हरियाणा में करनाल की एक महिला ने अपने पति पर ही जानलेवा हमला करने का आरोप लगाया है। महिला रसोई घर में चाय बना रही थी। इसी दौरान पति ने हमला किया। हमला गर्दन, कंधे व ठोड़ी पर किया गया है। महिला ने मेडिकल के बाद शिकायत पुलिस को की है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर आरोपी पति के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। करनाल के हांसी रोड गली नंबर 6 में रहने वाली 31 वर्षीय भगवान देवी ने पुलिस को दी शिकायत में बताया है कि उसका और उसके पति का आए दिन घरेलू मामलों को लेकर झगड़ा होता रहता था। बीती 12 जुलाई की शाम को, जब वह रसोई में चाय बना रही थी, उसका पति दीपक पीछे खड़ा था। जैसे ही वह पीछे मुड़ी, तो उसने देखा कि दीपक के हाथ में चाकूनुमा ब्लेड था। उसके पूछने पर दीपक ने चाकू छुपा लिया, लेकिन फिर अचानक उस पर हमला कर दिया। महिला ने बताया है कि उसकी दीपक के साथ यह दूसरी शादी है। दीपक के पास पहले से ही एक लड़का है। शोर मचाया तो पड़ोसियों ने बचाया शिकायतकर्ता के अनुसार, दीपक ने चाकू से उनके गर्दन, कंधे और ठोड़ी पर वार किया। उन्होंने शोर मचाया, जिससे पड़ोसियों ने आकर उन्हें बचाया। भगवान देवी का आरोप है कि दीपक ने उनकी जान लेने की कोशिश की और उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी। घायल अवस्था में उसे करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया गया।घटना की सूचना मिलते ही पुलिस चौकी सदर बाजार के ASI कृष्ण चंद और मुख्य सिपाही प्रमोद कुमार मौके पर पहुंचे और जहां पर डॉक्टरों ने उसे ब्यान देने के लिए अनफिट बताया। पुलिस अगले दिन दोबारा अस्पताल में पहुंची और ब्यान दर्ज किए। पुलिस ने किया मामला दर्ज पुलिस ने शिकायत के आधार पर आरोपी पति के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। जांच अधिकारी कृष्ण चंद ने बताया कि महिला भगवान देवी ने अपने पति के खिलाफ शिकायत दी है। शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हरियाणा में करनाल की एक महिला ने अपने पति पर ही जानलेवा हमला करने का आरोप लगाया है। महिला रसोई घर में चाय बना रही थी। इसी दौरान पति ने हमला किया। हमला गर्दन, कंधे व ठोड़ी पर किया गया है। महिला ने मेडिकल के बाद शिकायत पुलिस को की है। पुलिस ने शिकायत के आधार पर आरोपी पति के खिलाफ मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। करनाल के हांसी रोड गली नंबर 6 में रहने वाली 31 वर्षीय भगवान देवी ने पुलिस को दी शिकायत में बताया है कि उसका और उसके पति का आए दिन घरेलू मामलों को लेकर झगड़ा होता रहता था। बीती 12 जुलाई की शाम को, जब वह रसोई में चाय बना रही थी, उसका पति दीपक पीछे खड़ा था। जैसे ही वह पीछे मुड़ी, तो उसने देखा कि दीपक के हाथ में चाकूनुमा ब्लेड था। उसके पूछने पर दीपक ने चाकू छुपा लिया, लेकिन फिर अचानक उस पर हमला कर दिया। महिला ने बताया है कि उसकी दीपक के साथ यह दूसरी शादी है। दीपक के पास पहले से ही एक लड़का है। शोर मचाया तो पड़ोसियों ने बचाया शिकायतकर्ता के अनुसार, दीपक ने चाकू से उनके गर्दन, कंधे और ठोड़ी पर वार किया। उन्होंने शोर मचाया, जिससे पड़ोसियों ने आकर उन्हें बचाया। भगवान देवी का आरोप है कि दीपक ने उनकी जान लेने की कोशिश की और उन्हें जान से मारने की धमकी भी दी। घायल अवस्था में उसे करनाल के कल्पना चावला मेडिकल कॉलेज में भर्ती करवाया गया।घटना की सूचना मिलते ही पुलिस चौकी सदर बाजार के ASI कृष्ण चंद और मुख्य सिपाही प्रमोद कुमार मौके पर पहुंचे और जहां पर डॉक्टरों ने उसे ब्यान देने के लिए अनफिट बताया। पुलिस अगले दिन दोबारा अस्पताल में पहुंची और ब्यान दर्ज किए। पुलिस ने किया मामला दर्ज पुलिस ने शिकायत के आधार पर आरोपी पति के खिलाफ मामला दर्ज किया गया है। जांच अधिकारी कृष्ण चंद ने बताया कि महिला भगवान देवी ने अपने पति के खिलाफ शिकायत दी है। शिकायत के आधार पर मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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घरौंडा में कांग्रेस की वापसी पर संकट:भीतरघात का खतरा, मंच से गायब टिकट के प्रबल दावेदार, 3 दशक से नहीं बना पार्टी का विधायक
