पटियाला के छोटी बारादरी में वीरवार दोपहर को उसे समय हाई वोल्टेज ड्रामा हो गया, जब एक महिला ने अपशब्द बोलने के आरोप लगाते हुए कार सवार को पकड़ कर पीटना शुरू कर दिया। महिला और इसके पति ने कार चालक की जमकर पिटाई की, जिसके बाद लोगों की भीड़ जमा हुई तो कर सवार खुद को छुड़ाते हुए मौके से भाग गया। भागते समय कार सवार अपनी गाड़ी मौके पर छोड़कर चला गया। इसके बाद दंपती ने कार की हवा निकाल दी और पुलिस को बुलाकर कर उनके हवाले कर दिया। तेज रफ्तार पर ओवरटेक कर रहा था कार ड्राइवर महिला ने बताया कि वह अपने पति के साथ मोटरसाइकिल पर जा रही थी। कार ड्राइवर ओवरटेक करने लगा तो महिला ने कार धीरे चलाने के लिए कहा। इसके बाद कार ड्राइवर ने गालियां निकालते हुए कहा कि समय तय करके लड़ने के लिए कहीं पर भी आ जाए। महिला ने इसका विरोध किया तो कर ड्राइवर ने उसे गालियां निकालनी शुरू कर दी। इस वजह से उन्होंने कार को रोक लिया। कार रुकते ही ड्राइवर ने गालियां निकालते हुए हाथापाई शुरू कर दी थी, जिस वजह से मामला बढ़ गया था। पटियाला के छोटी बारादरी में वीरवार दोपहर को उसे समय हाई वोल्टेज ड्रामा हो गया, जब एक महिला ने अपशब्द बोलने के आरोप लगाते हुए कार सवार को पकड़ कर पीटना शुरू कर दिया। महिला और इसके पति ने कार चालक की जमकर पिटाई की, जिसके बाद लोगों की भीड़ जमा हुई तो कर सवार खुद को छुड़ाते हुए मौके से भाग गया। भागते समय कार सवार अपनी गाड़ी मौके पर छोड़कर चला गया। इसके बाद दंपती ने कार की हवा निकाल दी और पुलिस को बुलाकर कर उनके हवाले कर दिया। तेज रफ्तार पर ओवरटेक कर रहा था कार ड्राइवर महिला ने बताया कि वह अपने पति के साथ मोटरसाइकिल पर जा रही थी। कार ड्राइवर ओवरटेक करने लगा तो महिला ने कार धीरे चलाने के लिए कहा। इसके बाद कार ड्राइवर ने गालियां निकालते हुए कहा कि समय तय करके लड़ने के लिए कहीं पर भी आ जाए। महिला ने इसका विरोध किया तो कर ड्राइवर ने उसे गालियां निकालनी शुरू कर दी। इस वजह से उन्होंने कार को रोक लिया। कार रुकते ही ड्राइवर ने गालियां निकालते हुए हाथापाई शुरू कर दी थी, जिस वजह से मामला बढ़ गया था। पंजाब | दैनिक भास्कर
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बिट्टू के बहाने पंजाब की 60% सिख आबादी पर नजर:बेअंत के पोते पगड़ीधारी सिख, 38% हिंदुओं की भी पसंद, सवाल-राज्यसभा में कहां से जाएंगे
बिट्टू के बहाने पंजाब की 60% सिख आबादी पर नजर:बेअंत के पोते पगड़ीधारी सिख, 38% हिंदुओं की भी पसंद, सवाल-राज्यसभा में कहां से जाएंगे पंजाब में BJP एक भी लोकसभा सीट नहीं जीत पाई लेकिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रवनीत सिंह बिट्टू को अपनी कैबिनेट में शामिल कर एक बार फिर सिखों को साधने की कोशिश की है। बिट्टू लोकसभा चुनाव में लुधियाना सीट पर कांग्रेसी उम्मीदवार अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग के सामने हार गए थे। पंजाब से आतंकवाद खत्म करने का श्रेय बिट्टू के दादा सरदार बेअंत सिंह को ही जाता है। बेअंत सिंह ने पंजाब का CM रहते हुए सुपर कॉप केपीएस गिल को आतंकियों के खात्मे के लिए फ्री हैंड दिया था। उनसे नाराज खालिस्तान समर्थकों ने 31 अगस्त 1995 को चंडीगढ़ में पंजाब सेक्रेटेरिएट के बाहर बम विस्फोट करके बेअंत सिंह की हत्या कर दी थी। उस धमाके में बेअंत सिंह के साथ 3 