दो खाड़ी देशों में अपनी जान बचाने के बाद राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल के प्रयासों से एक विधवा मां की बेटी अपने वतन लौट आई है। ट्रैवल एजेंटों ने धोखे से उसे ओमान के मस्कट में बेच दिया था। वे लड़की को छोड़ने के बदले लाखों रुपयों की मांग कर रहे थे। खाड़ी देशों में पांच महीने नारकीय जीवन जीने के बाद लौटी पीड़िता ने अपनी दर्दनाक कहानी सुनाई। जालंधर जिले की रहने वाली पीड़ित लड़की ने निर्मल कुटिया सुल्तानपुर लोधी में अपना दुखड़ा सुनाया और कहा कि ट्रैवल एजेंट ने उसे दुबई भेजने के लिए 30 हजार लिए लेकिन उसने धोखा देकर उसे मस्कट में फंसा लिया। जहां उसे रोजाना चमड़े की बेल्टों से पीटा जाता था और यहां तक कि उनका शरीर पर दागा जाता था। पूरे दिन घर का काम करने के बाद उसे वहीं एक ऑफिस में बंद कर दिया गया। पीड़िता ने बताया कि दो महीने बीतने के बाद उसने उम्मीद छोड़ दी थी कि वह यहां से जिंदा बच पाएगी या फिर यहीं मर जाएगी। उन्होंने कहा कि वहां उन पर जो अत्याचार हो रहा था, वह बहुत भयानक था और इतनी पिटाई के कारण कभी-कभी वह बेहोश भी हो जाती थीं। संत सीचेवाल का किया धन्यवाद पीड़ित लड़की ने राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह को धन्यवाद देते हुए कहा कि अगर उन्होंने समय रहते उसकी मदद नहीं की होती तो अरब देश से उसकी वापसी सिर्फ एक सपना बनकर रह जाती। पीड़ित लड़की ने जानकारी देते हुए बताया कि वह फरवरी 2024 में अपने दोस्त के जरिए अपने परिवार की स्थिति सुधारने के लिए दुबई गई थी। उन्होंने बताया कि उनके पिता की मृत्यु के बाद से उनके परिवार में उनकी विधवा मां, 2 छोटी बहनें और 1 भाई हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं परिवार में बड़े होने के कारण आर्थिक स्थिति को देखते हुए उन्होंने बाहर जाने का निर्णय लिया था, लेकिन उनका यह निर्णय उनके जीवन के लिए संकट बन गया जब उन्हें एजेंटों द्वारा मस्कट, ओमान में बेच दिया गया। वहां उसे ठीक से खाना भी नहीं दिया जाता था और बीमार होने पर उसका इलाज भी नहीं किया जाता था। आंखों में आंसू लेकर लड़की ने कहा कि उसकी विधवा मां ने हिम्मत नहीं हारी और उसने किसी तरह राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल से संपर्क किया और उसकी जान बच गई। पीड़ित लड़की की विधवा मां ने बताया कि जब उन्हें इस बारे में पता चला तो उन्होंने एजेंट से अपनी बेटी को वापस भेजने की गुहार लगाई। लेकिन एजेंट लड़की को वापस करने के लिए उससे लाखों रुपए की मांग कर रहा था। पैसे न देने की स्थिति में उसने अपनी लड़की की वापसी की उम्मीद छोड़ दी थी। भारत भेजने के बजाय आबूधाबी भेजा पीड़ित लड़की ने बताया कि भारतीय दूतावास के दबाव के बाद जब एजेंटों ने उसे वापस भेजने लगे तो उन्होंने उसे भारत की बजाय अबूधाबी भेज दिया और उसके सारे पैसे भी छीन लिए। एजेंट ने उसका पीछा किया और उसे फंसाने के लिए उन्होंने एक लड़की को भी उसके पीछे भेजा। लड़की ने अपनी सूझबूझ का परिचय देते हुए दूसरी लड़की जो पंजाब की रहने वाली थी, उसे समझाया और उसे भी अपनी सूझबुझ से सुरक्षित वापस ले आई। उन्होंने वापसी के दौरान देर रात तक मदद करने के लिए संत सीचेवाल जी को भी धन्यवाद दिया, जिससे दोनों लड़कियों की घर वापसी संभव हो सकी। एजेंटों पर भरोसा ना करें : संत सीचेवाल उधर राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने पंजाब के लोगों से अपील की कि वे किसी भी एजेंट पर भरोसा न करें, क्योंकि अब तक सभी ट्रैवल एजेंटों ने लोगों को धोखा दिया है। उन्होंने कहा कि खाड़ी देशों में महिलाओं के साथ लगातार हो रहे शोषण को रोकने की जरूरत है। वहां लड़कियों की स्थिति बहुत दयनीय है। उन्होंने इन लड़कियों को बचाने और उन्हें उनके परिवारों के पास सुरक्षित वापस लाने के प्रभावी प्रयासों के लिए विदेश मंत्रालय और विशेष रूप से भारतीय दूतावासों को धन्यवाद दिया। दो खाड़ी देशों में अपनी जान बचाने के बाद राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल के प्रयासों से एक विधवा मां की बेटी अपने वतन लौट आई है। ट्रैवल एजेंटों ने धोखे से उसे ओमान के मस्कट में बेच दिया था। वे लड़की को छोड़ने के बदले लाखों रुपयों की मांग कर