पंजाब के गुरदासपुर सहकारी शुगर मिल लिमिटेड के 6 डायरेक्टर को सस्पेंड किया गया है, साथ ही उन्हें कारण बताओ नोटिस भी जारी हुआ है। आरोप है कि गत कांग्रेस सरकार के समय में उनका चयन नियमों के विपरीत हुआ था। मिल के डिफॉल्टर होने के आरोप भी उन पर लगे है। निलंबित निदेशकों में जोन नंबर एक से कश्मीर सिंह पाहडा, जोन नंबर दो से कंवर प्रताप सिंह विरक तलवंडी, जोन नंबर तीन से परमजीत सिंह महादेव कलां, जोन नंबर चार से नरेंद्र सिंह गुनिया, जोन नंबर आठ से मलकीत कौर मगराला और जोन नंबर दस से सहकारी समितियों द्वारा नामांकित हरमिंदर सिंह देहर के शामिल हैं। संयुक्त रजिस्ट्रार सहकारी समितियां जालंधर मंडल द्वारा पंजाब सहकारी समिति अधिनियम 1961 की धारा 27(1) के तहत मिल के प्रबंधन बोर्ड से निलंबित कर दिया गया है। 2021 में हुआ था चयन छह निलंबित निदेशकों को कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के आखिरी दिनों के दौरान दिसंबर 2021 में चुना गया था। जिसमें प्रबंध मंडल के दस सदस्यों का चुनाव किया गया। शुगर मिल उपविधि के अनुसार, प्रबंधन बोर्ड के लिए चुने जाने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए प्राथमिक योग्यता चुनाव की तारीख से पिछले दो वर्षों तक मिल को ब्राडेंड गन्ने का 85 प्रतिशत गन्ने की आपूर्ति सुनिश्चित करना है। लेकिन इन छह निदेशकों पर आरोप था कि वे 85 फीसदी की मूल शर्त को पूरा नहीं करते थे और उन्हें नियमों के खिलाफ चुना गया था। जिसके बाद विभागीय जांच में आरोप सही पाए गए और वर्तमान गुरदासपुर सहकारी खंड मिल गुरदासपुर सहकारी समितियों के महाप्रबंधक और उप रजिस्ट्रार द्वारा भेजी गई। पंजाब के गुरदासपुर सहकारी शुगर मिल लिमिटेड के 6 डायरेक्टर को सस्पेंड किया गया है, साथ ही उन्हें कारण बताओ नोटिस भी जारी हुआ है। आरोप है कि गत कांग्रेस सरकार के समय में उनका चयन नियमों के विपरीत हुआ था। मिल के डिफॉल्टर होने के आरोप भी उन पर लगे है। निलंबित निदेशकों में जोन नंबर एक से कश्मीर सिंह पाहडा, जोन नंबर दो से कंवर प्रताप सिंह विरक तलवंडी, जोन नंबर तीन से परमजीत सिंह महादेव कलां, जोन नंबर चार से नरेंद्र सिंह गुनिया, जोन नंबर आठ से मलकीत कौर मगराला और जोन नंबर दस से सहकारी समितियों द्वारा नामांकित हरमिंदर सिंह देहर के शामिल हैं। संयुक्त रजिस्ट्रार सहकारी समितियां जालंधर मंडल द्वारा पंजाब सहकारी समिति अधिनियम 1961 की धारा 27(1) के तहत मिल के प्रबंधन बोर्ड से निलंबित कर दिया गया है। 