<p>हाथरस एसआईटी ने बाबा नारायण साकार हरि को दी क्लीन चिट- सूत्र</p> <p>हाथरस एसआईटी ने बाबा नारायण साकार हरि को दी क्लीन चिट- सूत्र</p> उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड विधायकों के साथ अजित पवार ने किया सिद्धिविनायक का दर्शन, कहा- ‘आशीर्वाद मांगा है कि…’
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नए साल में 74 आईपीएस अफसरों को मिलेगा प्रमोशन:कई जिलों के कप्तान बनेंगे डीआईजी; जानिए किन अफसरों का प्रमोशन नहीं होगा
नए साल में 74 आईपीएस अफसरों को मिलेगा प्रमोशन:कई जिलों के कप्तान बनेंगे डीआईजी; जानिए किन अफसरों का प्रमोशन नहीं होगा नए साल में प्रदेश के 74 आईपीएस अफसरों को प्रमोशन का तोहफा मिलेगा। इसमें एएसपी से लेकर एडीजी रैंक तक के अफसर शामिल हैं। जिन अफसरों को प्रमोशन मिलेगा, उनमें 1992 बैच के आईपीएस एडीजी दिपेश जुनेजा भी शामिल हैं। उनको डीजी रैंक में प्रमोशन मिलेगा। इसके अलावा तीन आईजी रैंक के अफसर एडीजी, 10 डीआईजी रैंक के अफसर आईजी और 25 एसएसपी रैंक के अफसर डीआईजी बनेंगे। इसके अलावा 15 अफसरों को सीनियर ग्रेड यानी एसपी से एसएसपी और 20 अफसरों को एएसपी से एसपी रैंक में प्रमोशन मिलेगा। जो 25 एसएसपी डीआईजी बनेंगे, उनमें 10 अफसर ऐसे हैं जो जिलों में तैनात हैं। इसमें भी 6 जिलों के कप्तान के तौर पर हैं, जबकि चार पुलिस कमिश्नरेट में बतौर डीसीपी काम कर रहे हैं। जो जिलों के कप्तान हैं उनमें मथुरा के एसएसपी शैलेश पांडेय, मुजफ्फरनगर के एसएसपी अभिषेक सिंह, जौनपुर के पुलिस कप्तान अजय पाल शर्मा, शाहजहांपुर के पुलिस कप्तान राजेश एस, फतेहपुर के पुलिस कप्तान आलोक प्रियदर्शी, झांसी की एसएसपी सुधा सिंह शामिल हैं। इसके अलावा जो जिलों में डीसीपी की पोस्ट पर तैनात हैं, उनमें गौतमबुद्धनगर में राम बदन सिंह, लखनऊ में तेज स्वरूप, वाराणसी में हृदेश कुमार और सूर्यकांत त्रिपाठी का नाम शामिल है। यह डीआईजी बनेंगे आईजी
डीआईजी से आईजी बनने वाले अधिकारियों में 2007 बैच के अफसर अमित पाठक, जोगेंद्र कुमार, रवि शंकर छवि, विनोद कुमार सिंह, भारती सिंह, विपिन कुमार मिश्रा, बाबू राम, राकेश प्रकाश, योगेश सिंह और गीता सिंह का नाम शामिल है। इसी तरह जो तीन आईजी रैंक के अफसर एडीजी बनेंगे उनमें गौतमबुद्धनगर की पुलिस आयुक्त लक्ष्मी सिंह, लखनऊ रेंज के आईजी प्रशांत कुमार द्वितीय और एटीएस के आईजी नीलाब्जा चौधरी का नाम शामिल है। यह तीनों अफसर 2000 बैच के आईपीएस हैं। दरअसल, आईपीएस कॉडर में एडीजी रैंक के कुल 21 स्वीकृत पद हैं। इतने ही एक्स कॉडर पोस्ट के तौर पर एडीजी की तैनाती हो सकती है। मौजूदा समय में 45 एडीजी कार्यरत हैं। बतौर एक्स कॉडर पोस्ट, 3 अतिरिक्त एडीजी के पद की अनुमति केंद्र से कुछ अफसरों को प्रोन्नति देने के लिए ली गई थी। पद रिक्त न होने के कारण कई अफसर अभी नहीं बन पाएंगे डीजी
