हरियाणा में करनाल के ऊंचा समाना-रांवर रोड की निर्माणाधीन सड़क से अतिरिक्त मिट्टी उठाए जाने के मामले में मार्केटिंग बोर्ड और ठेकेदार सवालों के घेरे में है। मजेदार बात तो यह है कि मार्केटिंग बोर्ड के SDO को ही नहीं पता कि ठेकेदार द्वारा सड़क की मिट्टी को किस जगह पर एकत्रित करवाया जा रहा है? SDO विशाल वर्मा ने सिर्फ इतना ही कहा कि मिट्टी नजदीकी साइट पर डंप करवाई जा रही है, लेकिन वह लोकेशन कौन सी है, इसका उनके पास कोई जवाब नहीं था। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि निर्माणाधीन सड़क की जांच को लेकर पहुंचे SDM ने सड़क को लेकर सोशल ऑडिट तो कर लिया, लेकिन मिट्टी उठान वाले मामले का ऑडिट नहीं कर पाए? उन्होंने चंद लोगों से यह तो पूछ लिया कि सड़क ठीक बन रही है या नहीं, लेकिन ठेकेदार से यह नहीं पूछा कि मिट्टी उठवाकर किस लोकेशन पर एकत्रित की जा रही है्? मामले के बाद मौके पर नहीं चली पोकलेन और डंफर। जानिए क्या है पूरा मामला ऊंचा समाना-रांवर रोड करीब ढाई किलोमीटर लंबा है। जिसको 80-85 लाख रुपए की लागत से मार्केटिंग बोर्ड द्वारा बनाया जा रहा है। सड़क की हाइट 6-7 फीट की है और इसके लेवल को ढाई फुट तक के लेवल में लेकर आना है, क्योंकि सड़क की हाइट ज्यादा होने की वजह से आसपास के किसानों को दिक्कते आ रही थी। बीती 9 जुलाई को एक पोकलेन और डंपरों की मदद से मिट्टी को उठाया जा रहा था। नियमानुसार, मार्केटिंग बोर्ड की सड़क की मिट्टी को वाइडनिंग या फिर बर्म के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन मिट्टी यहां से उठाई जा रही थी। मिट्टी विभागीय परमिशन से उठाई जा रही है या ठेकेदार अपनी मर्जी से मिट्टी को उठाकर कहीं ओर भेज रहा है, यहीं जानने के लिए मीडिया पहुंची, लेकिन कैमरा देख पोकलेन और डंफर चालक अपने अपने वाहन लेकर फरार हो गए। जब सब कुछ सही था तो चालक भागे क्यों? जब ग्रामीण गजराज व भारत से बात की तो उन्होंने भी इतना ही बताया था कि सड़क बना रहे है, लेकिन मिट्टी को लेकर हमें कुछ नहीं पता। दैनिक भास्कर के सवालों का SDO विशाल वर्मा से जवाब सवाल: अब मिट्टी कहां डलवाई जा रही है? जवाब: अब लोकल नियरेस्ट प्वाइंट जहां पर भी हाेगा, मौके के अनुसार वही पर डलवा देंगे उसको।सवाल: यहां से मिट्टी के डंपर पे डंपर उठ चुके है, वे कहां पर डाले जा रहे है, क्या वह लोकेशन है आपके पास?जवाब: वो ठेकेदार से हम, क्योंकि हमने लेवलिंग का इसमें प्रोविजन लिया हुआ है। अगर उनकी बनती है तो वे पे करेंगे। सवाल: जब एस्टीमेट या टेंडर होता होगा तो उसमें मिट्टी डंप का भी टेंडर होता होगा? जवाब: नहीं, डंप का तो एज पर साइट सिचुएशन के अकोर्डिंग होता है उसमें। क्योंकि अब यहां पर साइडों में धान लगाई हुई है। सवाल: सड़क की मिट्टी को सड़क में ही यूज किया जा सकता है या फिर गांव में डाला जा सकता है? जवाब: यह मिट्टी यहीं पर यूज होगी, वाइडनिंग के लिए यूज करेंगे। सवाल: क्या इस मिट्टी को बेचा जा सकता है? जवाब: नहीं,सवाल: तो डिपार्टमेंट इसे कहां पर डाल सकता है? सवाल: क्या आपको नियरेस्ट प्वाइंट का पता है कहां पर है? जवाब:नियरेस्ट