हरियाणा में फिर से पूर्व मुख्यमंत्री एवं केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर फिर से एक्टिव हो गए हैं। इस बार पूर्व सीएम ‘गांव दर्शन’ यात्रा के जरिए प्रदेश भर में घूम रहे हैं। यात्रा के दौरान वह लोगों के बीच जाकर घोषणाएं तक कर रहे हैं। मनोहर लाल खट्टर हरियाणा में 9.5 साल तक मुख्यमंत्री रह चुके हैं। 2024 में हुए लोकसभा चुनाव में करनाल लोकसभा सीट से सांसद बनकर मोदी कैबिनेट में केंद्रीय मंत्री बन चुके हैं। प्रदेश में उनके एक्टिव होने को लेकर सियासी गलियारों में खूब चर्चा हो रही है। कहा जा रहा है, हरियाणा में अभी भी मनोहर युग चल रहा है। हरियाणा सीएमओ में भी मनोहर लाल खट्टर के ही करीबियों को एडजस्ट किया जा रहा है। यहां पढ़िए खट्टर की क्या है ‘गांव दर्शन’ यात्रा केंद्रीय ऊर्जा, आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री एवं पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने हाल ही में ऐतिहासिक चुलकाना धाम मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद समालखा विधानसभा क्षेत्र के चुलकाना गांव से अपने ‘गांव दर्शन’ कार्यक्रम की शुरुआत की है। यात्रा के दौरान वह सूबे के गांवों में जाकर घोषणाएं कर रहे हैं। साथ ही लोगों से मिलकर तीसरी बार हरियाणा में बीजेपी की सरकार बनाने के लिए आभार भी प्रकट कर रहे हैं। खट्टर के एक्टिव होने की क्या हैं वजहें… दिल्ली से सपोर्ट करने के मिले डायरेक्शन हरियाणा में बीजेपी लगातार तीसरी बार सत्ता में आई है। यह प्रदेश के राजनीतिक इतिहास में पहली बार हुआ है कि कोई दल तीसरी बार सरकार बना पाया है। इसलिए बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व हरियाणा को लेकर बेहद गंभीर है। चूंकि मनोहर लाल खट्टर को हरियाणा में काम करने का अच्छा अनुभव है, उन्होंने संगठन के साथ ही साढ़े 9 साल सरकार भी चलाई है। इसलिए भी केंद्रीय नेतृत्व ने सीएम नायब सैनी को फुल सपोर्ट के लिए मनोहर लाल खट्टर को जिम्मेदारी दी है। सैनी का खट्टर से अच्छा तालमेल पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर का सीएम नायब सैनी से अच्छा तालमेल है। इसकी वजह यह भी है कि विधायक, सांसद, संगठन अध्यक्ष और फिर नायब सैनी को सीएम फेस बनाने में मनोहर लाल खट्टर ने अहम भूमिका निभाई है। जब मनोहर लाल RSS में संगठन महामंत्री की जिम्मेदारी देख रहे थे। तब नायब सिंह सैनी को उन्होंने अंबाला और नारायणगढ़ में एक्टिव रहने की सलाह दी थी। सैनी भी उन्हें अपना राजनीतिक गुरु मानकर उनकी सलाह को गंभीरता से लेते हैं। सैनी को सीएम फेस बनाने में निभाई भूमिका पूर्व सीएम के हरियाणा में एक्टिव होने की एक बड़ी वजह यह भी है कि मनोहर लाल खट्टर ने ही नायब सैनी को सीएम फेस बनाया है। केंद्र में नायब सैनी की अच्छी पैरवी करते हुए वह इसमें सफल भी रहे। इसके बाद अब पूर्व सीएम की जिम्मेदारी है कि वह नायब सैनी को एक सफल सीएम बनाने में अहम भूमिका निभाएं। इसके लिए वह लगातार दिल्ली से लेकर चंडीगढ़ तक सीएम के साथ मीटिंग कर राजनीतिक और प्रशासनिक निर्णय में अपनी सलाह दे रहे हैं। निकाय चुनाव भी एक वजह हरियाणा में फरवरी-मार्च में निकाय चुनाव संभावित हैं। चूंकि सत्ता में बीजेपी तीसरी बार आई है। जिसके बाद निकाय चुनाव में पार्टी की जीत बेहद जरूरी है। शहरों में बीजेपी पहले से ही अन्य विपक्षी दलों से काफी आगे हैं। लेकिन उसके बाद भी केंद्रीय नेतृत्व यह नहीं चाहता है कि शहरों की सरकार में पार्टी को हार का मुंह देखना पड़े। हरियाणा में फरवरी में 8 निकायों और 34 परिषदों में चुनाव होने हैं। 