हरियाणा के करनाल जिले के नगला चौक पर स्थित गुडरिच फैक्टरी में एक बुजुर्ग कर्मचारी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। मृतक की पहचान यूपी के अजीपुर निवासी 60 वर्षीय सुभाष के रूप में हुई है। जो करीब ढाई साल से फैक्टरी में काम कर रहे थे। उनके सिर पर चोटों के निशान पाए गए हैं। परिजनों का आरोप है कि कंपनी वाले शव को अस्पताल में छोड़कर भाग गए। मामले की शिकायत पुलिस को दी गई। पुलिस मामले की जांच कर रही है। परिजनों का आरोप: कंपनी ने दिखाई लापरवाही मृतक के परिवार वालों का आरोप है कि फैक्टरी प्रशासन ने बड़ी लापरवाही बरती है। परिजनों का कहना है कि कंपनी वाले सुभाष का शव अस्पताल में छोड़कर भाग गए। उन्हें बॉडी अस्पताल के बाहर ही मिली। सुभाष के दोस्त और परिजनों का कहना है कि अगर यह हादसा था या किसी ने मारपीट की थी, तो कंपनी को तुरंत इसकी सूचना परिजनों को देनी चाहिए थी और अस्पताल में इलाज करवाना चाहिए था। मृतक का बेटा बोला- स्थिति स्पष्ट नहीं सुभाष के दो बेटे हैं, जिन्होंने बताया कि उन्हें फैक्टरी में हुए हादसे की कोई जानकारी नहीं है। बेटे ने कहा, “सिर पर चोट के निशान हैं, लेकिन हमें नहीं पता कि यह हादसा कैसे हुआ।” फैक्टरी प्रशासन की तरफ से किसी भी तरह का बयान नहीं आया है और न ही वे बात करने के लिए तैयार हैं। सुभाष की मौत से उनके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूटा है। उनके दोस्त और परिचित इस घटना को लेकर काफी आक्रोशित हैं और न्याय की मांग कर रहे हैं। फैक्टरी प्रशासन की लापरवाही और इस हादसे के कारण पर कई सवाल खड़े हो गए हैं। परिजनों ने प्रशासन से मामले की गंभीरता से जांच करने की मांग की है। पोस्टमार्टम के बाद होगा खुलासा यूपी के जांच अधिकारी राकेश कुमार ने बताया कि सुभाष शाम के समय नगला फार्म पर गुडरिच कंपनी में आए थे और रात को कोई हादसा हुआ, जिसमें उनकी मौत हो गई। उन्होंने कहा, “पोस्टमार्टम के बाद ही मौत के कारणों का पता चल पाएगा। शिकायत के अनुरूप ही आगामी कार्रवाई की जाएगी।” हरियाणा के करनाल जिले के नगला चौक पर स्थित गुडरिच फैक्टरी में एक बुजुर्ग कर्मचारी की संदिग्ध परिस्थितियों में मौत हो गई। मृतक की पहचान यूपी के अजीपुर निवासी 60 वर्षीय सुभाष के रूप में हुई है। जो करीब ढाई साल से फैक्टरी में काम कर रहे थे। उनके सिर पर चोटों के निशान पाए गए हैं। परिजनों का आरोप है कि कंपनी वाले शव को अस्पताल में छोड़कर भाग गए। मामले की शिकायत पुलिस को दी गई। पुलिस मामले की जांच कर रही है। परिजनों का आरोप: कंपनी ने दिखाई लापरवाही मृतक के परिवार वालों का आरोप है कि फैक्टरी प्रशासन ने बड़ी लापरवाही बरती है। परिजनों का कहना है कि कंपनी वाले सुभाष का शव अस्पताल में छोड़कर भाग गए। उन्हें बॉडी अस्पताल के बाहर ही मिली। सुभाष के दोस्त और परिजनों का कहना है कि अगर यह हादसा था या किसी ने मारपीट की थी, तो