उत्तर प्रदेश सरकार ने आईएएस अधिकारी देवीशरण उपाध्याय को शासन के द्वारा निलंबित कर दिया है। उन्हें पिछले दिनों सदस्य न्यायिक राजस्व परिषद, प्रयागराज के पद से हटाते हुए प्रतीक्षारत कर दिया गया था। बता दें की अलीगढ़ में जमीनों के पट्टे के मामले में गलत ढंग से आदेश देने के आरोप में मुख्यमंत्री की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत यह कार्रवाई की गई है। 2012 बैच के आईएएस अधिकारी हैं देवी शरण उपाध्याय देवीशरण उपाध्याय 2012 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। उन्हें जुलाई 2022 में सदस्य न्यायिक राजस्व परिषद प्रयागराज में तैनाती दी गई थी। उन पर अलीगढ़ में 35 भूखंडों के पट्टों को मनमाने तरीके से बहाल करने का आरोप है। अलीगढ़ जिला प्रशासन ने इन पट्टों को नियम विरुद्ध दिए जाने पर खारिज करने की संस्तुति की थी। यह मामला राजस्व परिषद में गया था। जिला प्रशासन की स्पष्ट संस्तुति के बाद उन्होंने इन पट्टों को बहाल करने का आदेश पारित कर दिया। अलीगढ़ के मंडलायुक्त की शिकायत पर हुई कार्रवाई अलीगढ़ के मंडलायुक्त ने उच्च स्तर पर इसकी शिकायत की थी। नियुक्ति विभाग ने 13 जुलाई को उन्हें प्रतीक्षारत कर दिया था, लेकिन बताया जा रहा है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री के निर्देश पर उन्हें निलंबित कर दिया गया है। निलंबन अवधि में वह राजस्व परिषद से संबंध रहेंगे। इस मामले की जांच के लिए उच्च स्तरीय कमेटी भी बना दी गई है। उत्तर प्रदेश सरकार ने आईएएस अधिकारी देवीशरण उपाध्याय को शासन के द्वारा निलंबित कर दिया है। उन्हें पिछले दिनों सदस्य न्यायिक राजस्व परिषद, प्रयागराज के पद से हटाते हुए प्रतीक्षारत कर दिया गया था। बता दें की अलीगढ़ में जमीनों के पट्टे के मामले में गलत ढंग से आदेश देने के आरोप में मुख्यमंत्री की भ्रष्टाचार के खिलाफ जीरो टॉलरेंस की नीति के तहत यह कार्रवाई की गई है। 2012 बैच के आईएएस अधिकारी हैं देवी शरण उपाध्याय देवीशरण उपाध्याय 2012 बैच के आईएएस अधिकारी हैं। उन्हें जुलाई 2022 में सदस्य न्यायिक राजस्व परिषद प्रयागराज में तैनाती दी गई थी। उन पर अलीगढ़ में 35 भूखंडों के पट्टों को मनमाने तरीके से बहाल करने का आरोप है। अलीगढ़ जिला प्रशासन ने इन पट्टों को नियम विरुद्ध दिए जाने पर खारिज करने की संस्तुति की थी। यह मामला राजस्व परिषद में गया था। जिला प्रशासन की स्पष्ट संस्तुति के बाद उन्होंने इन पट्टों को बहाल करने का आदेश पारित कर दिया। अलीगढ़ के मंडलायुक्त की शिकायत पर हुई कार्रवाई अलीगढ़ के मंडलायुक्त ने उच्च स्तर पर इसकी शिकायत की थी। नियुक्ति विभाग ने 13 जुलाई को उन्हें प्रतीक्षारत कर दिया था, लेकिन बताया जा रहा है कि मामले की गंभीरता को देखते हुए मुख्यमंत्री के निर्देश पर उन्हें निलंबित कर दिया गया है। निलंबन अवधि में वह राजस्व परिषद से संबंध रहेंगे। इस मामले की जांच के लिए उच्च स्तरीय कमेटी भी बना दी गई है। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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The rise of Udhayanidhi Stalin: From cinema to politics, a new chapter in TN’s power dynamics Stalin started his political journey just five years ago, spearheading the DMK youth wing ahead of the 2019 Lok Sabha elections. At 46, he gained widespread recognition during a comprehensive state-wide tour, attracting large and enthusiastic crowds. His political trajectory continued to soar in the 2021 Assembly elections.