घरौंडा में कांग्रेस की वापसी पर संकट:भीतरघात का खतरा, मंच से गायब टिकट के प्रबल दावेदार, 3 दशक से नहीं बना पार्टी का विधायक हरियाणा में करनाल जिले की घरौंडा विधानसभा सीट पर 3 दशक से कांग्रेस पार्टी अपना विधायक नहीं बना पाई है। विधानसभा-2024 के चुनावी कैंपेन में भी घरौंडा के बड़े चेहरे कांग्रेस प्रत्याशी के मंच पर नजर नहीं आ रहे। टिकट के मजबूत दावेदारों में टिकट कटने की टीस अभी तक नजर आ रही है। सतीश रणा को छोड़कर कोई भी बड़ा कांग्रेस का नेता मंच पर नजर नहीं आ रहा है। टिकट के प्रबल दावेदार पूर्व विधायक नरेंद्र सांगवान और युवा नेता भूपिंद्र सिंह लाठर तो पहले ही घोषणा कर चुके है कि वे राठौर के साथ मंच सांझा नहीं करेंगे। सतपाल कश्यप भी इशारा कर चुके है कि वे कांग्रेस के साथ है। वीरेंद्र राठौर ने अनिल राणा, रघबीर संधू, सतीश राणा से मुलाकात की। नेताओं से गले मिलते हुए तस्वीरें भी सामने आई, लेकिन नेताओं के शायद दिल नहीं मिले। नतीजन, नरेंद्र सांगवान, भूप्पी लाठर, सतपाल कश्यप, वीरेंद्र लामरा, रघबीर संधू जैसे टिकट के प्रबल दावेदार मंच से गायब है। कांग्रेस का भीतर घात राठौर के लिए मुश्किलें खड़ी कर सकता है। कांग्रेस में बीजेपी की सेंधमारी घरौंडा सीट से 40 नेताओं ने टिकट के लिए अप्लाई किया था, लेकिन कांग्रेस ने 3 बार हारे हुए प्रत्याशी को टिकट दे दिया। सूत्रों की माने तो टिकट कटने से खफ़ा कांग्रेस नेताओं को बीजेपी अपने पक्ष में करने की जुगत में लगी है। गुप्त बैठकों का भी दौर जारी है। ऐसे में अगर बीजेपी नाराज कांग्रेसियों को अपने पक्ष में करने में कामयाब हो जाती है तो वीरेंद्र सिंह राठौर को मोटा नुकसान होगा। 1991 के बाद नहीं आई कांग्रेस 1991 के बाद कांग्रेस घरौंडा विधानसभा में कभी वापसी नहीं कर पाई। 32 साल के सूखे को खत्म करने के लिए कांग्रेस ने कोशिशें की, लेकिन नाकाम रही। 1967 से आज तक कांग्रेस सिर्फ 3 बार ही घरौंडा में अपना विधायक बना पाई है। 1967 में मूलचंद जैन, 1982 में वेदपाल और 1991 में कंवर रामपाल कांग्रेस की टिकट पर विधायक बने। 1972 में लाला रूलिया राम इंडियन नेशनल कांग्रेस (ओ) से विधायक बने थे, क्योंकि 12 नवंबर 1969 में कांग्रेस अलग हो गई थी। जिसके मुख्य लीडर के. कामराजा और मोराजी देसाई थे। जबकि इंडियन नेशनल कांग्रेस (आर) की मेन लीडर इंदिरा गांधी थी। 2005 से रहा है त्रिकोणीय मुकाबला घरौंडा विधानसभा चुनाव में 2005 से त्रिकोणीय मुकाबला देखने को मिला है। 2019 में आमने-सामने की टक्कर देखी गई थी, और 2024 में भी आमने सामने की टक्कर ही नजर आ रही है। आप पार्टी, इनेलो और जेजेपी तीसरे नंबर की लड़ाई लड़ रही है। 2005 में इनेलो से रेखा राणा, आजाद उम्मीदवार जयपाल शर्मा और कांग्रेस से वीरेंद्र राठौर के बीच मुकाबला था, राठौर तीसरे नंबर पर रहे थे। 2009 में नरेंद्र सांगवान इनेलो, वीरेंद्र राठौर कांग्रेस और हरविंद्र कल्याण बीएसपी के बीच टक्कर थी। राठौर दूसरे नंबर पर रहे थे। 2014 में हरविंद्र कल्याण बीजेपी, नरेंद्र सांगवान इनेलो और वीरेंद्र राठौर कांग्रेस के बीच फाइट हुई, और राठौर फिर तीसरे नंबर पर आए। 2019 में बीजेपी को कांग्रेस के अनिल राणा ने टक्कर दी थी और हार गए थे। नरेंद्र सांगवान के प्रतिद्वंदी थे राठौर 2009 में नरेंद सांगवान इनेलो में थे और इन्होंने राठौर को 1660 वोट से हराया था। 2014 में भी सांगवान दूसरे स्थान पर रहे थे और राठौर तीसरे पर, तब भी सांगवान ने राठौर को 468 वोट से पछाड़ा था। विशेषज्ञों की माने तो राठौर, नरेंद्र सांगवान के प्रतिद्वंदी रहे है और उन्होंने राठौर को बार-बार हराया है।
