कायस्थ का दिमाग तेज…उसका सूप बनाकर पीया:हत्या का हिसाब लिखता, यूपी में कंपा देने वाले ऐसे 4 साइको किलर की कहानियां… वह लोगों का खून कर लोगों के जिस्म के टुकड़े-टुकड़े कर देता। फिर मरने वाले की खोपड़ी से भेजा निकाल कर उसे उबालता और सूप बनाकर पी जाता। उसका एक साथी कायस्थ था। उसने सुन रखा था, कायस्थ लोगों का दिमाग काफी तेज काम करता है। इसलिए उसने अपने साथी को भी नहीं बख्शा। एक दिन उसका कत्ल करने के बाद वह कई दिन तक उसकी खोपड़ी के हिस्से को भूनकर खाता रहा। उसके भेजे को उबालकर सूप बनाकर पीता रहा। उसका मानना था, इस सूप से उसका दिमाग तेज होगा और उसे अपार शक्ति मिलेगी। यह कहानी है प्रयागराज के साइको किलर राम निरंजन उर्फ राजा कोलंदर की। वह दरिंदगी की सारी हदों को पार कर वारदात को अंजाम देता था, जिसे देख या सुनकर दिल खौफ से भर जाए। उसकी वहशी करतूतें किसी शैतान से कम नहीं थीं। राजा कोलंदर की कहानी साल 2001 में सबके सामने आई। उसने एक के बाद एक 14 हत्याएं कीं। उसके फॉर्म हाउस से नरमुंड मिले। अब बरेली में महिलाओं की हत्या करने वाला साइको किलर सामने आया है, जिसने यूपी के ऐसे ही साइको किलर्स की यादें ताजा कर दीं। इस बार संडे बिग स्टोरी में ऐसे ही 4 साइको किलर की कहानी… पहली कहानी भेजा खा जाने वाले साइको किलर की प्रयागराज नैनी के शंकरगढ़ स्थित हिनौता गांव निवासी राम निरंजन उर्फ राजा कोलंदर को नर पिशाच कहा जाता है। पुलिस दिसंबर 2000 में पत्रकार धीरेंद्र सिंह के लापता होने की जांच कर रही थी। धीरेंद्र को लापता हुए 8 दिन से ज्यादा बीत चुके थे। जांच में राजा कोलंदर का नाम सामने आया। पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया। पूछताछ में उसने जो कहानी बयां की, वह डराने वाली थी। उसने बताया कि वह 14 दिसंबर, 2000 को ही धीरेंद्र सिंह का मर्डर कर चुका है। इसके पहले साल 1998 में भी एक मर्डर में उसका नाम आ चुका था। यह हत्या धूमनगंज थाना क्षेत्र के मुंडेरा में टीवी-वीसीआर किराए पर देने वाले युवक की थी। मारने के बाद लिंग और सिर काट दिया था
एक मामले में पत्रकार धीरेंद्र सिंह के भाई ने राजा कोलंदर को नामजद करते हुए एफआईआर दर्ज कराई थी। तभी उसने तय कर लिया था की धीरेंद्र की हत्या करनी है। पुलिस का मानना था कि पत्रकार धीरेंद्र सिंह को राजा कोलंदर की काली करतूतों के बारे में पता चल गया था। इसी वजह से उसकी हत्या की गई। राजा कोलंदर ने पुलिस को बताया कि उसने पत्रकार धीरेंद्र सिंह को अपने पिपरी फार्म हाउस पर बुलाया। सर्दी थी, इसलिए अलाव जला रखा था। धीरेंद्र अपनी बाइक से पहुंचे। वे अलाव के पास बैठे गए। इसी दौरान राजा कोलंदर के साले वक्षराज ने गोली मार दी। मौके पर ही धीरेंद्र सिंह ने दम तोड़ दिया। राजा कोलंदर