उत्तर प्रदेश में डीजी के कुल 7 पद हैं। इसमें सात पद और एक्स कॉडर पोस्ट के तौर पर होते हैं। यानी डीजी रैंक में अधिकतम अफसरों की संख्या 14 हो सकती है। डीजी रैंक के लिए 30 वर्ष का सेवाकाल अनिवार्य होता है। ऐसे में 1 जनवरी 2025 को 1995 बैच तक के अफसरों का सेवा काल 30 वर्ष पूरा हो जाएगा। बावजूद इसके रिक्त पद न होने के कारण यह अफसर डीजी रैंक में प्रमोशन नहीं पा सकेंगे। योग्यता (क्वालिफिकेशन) पूरी करने के बाद भी जो अफसर डीजी रैंक में प्रमोशन नहीं पा सकेंगे, उनमें 1995 के अलावा 1992, 1993 और 1994 बैच के अफसर भी शामिल हैं। यह अफसर बनेंगे एसएसपी से डीआईजी
एसएसपी से डीआईजी बनने वाले अफसरों में मथुरा के एसएसपी शैलेश पांडेय, मुजफ्फरनगर के एसएसपी अभिषेक सिंह, जौनपुर के पुलिस कप्तान अजय पाल शर्मा, शाहजहांपुर के पुलिस कप्तान राजेश एस, फतेहपुर के पुलिस कप्तान आलोक प्रियदर्शी, झांसी की एसएसपी सुधा सिंह शामिल हैं। इसके अलावा जो जिलों में डीसीपी की पोस्ट पर तैनात हैं उनमें गौतमबुद्धनगर में राम बदन सिंह, लखनऊ में तेज स्वरूप और वाराणसी में हृदेश कुमार, राजेश कुमार सिंह और सूर्यकांत त्रिपाठी के अलावा 32वीं बटालियन के कमांडेंट अजय कुमार, कुछ दिन पूर्व वसूली कांड के बाद बलिया से हटाए गए देवरंजन वर्मा शामिल हैं। इसी तरह यूपी स्पेशल रेंज बटालियन के एसपी हेमंत कुटियाल, पीएसी 31 बटालियन में कमांडेंट शालिनी, 49वीं बटालियन के कमांडेंट स्वप्नि ममगैन, 48वीं पीएसी के कमांडेंट धरावथ प्रदीप कुमार, 10वीं बटालियन के कमांडेंट अरुण कुमार श्रीवास्तव, 39वीं बटालियन पीएसी के कमांडेंट विकास कुमार वैद्य, 25वीं बटालियन के कमांडेंट राजेश कुमार सक्सेना, एसपी विजिलेंस डॉ. अरिवंद चतुर्वेदी, 37वीं बटालियन पीएसी की कमांडेंट सुनीता सिंह, पुलिस मुख्यालय में एसपी दिनेश सिंह, कमला प्रसाद यादव, एसपी ट्रैफिक मुख्यालय अरविंद कुमार मौर्य और एसपी कारागार सुभाष चंद्र शाक्य का नाम भी शामिल है। कई अफसरों को नहीं मिल पाएगा प्रमोशन
कई अफसर ऐसे भी हैं जिन्हें किसी न किसी जांच के चलते प्रमोशन नहीं मिल पाएगा। इसमें 2009 बैच के अतुल शर्मा, 2010 बैच के शगुन गौतम, हिमांशु कुमार, डॉ. धर्मवीर सिंह का नाम शामिल है। इन अफसरों को पिछली डीपीसी यानी 2023 में हुई डीपीसी में ही प्रमोशन मिलना था, लेकिन इन अधिकारियों के खिलाफ चल रही जांच के चलते इन्हें प्रमोशन नहीं मिल सका। एसपी और डीआईजी रैंक के कुछ अफसर ऐसे हैं, जिनके खिलाफ भी जांच चल रही है। लेकिन विभागीय प्रोन्नति समिति तय करेगी, उन्हें प्रमोशन दिया जाएगा या नहीं। ————————– ये भी पढ़ें… क्या यूपी को मिलेगा नया डीजीपी:ढाई साल से नहीं है कोई परमानेंट; प्रशांत कुमार चौथे कार्यवाहक के रूप में काम कर रहे यूपी का नया डीजीपी कौन होगा, इस पर एक बार फिर से चर्चा तेज हो गई है। कारण यह कि यूपी समेत 7 राज्यों में कार्यवाहक डीजीपी की नियुक्ति को लेकर सुप्रीम कोर्ट ने नाराजगी जताई है। सुप्रीम कोर्ट ने कार्यवाहक डीजीपी की नियुक्ति को अवमानना का मामला मानते हुए राज्य सरकारों को नोटिस दिया है। 14 नवंबर को इस पर सुनवाई होनी है। उससे पहले क्या यूपी काे नया डीजीपी मिलेगा? अगर नया डीजीपी होगा, तो कौन हो सकता है? या फिर सरकार सुप्रीम कोर्ट में कोई और दलील पेश करेगी? पढ़ें पूरी खबर…