1994 में बीजेपी में आए खट्टर 1994 में जब खट्टर को संघ से भारतीय जनता पार्टी में लाया गया, तो गृह राज्य हरियाणा में संगठन महामंत्री का पद दिया गया। 1996 में, राज्य में सरकार बनाने के लिए बीजेपी का गठबंधन बंसी लाल की हरियाणा विकास पार्टी से हुआ। एक समय यह गठबंधन उन्हें महंगा लगने लगा। उन्हें लगा कि सरकार अलोकप्रिय हो गई थी, तो उन्होंने सरकार से समर्थन वापस लेने का पक्ष लिया। इसके बाद, बीजेपी ने ओम प्रकाश चौटाला को बाहरी समर्थन देने का फैसला किया। बाद में, INLD के साथ इस गठबंधन ने 1999 के संसदीय चुनाव में हरियाणा की सभी 10 सीटें जीत ली थी। इससे पहले के चुनाव (1998) में भाजपा की केवल 2 सीटें थी। पुराना है पीएम मोदी से रिश्ता मोदी खुद आरएसएस में लंबे समय तक काम करते हुए भाजपा में आकर और सीएम से पीएम की कुर्सी तक पहुंचने वाले नेता हैं। उनकी खट्टर से निकटता आरएसएस के दिनों से ही है। 1996 में, जब खट्टर हरियाणा में सक्रिय रूप से काम कर रहे थे, तब उन्होंने पहली बार मोदी के साथ काम करना शुरू किया। गुजरात में 2001 में आए भयंकर भूकम्प के बाद हुए चुनाव में भी मनोहर लाल खट्टर ने नरेंद्र मोदी की मदद की थी। तब कच्छ जिले में नरेंद्र मोदी ने चुनाव प्रबंधन के लिए मनोहर लाल को बुलाया था। हरियाणा में सीएम बनाने से लेकर केंद्र में मंत्री बनाने में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अहम भूमिका निभाई है। हरियाणा में फिर से पूर्व मुख्यमंत्री एवं केंद्रीय मंत्री मनोहर लाल खट्टर फिर से एक्टिव हो गए हैं। इस बार पूर्व सीएम ‘गांव दर्शन’ यात्रा के जरिए प्रदेश भर में घूम रहे हैं। यात्रा के दौरान वह लोगों के बीच जाकर घोषणाएं तक कर रहे हैं। मनोहर लाल खट्टर हरियाणा में 9.5 साल तक मुख्यमंत्री रह चुके हैं। 2024 में हुए लोकसभा चुनाव में करनाल लोकसभा सीट से सांसद बनकर मोदी कैबिनेट में केंद्रीय मंत्री बन चुके हैं। प्रदेश में उनके एक्टिव होने को लेकर सियासी गलियारों में खूब चर्चा हो रही है। कहा जा रहा है, हरियाणा में अभी भी मनोहर युग चल रहा है। हरियाणा सीएमओ में भी मनोहर लाल खट्टर के ही करीबियों को एडजस्ट किया जा रहा है। यहां पढ़िए खट्टर की क्या है ‘गांव दर्शन’ यात्रा केंद्रीय ऊर्जा, आवास एवं शहरी मामलों के मंत्री एवं पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर ने हाल ही में ऐतिहासिक चुलकाना धाम मंदिर में पूजा-अर्चना के बाद समालखा विधानसभा क्षेत्र के चुलकाना गांव से अपने ‘गांव दर्शन’ कार्यक्रम की शुरुआत की है। यात्रा के दौरान वह सूबे के गांवों में जाकर घोषणाएं कर रहे हैं। साथ ही लोगों से मिलकर तीसरी बार हरियाणा में बीजेपी की सरकार बनाने के लिए आभार भी प्रकट कर रहे हैं। खट्टर के एक्टिव होने की क्या हैं वजहें… दिल्ली से सपोर्ट करने के मिले डायरेक्शन हरियाणा में बीजेपी लगातार तीसरी बार सत्ता में आई है। यह प्रदेश के राजनीतिक इतिहास में पहली बार हुआ है