और उसका साला वक्षराज दोनों धीरेंद्र के शव को टाटा सूमो से लेकर मध्यप्रदेश की सीमा में पहुंचे। पहले धीरेंद्र का सिर और लिंग काट दिया। लिंग और धड़ को वहीं खेत में दफना दिया। जबकि, उसका सिर एक पन्नी में लपेटकर रीवा के बाणसागर तालाब में फेंक दिया। धीरेंद्र मर्डर में जांच के दौरान पुलिस को राजा कोलंदर के घर से तलाशी में डायरी मिली। इस डायरी ने 14 हत्याओं का राज खोल दिया। पुलिस ने जब राजा कोलंदर की डायरी के पन्ने पलटने शुरू किए तो सन्न रह गए। पुलिस ने डायरी के आधार पर उससे पूछताछ की तो पूरी कहानी सामने आ गई। उसके फॉर्म हाउस से अशोक कुमार, मुइन, संतोष और कालीप्रसाद के नरमुंड बरामद हुए, इसकी हत्या का जिक्र डायरी में था। पूछताछ में पता चला कि राजा कोलंदर ने कुल 14 लोगों का कत्ल किया था। वह जरा-जरा सी बात पर लोगों का खून कर देता था। राजा कोलंदर आर्डिनेंस फैक्ट्री में काम करता था। कर्मचारी होने के बावजूद वह खुद को राजा ही समझता था। उसका कहना था कि जो आदमी उसे पसंद नहीं उसे वह अपनी अदालत में सजा जरूर देता है। अजीब सोच के कारण कोलंदर ने अपनी पत्नी का नाम फूलन देवी और दोनों बेटों के नाम अदालत और जमानत रखे थे। उसकी पत्नी जिला पंचायत सदस्य रह चुकी है। इस नरपिशाच की हैवानियत का अंदाजा इससे लगाया जा सकता है कि उसने आर्डिनेंस फैक्ट्री के साथी कर्मचारी काली प्रसाद श्रीवास्तव को इसलिए मौत के घाट उतारा था, क्योंकि वह कायस्थ बिरादरी का था। उसका मानना था कि कायस्थ लोगों का दिमाग काफी तेजी से काम करता है। वह कई दिनों तक उसकी खोपड़ी के हिस्से को भूनकर खाता रहा। उसके दिमाग को उबालकर सूप बनाकर पीता था। इलाहाबाद कोर्ट ने 1 दिसंबर, 2012 को रामनिरंजन उर्फ राजा कोलंदर को उम्रकैद की सजा सुनाई। कोर्ट ने उसे पत्रकार धीरेंद्र सिंह समेत कई लोगों की हत्या का दोषी करार देते हुए इसे रेयरेस्ट ऑफ दी रेयर केस माना था। उसके खिलाफ यह केस करीब 12 साल तक चला। वर्तमान में कोलंदर उन्नाव जेल में बंद है। सजा सुनाए जाने से कुछ घंटे पहले अदालत में लाए जाने तक वह खुद को बेगुनाह बताता रहा। उसका कहना था कि उसे सियासी रंजिश की वजह से फंसाया गया है। हालांकि, तमाम पत्रकारों और गांव वालों की मौजूदगी में की गई छापेमारी में फार्म हाउस से चौदह नर मुंड बरामद होने की बात पर वह कोई जवाब नहीं दे सका। ओटीटी प्लेटफॉर्म नेटफ्लिक्स पर राजा कोलंदर पर आधारित वेब सीरीज भी लाई गई। इस सीरीज का नाम था- ‘इंडियन प्रिडेटर: द डायरी ऑफ अ सीरियल किलर’। दो साइको की कहानी, जो बरेली के साइको किलर से मिलती है… जनवरी 2023 अयोध्या के थाना मवई के हुनहुना गांव में 60 साल की महिला को एक युवक खींचकर खेत में ले जाने लगा। दूर खड़ी दूसरी महिला ने देख लिया, शोर मचाया तो गांव