करनाल में युवा किसान की खेत में हत्या:ट्रांसफार्मर से बिजली चोरी करने से रोक तो गर्दन पर किया लोहे की रॉड से वॉर, एक आरोपी हिरासत में
करनाल में युवा किसान की खेत में हत्या:ट्रांसफार्मर से बिजली चोरी करने से रोक तो गर्दन पर किया लोहे की रॉड से वॉर, एक आरोपी हिरासत में हरियाणा में करनाल के गांव नलीपार में एक 35 वर्षीय युवा किसान की ट्रांसफार्मर से बिजली चोरी का विरोध करने पर हत्या करने का मामला सामने आया है। युवक शाम को ही अपनी डयूटी के बाद खेत में चक्कर लगाने के लिए गया था। परिजनों का आरोप है कि युवक की गर्दन पर लोहे की रॉड से वॉर किया गया। इसके बाद आरोपी खुद ही उसे अस्पताल में इलाज के लिए लेकर गए। लेकिन डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। परिवार को उस समय पता चला जब देर रात को युवक का शव घर पर पहुंचा। जिसके बाद परिजनों ने मामले की सूचना पुलिस को दी। सूचना के बाद डीएसपी सोनू नरवाल, कुंजापुरा थाना एसएचओ, CIA की टीम और FSL की टीम मौके पर पहुंची और साक्ष्य जुटाए। पुलिस ने रात को शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम हाउस में रखवा दिया। आज पोस्टमॉर्टम के बाद शव परिजनों के हवाले कर दिया जाएगा। नलीपार गांव का रहने वाला था मृतक गांव नीलपार निवासी कृष्ण (35) के छोटे भाई देवा ने बताया कि उसका भाई प्राइवेट स्कूल में नौकरी करता है। वीरवार शाम को वह स्कूल से आने के बाद खेतों में घुमने के लिए गया था। लेकिन जब वह वहां पहुंचा तो उसने देखा कि उनके ट्रांसफार्मर से बिजली की तार लगाकर चोरी की जा रही है। जब उसने बिजली चोरी का विरोध किया। इस दौरान उसके खेत पड़ोसी आरोपी वहां आ गए। गर्दन पर किया रॉड से वॉर देवा ने बताया कि वारदात के समय उसका चचेरा भाई भी पास में ही था। देवा ने आरोप लगाया कि खेत के पड़ोस के लोगों पहले से ही उनके साथ रंजिश रखते थे। बिजली चोरी का जब उसके भाई ने विरोध किया तो आरोपियों ने उसके भाई की गर्दन पर लोहे की रॉड से वॉर कर दिया। जिससे वह बेसूध होकर वहीं पर गिर गया। खुद लेकर गए आरोपी कृष्ण को अस्पताल देवा का आरोप है कि आरोपी अपने आप को बचाने के लिए खुद उसके भाई को घायल होने के बाद अस्पताल में इलाज के लिए लेकर पहुंचे। जहां पर डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। उन्हें भाई की मौत का पता तब पता चला जब रात करीब 9 बजे उसके भाई शव को लेकर आरोपी गांव में पहुंचे। दो बच्चों का पिता था कृष्ण ग्रामीण संदीप ने बताया कि कृष्ण बहुत ही अच्छे संभाव का व्यक्ति था। उसकी किसी से भी दुश्मनी नहीं थी। लेकिन जिन्होंने इस वारदात को अंजाम को दिया वो क्रिमनल टाइप के लोग है। कृष्ण प्राईवेट स्कूल में नौकरी करता था। उसके 7 से 8 साल के दो बच्चे है। एक छोटा भाई है। परिवार में वह अकेला ही कमाने वाला था। कृष्ण की मौत के बाद परिवार पर दुखों का पहाड़ टूट गया।