प्वाइंट तो साइट पर ही है हमारा सवाल: कितने डंपर उठ चुके होंगे यहां से? जवाब: वह तो लेवल के अकोर्डिंग है हमारा उसमें, हमारा एस्टीमेट लेवल के हिसाब से होता है। सवाल: क्या टेंडर में मिट्टी उठाने का ठेका ठेकेदार को दे रखा है? जवाब: हां जी, वो है उसमें। SDO से बार बार डंपिंग लोकेशन पूछी गई, लेकिन वे सिर्फ एक ही रटा लगाए रहे, नियरेस्ट लोकल प्वाइंट, लेकिन वह कहां है इसका उनके पास कोई स्पष्ट जवाब नहीं था।BJP के मंडल महामंत्री और पूर्व सरपंच बोले-ठीक हो रहा है काम-मौके का मुआयना करने पहुंचे SDM राजेश कुमार के सामने BJP के मंडल महामंत्री सतबीर सिंह और गांव के पूर्व सरपंच व अन्य कुछ ग्रामीणों ने बताया कि सड़क का निर्माण बहुत बढ़िया हो रहा है। उन्होंने कहा कि ठेकेदार ने कही पर भी मिट्टी डाली हो, हमें नहीं पता। हमें अपना काम चाहिए। ठेकेदार बोला मैं कैमरे के सामने नहीं बोलूंगा जब ठेकेदार संजय गुप्ता से डंपिंग प्वाइंट के बारे में सवाल किया तो उन्होंने कैमरे के सामने आने से मना कर दिया। जब बिना कैमरे के ही यह सवाल किया गया कि मिट्टी कहां पर डलवाई गई है तो उन्होंने चुप्पी साध ली। सोशल ऑडिट किया है: एसडीएम SDM राजेश कुमार सोनी ने बताया कि ऊंचा समाना-रांवर रोड का मामला सामने आया था कि सड़क का लेवल नीचा करते वक्त मिट्टी उठाई गई है। जिसके बाद हमने गांव में आकर सोशल ऑडिट किया है। यह सड़क ग्रामीणों की डिमांड पर ही नीचे की जा रही है। ग्रामीण सड़क निर्माण से पूरी तरह से संतुष्ट है। यहां पर किसी भी तरह की कोई एबनोर्मल्टी नहीं पाई गई है। SDM से प्रेस वार्ता के दौरान पूर्व सरपंच का इंटरफेयर जब SDM पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे तो SDM से सवाल किया गया कि जो मिट्टी यहां से उठाई गई है उसको कहां पर डलवाया गया है तो SDM के जवाब से पहले ही पूर्व सरपंच निशांत राणा ने पत्रकारों से बहस पर उतर आए और SDM से सवाल पूछने से मना करने लगे। पूर्व सरपंच ने फिर से स्पष्टीकरण दिया, काम बिल्कुल ठीक हो रहा है। आप बस कीजिए। आम पब्लिक से ज्यादा पूर्व सरपंच तैस में नजर आ रहे थे। पूर्व सरपंच ने SDM को इतना तक कह दिया कि SDM साहब हमारी कंप्लेंट लो इन पत्रकारों के खिलाफ, क्योंकि ये लोग गलत न्यूज़ छापते है। हरियाणा में करनाल के ऊंचा समाना-रांवर रोड की निर्माणाधीन सड़क से अतिरिक्त मिट्टी उठाए जाने के मामले में मार्केटिंग बोर्ड और ठेकेदार सवालों के घेरे में है। मजेदार बात तो यह है कि मार्केटिंग बोर्ड के SDO को ही नहीं पता कि ठेकेदार द्वारा सड़क की मिट्टी को किस जगह पर एकत्रित करवाया जा रहा है? SDO विशाल वर्मा ने सिर्फ इतना ही कहा कि मिट्टी नजदीकी साइट पर डंप करवाई जा रही है, लेकिन वह लोकेशन कौन सी है, इसका उनके पास कोई जवाब नहीं था। ऐसे में बड़ा सवाल यह है कि निर्माणाधीन सड़क की जांच को लेकर पहुंचे SDM ने सड़क को लेकर सोशल ऑडिट तो कर लिया, लेकिन मिट्टी उठान वाले मामले का ऑडिट नहीं कर पाए? उन्होंने चंद लोगों से यह तो पूछ लिया कि सड़क ठीक बन रही है या नहीं, लेकिन ठेकेदार से यह नहीं पूछा कि मिट्टी