रहे थे। खाड़ी देशों में पांच महीने नारकीय जीवन जीने के बाद लौटी पीड़िता ने अपनी दर्दनाक कहानी सुनाई। जालंधर जिले की रहने वाली पीड़ित लड़की ने निर्मल कुटिया सुल्तानपुर लोधी में अपना दुखड़ा सुनाया और कहा कि ट्रैवल एजेंट ने उसे दुबई भेजने के लिए 30 हजार लिए लेकिन उसने धोखा देकर उसे मस्कट में फंसा लिया। जहां उसे रोजाना चमड़े की बेल्टों से पीटा जाता था और यहां तक कि उनका शरीर पर दागा जाता था। पूरे दिन घर का काम करने के बाद उसे वहीं एक ऑफिस में बंद कर दिया गया। पीड़िता ने बताया कि दो महीने बीतने के बाद उसने उम्मीद छोड़ दी थी कि वह यहां से जिंदा बच पाएगी या फिर यहीं मर जाएगी। उन्होंने कहा कि वहां उन पर जो अत्याचार हो रहा था, वह बहुत भयानक था और इतनी पिटाई के कारण कभी-कभी वह बेहोश भी हो जाती थीं। संत सीचेवाल का किया धन्यवाद पीड़ित लड़की ने राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह को धन्यवाद देते हुए कहा कि अगर उन्होंने समय रहते उसकी मदद नहीं की होती तो अरब देश से उसकी वापसी सिर्फ एक सपना बनकर रह जाती। पीड़ित लड़की ने जानकारी देते हुए बताया कि वह फरवरी 2024 में अपने दोस्त के जरिए अपने परिवार की स्थिति सुधारने के लिए दुबई गई थी। उन्होंने बताया कि उनके पिता की मृत्यु के बाद से उनके परिवार में उनकी विधवा मां, 2 छोटी बहनें और 1 भाई हैं। परिवार की आर्थिक स्थिति ठीक नहीं परिवार में बड़े होने के कारण आर्थिक स्थिति को देखते हुए उन्होंने बाहर जाने का निर्णय लिया था, लेकिन उनका यह निर्णय उनके जीवन के लिए संकट बन गया जब उन्हें एजेंटों द्वारा मस्कट, ओमान में बेच दिया गया। वहां उसे ठीक से खाना भी नहीं दिया जाता था और बीमार होने पर उसका इलाज भी नहीं किया जाता था। आंखों में आंसू लेकर लड़की ने कहा कि उसकी विधवा मां ने हिम्मत नहीं हारी और उसने किसी तरह राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल से संपर्क किया और उसकी जान बच गई। पीड़ित लड़की की विधवा मां ने बताया कि जब उन्हें इस बारे में पता चला तो उन्होंने एजेंट से अपनी बेटी को वापस भेजने की गुहार लगाई। लेकिन एजेंट लड़की को वापस करने के लिए उससे लाखों रुपए की मांग कर रहा था। पैसे न देने की स्थिति में उसने अपनी लड़की की वापसी की उम्मीद छोड़ दी थी। भारत भेजने के बजाय आबूधाबी भेजा पीड़ित लड़की ने बताया कि भारतीय दूतावास के दबाव के बाद जब एजेंटों ने उसे वापस भेजने लगे तो उन्होंने उसे भारत की बजाय अबूधाबी भेज दिया और उसके सारे पैसे भी छीन लिए। एजेंट ने उसका पीछा किया और उसे फंसाने के लिए उन्होंने एक लड़की को भी उसके पीछे भेजा। लड़की ने अपनी सूझबूझ का परिचय देते हुए दूसरी लड़की जो पंजाब की रहने वाली थी, उसे समझाया और उसे भी अपनी सूझबुझ से सुरक्षित वापस ले आई। उन्होंने वापसी के दौरान देर रात तक मदद करने के लिए संत सीचेवाल जी को भी धन्यवाद दिया, जिससे दोनों लड़कियों की घर वापसी संभव हो सकी। एजेंटों पर भरोसा ना करें : संत सीचेवाल उधर राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने पंजाब के लोगों से अपील की कि वे किसी 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कैप्टन अमरिंदर सिंह जन्म 11 मार्च 1942 को हुआ। कैप्टन एक भारतीय राजनीतिज्ञ, सैन्य इतिहासकार, पूर्व शाही और भारतीय सेना के दिग्गज हैं, जिन्होंने पंजाब के 15वें मुख्यमंत्री के रूप में कार्य किया हुआ है। कैप्टन पंजाब के पूर्व विधानसभा सदस्य और लोकसभा के सांसद भी रह चुके है। वे पंजाब प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष भी थे। उन्होंने इससे पहले 2002 से 2007 और 2017 से 2021 तक पंजाब के मुख्यमंत्री के रूप में भी काम किया है। उनके पिता पटियाला रियासत के अंतिम महाराजा थे। कैप्टन ने 1963 से 1966 तक भारतीय सेना में भी काम किया है । 1980 में, उन्होंने पहली बार लोकसभा में एक सीट जीती। नवंबर 2022 तक, सिंह पंजाब उर्दू अकादमी के अध्यक्ष के रूप में भी कार्य करते हैं। कैप्टन सिंह ने 18 सितंबर 2021 को पंजाब के मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया। 19 सितंबर 2022 को उन्होंने अपनी पार्टी पीएलसी का भाजपा में विलय कर दिया और उसी दिन भाजपा में शामिल हो गए।