कंपनी को तुरंत इसकी सूचना परिजनों को देनी चाहिए थी और अस्पताल में इलाज करवाना चाहिए था। मृतक का बेटा बोला- स्थिति स्पष्ट नहीं सुभाष के दो बेटे हैं, जिन्होंने बताया कि उन्हें फैक्टरी में हुए हादसे की कोई जानकारी नहीं है। बेटे ने कहा, “सिर पर चोट के निशान हैं, लेकिन हमें नहीं पता कि यह हादसा कैसे हुआ।” फैक्टरी प्रशासन की तरफ से किसी भी तरह का बयान नहीं आया है और न ही वे बात करने के लिए तैयार हैं। सुभाष की मौत से उनके परिवार पर दुखों का पहाड़ टूटा है। उनके दोस्त और परिचित इस घटना को लेकर काफी आक्रोशित हैं और न्याय की मांग कर रहे हैं। फैक्टरी प्रशासन की लापरवाही और इस हादसे के कारण पर कई सवाल खड़े हो गए हैं। परिजनों ने प्रशासन से मामले की गंभीरता से जांच करने की मांग की है। पोस्टमार्टम के बाद होगा खुलासा यूपी के जांच अधिकारी राकेश कुमार ने बताया कि सुभाष शाम के समय नगला फार्म पर गुडरिच कंपनी में आए थे और रात को कोई हादसा हुआ, जिसमें उनकी मौत हो गई। उन्होंने कहा, “पोस्टमार्टम के बाद ही मौत के कारणों का पता चल पाएगा। शिकायत के अनुरूप ही आगामी कार्रवाई की जाएगी।” हरियाणा | दैनिक भास्कर
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CM सैनी बोले- हरियाणा में 50 हजार सरकारी नौकरी देंगे:नए HSSC चेयरमैन को शपथ दिलाई; सैनी ने कहा- ग्रुप D के पद भरेंगे हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन(HSSC) को नया चेयरमैन मिल गया है। हरियाणा सरकार ने असिस्टेंट एडवोकेट जनरल को चेयरमैन बना दिया है। उनकी नियुक्ति की घोषणा लोकसभा चुनाव के दौरान ही कर दी गई थी। हालांकि तब चुनाव आचार संहिता की वजह से न तो इसकी अधिसूचना जारी हुई और न ही उन्हें शपथ नहीं दिलाई जा सकी थी। अब शनिवार को उन्हें CM नायब सैनी ने चंडीगढ़ में शपथ दिलाई। शपथ दिलाने के बाद सीएम ने कहा कि हरियाणा के मुख्यमंत्री नायब सिंह ने HSSC के चेयरमैन को शपथ दिलाने के बाद दावा किया कि प्रदेश में विभिन्न श्रेणियों में 50,000 पदों के लिए भर्ती प्रक्रिया शुरू की जाएगी। इसके अलावा, युवाओं को ग्रुप-D की नौकरियां भी दी जाएंगी। वहीं HSSC के नवनियुक्त चेयरमैन हिम्मत सिंह ने कहा- ”जिन बच्चों ने एग्जाम दिया है, उनके साथ हम खड़े हैं। अभी जो CET का जजमेंट आया है हम उनकी लड़ाई लड़ेंगे, हम बच्चों के साथ हैं। प्रियॉरिटी हमारी यही रहेगी कि जल्दी से जल्दी भर्ती पूरी हो। मेरी व्यक्तिगत कोशिश यही रहेगी कि एनुअल बेसिस पर बच्चों को रेग्यूलर शेड्यूल बन जाए।” उन्होंने आगे कहा- ” मुझे कानून का अच्छा अनुभव है। उन अनुभवों का मैं प्रयोग करूंगा। जो भी मामले कोर्ट में है, उनको मैं पर्सनल परस्यू करूंगा। पहले हरियाणा में यह माहौल था कि मीडिया के लोग एक दिन पहले ही बता देते थे कि इनका सिलेक्शन होने वाला है। हरियाणा में अभी भर्ती रोको गैंग एक्टिव है, जो ये प्रयास कर रहा है कि भर्तियां