पंजाब की सबसे पुरानी क्षेत्रीय पार्टी शिरोमणि अकाली दल है। किसी समय पर राज्य में सबसे प्रमुख पार्टी रही अकाली दल पर आज खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। ऐसा हम नहीं बल्कि जालंधर उप-चुनाव के नतीजे कह रहे हैं। जालंधर वेस्ट विधानसभा उप-चुनाव में शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल ने अपनी ही पार्टी की उम्मीदवार रहीं सुरजीत कौर को समर्थन देने के बजाए बीएसपी के उम्मीदवार रहे बिंदर लाखा को समर्थन देने का ऐलान किया गया था। ऐसे में जिस बसपा को अकाली दल प्रधान द्वारा समर्थन दिया गया, उन्हें सिर्फ 734 वोट ही मिल पाए। वो भी तब, जब राज्य की क्षेत्रीय पार्टी ने अपना पूर्ण समर्थन बसपा को दिया था। वहीं, बिना अकाली दल प्रधान के समर्थन के शिअद के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ी सुरजीत कौर ने करीब 1242 वोट बटोर लिए। ऐसा तब हुआ, जब उनकी खुद की पार्टी के नेता उन्हें समर्थन नहीं दे रहे थे। ऐसे में अब अकाली दल पर खतरे की घंटी बज रही है। ऐसा क्यों हुआ, पढ़ें इसके प्रमुख कारण…. 1. अकाली दाल का जालंधर वेस्ट में हुए उप चुनाव में इतना बुरा प्रदर्शन कारण पार्टी की अंदरुनी कलह है। ऐसे में शिअद प्रधान सुखबीर सिंह बादल द्वारा अपने उम्मीदवार को वोट देने का आग्रह न करके, बसपा को स्पोर्ट करना अकाली दल पर भारी पड़ गया। पंजाब की राजनीति के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ था कि किसी पार्टी ने अपना उम्मीदवार उतारा हो और उसी पार्टी ने अपने उम्मीदवार के बजाए किसी अन्य पार्टी के उम्मीदवार को समर्थन देने का ऐलान कर दिया हो। 2. दूसरा सबसे बड़ा कारण, वरिष्ठ नेताओं द्वारा उक्त एरिया में चुनाव प्रचार न करना है। अकाली दल की उम्मीदवार रही सुरजीत कौर के लिए बीबी जगीर कौर, प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा, गुरप्रताप सिंह वडाला, सरवण सिंह फिल्लौर, सुच्चा सिंह छोटेपुर को छोड़कर किसी भी वरिष्ठ नेता ने चुनाव प्रचार नहीं किया। जिससे लोगों के बीच तक सुरजीत कौर की आवाज नहीं पहुंच सकी। 3. तीसरा बड़ा कारण, अकाली दल पर लगे बेअदबी और अन्य गंभीर आरोपों का है। जालंधर वेस्ट एरिया में ज्यादातर वोट एससी हैं और उक्त सीट भी एससी है। ऐसे में अकाली दल पर लगे आरोपों की वजह से लोगों ने उक्त पार्टी से किनारा कर लिया। अकाली दल ने जिस बसपा को स्पोर्ट किया, उसका भी परफॉर्मेंस गिर गया। पंजाब की सबसे पुरानी क्षेत्रीय पार्टी शिरोमणि अकाली दल है। किसी समय पर राज्य में सबसे प्रमुख पार्टी रही अकाली दल पर आज खतरे के बादल मंडरा रहे हैं। ऐसा हम नहीं बल्कि जालंधर उप-चुनाव के नतीजे कह रहे हैं। जालंधर वेस्ट विधानसभा उप-चुनाव में शिरोमणि अकाली दल के प्रधान सुखबीर सिंह बादल ने अपनी ही पार्टी की उम्मीदवार रहीं सुरजीत कौर को समर्थन देने के बजाए बीएसपी के उम्मीदवार रहे बिंदर लाखा को समर्थन देने का ऐलान किया गया था। ऐसे में जिस बसपा को अकाली दल प्रधान द्वारा समर्थन दिया गया, उन्हें सिर्फ 734 वोट ही मिल पाए। वो भी तब, जब राज्य की क्षेत्रीय पार्टी ने अपना पूर्ण समर्थन बसपा को दिया था। वहीं, बिना अकाली दल प्रधान के समर्थन के शिअद के चुनाव चिन्ह पर चुनाव लड़ी सुरजीत कौर ने करीब 1242 वोट बटोर लिए। ऐसा तब हुआ, जब उनकी खुद की पार्टी के नेता उन्हें समर्थन नहीं दे रहे थे। ऐसे में अब अकाली दल पर खतरे की घंटी बज रही है। ऐसा क्यों हुआ, पढ़ें इसके प्रमुख कारण…. 