उठवाकर किस लोकेशन पर एकत्रित की जा रही है्? मामले के बाद मौके पर नहीं चली पोकलेन और डंफर। जानिए क्या है पूरा मामला ऊंचा समाना-रांवर रोड करीब ढाई किलोमीटर लंबा है। जिसको 80-85 लाख रुपए की लागत से मार्केटिंग बोर्ड द्वारा बनाया जा रहा है। सड़क की हाइट 6-7 फीट की है और इसके लेवल को ढाई फुट तक के लेवल में लेकर आना है, क्योंकि सड़क की हाइट ज्यादा होने की वजह से आसपास के किसानों को दिक्कते आ रही थी। बीती 9 जुलाई को एक पोकलेन और डंपरों की मदद से मिट्टी को उठाया जा रहा था। नियमानुसार, मार्केटिंग बोर्ड की सड़क की मिट्टी को वाइडनिंग या फिर बर्म के लिए इस्तेमाल किया जा सकता है, लेकिन मिट्टी यहां से उठाई जा रही थी। मिट्टी विभागीय परमिशन से उठाई जा रही है या ठेकेदार अपनी मर्जी से मिट्टी को उठाकर कहीं ओर भेज रहा है, यहीं जानने के लिए मीडिया पहुंची, लेकिन कैमरा देख पोकलेन और डंफर चालक अपने अपने वाहन लेकर फरार हो गए। जब सब कुछ सही था तो चालक भागे क्यों? जब ग्रामीण गजराज व भारत से बात की तो उन्होंने भी इतना ही बताया था कि सड़क बना रहे है, लेकिन मिट्टी को लेकर हमें कुछ नहीं पता। दैनिक भास्कर के सवालों का SDO विशाल वर्मा से जवाब सवाल: अब मिट्टी कहां डलवाई जा रही है? जवाब: अब लोकल नियरेस्ट प्वाइंट जहां पर भी हाेगा, मौके के अनुसार वही पर डलवा देंगे उसको।सवाल: यहां से मिट्टी के डंपर पे डंपर उठ चुके है, वे कहां पर डाले जा रहे है, क्या वह लोकेशन है आपके पास?जवाब: वो ठेकेदार से हम, क्योंकि हमने लेवलिंग का इसमें प्रोविजन लिया हुआ है। अगर उनकी बनती है तो वे पे करेंगे। सवाल: जब एस्टीमेट या टेंडर होता होगा तो उसमें मिट्टी डंप का भी टेंडर होता होगा? जवाब: नहीं, डंप का तो एज पर साइट सिचुएशन के अकोर्डिंग होता है उसमें। क्योंकि अब यहां पर साइडों में धान लगाई हुई है। सवाल: सड़क की मिट्टी को सड़क में ही यूज किया जा सकता है या फिर गांव में डाला जा सकता है? जवाब: यह मिट्टी यहीं पर यूज होगी, वाइडनिंग के लिए यूज करेंगे। सवाल: क्या इस मिट्टी को बेचा जा सकता है? जवाब: नहीं,सवाल: तो डिपार्टमेंट इसे कहां पर डाल सकता है? सवाल: क्या आपको नियरेस्ट प्वाइंट का पता है कहां पर है? जवाब:नियरेस्ट प्वाइंट तो साइट पर ही है हमारा सवाल: कितने डंपर उठ चुके होंगे यहां से? जवाब: वह तो लेवल के अकोर्डिंग है हमारा उसमें, हमारा एस्टीमेट लेवल के हिसाब से होता है। सवाल: क्या टेंडर में मिट्टी उठाने का ठेका ठेकेदार को दे रखा है? जवाब: हां जी, वो है उसमें। SDO से बार बार डंपिंग लोकेशन पूछी गई, लेकिन वे सिर्फ एक ही रटा लगाए रहे, नियरेस्ट लोकल प्वाइंट, लेकिन वह कहां है इसका उनके पास कोई स्पष्ट जवाब नहीं था।