वाले पहुंचे और उसे पकड़कर पिटाई कर दी। पुलिस को सौंपा। जांच में पता चला कि अयोध्या और बाराबंकी जिलों में जिस साइको किलर की दहशत है, वो यही है। नाम-अमरेंद्र रावत था, जो बाराबंकी के सरवा गांव का रहने वाला है। छह महीने में 4 बुजुर्ग महिलाओं से रेप और हत्या से दोनों जिलों में आतंक फैल गया। तीन केस तो एक महीने के अंदर ही हुए। बरेली की तरह यहां भी महिलाएं अकेले निकलने से डरने लगीं। इस खतरनाक हत्यारे को पकड़ने के लिए बाराबंकी, लखनऊ, अयोध्या और सुल्तानपुर की पुलिस टीमें लगाई गईं। 25 हजार रुपए का इनाम तक रख दिया गया। इसकी एक धुंधली तस्वीर पुलिस काे मिली ,जिसके आधार पर दिन-रात 30 से ज्यादा गांवों में सर्च ऑपरेशन चलाया गया। लेकिन शातिर हत्यारा पकड़ में नहीं आया। बाद में ग्रामीणों ने रेप की कोशिश करते समय उसे पकड़ा था। सभी हत्याओं का पैटर्न एक जैसा, सभी से रेप हत्या 1: घर से काम पर गई 60 साल की महिला से रेप तारीख- 5 दिसंबर, 2022
अयोध्या के मवई के खुशेटी गांव की 60 वर्षीय महिला घर से किसी काम के लिए निकली। जब शाम तक नहीं लौटी तो घर वालों ने खोजबीन के बाद थाने में गुमशुदगी दर्ज कराई। फिर 6 दिसंबर दोपहर के वक्त पुलिस को महिला का शव मिला। लाश पर कोई कपड़ा नहीं था। महिला के चेहरे और सिर पर चोटों के निशान थे। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में सामने आया कि रेप के बाद गला दबाकर हत्या की गई। अपराधी का पता नहीं चल पाया। हत्या 2: 62 साल की महिला का इब्राहिमाबाद के खेत में मिला शव तारीख- 17 दिसंबर, 2022
बाराबंकी जिले के इब्राहिमाबाद कस्बे में खेत से 62 साल की महिला की लाश बरामद हुई। लाश शाम के वक्त मिली, लेकिन हत्या सुबह की गई थी। शव पर भी कोई कपड़ा नहीं था। पोस्टमॉर्टम रिपोर्ट में पता चला कि रेप के बाद गला घोंटकर हत्या की गई। हत्यारे का फिर कोई पता नहीं चला। हत्या 3: शौच के लिए गई 61 साल की महिला की न्यूड डेडबॉडी मिली तारीख- 29 दिसंबर, 2023
राम सनेही घाट कोतवाली से 3 किमी दूर ठेठरहा गांव की शौच के लिए निकली महिला लापता हो गई। उसका शव 30 दिसंबर को खेत में अर्धनग्न अवस्था में मिला। यह महिला भी 61 साल की थी और हत्या का पैटर्न पहली 2 हत्याओं से मैच कर रहा था। लाश के मिलते ही पुलिस ने साइको किलर की तलाश तेज कर दी। तीसरी डेडबॉडी मिलने के 26 दिन बाद साइको किलर को पकड़ लिया गया। पुलिस पूछताछ में अमरेंद्र रावत ने चौथी हत्या की बात भी स्वीकार की। यह अयोध्या जिले के मवई के एक गांव में बुजुर्ग महिला की रेप के बाद हत्या की थी। अमरेंद्र ने बताया कि उसके पिता ने तीन शादियां की है, मां की मौत के बाद उसे दोनों सौतेली मां टॉर्चर करती थीं। पांच साल पहले इसका विवाह हुआ था, लेकिन गौना नहीं हुआ। गिरफ्तारी के छह महीने पहले सूरत गया, वहां से लौटने के बाद रेप और हत्या करने लगा। बरेली की तरह 2016 में बिजनौर से भी ऐसा ही केस सामने आया। यहां नगला गांव और आसपास की महिलाओं पर लाठी से जानलेवा हमले होने लगे। 