न हों।” मुख्यमंत्री ने कहा कि वर्तमान राज्य सरकार युवाओं को पूरा मान-सम्मान दे रही है। जल्द ही सरकार 50 हजार नए रोजगार के अवसर उपलब्ध करवाने जा रही है। उन्होंने इस बात पर बल देते हुए कहा कि सरकार ने अपने कार्यकाल के दौरान बिना किसी भेदभाव के पूरी तरह से योग्यता के आधार पर नौकरियां दी हैं और यह पारदर्शी भर्ती प्रक्रिया भविष्य में भी जारी रहेगी। उन्होंने कहा कि यह गर्व की बात है कि युवाओं का सरकार की कार्यप्रणाली में विश्वास बढ़ा है क्योंकि वे बिना किसी ‘खर्ची-पर्ची’ (रिश्वत और पक्षपात) के सरकारी नौकरियां हासिल कर रहे हैं, जो पिछली सरकारों में चलती थी। कौन हैं हरियाणा के नए HSSC चेयरमैन
1. कैथल के रहने वाले, 20 साल से वकालत की प्रैक्टिस
हिम्मत सिंह कैथल जिले के खेड़ी मटरवा गांव के रहने वाले हैं। उन्होंने कुरुक्षेत्र यूनिवर्सिटी से BA-LLB और LLM किया है। उन्हें वकील के तौर पर प्रैक्टिस करते हुए करीब 16 साल हो गए हैं। मौजूदा समय में वह एडिशनल एडवोकेट जनरल (AAG) की जिम्मेदारी संभाल रहे हैं। 2. डिजिटल इंडिया में भी काम कर चुके
हिम्मत सिंह ई-कस्टडी सर्टिफिकेट पहल, डिजिटल इंडिया अभियान का विकास और कार्यान्वयन का भी हिस्सा रहे हैं। उन्होंने हरियाणा में अपराध और आपराधिक ट्रैकिंग नेटवर्क और सिस्टम (CCTNS) डेटा एकीकरण परियोजना के को-ऑर्डिनेटर के रूप में भी कार्य किया है। 3. रोड समाज से हिम्मत सिंह
हिम्मत सिंह रोड समुदाय से हैं। करनाल और कुरूक्षेत्र इस समुदाय का गढ़ है। चुनावों के वक्त भी उम्मीदवारों की हार-जीत में इस समुदाय की अहम भूमिका रहती है। हिम्मत सिंह की नियुक्ति को राज्य सरकार में रोड समुदाय को प्रतिनिधित्व देने से जोड़कर देखा जा रहा है। जानिए.. लोकसभा चुनाव के बीच घोषणा क्यों हुई
हिम्मत सिंह को HSSC चेयरमैन की घोषणा लोकसभा चुनावों के बीच कर दी गई। सियासी जानकार इसकी वजह करनाल लोकसभा सीट को मानते हैं। यहां से पूर्व CM मनोहर लाल खट्टर BJP के उम्मीदवार थे। रोड समुदाय को हरियाणा सरकार में पर्याप्त प्रतिनिधित्व नहीं मिला था। इस वजह से वे नाराज थे। करनाल में जब वीरेंद्र मराठा ने NCP से चुनाव लड़ने का ऐलान किया और इनेलो सपोर्ट में आई तो खट्टर की राह मुश्किल होने लगी। इस वजह से उसी दौरान रोड समाज को खुश करने के लिए उनके नाम की घोषणा कर दी गई। HSSC चेयरमैन का पद खाली क्यों हुआ?
इससे पहले भोपाल सिंह खदरी HSSC के चेयरमैन थे। उन्हें पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर का करीबी माना जाता है। हालांकि खट्टर को भाजपा ने अचानक सीएम की कुर्सी से हटा दिया। 12 मार्च को नायब सिंह सैनी हरियाणा के नए CM बना दिए गए। इसके बाद 15 मार्च को भोपाल खदरी ने भी इस्तीफा दे दिया। हालांकि खदरी की छवि इतनी थी कि पीएम नरेंद्र मोदी ने भी उनकी तारीफ की थी। वह पूर्व केंद्रीय मंत्री दिवंगत रतनलाल कटारिया के सचिव भी रह चुके हैं।