरव्यू कुंवर उस समय के इंटरव्यू में कहते हैं अनफोर्च्यूनेट पार्ट रहा डीजीपी की क्लैरिफिकेशन के बाद एक और इंटरव्यू हुआ। ऐसे में डीजीपी को दूसरे इंटरव्यू के बाद तो जरूर एफआईआर दर्ज करनी चाहिए थी। आज आम जनता सिक्योर फील नहीं करती। हम आप सिक्योर फील नहीं करते। कम से कम गैंगस्टर का राज नहीं चलना चाहिए। डीजीपी ने किया था दावा, पंजाब से नहीं हुआ इंटरव्यू गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के दो इंटरव्यू साल 2023 में 14 और 17 मार्च को प्रसारित किए गए थे। उस समय पंजाब पुलिस पर सवाल उठे गए थे। लेकिन डीजीपी गौरव यादव ने मीडिया के सामने आकर दावा किया था कि इंटरव्यू बठिंडा या पंजाब की किसी भी जेल से नहीं हुआ है। एक मामले की सुनवाई के दौरान हाईकोर्ट ने जेलों से मोबाइल के प्रयोग की जांच शुरू करवाई। इसमें ये मामला फिर उजागर हुआ और हाईकोर्ट के आदेशों पर विशेष डीजीपी प्रबोध कुमार की अगुवाई में SIT का गठन किया गया था। फिलहाल गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई गुजरात की जेल में नशा तस्करी से जुड़े केस में बंद है। पाकिस्तानी डॉन को बधाई देने पर फिर सुर्खियों में आया था लॉरेंस कुछ महीने पहले ही लॉरेंस को पंजाब की जेल से गुजरात में ट्रांसफर किया गया। बीते ईद के दौरान लॉरेंस का 17 सेकेंड का वीडियो कॉल वायरल हुआ था। जिसमें वह पाकिस्तान के कुख्यात डॉन शहजाद भट्टी से बात करता दिखा था। लॉरेंस ने भट्टी को ईद की बधाई दी थी। वीडियो को लेकर गुजरात पुलिस ने भी दावा किया था कि वीडियो साबरमती जेल का नहीं है। जिसके बाद सोशल मीडिया पर इसे लेकर भी सवाल खड़े हुए थे।
पंजाब विधानसभा उप-चुनाव 2024:लोकसभा चुनावों के परिणामों में 2 सीटों पर AAP मजबूत; 1 पर कांग्रेस टक्कर में, एक पर आजाद हैवी
पंजाब विधानसभा उप-चुनाव 2024:लोकसभा चुनावों के परिणामों में 2 सीटों पर AAP मजबूत; 1 पर कांग्रेस टक्कर में, एक पर आजाद हैवी पंजाब में 4 सीटों पर उप-चुनावों का बिगुल बज चुका है। लंबे समय से पार्टियां इसकी तैयारियों में जुटी हैं। दिवाली के बाद इन इलाकों में सरगर्मी भी बढ़ जाएगी। विधानसभा की इन चार सीटों डेरा बाबा नानक, बरनाला, गिद्दड़बाहा और चब्बेवाल में अगर वोटर लोकसभा चुनावों के आधार पर वोटिंग करते हैं तो परिणाम काफी हद तक बदल सकते हैं। मौजूदा स्थिति की बात करें तो इन चार सीटों में से 3 पर कांग्रेस के विधायक थे, जबकि एक सीट आम आदमी पार्टी के पास थी। लेकिन लोकसभा चुनाव 2024 के परिणाम देखें तो इन सीटों पर 2 सीटों पर आम आदमी पार्टी मजबूत रही, जबकि एक सीट पर कांग्रेस के साथ कांटे की टक्कर रही। वहीं, एक सीट पर आजाद ने जीत दर्ज की थी। ऐसे में अब अकाली दल भी चुनाव नहीं लड़ रही, उनके वोटर किस और झुकेंगे, ये परिणामों पर काफी अंतर डालने वाला है। वहीं भाजपा के उम्मीदवारों में तीन पूर्व अकाली हैं, जिसका फायदा भी भाजपा को मिल रहा है और दौड़ में कांटे की टक्कर दे रहे हैं। डेरा