कांग्रेस के बीच अंदरूनी तौर पर छिड़ी इस गहमागहमी के बीच कांग्रेस का घरौंडा में विधायक बनाने का सपना सिर्फ सपना ही रह सकता है। हालांकि नेता डेमेज कंट्रोल करने की कोशिश जरूर कर रहे है, लेकिन डैमेज कंट्रोल होता नजर नहीं आ रहा। वह देखना है कि आने वाले दिनों में बड़े नेताओं की एंट्री से कितना फर्क पड़ेगा। फिलहाल इतना जरूर है कि बीजेपी के प्रति एंटी इनकेंबेंसी जरूर है, लेकिन कांग्रेस इसका कितना फायदा ले सकती है, वह समय के घेरे में है।
हरियाणा में HSSC ने ग्रुप-D भर्ती रिजल्ट जारी किया:13,536 सरकारी नौकरियां मिलेंगी; 10 साल बाद JBT टीचर्स भी भर्ती होंगे, नोटिफिकेशन जारी
हरियाणा में HSSC ने ग्रुप-D भर्ती रिजल्ट जारी किया:13,536 सरकारी नौकरियां मिलेंगी; 10 साल बाद JBT टीचर्स भी भर्ती होंगे, नोटिफिकेशन जारी हरियाणा स्टाफ सिलेक्शन कमीशन (HSSC) ने ग्रुप डी का रिजल्ट जारी कर दिया है। 2023 में निकाली गई इस ग्रुप की भर्ती के लिए 21-22 सितंबर 2023 को सीईटी एग्जाम कराया गया था। आयोग ने रिजल्ट श्रेणी और रोल नंबर वार कट ऑफ जारी किया गया है। प्रत्येक श्रेणी को कोष्ठक में दिखाया गया है। आयोग ने कहा कि सिलेक्ट हुए अभ्यर्थियों की अनुशंसा खेल विभाग द्वारा सत्यापन के बाद ही संबंधित विभागों को भेजी जाएगी। इसलिए हुई देरी
ग्रुप डी के बचे हुए पदों का रिजल्ट जारी होने में देरी का कारण पंजाब हरियाणा हाईकोर्ट के केस को बताया जा रहा है। पंजाब एवं हरियाणा हाईकोर्ट ने 31 मई को सामाजिक-आर्थिक मापदंड के अंकों को 31 मई 2024 तक खत्म करने का फैसला सुनाया था, इसलिए राज्य सरकार ने करीब 300 नए पदों की सूची भेजी थी। शुक्रवार देर शाम से इन पदों को शामिल कर बचे हुए पदों का रिजल्ट जारी करने की कोशिश की जा रही थी। सभी तकनीकी दिक्कतों को दूर करने के बाद यह रिजल्ट जारी किया गया है। जेबीटी टीचर की 10 साल बाद निकली भर्ती
वहीं हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग (HSSC) ने 1456 जेबीटी शिक्षकों की भर्ती के लिए विज्ञापन जारी कर दिया है। जब से मौलिक शिक्षा विभाग ने पीआरटी पदों की भर्ती के लिए HSSC को अनुरोध पत्र भेजा था, तभी से जेबीटी के संभावित अभ्यर्थी विज्ञापन का इंतजार कर रहे थे। आयोग ने सबसे पहले इन पदों के लिए विज्ञापन तैयार कर मौलिक शिक्षा विभाग को भेजा था। वहां से देरी होने पर सरकार ने एचटीईटी को आजीवन घोषित कर दिया, तो विज्ञापन में थोड़ा संशोधन करना पड़ा। यह संशोधन मौलिक शिक्षा निदेशालय को भेजा गया, अब वहां फाइनल होने के बाद भर्ती के लिए विज्ञापन जारी कर दिया गया। युवा जेबीटी पदों के लिए विज्ञापन का इंतजार इसलिए कर रहे थे, क्योंकि 10 साल के भीतर एक भी जेबीटी शिक्षक पद पर भर्ती नहीं हुई। एमपीएचडब्ल्यू भर्ती अटकी
हरियाणा स्वास्थ्य विभाग ने मल्टी परपज हेल्थ वर्कर (एमपीएचडब्ल्यू) पुरुष पदों पर भर्ती के लिए हरियाणा कर्मचारी चयन आयोग को अनुरोध पत्र भेजा था, लेकिन इस पद के लिए पात्र अभ्यर्थी विज्ञापन जारी होने का इंतजार कर रहे हैं। हालांकि, इन पदों की भर्ती से संबंधित नियमों में संशोधन किया जाना था और विभाग ने अभी तक नियमों के लिए हरी झंडी नहीं दी है। इसलिए फिलहाल इन पदों के लिए विज्ञापन जारी होने की कोई संभावना नहीं है। ग्रुप D भर्ती का पूरा रिजल्ट देखें…