BJP के मंडल महामंत्री और पूर्व सरपंच बोले-ठीक हो रहा है काम-मौके का मुआयना करने पहुंचे SDM राजेश कुमार के सामने BJP के मंडल महामंत्री सतबीर सिंह और गांव के पूर्व सरपंच व अन्य कुछ ग्रामीणों ने बताया कि सड़क का निर्माण बहुत बढ़िया हो रहा है। उन्होंने कहा कि ठेकेदार ने कही पर भी मिट्टी डाली हो, हमें नहीं पता। हमें अपना काम चाहिए। ठेकेदार बोला मैं कैमरे के सामने नहीं बोलूंगा जब ठेकेदार संजय गुप्ता से डंपिंग प्वाइंट के बारे में सवाल किया तो उन्होंने कैमरे के सामने आने से मना कर दिया। जब बिना कैमरे के ही यह सवाल किया गया कि मिट्टी कहां पर डलवाई गई है तो उन्होंने चुप्पी साध ली। सोशल ऑडिट किया है: एसडीएम SDM राजेश कुमार सोनी ने बताया कि ऊंचा समाना-रांवर रोड का मामला सामने आया था कि सड़क का लेवल नीचा करते वक्त मिट्टी उठाई गई है। जिसके बाद हमने गांव में आकर सोशल ऑडिट किया है। यह सड़क ग्रामीणों की डिमांड पर ही नीचे की जा रही है। ग्रामीण सड़क निर्माण से पूरी तरह से संतुष्ट है। यहां पर किसी भी तरह की कोई एबनोर्मल्टी नहीं पाई गई है। SDM से प्रेस वार्ता के दौरान पूर्व सरपंच का इंटरफेयर जब SDM पत्रकारों से बातचीत कर रहे थे तो SDM से सवाल किया गया कि जो मिट्टी यहां से उठाई गई है उसको कहां पर डलवाया गया है तो SDM के जवाब से पहले ही पूर्व सरपंच निशांत राणा ने पत्रकारों से बहस पर उतर आए और SDM से सवाल पूछने से मना करने लगे। पूर्व सरपंच ने फिर से स्पष्टीकरण दिया, काम बिल्कुल ठीक हो रहा है। आप बस कीजिए। आम पब्लिक से ज्यादा पूर्व सरपंच तैस में नजर आ रहे थे। पूर्व सरपंच ने SDM को इतना तक कह दिया कि SDM साहब हमारी कंप्लेंट लो इन पत्रकारों के खिलाफ, क्योंकि ये लोग गलत न्यूज़ छापते है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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सैलजा के गांव से लेकर बूथ में कांग्रेस हारी:उकलाना के गांव प्रभुवाला में कांग्रेस पिछड़ी, हलके से 28092 मतों से जीती
सैलजा के गांव से लेकर बूथ में कांग्रेस हारी:उकलाना के गांव प्रभुवाला में कांग्रेस पिछड़ी, हलके से 28092 मतों से जीती हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस नेताओं के बीच गुटबाजी देखने को मिली। यह गुटबाजी अंत तक चलती रही। इसका खामियासा कांग्रेस को भुगतना भी पड़ा। कांग्रेस नेता राहुल गांधी, कुमारी सैलजा और भूपेंद्र हुड्डा के बीच दूरियां कम करवाते नजर आए, मगर वोटिंग वाले दिनों तक गुटबाजी दिखी। जिस कारण कांग्रेस को सत्ता सुख से दूर रहना पड़ा। टिकट आवंटन के कारण कांग्रेस विशेषकर भूपेंद्र सिंह हुड्डा से नाराज हुई सैलजा का असर उनके पैतृक गांव से लेकर उनके बूथ तक दिखने को मिला। जहां कांग्रेस का सफाया हो गया। कुमारी सैलजा के उकलाना हलके के गांव प्रभुवाला में भाजपा कैंडिडेट अनूप धानक को 1889 वोट मिले, जबकि कांग्रेस के नरेश सेलवाल को 906 वोट मिले। भाजपा को कांग्रेस प्रत्याशी से 983 वोट अधिक मिले। सैलजा के गांव में कांग्रेस बुरी तरह हारी। सैलजा के गांव में कांग्रेस 2009 से लगातार जीत रही है। सैलजा के बूथ से भी हारी कांग्रेस