कि कोई दल तीसरी बार सरकार बना पाया है। इसलिए बीजेपी का केंद्रीय नेतृत्व हरियाणा को लेकर बेहद गंभीर है। चूंकि मनोहर लाल खट्टर को हरियाणा में काम करने का अच्छा अनुभव है, उन्होंने संगठन के साथ ही साढ़े 9 साल सरकार भी चलाई है। इसलिए भी केंद्रीय नेतृत्व ने सीएम नायब सैनी को फुल सपोर्ट के लिए मनोहर लाल खट्टर को जिम्मेदारी दी है। सैनी का खट्टर से अच्छा तालमेल पूर्व सीएम मनोहर लाल खट्टर का सीएम नायब सैनी से अच्छा तालमेल है। इसकी वजह यह भी है कि विधायक, सांसद, संगठन अध्यक्ष और फिर नायब सैनी को सीएम फेस बनाने में मनोहर लाल खट्टर ने अहम भूमिका निभाई है। जब मनोहर लाल RSS में संगठन महामंत्री की जिम्मेदारी देख रहे थे। तब नायब सिंह सैनी को उन्होंने अंबाला और नारायणगढ़ में एक्टिव रहने की सलाह दी थी। सैनी भी उन्हें अपना राजनीतिक गुरु मानकर उनकी सलाह को गंभीरता से लेते हैं। सैनी को सीएम फेस बनाने में निभाई भूमिका पूर्व सीएम के हरियाणा में एक्टिव होने की एक बड़ी वजह यह भी है कि मनोहर लाल खट्टर ने ही नायब सैनी को सीएम फेस बनाया है। केंद्र में नायब सैनी की अच्छी पैरवी करते हुए वह इसमें सफल भी रहे। इसके बाद अब पूर्व सीएम की जिम्मेदारी है कि वह नायब सैनी को एक सफल सीएम बनाने में अहम भूमिका निभाएं। इसके लिए वह लगातार दिल्ली से लेकर चंडीगढ़ तक सीएम के साथ मीटिंग कर राजनीतिक और प्रशासनिक निर्णय में अपनी सलाह दे रहे हैं। निकाय चुनाव भी एक वजह हरियाणा में फरवरी-मार्च में निकाय चुनाव संभावित हैं। चूंकि सत्ता में बीजेपी तीसरी बार आई है। जिसके बाद निकाय चुनाव में पार्टी की जीत बेहद जरूरी है। शहरों में बीजेपी पहले से ही अन्य विपक्षी दलों से काफी आगे हैं। लेकिन उसके बाद भी केंद्रीय नेतृत्व यह नहीं चाहता है कि शहरों की सरकार में पार्टी को हार का मुंह देखना पड़े। हरियाणा में फरवरी में 8 निकायों और 34 परिषदों में चुनाव होने हैं। 1994 में बीजेपी में आए खट्टर 1994 में जब खट्टर को संघ से भारतीय जनता पार्टी में लाया गया, तो गृह राज्य हरियाणा में संगठन महामंत्री का पद दिया गया। 1996 में, राज्य में सरकार बनाने के लिए बीजेपी का गठबंधन बंसी लाल की हरियाणा विकास पार्टी से हुआ। एक समय यह गठबंधन उन्हें महंगा लगने लगा। उन्हें लगा कि सरकार अलोकप्रिय हो गई थी, तो उन्होंने सरकार से समर्थन वापस लेने का पक्ष लिया। इसके बाद, बीजेपी ने ओम प्रकाश चौटाला को बाहरी समर्थन देने का फैसला किया। बाद में, INLD के साथ इस गठबंधन ने 1999 के संसदीय चुनाव में हरियाणा की सभी 10 सीटें जीत ली थी। इससे पहले के चुनाव (1998) में भाजपा की केवल 2 सीटें थी। पुराना है पीएम मोदी से रिश्ता मोदी खुद आरएसएस में लंबे समय तक काम करते हुए भाजपा में आकर और सीएम से पीएम की कुर्सी तक पहुंचने वाले नेता हैं। उनकी खट्टर से निकटता आरएसएस के दिनों से ही है। 1996 में, जब खट्टर हरियाणा में सक्रिय रूप से काम कर रहे थे, तब उन्होंने पहली बार मोदी के साथ काम करना शुरू किया। गुजरात में 2001 में आए भयंकर भूकम्प के बाद हुए चुनाव में भी मनोहर लाल खट्टर ने नरेंद्र मोदी की मदद की थी। तब कच्छ जिले में नरेंद्र मोदी ने चुनाव प्रबंधन के लिए मनोहर लाल को 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