हमारी मांगें पूरी हों…चाहे जो मजबूरी हो:लखनऊ सहित प्रदेशभर में शिक्षकों का प्रदर्शन; डीजी से बैठक रही बेनतीजा

हमारी मांगें पूरी हों…चाहे जो मजबूरी हो:लखनऊ सहित प्रदेशभर में शिक्षकों का प्रदर्शन; डीजी से बैठक रही बेनतीजा

लखनऊ कलेक्ट्रेट कार्यालय में दोपहर तीन बजे सैकड़ों की संख्या में पहुंचे शिक्षकों ने नारेबाजी की। शिक्षकों ने नारा लगाया- चाहे जो मजबूरी हो, हमारी मांगे पूरी हो…। डीजी तेरी तानाशाही नहीं चलेगी, नहीं चलेगी। प्रदेश के सभी शिक्षक संगठन एकजुट होकर डिजिटल अटेंडेंस का विरोध कर रहे हैं। इसी क्रम में लखनऊ सहित प्रदेश के सभी जिलाधिकारी कार्यालयों पर शिक्षकों ने विरोध-प्रदर्शन किया और ज्ञापन सौंपे। शिक्षकों ने कहा कि हमे सुविधाएं न के बराबर मिल रही हैं। काम कई विभागों का लिया जा रहा है। अफसरों की मनमानी अब और नहीं चलेगी। जब तक मांगे नहीं मानी जाएंगी, डिजिटल अटेंडेंस का विरोध जारी रहेगा। प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के प्रांतीय अध्यक्ष विनय कुमार सिंह ने बताया कि तमाम शिक्षक संगठनों ने संयुक्त मोर्चा बनाकर 75 जिलों के मुख्यालयों पर ऑनलाइन अटेंडेंस के विरोध सहित कई मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। जब तक मांगे नहीं मानी जाएगी, विरोध जारी रहेगा। मोर्चा के प्रांतीय संयोजकों में संतोष तिवारी, सुलोचना मौर्या, योगेश त्यागी, अनिल यादव, सुशील पांडे, विजय बंधु, दिलीप चौहान शामिल हैं। महिला शिक्षक संघ की अध्यक्ष सुलोचना मौर्या ने बताया कि मांगों को लेकर आज जिले में डीएम कार्यालय के समक्ष धरना-प्रदर्शन करके ज्ञापन सौंपा गया है। टॉप ट्रेंड में रहा बायकॉट डिजिटल अटेंडेंस परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों ने रविवार को X पर फिर बायकॉट डिजिटल अटेंडेंस अभियान चलाया। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के इस अभियान में 10 लाख से ज्यादा लोग जुड़े। यह लगातार तीन घंटे से ज्यादा टॉप ट्रेंड में रहा। इससे पहले 7 जुलाई को भी सोशल मीडिया पर ये कैंपेन चलाया गया था। डीजी से मुलाकात में नही बनी बात
ऑनलाइन अटेंडेंस को लेकर प्रदेशभर में शिक्षकों के जोरदार प्रदर्शन के बीच गतिरोध को समाप्त करने के प्रयास भी शुरू हुए। सोमवार को महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा की ओर से विभिन्न शिक्षक संगठनों को वार्ता के लिए बुलाया गया। इसमें कुछ संगठनों के पदाधिकारी उनसे मिले तो कुछ ने इसका बहिष्कार किया। हालांकि जो संगठन उनसे मिले, उसमें भी कोई निष्कर्ष नहीं निकला और डिजिटल अटेंडेंस का बहिष्कार जारी रखने पर शिक्षक अड़े रहे। महिला शिक्षक संघ की प्रदेश अध्यक्ष सुलोचना मौर्य के नेतृत्व में भी प्रतिनिधिमंडल ने महानिदेशक से वार्ता की। पर डिजिटल अटेंडेंस को लेकर सहमति बनती नही दिखी। वही