बाबा नानक: 3940 से कांग्रेस थी आगे लोकसभा हल्के में डेरा बाबा नानक सीट गुरदासपुर के अंतर्गत आती है। इस साल हुए लोकसभा चुनावों में कांग्रेस के सुखजिंदर सिंह रंधावा ने जीत दर्ज की। ये हलका सुखजिंदर सिंह रंधावा का गढ़ माना जाता है। लेकिन लोकसभा चुनावों के दौरान हरजिंदर सिंह रंधावा को यहां 48198, AAP के अमरशेर सिंह को 44258, अकाली दल के डॉ. दलजीत सिंह चीमा को 17099 और भाजपा के दिनेश बब्बू को 5981 वोट पड़ी थी। इस सीट पर AAP ने कांग्रेस को कांटे की टक्कर दी और जीत का अंतर मात्र 3940 ही रहा। ये सीट चाहे कांग्रेस का गढ़ रही है, लेकिन आम आदमी पार्टी कांटे की टक्कर देती दिख रही है। चब्बेवाल : 26771 वोटों से थी AAP आगे लोकसभा हल्के में चब्बेवाल सीट होशियारपुर के अंतर्गत आती है। इस साल हुए लोकसभा चुनावों में AAP के डॉ. राज कुमार चब्बेवाल (इसी सीट पर कांग्रेस की टिकट पर विधायक रहे) ने जीत दर्ज की। इन लोकसभा चुनावों में इस सीट पर डॉ. राज कुमार को 44933, कांग्रेस की यामीनी गौतम को 18162, अकाली दल के सोहन सिंह ठंडल को 11935 और भाजपा की अनीता सोम प्रकाश को 9472 वोट पड़ी थी। इस सीट पर AAP काफी बढ़त के साथ मजबूत बनी हुई है और जीत का अंतर 26771 था। वहीं, इस सीट पर डॉ. राज कुमार चब्बेवाल के बेटे ही डॉ. इशांक कुमार मैदान में हैं। गिद्दड़बाहा: जीत में था मात्र 12,113 वोटों का अंतर लोकसभा हल्के में गिद्दड़बाहा सीट फरीदकोट के अंतर्गत आती है। इस साल हुए लोकसभा चुनावों में यहां से आजाद उम्मीदवार व खालिस्तानी समर्थक सर्बजीत सिंह खालसा ने जीत दर्ज की थी। इस सीट पर उन्हें 32423 वोट पड़े थे। जबकि दूसरे नंबर पर AAP के कर्मजीत अनमोल थे। जिन्हें 20310 वोट पड़े थे। कांग्रेस की अमरजीत कौर साहोके को यहां से 20273, अकाली दल के राजविंदर सिंह धर्मकोट को 19791 और भाजपा के हंस राज हंस को 14850 वोट पड़े थे। इस सीट पर परिणाम इस बार रोचक रहने वाला है। गर्मख्याली सर्बजीत सिंह खालसा ने इस सीट पर पहले दीप सिद्धू के भाई मनदीप सिंह को मैदान में उतारने की घोषणा की थी। लेकिन उन्होंने नॉमिनेशन फाइल ही नहीं किए। ये सीट एक समय में अकाली दल का गढ़ रही है, लेकिन इस बार वे भी मैदान में नहीं हैं। ऐसे में आम आदमी पार्टी, कांग्रेस और भाजपा में यहां कड़ी टक्कर देखने को मिलेगी। बरनाला: AAP 15513 वोटों से रही थी आगे बरनाला सीट की बात करें तो ये लोकसभा हलका संगरूर के अंतर्गत आती है। यहां से बरनाला सीट के ही पूर्व विधायक और मंत्री रहे गुरमीत सिंह मीत हेयर सांसद चुने गए। उन्हें इस सीट पर 37674 वोट पड़ी थी। वहीं, इस सीट के पूर्व सांसद रहे व गर्म ख्याली सिमरनजीत सिंह मान को 22161, भाजपा के अरविंद खन्ना को 19218, सुखपाल सिंह खैहरा को 15176 और अकाली दल को 5724 वोट डली थीं। इस सीट पर आम आदमी पार्टी 15513 वोटों से आगे रही थी। ये सांसद और पूर्व मंत्री रहे गुरमीत सिंह मीत हेयर की होम सीट है और AAP की यहां अच्छी पकड़ है।