सैलजा ने हिसार के अर्बन एस्टेट में अपना निवास बनाया हुआ है। वह अर्बन एस्टेट टू के NYPS स्कूल के बूथ नंबर 111 पर मतदान करती हैं। इस बूथ पर कुमारी सैलजा कांग्रेस प्रत्याशी रामनिवास राड़ा के साथ मतदान करने पहुंची थी, मगर सैलजा के इस बूथ पर कांग्रेस बुरी तरह हारी। यहां तक कि हिसार में तीसरे स्थान पर रहे भाजपा उम्मीदवार डॉ. कमल गुप्ता को कांग्रेस उम्मीदवार से ज्यादा वोट मिले हैं। इस बूथ पर निर्दलीय प्रत्याशी सावित्री जिंदल की जीत हुई। इस बूथ पर 615 मतदताओं ने वोट दिए। इसमें से कांग्रेस प्रत्याशी को 58 वोट मिले, जबकि भाजपा के कमल गुप्ता को 64 और सावित्री जिंदल को सबसे ज्यादा 348 वोट मिले। उकलाना में कांग्रेस 28092 मतों से जीती
जहां एक ओर कांग्रेस सांसद कुमारी सैलजा के गांव में कांग्रेस बुरी तरह हारी, वहीं उकलाना सीट से कांग्रेस प्रत्याशी नरेश सेलवाल ने 28092 मतों से जीत हासिल की। सेलवाल ने भाजपा प्रत्याशी अनूप धानक का तीसरी बार विधायक बनने का सपना तोड़ दिया। दूसरी बार विधायक बने नरेश सेलवाल ने 78448 वोट हासिल किए, जबकि अनूप धानक को 50536 वोट मिले। सैलजा के समर्थकों की कटी थी टिकट
दरअसल, कुमारी सैलजा उकलाना, नारनौंद, बरवाला और हांसी में अपने समर्थकों के लिए टिकट मांग रही थी और लगातार लॉबिंग कर रही थी। मगर कांग्रेस ने उनके करीबियों व समर्थकों की टिकट काट दी थी, जिससे सैलजा ने चुनाव प्रचार से दूरी बना ली थी। इसका असर वोटिंग पर देखने को मिला। कांग्रेस नारनौंद और उकलाना छोड़कर बाकि जगहों से हार गई। नारनौंद में जीत के लिए कांग्रेस को पूरा जोर लगाना पड़ा, जबकि लोकसभा चुनाव में कांग्रेस ने बड़े मार्जिन से नारनौंद और उकलाना से बढ़त हासिल की थी।
करनाल में छठ पर्व पर दो घरों में चोरी:लाखों के गहने और नकदी पर चोरों ने किया हाथ साफ, पुलिस जुटी जांच में
करनाल में छठ पर्व पर दो घरों में चोरी:लाखों के गहने और नकदी पर चोरों ने किया हाथ साफ, पुलिस जुटी जांच में हरियाणा के करनाल में चोरों ने दो मकानों को अपना निशाना बनाया और घर में रखी नकदी व लाखों रुपए के गहने लेकर फरार हो गए। घटना के वक्त दोनों परिवार छठ पूजा पर बाहर गए हुए थे।इसी दौरान चोर ताला तोड़कर घर के अंदर घुस गए और गहनों व नकदी पर हाथ साफ कर दिया। पीड़ित परिवारों ने मामले की शिकायत पुलिस को की है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। 12 हजार की नकदी और सोना पुलिस से प्राप्त जानकारी के मुताबिक, वंदना नामक महिला अपने परिवार के साथ पूजा के लिए बाहर गई हुई थी और कल सुबह 7:30 बजे वापस लौटने पर उन्हें घर का ताला टूटा मिला। इस घटना में लगभग 12 हजार रुपए नकद, 2 से 2.5 तोला सोने के गहने और दो मोबाइल चोरी हो गए। वंदना ने पुलिस को जानकारी दी कि अज्ञात चोर उनके घर से ये सामान ले गए हैं। पड़ोसी के घर से भी चोरी वंदना के सामने वाले कमरे में रमेश राम नामक व्यक्ति रहते हैं, जो अपनी छठ पूजा के लिए बाहर गए हुए थे। रमेश ने पुलिस को बताया कि उनके कमरे से लगभग 70 हजार रुपए नकद, सोने की कान की टोपस जिसकी कीमत लगभग 25 हजार और मंगलसूत्र जिसकी कीमत 16 हजार है, गायब मिला। दोनों ही परिवार पूजा के लिए बाहर गए हुए थे और वापसी पर अपने घरों में चोरी का शिकार हो गए। अज्ञात चोरों पर केस दर्ज वंदना और रमेश ने सेक्टर-4 करनाल पुलिस चौकी में रिपोर्ट दर्ज करवाई, जिसके आधार पर पुलिस ने अज्ञात चोरों के खिलाफ मामला दर्ज कर लिया है। जांच अधिकारी विकास ने बताया कि दो कमरों में चोरी की शिकायत मिली है। शिकायत के आधार पर अज्ञात चोरों के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है।