3 जून को नगला गांव में खेत में काम करने गई एक महिला के सिर पर लाठी से वार किया गया। महिला की मौत हो गई। 4 दिन बाद उसी गांव के करीब गिरदावा साहनपुर में एक और महिला पर खेत में हमला हुआ। फिर एक के बाद हमले हाेने लगे तो पुलिस ने माना कि यह काम साइको किलर का है। बिजनौर के नजीबाबाद, मंडावली, भागुवाला व साहनपुर में 1 महीने में 12 महिलाओं पर हमला किया, जिसमें 3 की मौत हो गई। बिजनौर के 6 गांव की महिलाओं ने साइको किलर के डर से अकेले निकलना बंद कर दिया। खेतों में अगर जाना भी होता तो समूह में जाती थीं। लोग घर में किसी भी महिला को अकेले सोने नहीं दे रहे थे। रात भर जागकर चौकीदारी करते। इधर, पुलिस लोगों के भय को दूर करने के लिए दिन में 4 बार गश्त कर रही थी। बिजनौर के तत्कालीन एसपी उमेश श्रीवास्तव ने 12 महिलाओं पर हमला करने वाले साइको किलर की तलाश के लिए 5 टीमें बनाईं। इसी दौरान हरिद्वार रोड पर 13 साल की बच्ची पर हमले के दौरान किलर सीसीटीवी में कैद हो गया। पुलिस उस साइको दुग्गी तक पहुंच गई। 29 जुलाई को अनीस उर्फ दुग्गी गिरफ्तार कर लिया गया। इस साइको किलर ने सबको हिलाकर रख दिया… अलीगढ़ के पुरैनी गांव के देवेंद्र शर्मा ने बिहार के सीवान से बीएएमएस (बैचलर ऑफ आयुर्वेद मेडिसिन एंड सर्जरी) की डिग्री हासिल की थी। 1982 में शादी की। 1984 से 1995 तक जयपुर के बांदीकुई में जनता अस्पताल और डायग्नोस्टिक्स के नाम से क्लिनिक चलाया। साल 1994 में थापर चैंबर में भारत फ्यूल कंपनी ने गैस डीलरशिप देने की योजना चलाई, डॉक्टर देवेंद्र शर्मा ने इसमें 11 लाख रुपए इंवेस्ट किए, लेकिन कंपनी भाग गई और पैसा डूब गया। इस पैसे की भरपाई के लिए देवेंद्र जयपुर, बल्लभगढ़, गुरुग्राम और दूसरी जगह चल रहे किडनी ट्रांसप्लांट रैकेट में शामिल हो गया। 1994 से 2004 तक उसने ट्रांसप्लांट के लिए अवैध तरीके से 125 से ज्यादा किडनी की व्यवस्था की। एक ट्रांसप्लांट के लिए उसे 5-7 लाख रुपए मिलते थे। यहां से साइको किलर बना… डॉक्टर देवेंद्र साल 2003 तक बांदीकुई में क्लिनिक चलाता रहा। इस दौरान वो उन लोग के संपर्क में आया, जो किराए पर टैक्सी लेते और फिर ड्राइवर की हत्या कर टैक्सी लूट लेते। आरोपी कासगंज के हजारा नहर में शव को फेंकते थे, जिसमें मगरमच्छ होते हैं। इसलिए किसी का भी शव नहीं मिलता था। लूटी हुई टैक्सी को कासगंज और मेरठ में 20-25 हजार रुपए में बेच दिया जाता था। अब देवेंद्र किडनी ट्रांसप्लांट के साथ ही ये काम भी करने लग गया। 