1. अकाली दाल का जालंधर वेस्ट में हुए उप चुनाव में इतना बुरा प्रदर्शन कारण पार्टी की अंदरुनी कलह है। ऐसे में शिअद प्रधान सुखबीर सिंह बादल द्वारा अपने उम्मीदवार को वोट देने का आग्रह न करके, बसपा को स्पोर्ट करना अकाली दल पर भारी पड़ गया। पंजाब की राजनीति के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ था कि किसी पार्टी ने अपना उम्मीदवार उतारा हो और उसी पार्टी ने अपने उम्मीदवार के बजाए किसी अन्य पार्टी के उम्मीदवार को समर्थन देने का ऐलान कर दिया हो। 2. दूसरा सबसे बड़ा कारण, वरिष्ठ नेताओं द्वारा उक्त एरिया में चुनाव प्रचार न करना है। अकाली दल की उम्मीदवार रही सुरजीत कौर के लिए बीबी जगीर कौर, प्रो. प्रेम सिंह चंदूमाजरा, गुरप्रताप सिंह वडाला, सरवण सिंह फिल्लौर, सुच्चा सिंह छोटेपुर को छोड़कर किसी भी वरिष्ठ नेता ने चुनाव प्रचार नहीं किया। जिससे लोगों के बीच तक सुरजीत कौर की आवाज नहीं पहुंच सकी। 3. तीसरा बड़ा कारण, अकाली दल पर लगे बेअदबी और अन्य गंभीर आरोपों का है। जालंधर वेस्ट एरिया में ज्यादातर वोट एससी हैं और उक्त सीट भी एससी है। ऐसे में अकाली दल पर लगे आरोपों की वजह से लोगों ने उक्त पार्टी से किनारा कर लिया। अकाली दल ने जिस बसपा को स्पोर्ट किया, उसका भी परफॉर्मेंस गिर गया। पंजाब | दैनिक भास्कर
Related Posts
इलाके को हरा भरा रखने के लिए लगाए 70 पौधे
इलाके को हरा भरा रखने के लिए लगाए 70 पौधे अमृतसर | लोहारका रोड गंदे नाले के आस-पास के इलाके को हरा भरा रखने के लिए लोगों की ओर से 70 पौधे लगाए। लोगों की तरफ से लगाए नीम, पीपल, बोहड, सुखचैन, सुहंजना, आंवला, कनेर आदि विभिन्न प्रजातियों के पौधे लगाए। इससे पहले लोगों की तरफ से मूल मंत्र, गायत्री मंत्र का जाप किया गया। भगवान के नाम का जाप करने के बाद मंत्रों की गूंज के बीच पौधारोपण किया गया। इस दौरान पर्यावरण प्रेमी निर्मल सिंह आनंद ने कहा कि पेड़ और इंसानों का रिश्ता सदियों से चला आ रहा है। इस मौके पर कैप्टन जवाहर सिंह, दलबीर सिंह बाजवा, सरबजीत सिंह धामी, अमरजीत सिंह, गुरचैन सिंह संधू, संजय सुनेजा, गौरिका सुनेजा आदि मौजूद थे।
पंजाब की बेटी का 1000 रियाल में सौदा:खाड़ी देश से लौटी वापस, संत सीचेवाल का जताया आभार, मोगा की है रहने वाली
पंजाब की बेटी का 1000 रियाल में सौदा:खाड़ी देश से लौटी वापस, संत सीचेवाल का जताया आभार, मोगा की है रहने वाली राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल के प्रयासों और विदेश मंत्रालय के सहयोग से मस्कट में बेची गई पंजाब की एक और बेटी की वतन वापसी हुई है। मोगा जिले के सुल्तानपुर लोधी से अपने परिवार के साथ आई। पीड़िता ने बताया कि वह गरीब परिवार से है। जो काम के लिए ओमान गई थी। जहां उनके एक ट्रैवल एजेंट रिश्तेदार ने उन्हें एक हजार रियाल (भारतीय मुद्रा में 2 लाख रुपए) में एक अरबी परिवार को बेच दिया था। वीजा खत्म होते ही टूटा दुखों का पहाड़ पीड़िता ने अपनी व्यथा सुनाते हुए कहा