हरियाणा में राज्यसभा सीट के लिए विपक्षी दलों के बीच घमासान मचा हुआ है। भाजपा के साथ मिलकर साढ़े 4 साल तक सरकार चलाने वाली जननायक जनता पार्टी (JJP) राज्यसभा सीट के लिए कांग्रेस पर BJP से सांठ-गांठ करने का आरोप लगा रही है। विपक्षी दलों में भाजपा के खिलाफ वोट पाने की होड़ मची हुई है। इसी को लेकर पार्टियां एक दूसरे पर BJP से मिलीभगत का आरोप लगा रही हैं। राज्यसभा सीट पर उम्मीदवार न उतारने का ऐलान हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा कर चुके हैं] जबकि कांग्रेस के हरियाणा में 28 विधायक हैं। जिस राज्यसभा सीट पर चुनाव होना है वह भी कांग्रेस के पास ही थी और दीपेंद्र हुड्डा राज्यसभा के सांसद थे। मगर चुनाव में वह इस्तीफा देकर लोकसभा से चुनाव लड़े और जीत गए। अब इस सीट को लेकर घमासान मचा है। JJP का कहना है कि कांग्रेस जानबूझकर अपना उम्मीदवार नहीं उतार रही ताकि भाजपा को फायदा पहुंच सके। वहीं, हुड्डा का कहना है कि उनके पास नंबर गेम नहीं है। जजपा अपना कैंडिडेट उतारे और 10 विधायकों को ले आए, कांग्रेस समर्थन करेगी। आज हुड्डा ने कहा कि जजपा अगर दिग्विजय चौटाला को उतारती है तो भी कांग्रेस समर्थन करेगी। हुड्डा के इस बयान से सियासी हलचल पैदा हो गई है। आखिर क्या कहा भूपेंद्र हुड्डा ने
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने दुष्यंत चौटाला पर कटाक्ष करते हुए कहा “दुष्यंत चौटाला अपने 10 विधायक ला, तो सही, मैं अपने 28 विधायक दिखा दूंगा। दुष्यंत चौटाला BJP से मिला हुआ है, दुष्यंत यदि दिग्विजय को राज्य सभा चुनाव में कैंडिडेट बनाकर हमसे वोट मांगे, हम समर्थन करेंगे”। जब भूपेंद्र सिंह हुड्डा से सवाल किया कि दिग्विजय चौटाला पर कांग्रेस सहमत होगी ? तो उन्होंने कहा कि हो सकती है। इससे पहले भूपेंद्र हुड्डा यह बयान दे चुके हैं कि हमारे पास राज्यसभा में नंबर गेम नहीं है। ऐसे में कैंडिडेट उतारने का क्या मतलब बनता है। दुष्यंत ने हुड्डा पर यह दिया था बयान
दुष्यंत चौटाला ने कहा था “‘एक तरफ नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा का यह कहना कि हरियाणा सरकार के पास बहुमत नहीं है, दूसरी तरफ राज्यसभा चुनाव यह कह कर लड़ने से इनकार करना कि विपक्ष के पास संख्या बल नहीं है। ये दोनों बातें सच कैसे हो सकती है? क्योंकि दोनों बातें विरोधाभासी हैं। हरियाणा की जनता राज्यसभा चुनाव में BJP को हारता हुआ देखना चाहती है, लेकिन भूपेन्द्र हुड्डा BJP के इशारे पर चुनाव ही नहीं लड़ना चाहते”। हरियाणा विधानसभा में सीटों का गणित
वहीं, हरियाणा विधानसभा में 90 सीटें हैं। 3 फिलहाल खाली हैं। 87 में से बहुमत का आंकड़ा 44 है। भाजपा के पास इस वक्त 43 विधायक हैं। वहीं विपक्ष के पास पहले 44 विधायक थे लेकिन किरण चौधरी के भाजपा में आने से उनके पास भी अब 43 विधायक ही बचे हैं। हरियाणा में भाजपा के खिलाफत वाले वोट लेने की होड़