हरियाणा में स्कूल ड्रेस बदलवाने को लेकर पत्नी का कत्ल:दबाव डाला तो नशे में पति ने ब्लेड से गला काटा, फिर सुसाइड किया
हरियाणा में स्कूल ड्रेस बदलवाने को लेकर पत्नी का कत्ल:दबाव डाला तो नशे में पति ने ब्लेड से गला काटा, फिर सुसाइड किया हरियाणा के रेवाड़ी में पति-पत्नी की गला कटी लाश मिलने के मामले में बड़ा खुलासा हुआ है। दंपती के बीच शनिवार सुबह बच्चों की स्कूल ड्रेस बदलवाने को लेकर झगड़ा हुआ था। जिसके बाद पति ने शराब के नशे में पत्नी का गला काटा और फिर खुद का भी ब्लेड से गला काटकर खुदकुशी कर ली। दोनों के शव चारपाई पर खून से लथपथ बरामद हुए थे। खोल थाना पुलिस रविवार को दोनों के शव का पोस्टमॉर्टम कराने की कार्रवाई में जुटी है। दोनों के शव चारपाई पर पड़े मिले
शनिवार दोपहर करीब 3 बजकर 15 मिनट कर सिकंदर की 15 साल की बेटी और 10 साल का बेटा स्कूल से घर पहुंचने के बाद कमरे में घुसे तो उसके माता-पिता दोनों घर में चारपाई पर खून से लथपथ पड़े हुए थे। ये देख दोनों बच्चों ने पहले शोर मचाया और फिर बेहोश हो गए। दादा मामूद्दीन के अलावा अन्य परिवार के लोग तुरंत कमरे में पहुंचे। वहां देखा तो सिकंदर और उसकी पत्नी मंजू दोनों के गला कटे हुए थे। पास में ही एक सेविंग ब्लेड पड़ा हुआ था। शराब पीने का आदी था सिकंदर गांव बलवाड़ी के पूर्व सरपंच बिरेंद्र सिंह ने बताया कि सिकंदर (35) शराब पीने का आदी था। अक्सर उसका पत्नी मंजू के साथ झगड़ा होता रहता था। झगड़े के चलते ही मंजू अपने मायके चली जाती थी। कुछ दिन पहले ही सिकंदर मंजू को मायके से लेकर आया था। शनिवार को सिकंदर दोनों बच्चों की स्कूल ड्रेस लेने के लिए बाजार गया था। बेटी की ड्रेस छोटी होने के कारण मंजू ने उसे बदलवाने के लिए सिकंदर को वापस दुकान पर भेजा, लेकिन उसने मना कर दिया। इसी बात पर दोनों के बीच झगड़ा हुआ। सिकंदर शराब पीने का तो आदी था, लेकिन कल उसने शराब पी हुई थी या नहीं? ये हमे भी मालूम नहीं है। सिकंदर के पिता मामूद्दीन ने हमें भी इतनी ही जानकारी दी है। पिता सेना से रिटायर, सिकंदर कुछ नहीं करता था सिकंदर के पिता 72 वर्षीय मामूद्दीन सेना में सूबेदार के पद से रिटायर्ड हैं। सिकंदर कोई नौकरी-पेशा नहीं करता था। उसका परिवार पिता मामूद्दीन की सेना से मिलने वाली पेंशन पर निर्भर था। परिवार के मुताबिक, कुछ महीने तक सिकंदर रेवाड़ी शहर में किराए पर भी रहा, लेकिन 5 महीने पहले वापस गांव में अपने पैतृक घर में आकर रहने लग गया था। जांच अधिकारी सब इंस्पेक्टर राजेंद्र सिंह ने बताया कि कल दोपहर 3 बजे हमें पूर्व सरपंच ने फोन पर सूचना दी थी। सूचना के बाद हम तुरंत बलवाड़ी गांव पहुंचे तो वहां पत्नी के और पति के दोनों के गला कटा हुआ था। महिला के हाथ पर भी वार किया हुआ था। शक है की मृतक ने पहले पत्नी का कत्ल किया और फिर खुद का गला काटकर आत्महत्या कर ली। इसी आधार पर सिकंदर के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज किया गया है।