कि उसे केवल एक महीने के विजिटर वीजा पर भेजा गया था। जबकि उसे 3 महीने तक रहने के लिए कहा गया था। उसने बताया कि 7 सितंबर 2023 को जब वह ओमान एयरपोर्ट पर उतरी तो उसे लेने आए शख्स ने जबरन उसका मोबाइल फोन और पासपोर्ट छीन लिया। वह हवाई अड्डे से तीन घंटे की दूरी पर एक बहुमंजिला इमारत में एक कार्यालय में बंद थे। पीड़िता ने बताया कि उसके साथ एक केन्या की लड़की भी थी। पीड़िता ने यह भी बताया कि जब तक वीजा वैध था, ट्रैवल एजेंट उसकी देखभाल करता रहा। लेकिन जैसे ही उनका वीजा खत्म हुआ, उन पर दुखों का पहाड़ टूट पड़ा। ट्रैवल एजेंट ने उसके प्रति अपना रवैया बदल दिया और उसे पीटना शुरू कर दिया। लाखों रुपए देने के बाद भी नहीं भेजा वापस पीड़िता ने बताया कि काम के दौरान संक्रमण के कारण उसकी तबीयत काफी खराब हो गई थी और जिस परिवार में वह काम कर रही थी। उन्होंने उसका इलाज करने से मना कर दिया था। लेकिन इस हालत में भी उससे काम करवाया जा रहा था। उन्होंने कहा कि वहां रहकर वह अपने परिवार से बात भी नहीं कर पा रहे हैं। वापसी के लिए उनके द्वारा लाखों रुपए दिए जाने के बावजूद उन्हें वापस नहीं भेजा जा रहा था।इसे लेकर पीड़िता के पति ने 7 मई को राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल से संपर्क किया और पत्नी के बारे में बताया। जिस पर संत सीचेवाल द्वारा तुरंत कार्रवाई करने पर यह लड़की कुछ ही दिनों में वापस आ गई। सीचेवाल ने लोगों से की अपील राज्यसभा सदस्य संत बलबीर सिंह सीचेवाल ने लोगों से लड़कियों को खाड़ी देशों में भेजने से परहेज करने की अपील की है। उन्होंने पंजाब पुलिस के अधिकारियों को भी सख्ती से कहा कि ट्रैवल एजेंटों द्वारा सताई गई इन लड़कियों के मामलों को सहानुभूतिपूर्वक सुना जाना चाहिए और उन्हें हल करने के लिए ईमानदारी से प्रयास किए जाने चाहिए। इसके लिए उन्होंने विदेश मंत्रालय और भारतीय दूतावास को धन्यवाद दिया कि उनके लगातार प्रयासों से इन लड़कियों को विकट परिस्थितियों से बाहर निकाला गया और उन्हें वापस भेजा गया।
एक स्वस्थ टिफिन प्रतियोगिता में दमन ने हासिल किया पहला स्थान
एक स्वस्थ टिफिन प्रतियोगिता में दमन ने हासिल किया पहला स्थान लुधियाना| छात्रों और शिक्षकों को संतुलित आहार का सेवन करना चाहिए, जिससे यह हमेशा स्वस्थ रहें। इन्हें स्वस्थ रहने के लिए सही मार्गदर्शन की बहुत आवश्यकता है। यह बात प्रेपलाइफ कॉन्वेंट स्कूल व एक निजी अस्पताल द्वारा आयोजित पोषण पर चर्चा कार्यक्रम में आहार विशेषज्ञ गौरी सोनी ने कही। उन्होंने कहा कि बच्चों को शुरू से ही अच्छा और पोषक युक्त खाना खिलाना बहुत जरूरी है। वैसे ही शिक्षकों को भी अपने संतुलित खाने का बहुत ध्यान रखना चाहिए। इसके बाद छात्रों ने अपने दैनिक जीवन में स्वस्थ आदतों को लागू करने पर मार्गदर्शन प्राप्त करने के लिए प्रश्नोत्तर प्रतियोगिता में भाग लिया। फिर अस्पतालकी पूरीटीम ने एक स्वस्थ टिफिन प्रतियोगिता का आयोजन किया, जिसमें कक्षा 2 से दमन शर्मा ने प्रथम, कक्षा 5 से प्रज्ञा ने दूसरा और तीसरा स्थान आरव पांडे ने हासिल किया। इस अवसर पर डिंपल कामरा, मीरा, अंचना, स्वाति उभी, जगजीत कौर, परमजीत कौर व मधु शर्मा सहित अन्य स्टाफ सदस्य भी उपस्थित थे।