2021 में हुआ था चयन छह निलंबित निदेशकों को कांग्रेस सरकार के कार्यकाल के आखिरी दिनों के दौरान दिसंबर 2021 में चुना गया था। जिसमें प्रबंध मंडल के दस सदस्यों का चुनाव किया गया। शुगर मिल उपविधि के अनुसार, प्रबंधन बोर्ड के लिए चुने जाने वाले किसी भी व्यक्ति के लिए प्राथमिक योग्यता चुनाव की तारीख से पिछले दो वर्षों तक मिल को ब्राडेंड गन्ने का 85 प्रतिशत गन्ने की आपूर्ति सुनिश्चित करना है। लेकिन इन छह निदेशकों पर आरोप था कि वे 85 फीसदी की मूल शर्त को पूरा नहीं करते थे और उन्हें नियमों के खिलाफ चुना गया था। जिसके बाद विभागीय जांच में आरोप सही पाए गए और वर्तमान गुरदासपुर सहकारी खंड मिल गुरदासपुर सहकारी समितियों के महाप्रबंधक और उप रजिस्ट्रार द्वारा भेजी गई। पंजाब | दैनिक भास्कर
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पंजाब में चावल की नहीं हो रही लिफ्टिंग:भाजपा प्रधान जाखड़ ने केंद्र को लिखा पत्र, 1000 शैलर बंद होने की कगार पर पंजाब के राइस मिलर्स इन दिनों मुश्किल दौर से गुजर रहे हैं। जगह की कमी के कारण एफसीआई और केंद्रीय एजेंसियां चावल नहीं उठा रही हैं। इससे मिलर्स को नुकसान हो रहा है। वहीं, एक हजार शैलर बंद होने की स्थिति में हैं। इस मामले को लेकर पंजाब भाजपा अध्यक्ष सुनील जाखड़ ने केंद्रीय खाद्य आपूर्ति मंत्री प्रहलाद जोशी को पत्र लिखा है। उन्होंने इस संबंध में खाद्य प्रसंस्करण राज्य मंत्री रवनीत बिट्टू को मांग पत्र सौंपा है। साथ ही उन्होंने इस मामले को प्राथमिकता के आधार पर निपटाने की मांग की है। 85 फीसदी चावल की डिलीवरी जाखड़ ने पत्र में लिखा है कि पंजाब के किसानों ने खरीफ सीजन 2023-24 में 185 लाख मीट्रिक टन धान की बंपर फसल पैदा की थी। जिसे राज्य की खरीद एजेंसियों ने खरीद लिया था। यह धान राइस मिलर्स के पास स्टोर था। जिन्हें इसे 31 मार्च तक चावल के रूप में एफसीआई को डिलीवर करना था। लेकिन अभी तक सिर्फ 85 फीसदी चावल की डिलीवरी हो पाई है। जबकि बचा हुआ स्टॉक शेलर्स में है। इसका उठान नहीं हुआ है। इसकी आखिरी तारीख 30 जून है, जिससे चिंता बनी हुई है। जबकि इसका असर चावल पर भी पड़ रहा है। नई चावल मिलों पर पड़ रहा है असर केंद्रीय मंत्री को लिखे पत्र में जाखड़ ने बताया कि तरसेम सैनी के नेतृत्व में पंजाब राइस मिलर्स एसोसिएशन के प्रतिनिधियों ने उनसे मुलाकात की और बताया कि उठान न होने के कारण 1000 राइस मिलर्स परेशानी में हैं। उन पर आर्थिक बोझ बहुत ज्यादा है। ऐसे में अगले साल से 1000 यूनिट काम करना बंद कर सकती हैं। क्योंकि उन्हें बैंक का कर्ज चुकाने में दिक्कत आ रही है। पिछले साल पंजाब में 650 नई राइस मिलें स्थापित की गई थीं। इनमें से ज्यादातर नई राइस मिलें परेशानी में हैं। पंजाब सरकार को भी घेरा जाखड़ के पत्र मुताबिक, अक्टूबर से नए धान की आवक शुरू हो जाएगी। लेकिन अगर इस दिशा में जल्द ही कार्रवाई नहीं की गई तो किसानों को परेशानी का सामना करना पड़ेगा। उन्होंने केंद्र को कुछ सुझाव भी दिए हैं। इस मौके पर जाखड़ ने कहा कि पंजाब सरकार को भी इस मामले में गंभीरता दिखानी चाहिए। साथ ही इस मामले में केंद्र से संपर्क करना चाहिए।
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