पंजाब में अकाली दल की कोर कमेटी भंग:अकाल तख्त में पेशी से पहले सुखबीर बादल का फैसला; बागियों को बाहर निकालने की तैयारी
पंजाब में अकाली दल की कोर कमेटी भंग:अकाल तख्त में पेशी से पहले सुखबीर बादल का फैसला; बागियों को बाहर निकालने की तैयारी पंजाब में शिरोमणि अकाली दल (बादल) ने अचानक कोर कमेटी भंग कर दी है। इस बारे में अकाली दल के सोशल मीडिया अकाउंट से एक लाइन की पोस्ट डाली गई है। पिछले 2 विधानसभा चुनाव और लोकसभा चुनाव में करारी हार के बाद अकाली दल में बगावत हो रही है। इसके खिलाफ बागी गुट सिखों के सर्वोच्च तख्त श्री अकाल तख्त साहिब पर माफीनामा भी दे चुका है। जिसके बाद अकाल तख्त ने सुखबीर बादल को पेश होने के लिए कहा है। सुखबीर बादल को प्रधान बनाए रखने का विरोध करने वालों में शामिल प्रेम सिंह चंदूमाजरा, सुरजीत रखड़ा और सिकंदर सिंह मलूका कोर कमेटी के मेंबर थे। बागी गुट के चरणजीत बराड़ ने कहा कि सिर्फ कोर कमेटी ही क्यों भंग की गई। अगर पार्टी संगठन का नए सिरे से संगठन बनाना है तो फिर बागी विंग भंग क्यों नहीं किए गए। अकाली दल के प्रवक्ता एडवोकेट अर्शदीप सिंह कलेर ने कहा कि यह एक रूटीन प्रोसेस है। शिरोमणि अकाली दल (बादल) की पोस्ट… सीनियर नेताओं के साथ मीटिंग के बाद लिया फैसला
कोर कमेटी भंग होने के बाद अकाली दल के प्रवक्ता डॉक्टर दलजीत चीमा ने कहा कि वर्किंग कमेटी ने प्रधान सुखबीर बादल को पार्टी संगठन को नए सिरे से बनाने के अधिकार दे दिए हैं। इस संबंध में पार्टी प्रधान ने सीनियर नेताओं के साथ चंडीगढ़ में मीटिंग की। जिसके बाद कोर कमेटी भंग करने का फैसला लिया गया। इसे तुरंत दोबारा बना लिया जाएगा। इस दौरान पंजाब में होने वाले विधानसभा उपचुनावों पर भी चर्चा की गई। इस मीटिंग में हरजिंदर सिंह धामी, बलविंदर सिंह भूंदड़, महेश इंदर सिंह ग्रेवाल, दलजीत चीमा, परमजीत सरना, इकबाल सिंह झूंदा और हरचरण सिंह बैंस मौजूद रहे। लोकसभा चुनाव में एक सीट जीत पाई पार्टी
पंजाब में हाल ही में हुए लोकसभा चुनाव में शिरोमणि अकाली दल को बड़ी हार का सामना करना पड़ा था। पार्टी ने भाजपा से गठबंधन तोड़कर 13 लोकसभा सीटों पर अकेले चुनाव लड़ा था, लेकिन बठिंडा सीट को छोड़कर पार्टी किसी भी सीट पर जीत हासिल नहीं कर पाई थी। बठिंडा से भी बादल परिवार की बहू हरसिमरत कौर चुनाव जीतीं थी। इसके बाद से ही पार्टी में बगावत शुरू हो गईथी। पार्टी नेताओं का साफ कहना था कि लोकसभा चुनाव में अकेले जाना गलती थी। अगर भाजपा के साथ चुनाव में जाते तो पार्टी को जीत मिल सकती थी। हालांकि 2019 के लोकसभा चुनाव में अकाली दल दो सीटें जीतने में कामयाब रहा था। हालांकि उस समय प्रदेश में सरकार कांग्रेस की थी। सुखबीर के करीबी चरणजीत सिंह के बागी तेवर
जैसे ही लोकसभा चुनाव के बाद पार्टी प्रधान सुखबीर बादल ने चुनाव नतीजों की समीक्षा करने के लिए मीटिंग बुलाई थी तो उससे पहले अकाली दल के अंदर चल रही बगावत सामने आ गई थी। किसी समय में सुखबीर बादल के करीबियों में शामिल चरणजीत सिंह ने उनके प्रधान पद से इस्तीफे की मांग कर डाली थी। हालांकि उस समय सीनियर नेताओं का कहना था कि पार्टी के मंच पर उन्हें यह बात रखनी चाहिए। इसके बाद यह खाई बढ़ती चली गई। जालंधर उपचुनाव में फूट आई सामने
इसके बाद जालंधर वेस्ट के उपचुनाव की बारी थी। इस दौरान शिरोमणि अकाली दल ने उम्मीदवार के नाम की सिफारिश करने के लिए तीन मेंबरों की कमेटी गठित की है। कमेटी में बीबी जागीर कौर, जत्थेदार गुर प्रताप सिंह बडाला व डॉ. सुखविंदर सिंह सुखी शामिल थे। कमेटी को उपचुनाव के लिए सारी मुहिम की निगरानी की कमान दी गई। उनकी तरफ से सुरजीत कौर को उम्मीदवार ऐलान किया गया, लेकिन पार्टी प्रधान सुखबीर बादल ने इस फैसले को गलत बताया। साथ ही उक्त सीट पर बसपा के उम्मीदवार बिंदर लाखा को समर्थन दे दिया, लेकिन अकाली दल की उम्मीदवार चुनावी मैदान से नहीं हटी। उन्होंने अकाली दल के निशान पर चुनाव लड़ा। हालांकि पार्टी को इस चुनाव में करारी हार मिली। अगर बसपा और अकाली दल के दोनों उम्मीदवारों के मत मिला दिए जाएं तो यह दो हजार से अधिक नहीं थे। उम्मीदवारों की जमानत तक जब्त हो गई थी। श्री अकाल तख्त साहिब पर पेश होकर माफीनामा सौंपा था
1 जुलाई को अकाली दल का बागी गुट अमृतसर में श्री अकाल तख्त साहिब पहुंचा था। यहां उन्होंने श्री अकाल तख्त साहिब के आगे पेश होकर माफीनामा दिया। जिसमें सुखबीर बादल से हुई 4 गलतियों पर माफी मांगी गई है। जिसमें डेरा सच्चा सौदा मुखी राम रहीम को माफी देने की गलती मानी गई है। 2015 में फरीदकोट के बरगाड़ी में बेअदबी की सही जांच न होने के लिए भी माफी मांगी गई है। वहीं IPS अधिकारी सुमेध सैनी को DGP बनाने और मुहम्मद इजहार आलम की पत्नी को टिकट देने की भी गलती मानी गई है। इसके बाद अकाल तख्त ने सुखबीर बादल को तलब किया था।
AAP के साथ मिलकर दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ेगी कांग्रेस? देवेंद्र यादव के बयान से किसकी बढ़ने वाली है टेंशन
AAP के साथ मिलकर दिल्ली विधानसभा चुनाव लड़ेगी कांग्रेस? देवेंद्र यादव के बयान से किसकी बढ़ने वाली है टेंशन <p style=”text-align: justify;”><strong>Delhi Assembly Election 2025:</strong> दिल्ली विधानसभा चुनाव भले जनवरी-फरवरी 2025 में होगा, लेकिन राष्ट्रीय राजधानी में सियासी हलचल अभी से तेज हो गई है. लोकसभा चुनाव 2024 का परिणाम आने के अगले दिन आम आदमी पार्टी द्वारा गठबंधन समाप्त होने की घोषणा के बाद से कांग्रेस के नेता भी अब आक्रामम तेवर में दिखाई देने लगे हैं. दिल्ली कांग्रेस के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने मंगलवार (16 जुलाई) को पार्टी कार्यकर्ताओं से कहा कि कांग्रेस अगामी विधानसभा चुनाव अकेले लड़ेगी. आम आदमी पार्टी (आप) के साथ उसका गठबंधन सिर्फ लोकसभा चुनाव के लिए था. </p>
<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने दावा किया कि हाल के लोकसभा चुनावों में कांग्रेस का वोट प्रतिशत काफी बढ़ जाने के बाद कार्यकर्ताओं और आम जनता में नया उत्साह है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>उन्होंने कहा कि कांग्रेस दिल्ली के आगामी विधानसभा चुनावों में बेहतर प्रदर्शन करेगी, क्योंकि लोग अब बदलाव की उम्मीद कर रहे हैं. दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष देंवेंद्र यादव ने प्रीत विहार में कृष्णा नगर जिला कांग्रेस कमेटी के पदाधिकारियों की बैठक को संबोधित करते ये बात कही. उन्होंने कहा कि दिल्ली में प्रखंड और जिला कांग्रेस कमेटी की बैठकों ने बूथ स्तर पर पार्टी को मजबूत करने के लिए कार्यकर्ताओं को सक्रिय और तरोताजा कर दिया है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>देवेंद्र यादव ने कार्यकर्ताओं से कहा कि आगामी चुनाव में कांग्रेस अकेले ही मैदान में उतरेगी क्योंकि आप के साथ गठबंधन केवल <a title=”लोकसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/lok-sabha-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>लोकसभा चुनाव</a> के लिए है.'</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>’जमीनी कार्यकर्ता को पार्टी लड़ाएगी चुनाव'</strong></p>
<p style=”text-align: justify;”>दिल्ली कांग्रेस प्रमुख ने कहा कि दिल्ली में बूथ, ब्लॉक और जिला स्तर पर संगठन को मजबूत करने के पीछे पार्टी क ध्येय न केवल जमीनी कार्यकर्ता को चुनाव लड़ाना है. इसमें सभी को सहयोगी बनने की जरूरत है. उन्होंने पार्टी के युवा कार्यकर्ताओं को आगामी विधानसभा चुनाव की याद दिलाते हुए कहा कि आने वाला वक्त चुनौती भरा है. उन्हें साथ मिलकर बीजेपी की तानाशाह और आम आदमी पार्टी की भ्रष्टाचारी केजरीवाल सरकार के खिलाफ लड़ना होगा. इसके लिए युवा कांग्रेस के कार्यकर्ताओं को अपनी सक्रियता बढ़ानी होगी. ताकि आगामी विधानसभा चुनााव में आप-बीजेपी को मात दिया जा सके.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a title=”दिल्ली विधानसभा का चुनावी रण होगा दिलचस्प, BJP-कांग्रेस के अलावा AAP को टक्कर देगी ये पार्टी, किया बड़ा एलान” href=”https://www.abplive.com/states/delhi-ncr/bharateey-libaral-party-chief-munish-raijada-announced-contesting-delhi-assembly-elections-2025-2739092″ target=”_blank” rel=”noopener”>दिल्ली विधानसभा का चुनावी रण होगा दिलचस्प, BJP-कांग्रेस के अलावा AAP को टक्कर देगी ये पार्टी, किया बड़ा एलान</a></strong></p>