18 जनवरी, 2004 को डॉक्टर देवेंद्र ने जयपुर रेलवे जंक्शन से टाटा सूमो बुक की। ड्राइवर चांद खां अपने भाई शराफत खां के साथ उसे लेकर निकला था। दोनों का पता नहीं चला। गुमशुदगी दर्ज हुई। जयपुर जीआरपी ने मामले की जांच शुरू की। इधर शराफत और चांद खां की तलाश में लगी जीआरपी को भी सूचना मिली। मार्च 2004 में एटा की गंगा नहर में दो लाश मिलने का पता चला। शवों का तो अंतिम संस्कार कर दिया गया था, लेकिन घड़ी-कंबल आदि से गफ्फार खां और दूसरे परिजनों ने शिनाख्त की कि ये सामान चांद और शराफत का ही था। जीआरपी ने जांच के दौरान डॉ. देवेंद्र और उसके दो साथियों को गिरफ्तार किया। बोला- शव को मगरमच्छ को खिला देता था
देवेंद्र शर्मा ने पुलिस को बताया कि इससे पहले भी उसने और साथियों ने यूपी व अन्य राज्यों में कई टैक्सी चालकों की हत्या की। 100 के बाद उसने हत्या की गिनती छोड़ दी। उसने साल 2002 से 2004 के बीच दिल्ली, उत्तर प्रदेश, हरियाणा और राजस्थान में 100 से अधिक टैक्सी चालकों की हत्या की बात कबूली। उसने बताया कि उसे गला घोंटकर लोगों को मारने में मजा आता था। वह शवों को हजारा नहर में फेंक देता था कि ताकि वहां मगरमच्छ शवों को खा जाएं और कोई सबूत न बचे। 4 साल पहले जयपुर जेल से फरार, दिल्ली पुलिस ने पकड़ा इस दोहरे हत्याकांड में कोर्ट ने डॉ. देवेंद्र शर्मा उर्फ डॉ. मुकेश खंडेलवाल और उसके दो साथियों उदयवीर उर्फ मकोय और उसके भाई राजू उर्फ रजवा को 2018 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई। साल 2020 के जनवरी महीने में जयपुर स्थित सेन्ट्रल जेल में उम्रकैद की सजा काट रहे डॉक्टर देवेंद्र शर्मा को 20 दिन की पैरोल मिली और वो जेल से बाहर आ गया। इसके बाद वो जेल नहीं लौटा और फरार हो गया। पैरोल पर बाहर आने के बाद उसने पुलिस से बचने के लिए दिल्ली में एक विधवा से शादी कर ली। प्रॉपर्टी डीलिंग का काम करने लगा। जुलाई 2020 में दिल्ली में नारकोटिक्स सेल की टीम को सूचना मिली कि दिल्ली के बापरौला इलाके में एक सजायाफ्ता कैदी फरारी काट रहा है। तत्कालीन इंस्पेक्टर राममनोहर के साथ SI श्याम बिहारी सरन, हवलदार अशोक नागर, संजय, सिपाही सुमित व सुनील की टीम ने दबिश दी। यहां से डॉक्टर देवेंद्र शर्मा को गिरफ्तार कर लिया और उसे जयपुर पुलिस के सुपुर्द कर दिया, जहां से उसे दोबारा जेल भेज दिया गया। अब जानिए कोई कैसे साइको किलर बनता है…
मनोचिकित्सक डॉ. सुमित कुमार का कहना है कि साइको किलर या साइको पैथ जैसे लोग एक-दो दिन में नहीं बनते। इसके पीछे कई कारण होते हैं। बचपन में परिवार का माहौल बहुत मायने रखता है। बचपन में ऐसे लोगों के साथ कोई घटना घटी हो, जो इनके दिल और दिमाग में गहरा सदमा दे गई हो। या फिर जिसकी कुंठा इनके अंदर रह गई हो। डॉ. सुमित के मुताबिक, ऐसे लोगों के स्वभाव में एंटीसोशल पर्सनैलिटी डिसऑर्डर यानी ASPD के लक्षण भी दिख सकते हैं। यहीं नहीं अगर इन्होंने बचपन में कोई ट्रॉमा झेला होगा। तो उनके शादीशुदा जीवन और वर्क प्लेस पर उनके व्यवहार में भी दिखाई देगा। साथ ही ऐसे लोगों का गुस्सा सेक्सुअल अग्रेशन के रूप में भी दिखाई देता है। ऐसी मानसिक प्रवृत्ति का इंसान जब एक गलत काम करता है और उसको उसी वक्त न रोका जाए तो वह उसे आदत बना लेता है। ऐसे ही अगर कोई साइको किलर एक बार किसी की हत्या करता है तो वह उसे अपनी आदत बना लेता है। सेम ट्रेंड तब बनता है, जब उसे उस तरीके से हत्या करने का ऑब्सेशन हो जाता है । जिस तरीके से उसने पहली बार हत्या की हो। साइको किलर पर बनी 5 चर्चित फिल्में और वेब सीरीज 1- द नर्स: 2023 में नेटफ्लिक्स पर एक फिल्म आई द नर्स। यह फिल्म 2010 में डेनमार्क के एक हॉस्पिटल में घटी घटना पर आधारित है। कहानी एक नर्स हैनसेन की है जो जिस भी हॉस्पिटल में जाती है, अपने मरीजों का मर्डर करती है। वह मर्डर किसी तरह का शारीरिक नुकसान पहुंचाकर नहीं करती थी, बल्कि वह अपने मरीजों को मॉरफिन और डायजेपाम का हाई डोज देती थी। मोरफिन का इस्तेमाल दर्द से राहत के लिए और डायजेपाम का इस्तेमाल मरीज को शांत रखने के लिए किया जाता है। हैनसेन को 2015 में गिरफ्तार किया गया। पूछताछ में उसने कभी भी इन हत्याओं के पीछे की वजह नहीं बताई। 2- डामर: साल 2022 में नेटफ्लिक्स पर सीरियल किलर जेफरी डाहमर पर बनी वेब सीरीज डामर रिलीज हुई। अमेरिका के विस्कॉन्सिन के मिलवौकी शहर में रहने वाले डामर ने 17 लोगों की निर्मम और अमानवीय तरीके से हत्या कर दी थी। वह युवाओं को ड्रग्स देता फिर उनके शरीर पर अजीबोगरीब प्रयोग करता। लोगों के शरीर को काटता। भीतर के अंग निकाल लेता। कभी-कभी कुछ अंगों को खा जाता। 3-द इंडियन प्रीडेटर: द बुचर ऑफ दिल्ली: 2006 से 2007 के बीच राजधानी दिल्ली में सिलसिलेवार हत्याओं से हड़कंप मचाने वाले हत्यारे चंद्रकांत झा की कहानी है द इंडियन प्रीडेटर। 2022 में नेटफ्लिक्स पर रिलीज हुई। किलर ने एक के बाद एक 6 सिर कटी लाश तिहाड़ जेल के ठीक बाहर रखकर दिल्ली पुलिस को खुली चुनौती दी थी। 4-सायनाइड मल्लिका: जी5 पर 2021 में वेब सीरीज सायनाड मल्लिका भारत की पहली महिला सीरियल किलर डी केम्पम्मा की लाइफ पर आधारित है। ये मंदिर आने-जाने वाली अमीर महिलाओं को अपना निशाना बनाती थी। सायनाइड से मारने की शुरुआत बेंगलुरु में 1999 से किया। महिलाओं को प्रसाद में सायनाइड मिलाकर खाने को देती। 5-द स्टोनमैन मर्डर्स: अमेजन प्राइम पर उपबल्ध वेब सीरीज द स्टोनमैन मर्डर्स 1983 की घटना पर आधारित है, जब एक अज्ञात हत्यारा लोगों को पत्थर से मार देता था। उसने कुल 13 लोगों की हत्या की। यह 2019 में रिलीज हुई।