राज बब्बर का हरियाणा विधानसभा चुनाव से किनारा:बोले- मैं नहीं लड़ूंगा, भूपेंद्र हुड्‌डा मेरे दोस्त, उन्होंने दोस्ती निभाई, सुरजेवाला चाहते थे यहां आऊं

राज बब्बर का हरियाणा विधानसभा चुनाव से किनारा:बोले- मैं नहीं लड़ूंगा, भूपेंद्र हुड्‌डा मेरे दोस्त, उन्होंने दोस्ती निभाई, सुरजेवाला चाहते थे यहां आऊं

फिल्म एक्टर कांग्रेस नेता राज बब्बर ने हरियाणा विधानसभा चुनाव लड़ने से किनारा कर लिया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने इसके बारे में नहीं सोचा है। इससे पहले चर्चा थी कि वह गुरुग्राम से विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं। अगर ऐसा हुआ और कांग्रेस की सरकार बनी तो वह सीएम कुर्सी के मामले में पूर्व CM भूपेंद्र हुड्‌डा के लिए चैलेंज बन सकते हैं। राज बब्बर ने चुनाव लड़ने के सवाल पर कहा- ”मैं चुनाव नहीं लड़ूंगा। मैंने अभी तक इस बारे में नहीं सोचा और न ही विधानसभा चुनाव लड़ा। मुझे कोई विधानसभा चुनाव लड़ने की पेशकश भी नहीं करेगा। 26 साल से मैं सक्रिय राजनीति में हूं लेकिन विधानसभा चुनाव लड़ने का मन नहीं हुआ।” बब्बर ने हुड्‌डा को लेकर कहा कि भूपेंद्र हुड्‌डा से मेरी पहचान राजनीति की वजह से नहीं है। मैं जब राजनीति में नहीं था और हुड्‌डा भी नहीं थे, तब से वे मेरे दोस्त हैं। हुड्‌डा पॉलिटिकली बहुत प्रोफेशनल हैं। वह कभी दोस्ती को सामने नहीं रखते। वह दोस्ती निभाते हैं। बब्बर बोले- सैलजा की इज्जत करता हूं, सुरजेवाला चाहते थे मैं हरियाणा आऊं
बब्बर ने कहा कि भूपेंद्र हुड्‌डा, कुमारी सैलजा और रणदीप सुरजेवाला से उनके संबंध ठीक है। सबसे अच्छी बोलचाल है। राज बब्बर ने कहा कि उनका कोई ग्रुप नहीं है। मैं कुमारी सैलजा की भी इज्जत करता हूं। उनके जेहन में क्या है, ये वही जानें। रणदीप सुरजेवाला भी मुझे बहुत इज्जत देते हैं। वह मुझे भाई मानते हैं। वही एक ऐसे शख्स थे, जो चाहते थे कि मैं हरियाणा में आऊं। गुरुग्राम लोकसभा सीट पर राव इंद्रजीत को कड़ी टक्कर में फंसाया
राज बब्बर ने इस बार गुरुग्राम लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था। भाजपा ने यहां से केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत को टिकट दी थी। राव लगातार 5 बार के सांसद और 2 बार के केंद्रीय राज्य मंत्री थे। ऐसे में राज बब्बर की एंट्री से वह कड़े मुकाबले में फंस गए। हालांकि वह चुनाव जीतने में कामयाब रहे लेकिन कांग्रेस का यह दांव उन पर भारी पड़ता नजर आया। गुरुग्राम में एक्टिव रहे राज बब्बर
लोकसभा चुनाव हारने के बाद भी राज बब्बर गुरुग्राम में एक्टिव है। वह न केवल लोगों से मिल रहे हैं बल्कि उनकी समस्याओं को अफसरों तक भी पहुंचा रहे हैं। इसी से कयास लगाए जा रहे थे कि वह विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं। पहले उनसे इस बारे में सवाल पूछा गया था तो उन्होंने हंसकर टाल दिया था। फिल्म एक्टर कांग्रेस नेता राज बब्बर ने हरियाणा विधानसभा चुनाव लड़ने से किनारा कर लिया है। उन्होंने कहा कि उन्होंने इसके बारे में नहीं सोचा है। इससे पहले चर्चा थी कि वह गुरुग्राम से विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं। अगर ऐसा हुआ और कांग्रेस की सरकार बनी तो वह सीएम कुर्सी के मामले में पूर्व CM भूपेंद्र हुड्‌डा के लिए चैलेंज बन सकते हैं। राज बब्बर ने चुनाव लड़ने के सवाल पर कहा- ”मैं चुनाव नहीं लड़ूंगा। मैंने अभी तक इस बारे में नहीं सोचा और न ही विधानसभा चुनाव लड़ा। मुझे कोई विधानसभा चुनाव लड़ने की पेशकश भी नहीं करेगा। 26 साल से मैं सक्रिय राजनीति में हूं लेकिन विधानसभा चुनाव लड़ने का मन नहीं हुआ।” बब्बर ने हुड्‌डा को लेकर कहा कि भूपेंद्र हुड्‌डा से मेरी पहचान राजनीति की वजह से नहीं है। मैं जब राजनीति में नहीं था और हुड्‌डा भी नहीं थे, तब से वे मेरे दोस्त हैं। हुड्‌डा पॉलिटिकली बहुत प्रोफेशनल हैं। वह कभी दोस्ती को सामने नहीं रखते। वह दोस्ती निभाते हैं। बब्बर बोले- सैलजा की इज्जत करता हूं, सुरजेवाला चाहते थे मैं हरियाणा आऊं
बब्बर ने कहा कि भूपेंद्र हुड्‌डा, कुमारी सैलजा और रणदीप सुरजेवाला से उनके संबंध ठीक है। सबसे अच्छी बोलचाल है। राज बब्बर ने कहा कि उनका कोई ग्रुप नहीं है। मैं कुमारी सैलजा की भी इज्जत करता हूं। उनके जेहन में क्या है, ये वही जानें। रणदीप सुरजेवाला भी मुझे बहुत इज्जत देते हैं। वह मुझे भाई मानते हैं। वही एक ऐसे शख्स थे, जो चाहते थे कि मैं हरियाणा में आऊं। गुरुग्राम लोकसभा सीट पर राव इंद्रजीत को कड़ी टक्कर में फंसाया
राज बब्बर ने इस बार गुरुग्राम लोकसभा सीट से चुनाव लड़ा था। भाजपा ने यहां से केंद्रीय राज्य मंत्री राव इंद्रजीत को टिकट दी थी। राव लगातार 5 बार के सांसद और 2 बार के केंद्रीय राज्य मंत्री थे। ऐसे में राज बब्बर की एंट्री से वह कड़े मुकाबले में फंस गए। हालांकि वह चुनाव जीतने में कामयाब रहे लेकिन कांग्रेस का यह दांव उन पर भारी पड़ता नजर आया। गुरुग्राम में एक्टिव रहे राज बब्बर
लोकसभा चुनाव हारने के बाद भी राज बब्बर गुरुग्राम में एक्टिव है। वह न केवल लोगों से मिल रहे हैं बल्कि उनकी समस्याओं को अफसरों तक भी पहुंचा रहे हैं। इसी से कयास लगाए जा रहे थे कि वह विधानसभा चुनाव लड़ सकते हैं। पहले उनसे इस बारे में सवाल पूछा गया था तो उन्होंने हंसकर टाल दिया था।   हरियाणा | दैनिक भास्कर