कमांडो समेत 17 लोगों की जान चली गई थी। राज्य में अमन-शांति स्थापित करने के लिए अपनी जान तक कुर्बान कर देने वाले बेअंत संह और उनके परिवार को पंजाब के कुल 38.5% हिंदू पसंद करते रहे हैं। रवनीत बिट्टू को मंत्री बनाने का फायदा BJP को पंजाब में जल्दी होने वाले नगर निगम, पंचायत और पांच विधानसभा सीटों के उपचुनाव में मिल सकता है। रवनीत बिट्टू इस समय न तो लोकसभा सांसद हैं और न ही राज्यसभा के मेंबर। पंजाब विधानसभा में महज 2 विधायक होने के चलते BJP यहां से उन्हें राज्यसभा भेजने की पोजिशन में भी नहीं है। ऐसे में पार्टी उन्हें हरियाणा या किसी दूसरे स्टेट से राज्यसभा में भेज सकती है। हरियाणा में कांग्रेस के राज्यसभा सांसद दीपेंद्र हुड्डा रोहतक सीट से लोकसभा चुनाव जीत चुके हैं। ऐसे में उन्हें 15 दिन के अंदर अपनी राज्यसभा सीट खाली करनी होगी। हरियाणा में भाजपा की सरकार भी है। रवनीत बिट्टू को केंद्रीय कैबिनेट में शामिल करके भाजपा की पंजाब में जिन 4 चीजों पर नजर है, आइए उन्हें वन-बाई-वन समझते समझते हैं। 1. पोते के बहाने दादा की लीगेसी को भुनाने की अप्रोच
रवनीत सिंह बिट्टू के परिवार का पंजाब में अलग सियासी रसूख है। उनके दादा स्व. बेअंत सिंह कांग्रेस के कद्दावर नेता रहे। पंजाब में आतंकवाद खत्म करने की कीमत अपनी जान देकर चुकाने वाले बेअंत सिंह को पंजाबी, खासकर हिंदू बिरादरी आज भी याद करती है।भाजपा की कोशिश बिट्टू के बहाने उनके दादा की लीगेसी को भुनाने की है। इस बार भी लोकसभा चुनाव में रवनीत बिट्टू ने चुनाव प्रचार के दौरान अपने दादा बेअंत सिंह के फोटो होर्डंग्स और बैनर में लगाए थे। 2. 60% सिख आबादी पर नजर
पंजाब में 60% आबादी सिखों की है। बिट्टू पगड़ीधारी सिख हैं। उन्हें मंत्री बनाकर पार्टी इस आबादी के करीब जाने की कोशिश कर रही है। बिट्टू को केंद्रीय कैबिनेट में शामिल करके BJP ने उन लोगों को जवाब देने की कोशिश की है जो उसे पंजाब विरोधी बताते हैं।पार्टी नेताओं को उम्मीद है कि बिट्टू के मंत्री बनने से पंजाबियों में उसे लेकर सकारात्मक संदेश जाएगा। पार्टी की रणनीति सिख चेहरों को आगे रखते हुए ग्रामीण एरिया में पैठ बनाने की है। 3. सिख चेहरे की कमी पूरी, अकाली दल से आगे निकली पार्टी
पंजाब के अंदर BJP का ग्राफ तेजी से बढ़ रहा है। इसी लोकसभा चुनाव में शिरोमणि अकाली दल को पीछे छोड़ते हुए भाजपा वोट शेयर के मामले में तीसरी सबसे बड़ी पार्टी बन गई। 2019 के लोकसभा चुनाव में भाजपा का वोट शेयर 9% के आसपास था जो 2014 के लोकसभा चुनाव में बढ़कर 18.56% पर पहुंच गया। दूसरी तरफ 2019 के लोकसभा चुनाव में शिरोमणि अकाली दल का वोट शेयर 27.45% था, जो 2024 में गिरकर 13.42% रह गया। वोट शेयर के मामले में BJP से आगे सिर्फ कांग्रेस और आम आदमी पार्टी रही। प्रत्याशियों की जमानत जब्त होने के मामले में भी भाजपा का प्रदर्शन अकाली दल के मुकाबले बेहतर रहा। अकाली दल के 13 में से 10 प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो गई। बठिंडा से हरसिमरत कौर बादल, फिरोजपुर से नरदेव सिंह बॉबी मान और अमृतसर से अनिल जोशी ही अपनी जमानत बचा पाए। इसके मुकाबले भाजपा के 13 में से सिर्फ 4 उम्मीदवारों की जमानत जब्त हुई। इनमें खडूर साहिब के मंजीत सिंह मन्ना मियाविंड, बठिंडा से परमपाल कौर सिद्धू, संगरूर से अरविंद खन्ना और फतेहगढ़ साहिब से