हरियाणा में सत्ता विरोधी लहर के वोट पाने की जहां कांग्रेस हर संभव कोशिश कर रही है। वहीं विपक्षी दल इनेलो कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा को भाजपा का मोहरा बताने में लगे हैं ताकि सत्ता विरोधी लहर का फायदा उनको भी मिल सके। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में सत्ता विरोधी लहर इनेलो और जजपा में बटने के बजाय कांग्रेस को गया। इससे कांग्रेस को लोकसभा में 5 सीटें मिली। वहीं विधानसभा वाईज 42 सीटों पर बढ़त मिली। ऐसे में विपक्षी दल हुड्डा की पोल खोलने में लगे हैं। हुड्डा के चुनाव से पीछे हटने से बैठे बठाए इनेलो और जजपा के हाथ मुद्दा लग गया है। हरियाणा में राज्यसभा की 5 सीटें
हरियाणा में राज्यसभा की कुल 5 सीटें हैं। इन सीटों में 3 भाजपा के पास है, जबकि एक सीट पर निर्दलीय कार्तिकेय शर्मा काबिज है। भाजपा ने सुभाष बराला, रामचंद्र जांगड़ा और कृष्ण लाल पंवार को राज्यसभा भेजा है। वहीं कांग्रेस से दीपेंद्र हुड्डा राज्यसभा सांसद थे। उनके लोकसभा चुनाव जीतने के बाद यह सीट खाली हो गई है। ऐसे में भाजपा राज्यसभा सीट पाना चाहती हैं। वहीं भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने नंबर गेम का हवाला देकर अपने पांव पीछे खींच लिए हैं। ऐसे में भाजपा की राज्यसभा चुनाव की राह आसान हो गई है। हरियाणा में राज्यसभा सीट के लिए विपक्षी दलों के बीच घमासान मचा हुआ है। भाजपा के साथ मिलकर साढ़े 4 साल तक सरकार चलाने वाली जननायक जनता पार्टी (JJP) राज्यसभा सीट के लिए कांग्रेस पर BJP से सांठ-गांठ करने का आरोप लगा रही है। विपक्षी दलों में भाजपा के खिलाफ वोट पाने की होड़ मची हुई है। इसी को लेकर पार्टियां एक दूसरे पर BJP से मिलीभगत का आरोप लगा रही हैं। राज्यसभा सीट पर उम्मीदवार न उतारने का ऐलान हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री भूपेंद्र सिंह हुड्डा कर चुके हैं] जबकि कांग्रेस के हरियाणा में 28 विधायक हैं। जिस राज्यसभा सीट पर चुनाव होना है वह भी कांग्रेस के पास ही थी और दीपेंद्र हुड्डा राज्यसभा के सांसद थे। मगर चुनाव में वह इस्तीफा देकर लोकसभा से चुनाव लड़े और जीत गए। अब इस सीट को लेकर घमासान मचा है। JJP का कहना है कि कांग्रेस जानबूझकर अपना उम्मीदवार नहीं उतार रही ताकि भाजपा को फायदा पहुंच सके। वहीं, हुड्डा का कहना है कि उनके पास नंबर गेम नहीं है। जजपा अपना कैंडिडेट उतारे और 10 विधायकों को ले आए, कांग्रेस समर्थन करेगी। आज हुड्डा ने कहा कि जजपा अगर दिग्विजय चौटाला को उतारती है तो भी कांग्रेस समर्थन करेगी। हुड्डा के इस बयान से सियासी हलचल पैदा हो गई है। आखिर क्या कहा भूपेंद्र हुड्डा ने
भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने दुष्यंत चौटाला पर कटाक्ष करते हुए कहा “दुष्यंत चौटाला अपने 10 विधायक ला, तो सही, मैं अपने 28 विधायक दिखा दूंगा। दुष्यंत चौटाला BJP से मिला हुआ है, दुष्यंत यदि दिग्विजय को राज्य सभा चुनाव में कैंडिडेट बनाकर हमसे वोट मांगे, हम समर्थन करेंगे”। जब भूपेंद्र सिंह हुड्डा से सवाल किया कि दिग्विजय चौटाला पर कांग्रेस सहमत होगी ? तो उन्होंने कहा कि हो सकती है। इससे पहले भूपेंद्र हुड्डा यह बयान दे चुके हैं कि हमारे पास राज्यसभा में नंबर गेम नहीं है। ऐसे में कैंडिडेट उतारने का क्या मतलब बनता है। दुष्यंत ने हुड्डा पर यह दिया था बयान
दुष्यंत चौटाला ने कहा था “‘एक तरफ नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र हुड्डा का यह कहना कि हरियाणा सरकार के पास बहुमत नहीं है, दूसरी तरफ राज्यसभा चुनाव यह कह कर लड़ने से इनकार करना कि विपक्ष के पास संख्या बल नहीं है। ये दोनों बातें सच कैसे हो सकती है? क्योंकि दोनों बातें विरोधाभासी हैं। हरियाणा की जनता राज्यसभा चुनाव में BJP को हारता हुआ देखना चाहती है, लेकिन भूपेन्द्र हुड्डा BJP के इशारे पर चुनाव ही नहीं लड़ना चाहते”। हरियाणा विधानसभा में सीटों का गणित
वहीं, हरियाणा विधानसभा में 90 सीटें हैं। 3 फिलहाल खाली हैं। 87 में से बहुमत का आंकड़ा 44 है। भाजपा के पास इस वक्त 43 विधायक हैं। वहीं विपक्ष के पास पहले 44 विधायक थे लेकिन किरण चौधरी के भाजपा में आने से उनके पास भी अब 43 विधायक ही बचे हैं। हरियाणा में भाजपा के खिलाफत वाले वोट लेने की होड़
हरियाणा में सत्ता विरोधी लहर के वोट पाने की जहां कांग्रेस हर संभव कोशिश कर रही है। वहीं विपक्षी दल इनेलो कांग्रेस नेता भूपेंद्र सिंह हुड्डा को भाजपा का मोहरा बताने में लगे हैं ताकि सत्ता विरोधी लहर का फायदा उनको भी मिल सके। हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में सत्ता विरोधी लहर इनेलो और जजपा में बटने के बजाय कांग्रेस को गया। इससे कांग्रेस को लोकसभा में 5 सीटें मिली। वहीं विधानसभा वाईज 42 सीटों पर बढ़त मिली। ऐसे में विपक्षी दल हुड्डा की पोल खोलने में लगे हैं। हुड्डा के चुनाव से पीछे हटने से बैठे बठाए इनेलो और जजपा के हाथ मुद्दा लग गया है। हरियाणा में राज्यसभा की 5 सीटें
हरियाणा में राज्यसभा की कुल 5 सीटें हैं। इन सीटों में 3 भाजपा के पास है, जबकि एक सीट पर निर्दलीय कार्तिकेय शर्मा काबिज है। भाजपा ने सुभाष बराला, रामचंद्र जांगड़ा और कृष्ण लाल पंवार को राज्यसभा भेजा है। वहीं कांग्रेस से दीपेंद्र हुड्डा राज्यसभा सांसद थे। उनके लोकसभा चुनाव जीतने के बाद यह सीट खाली हो गई है। ऐसे में भाजपा राज्यसभा सीट पाना चाहती हैं। वहीं भूपेंद्र सिंह हुड्डा ने नंबर गेम का हवाला देकर अपने पांव पीछे खींच लिए हैं। ऐसे में भाजपा की राज्यसभा चुनाव की राह आसान हो गई है। हरियाणा | दैनिक भास्कर