्र पहले भी चल रह था बिजली चोरी को लेकर विवाद मृतक के भाई देवा ने बताया कि पहले भी कई बार आरोपी उनके खेत के ट्रांसफार्मर से बिजली चोरी करते थे। हमने उनको पहले भी रोका लेकिन वह नहीं मानें और आज उसके भाई की बदमाशों ने हत्या कर दी। एक आरोपी को लिया हिरासत में सूचना के बाद मौके पर DSP सोनू नरवाल ने बताया कि पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमॉर्टम हाउस में रखवा दिया। सूचना के बाद FSL टीम को मौके पर बुलाया गया था। जिसके बाद टीम ने साक्ष्य जुटाए। मौत के सही कारणों का खुलासा पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में ही हो पाएगा। फिलहाल परिजनों की शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर लिया है। वहीं एक बिट्टू नाम के आरोपी को पूछताछ के लिए हिरासत में लिया गया है। पुलिस इस मामले में हर पहलू पर गहनता से जांच कर रही है।
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बिलासपुर में 11 को CM करेंगे ई-टैक्सी योजना की शुरुआत:वाहन खरीदने के लिए मिलेगी 50 प्रतिशत की सब्सिडी, 114 युवाओं को मिलेगा लोन हिमाचल प्रदेश के मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू 11दिसंबर को बिलासपुर में राजीव गांधी ई-टैक्सी योजना की शुरुआत करेंगे। पर्यटन निगम के अध्यक्ष (कैबिनेट रैंक) आरएस बाली ने मंगलवार को धर्मशाला में पत्रकार वार्ता में बताया कि हिमाचल सरकार प्रदेश के समग्र विकास के लिए प्रतिबद्ध है। उन्होंने कहा कि सुक्खू सरकार ने अपने 2 साल के कार्यकाल में कई महत्वपूर्ण फैसले लिए हैं, और चुनावी वादों को प्राथमिकता के आधार पर पूरा किया जा रहा है। बाली ने बताया कि बेरोजगार युवाओं को रोजगार उपलब्ध कराने के उद्देश्य से 11 दिसंबर को मुख्यमंत्री द्वारा राजीव गांधी ई-टैक्सी योजना की शुरुआत की जाएगी। इस योजना के लिए 200 करोड़ रुपए का स्टार्टअप फंड रखा गया है। योजना के तहत बेरोजगार युवाओं को ई-वाहन खरीदने के लिए 50 प्रतिशत की सब्सिडी दी जाएगी, और इन वाहनों को सरकारी विभागों में लगाया जाएगा। जिससे युवाओं को प्रतिमाह 50 हजार रुपए से अधिक का किराया मिलेगा। ई-टैक्सी के लिए दिया जाएगा ऋण उन्होंने यह भी बताया कि पहले चरण में 10 करोड़ रुपए की राशि स्वीकृत की गई है। जिससे 114 युवाओं को ई-टैक्सी के लिए ऋण दिया जाएगा। इसके अलावा, पर्यटन की योजनाओं के लिए एडीबी प्रोजेक्ट के तहत 2400 करोड़ रुपए की योजना लाई गई है। जिसके लिए ग्लोबल टेंडर कर विश्व स्तरीय कंसल्टेंट्स ग्रांट थॉर्नटन को नियुक्त किया गया है। इस योजना के लिए दुनिया की सबसे बड़ी कंसल्टेंट्स कंपनी ग्रांट थॉर्नटन को नियुक्त किया गया है। विधायक बिक्रम को कहा- शीतकालीन सत्र में साक्ष्य पेश करें बाली ने कहा कि पर्यटन निगम ने पिछले दो सालों में रिकॉर्ड कमाई की है, और एचपीटीडीसी के गठन के बाद पहली बार एक वित्तीय वर्ष में 100 करोड़ रुपए से अधिक की कमाई की है। एडीबी प्रोजेक्ट से हिमाचल प्रदेश के होटलों का नवीनीकरण होगा और दुर्गम क्षेत्रों में पर्यटन के विकास के लिए 36 करोड़ रुपए की राशि लाई गई है। भाजपा विधायक बिक्रम ठाकुर के बयानों पर प्रतिक्रिया देते हुए बाली ने उन्हें चुनौती दी कि अगर उनके दावे में सच्चाई है तो वे इसे लिखित में एफिडेविट के रूप में दें, या आगामी शीतकालीन सत्र में साक्ष्य पेश करें।