गेजाराम शामिल रहे। भाजपा पंजाब की 13 सीटों में से 3 सीटों पर तो दूसरे स्थान पर रही। इनमें लुधियाना, जालंधर और गुरदासपुर सीट शामिली है। पार्टी 6 सीटों-अमृतसर, आनंदपुर साहिब, फतेहगढ़ साहिब, फिरोजपुर, होशियारपुर व पटियाला में तीसरे स्थान पर रही। इसके अलावा, नवजोत सिद्धू के पार्टी छोड़ जाने के बाद भाजपा के पास पंजाब में कोई सिख चेहरा नहीं बचा। BJP ने कैप्टन अमरिंदर सिंह को साथ जोड़कर इस कमी को पूरा करना चाहा लेकिन बढ़ती उम्र के कारण कैप्टन सक्रिय राजनीति से लगभग किनारा कर चुके हैं। ऐसे में रवनीत बिट्टू के आने से पार्टी की सिख चेहरे की तलाश खत्म होती नजर आ रही है। 4. 2027 पर नजर, बिट्टू में देख रही फ्यूचर लीडरशिप
भाजपा बेशक इस लोकसभा चुनाव में एक भी सीट नहीं जीत पाई लेकिन उसका टारगेट 2027 में होने वाले राज्य विधानसभा के चुनाव है। इसकी शुरुआत पार्टी ने एक तरह से 2022 के विधानसभा चुनाव के तुरंत बाद शुरू कर दी थी। अपना जनाधार बढ़ाने और रूरल एरिया में पैठ बनाने के लिए सिलसिलेवार ढंग से कांग्रेस और अकाली दल के बड़े चेहरों को पार्टी जॉइन करवाई गई। इनमें कैप्टन अमरिंदर सिंह, सुनील जाखड़, परनीत कौर, रवनीत सिंह बिट्टू, केवल सिंह ढिल्लों, सुशील रिंकू, अरविंद खन्ना, पूर्व कांग्रेसी सांसद संतोख चौधरी की पत्नी कर्मजीत कौर चौधरी, अकाली दल के पूर्व मंत्री सिकंदर सिंह मलूका की बहू परमपाल कौर शामिल हैं। 2027 के विधानसभा चुनाव में तकरीबन ढाई साल पड़े हैं। रवनीत बिट्टू अभी जवान हैं। आनंदपुर साहिब और लुधियाना लोकसभा सीट से 3 बार कांग्रेस का सांसद रहने के अलावा वह पंजाब यूथ कांग्रेस के प्रधान भी रहे हैं। भाजपा नेतृत्व को लगता है कि यदि उन्हें पार्टी की रीति-नीति के हिसाब से ढाल लिया जाए तो वह आने वाले कई बरसों तक पंजाब में पार्टी के लिए काम कर सकते हैं। पार्टी के बड़े चेहरे चुनाव हारे
भाजपा ने पहली बार पंजाब की सभी 13 लोकसभा सीटों पर अपने उम्मीदवार उतारे। इनमें कुछ बड़े चेहरे भी थे। पार्टी एक भी सीट जीत नहीं पाई। होशियारपुर लोकसभा सीट पर पूर्व केंद्रीय मंत्री सोमप्रकाश की पत्नी अनीता सोमप्रकाश तीसरे स्थान पर खिसक गईं। अमृतसर सीट पर पार्टी उम्मीदवार तरनजीत सिंह संधू और पटियाला सीट पर पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह की पत्नी परनीत कौर भी तीसरे स्थान पर रहीं। ये खबरें भी पढ़ें… हरियाणा से 3 मंत्री बनाने के पीछे विधानसभा चुनाव:जीटी रोड बेल्ट समेत 2 इलाके साधे, 50 विस सीटों पर नजर; नॉन जाट पॉलिटिक्स पर अडिग शूटर रहे राव तीसरी बार मोदी कैबिनेट में:मोदी के PM फेस बनने के 10 दिन बाद छोड़ी कांग्रेस, पिता से मिलने चप्पल में पहुंची थीं इंदिरा हरियाणा के कृष्णपाल लगातार तीसरी बार मंत्री बने:सियासत की शुरुआत कॉलेज से, मोदी का करीबी होने पर मिला 2014 में टिकट; बेटा भी पॉलिटिक्स में हिमाचल के नड्डा दूसरी बार बने केंद्रीय मंत्री:अनुराग के पिता से मतभेद के बाद छोड़ा हिमाचल, मोदी घर आते-जाते रहे, शाह के करीबी
आत्महत्या करने वाले किसान से मिला सुसाइड नोट:लिखा- सरकारों को जगाने के लिए जानें चाहिए; यूनियन- FIR हो, अन्यथा नहीं होगा पोस्टमॉर्टम