प्रदेश अध्यक्ष अजीत सिंह के नेतृत्व में गए दूसरे प्रतिनिधिमंडल ने डिजिटाइजेशन में आने वाली व्यवहारिक समस्याओं से अवगत कराया। डिजिटाइजेशन से पूर्व शिक्षकों की विभिन्न समस्याओं के निराकरण की मांग की गई। साथ ही समस्याओं का निराकरण होने तक डिजिटाइजेशन के बहिष्कार जारी रखने की बात कही गई। प्रतिनिधिमंडल में महेंद्र कुमार, प्रदेश महामंत्री भगवती सिंह, प्रदेश संगठन मंत्री शिवशंकर सिंह, प्रदेशीय संयुक्त मंत्री प्रदीप तिवारी और रविंद्र पवार, महेश मिश्र शामिल रहे। वहीं उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा के साथ हुई वार्ता में उन्होंने मांग उठाई कि विभाग शिक्षकों की मांगों पर क्या कर रहा है। उन्होंने कहा कि नवंबर में भी विभागीय अधिकारियों से वार्ता हुई थी, उसका अब तक कोई निष्कर्ष नहीं निकला है। ये हैं शिक्षकों की प्रमुख मांग यह भी पढ़ें यूपी में डिजिटल अटेंडेंस पर सरकार-शिक्षकों में टकराव क्यों?:विरोध का कितना होगा असर, क्या सरकार को बढ़ाना पड़ेगा छूट का दायरा यूपी के प्राइमरी स्कूलों में 8 जुलाई से शिक्षकों की बायोमेट्रिक हाजिरी का आदेश जारी हुआ। शिक्षक इसके विरोध में उतर आए। धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया। इसके बाद सरकार ने आधे घंटे का अतिरिक्त समय दिया। तकनीकी दिक्कत आने पर कभी भी हाजिरी लगाने की छूट दी। इसके बावजूद अब तक एक फीसदी भी डिजिटल हाजिरी नहीं लगी है। प्राइमरी टीचरों के विरोध के बीच राजकीय माध्यमिक स्कूलों में भी डिजिटल हाजिरी अनिवार्य कर दी गई। पढ़ें पूरी खबर… लखनऊ कलेक्ट्रेट कार्यालय में दोपहर तीन बजे सैकड़ों की संख्या में पहुंचे शिक्षकों ने नारेबाजी की। शिक्षकों ने नारा लगाया- चाहे जो मजबूरी हो, हमारी मांगे पूरी हो…। डीजी तेरी तानाशाही नहीं चलेगी, नहीं चलेगी। प्रदेश के सभी शिक्षक संगठन एकजुट होकर डिजिटल अटेंडेंस का विरोध कर रहे हैं। इसी क्रम में लखनऊ सहित प्रदेश के सभी जिलाधिकारी कार्यालयों पर शिक्षकों ने विरोध-प्रदर्शन किया और ज्ञापन सौंपे। शिक्षकों ने कहा कि हमे सुविधाएं न के बराबर मिल रही हैं। काम कई विभागों का लिया जा रहा है। अफसरों की मनमानी अब और नहीं चलेगी। जब तक मांगे नहीं मानी जाएंगी, डिजिटल अटेंडेंस का विरोध जारी रहेगा। प्राथमिक शिक्षक प्रशिक्षित स्नातक एसोसिएशन उत्तर प्रदेश के प्रांतीय अध्यक्ष विनय कुमार सिंह ने बताया कि तमाम शिक्षक संगठनों ने संयुक्त मोर्चा बनाकर 75 जिलों के मुख्यालयों पर ऑनलाइन अटेंडेंस के विरोध सहित कई मांगों को लेकर प्रदर्शन किया। जब तक मांगे नहीं मानी जाएगी, विरोध जारी रहेगा। मोर्चा के प्रांतीय संयोजकों में संतोष तिवारी, सुलोचना मौर्या, योगेश त्यागी, अनिल यादव, सुशील पांडे, विजय बंधु, दिलीप चौहान शामिल हैं। महिला शिक्षक संघ की अध्यक्ष सुलोचना मौर्या ने बताया कि