आत्महत्या करने वाले किसान से मिला सुसाइड नोट:लिखा- सरकारों को जगाने के लिए जानें चाहिए; यूनियन- FIR हो, अन्यथा नहीं होगा पोस्टमॉर्टम पंजाब के शंभू बॉर्डर पर आत्महत्या करने वाले किसान से सुसाइड नोट मिला है। जिसके बाद किसान मजदूर संघर्ष कमेटी और किसान संघर्ष मोर्चा के सदस्यों ने भारत व पंजाब सरकार पर मामला दर्ज करने की मांग रख दी। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने ऐलान कर दिया है कि जब तक किसान के परिवार को नौकरी और 25 लाख रुपए नहीं दिए जाते, मृतक का ना पोस्टमॉर्टम होगा और ना ही संस्कार किया जाएगा। मृतक की पहचान रेशम सिंह सिंह के रूप में हुई है, जो पहुविंड गांव का रहने वाला था। मृतक रेशन सिंह ने अपने सुसाइड नोट में लिखा- मैं रेशम सिंह पुत्र जगतार सिंह गांव तरनतारन का रहने वाला हूं। मैं किसान मजदूर संघर्ष कमेटी का मेंबर हूं। मैं समझता हूं कि मोदी सरकार व पंजाब सरकार को जगाने के लिए जानें देने की जरूरत है। इसलिए सबसे पहले मैं अपनी जान देने की कोशिश करता हूं। जितने भी मुझे जन्म मिलेंगे, मैं इस कमेटी का मेंबर रहूंगा। डल्लेवाल साहब आपकी शहादत को देखते हुए मैं अपनी जान की कुर्बानी देता हूं। पंधेर ने संस्कार ना करने की घोषणा की किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने देर शाम अपना वीडियो जारी कर मृतक रेशम सिंह का ना पोस्टमॉर्टम और ना ही संस्कार करने की घोषणा की है। पंधेर ने वीडियो जारी कर कहा कि मरने वाले किसान का शव इस समय पटियाला स्थित रजिंदरा अस्पताल में रखा गया है। किसान की नीतियों से परेशान होकर ये आत्महत्या की। उसने अपने सुसाइड नोट पर भी यही लिखा। इसे देखते हुए दोनों फोरमों ने फैसला किया है कि मृतक की आत्महत्या के लिए केंद्र सरकार पर मामला दर्ज किया जाना चाहिए। इसके अलावा परिवार को 25 लाख रुपए और परिवार के एक सदस्य को नौकरी दी जानी चाहिए। जब तक मांगों को नहीं माना जाएगा, किसान का ना संस्कार किया जाएगा।
लुधियाना में चलती कार को लगी आग:इंजन में हुआ शार्ट सर्किट, छलांग लगाकर चालक ने बचाई जान
लुधियाना में चलती कार को लगी आग:इंजन में हुआ शार्ट सर्किट, छलांग लगाकर चालक ने बचाई जान पंजाब के लुधियाना में बीती रात स्विफ्ट कार को अचानक आग लग गई। चालक ने गाड़ी से छलांग लगाकर जान बचाई। पता चला है कि कार के इंजन में शार्ट सर्किट हुआ है जिस कारण आग की चपेट में गाड़ी आ गई। आग लगने से गाड़ी बुरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई। लोगों के मुताबिक कार चालक ने छलांग लगाकर अपनी जान बचाई। कार के इंजन से भड़की आग जानकारी मुताबिक घटना चंडीगढ़ रोड स्थित वर्धमान मिल के बाहर की है। कार समराला चौक से जमालपुर चौक की तरफ जा रही थी। इस बीच चलती स्विफ्ट कार को अचानक से आग लगी। आग कार के इंजन में लगी, जिससे कार में से धुंआ निकलने लगा। आग लगने से कार का इंजन व फ्रंट सीट्स जलकर राख हो गई।
मामले की सूचना मिलते ही फायर बिग्रेड की गाड़ी व थाना डिवीजन 7 की पुलिस मौके पर पुहंची। फायर कर्मियों ने तुरंत आग पर काबू पाया, जिसके बाद कार चालक कार को टो करवा कर ले गया। काम से लौट रहा था चालक जानकारी देते हुए थाना डिवीजन 7 के जांच अधिकारी एएसआई मलकीत सिंह ने बताया कि कार मालिक की पहचान नहीं अभी हुई। इतना पता चला है कि वह वह काम से घर लौट रहा था। जहां रास्ते मे वर्धमान मील के पास अचानक से उसकी कार में आग लग गई। आग लगने का कारण इंजन में हुई स्पार्किंग बताया जा रहा है। आज कार के मालिक की पहचान कर ली जाएगी।