मांगों को लेकर आज जिले में डीएम कार्यालय के समक्ष धरना-प्रदर्शन करके ज्ञापन सौंपा गया है। टॉप ट्रेंड में रहा बायकॉट डिजिटल अटेंडेंस परिषदीय स्कूलों के शिक्षकों ने रविवार को X पर फिर बायकॉट डिजिटल अटेंडेंस अभियान चलाया। उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के इस अभियान में 10 लाख से ज्यादा लोग जुड़े। यह लगातार तीन घंटे से ज्यादा टॉप ट्रेंड में रहा। इससे पहले 7 जुलाई को भी सोशल मीडिया पर ये कैंपेन चलाया गया था। डीजी से मुलाकात में नही बनी बात
ऑनलाइन अटेंडेंस को लेकर प्रदेशभर में शिक्षकों के जोरदार प्रदर्शन के बीच गतिरोध को समाप्त करने के प्रयास भी शुरू हुए। सोमवार को महानिदेशक स्कूल शिक्षा कंचन वर्मा की ओर से विभिन्न शिक्षक संगठनों को वार्ता के लिए बुलाया गया। इसमें कुछ संगठनों के पदाधिकारी उनसे मिले तो कुछ ने इसका बहिष्कार किया। हालांकि जो संगठन उनसे मिले, उसमें भी कोई निष्कर्ष नहीं निकला और डिजिटल अटेंडेंस का बहिष्कार जारी रखने पर शिक्षक अड़े रहे। महिला शिक्षक संघ की प्रदेश अध्यक्ष सुलोचना मौर्य के नेतृत्व में भी प्रतिनिधिमंडल ने महानिदेशक से वार्ता की। पर डिजिटल अटेंडेंस को लेकर सहमति बनती नही दिखी। वही प्रदेश अध्यक्ष अजीत सिंह के नेतृत्व में गए दूसरे प्रतिनिधिमंडल ने डिजिटाइजेशन में आने वाली व्यवहारिक समस्याओं से अवगत कराया। डिजिटाइजेशन से पूर्व शिक्षकों की विभिन्न समस्याओं के निराकरण की मांग की गई। साथ ही समस्याओं का निराकरण होने तक डिजिटाइजेशन के बहिष्कार जारी रखने की बात कही गई। प्रतिनिधिमंडल में महेंद्र कुमार, प्रदेश महामंत्री भगवती सिंह, प्रदेश संगठन मंत्री शिवशंकर सिंह, प्रदेशीय संयुक्त मंत्री प्रदीप तिवारी और रविंद्र पवार, महेश मिश्र शामिल रहे। वहीं उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा के साथ हुई वार्ता में उन्होंने मांग उठाई कि विभाग शिक्षकों की मांगों पर क्या कर रहा है। उन्होंने कहा कि नवंबर में भी विभागीय अधिकारियों से वार्ता हुई थी, उसका अब तक कोई निष्कर्ष नहीं निकला है। ये हैं शिक्षकों की प्रमुख मांग यह भी पढ़ें यूपी में डिजिटल अटेंडेंस पर सरकार-शिक्षकों में टकराव क्यों?:विरोध का कितना होगा असर, क्या सरकार को बढ़ाना पड़ेगा छूट का दायरा यूपी के प्राइमरी स्कूलों में 8 जुलाई से शिक्षकों की बायोमेट्रिक हाजिरी का आदेश जारी हुआ। शिक्षक इसके विरोध में उतर आए। धरना-प्रदर्शन शुरू कर दिया। इसके बाद सरकार ने आधे घंटे का अतिरिक्त समय दिया। तकनीकी दिक्कत आने पर कभी भी हाजिरी लगाने की छूट दी। इसके बावजूद अब तक एक फीसदी भी डिजिटल हाजिरी नहीं लगी है। प्राइमरी टीचरों के विरोध के बीच राजकीय माध्यमिक स्कूलों में भी डिजिटल हाजिरी अनिवार्य कर दी गई। पढ़ें पूरी खबर…   उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर