शिरोमणि अकाली दल के बागी गुट की तरफ से सुधार लहर के लिए चुने गए कनवीनर गुरप्रताप सिंह वडाला ने बुधवार को गोल्डन टेंपल में माथा टेका। वडाला ने स्पष्ट किया कि अकाली दल बागी गुट ने अपनी जिम्मेदारी समझते हुए सुधार लहर की शुरुआत की है। लेकिन अगले बड़े कार्यक्रम से पहले श्री अकाल तख्त साहिब के फैसले का इंतजार करेंगे। वडाला ने गोल्डन टेंपल में माथा टेकने के बाद कहा कि अकाली दल सुधार लहर हम चलाने जा रहे हैं, उसके लिए गुरु साहिब के आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए अरदास की है। सारे पंजाबी, सारा सिख पंथ को इस अकाली दल सुधार लहर में लिया जाएगा। बीते समय में जो अकाली दल की स्थिति बनी, वे चिंताजनक थी। 103 साल पुरानी अकाली दल की सिखों की नुमाइंदा जमात है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी अपनी धार्मिक जत्थेबंदी व सिख पार्लियामेंट है। संगत का पूरा सहयोग इन जत्थेबंदियों को मिलना चाहिए। पुराने समय में हो गलतियां हुई उसे सुधारने व पश्चाताप की जरूरत है, जिसका प्रयास शुरू किया गया है। एक व्यक्ति के खिलाफ नहीं रोष वडाला ने कहा कि सुधार लहर किसी एक विशेष व्यक्ति के खिलाफ नहीं है। बीते समय में जो गलतियां हुई, उनके खिलाफ है। सत्ता में रहते हुए कुछ नेताओं ने फायदे लिए। लेकिन पार्टी के कई नेताओं ने पार्टी फोरम पर इन मुद्दों को उठाया। झूंदा कमेटी में इनका जिक्र है। रिपोर्ट में लिखा गया है कि अगर किसी ने गलत फैसले लिए, उसके लिए उन्हें अकाल तख्त साहिब पर आकर माफी मांगनी चाहिए। जत्थेदार चयन परिक्रिया में सुधार की जरूरत वडाला ने श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार के चयन के समय बादल परिवार की दखल-अंदाजी पर स्पष्ट नहीं बोला। लेकिन उन्होंने कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार की नियुक्ति SGPC के दायरे में आती है। प्रमाणित विधि विधान से इसका चयन होना चाहिए। पंथ व संगत से वे प्रक्रिया प्रमाणित होनी चाहिए, ताकि जत्थेदारों को गलत तरीके से हटाया ना जा सके। जहां भी कोई शोध चाहिए, वे शोध होना चाहिए। वही लीडरशिप आगे लगेगी, जो संगत को प्रमाणित हो वडाला ने कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब की तरफ से जो सजा लगेगी, वे सभी को मंजूर होगी। इसके बाद चाहेंगे कि सभी एक झंडे के नीचे इकट्ठे हों। वही लीडरशिप आगे लगे, जिसे संगत प्रमाणित करे। शिरोमणि अकाली दल के बागी गुट की तरफ से सुधार लहर के लिए चुने गए कनवीनर गुरप्रताप सिंह वडाला ने बुधवार को गोल्डन टेंपल में माथा टेका। वडाला ने स्पष्ट किया कि अकाली दल बागी गुट ने अपनी जिम्मेदारी समझते हुए सुधार लहर की शुरुआत की है। लेकिन अगले बड़े कार्यक्रम से पहले श्री अकाल तख्त साहिब के फैसले का इंतजार करेंगे। वडाला ने गोल्डन टेंपल में माथा टेकने के बाद कहा कि अकाली दल सुधार लहर हम चलाने जा रहे हैं, उसके लिए गुरु साहिब के आशीर्वाद प्राप्त करने के लिए अरदास की है। सारे पंजाबी, सारा सिख पंथ को इस अकाली दल सुधार लहर में लिया जाएगा। बीते समय में जो अकाली दल की स्थिति बनी, वे चिंताजनक थी। 103 साल पुरानी अकाली दल की सिखों की नुमाइंदा जमात है। शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी अपनी धार्मिक जत्थेबंदी व सिख पार्लियामेंट है। संगत का पूरा सहयोग इन जत्थेबंदियों को मिलना चाहिए। पुराने समय में हो गलतियां हुई उसे सुधारने व पश्चाताप की जरूरत है, जिसका प्रयास शुरू किया गया है। एक व्यक्ति के खिलाफ नहीं रोष वडाला ने कहा कि सुधार लहर किसी एक विशेष व्यक्ति के खिलाफ नहीं है। बीते समय में जो गलतियां हुई, उनके खिलाफ है। सत्ता में रहते हुए कुछ नेताओं ने फायदे लिए। लेकिन पार्टी के कई नेताओं ने पार्टी फोरम पर इन मुद्दों को उठाया। झूंदा कमेटी में इनका जिक्र है। रिपोर्ट में लिखा गया है कि अगर किसी ने गलत फैसले लिए, उसके लिए उन्हें अकाल तख्त साहिब पर आकर माफी मांगनी चाहिए। जत्थेदार चयन परिक्रिया में सुधार की जरूरत वडाला ने श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार के चयन के समय बादल परिवार की दखल-अंदाजी पर स्पष्ट नहीं बोला। लेकिन उन्होंने कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब के जत्थेदार की नियुक्ति SGPC के दायरे में आती है। प्रमाणित विधि विधान से इसका चयन होना चाहिए। पंथ व संगत से वे प्रक्रिया प्रमाणित होनी चाहिए, ताकि जत्थेदारों को गलत तरीके से हटाया ना जा सके। जहां भी कोई शोध चाहिए, वे शोध होना चाहिए। वही लीडरशिप आगे लगेगी, जो संगत को प्रमाणित हो वडाला ने कहा कि श्री अकाल तख्त साहिब की तरफ से जो सजा लगेगी, वे सभी को मंजूर होगी। इसके बाद चाहेंगे कि सभी एक झंडे के नीचे इकट्ठे हों। वही लीडरशिप आगे लगे, जिसे संगत प्रमाणित करे। पंजाब | दैनिक भास्कर
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गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई इंटरव्यू मामले की HC में सुनवाई:पंजाब पुलिस दाखिल करेगी जवाब, सात अधिकारी किए हैं सस्पेंड, राजस्थान भी कर रहा जांच पंजाब पुलिस की कस्टडी में हुए गैंगस्टर लॉरेंस बिश्नोई के हुए इंटरव्यू मामले की आज सोमवार को पंजाब एंड हरियाणा हाईकोर्ट में सुनवाई होगी। इस मौके पंजाब पुलिस की तरफ से अदालत में जबाव दाखिल कर बताया जाएगा कि इंटरव्यू के लिए जिम्मेदार पुलिस अधिकारियों पर क्या कार्रवाई की है। क्योंकि गत सुनवाई पर बताया गया था कि सभी जिम्मेदार अधिकारियों को नोटिस जारी किए गए हैं, 10 दिन के अंदर कार्रवाई कर दी जाएगी। वहीं, इस मामले में मोहाली की अदालत में चल रहे ट्रॉयल पर रोक लगा दी थी। क्योंकि शीर्ष अदालत के ध्यान में आया था कि उन्हें बिना बताए इस मामले में कैंसिलेशन रिपोर्ट फाइल कर दी गई है। इन अधिकारियों पर पुलिस ने कार्रवाई की पंजाब पुलिस की तरफ से पहले इंटरव्यू के लिए जिम्मेदार अधिकारियों पर कार्रवाई की गई हैं। इसमें DSP से लेकर हेड कॉन्स्टेबल रैंक तक के अधिकारी-कर्मचारी शामिल हैं। इसमें DSP गुरशेर सिंह (अमृतसर स्थित 9 बटालियन), DSP समर वनीत, सब इंस्पेक्टर रीना (CIA खरड़ में तैनात), सब इंस्पेक्टर जगतपाल जंगू (AGTF में तैनात), सब इंस्पेक्टर शगनजीत सिंह (AGTF), ASI मुखत्यार सिंह और हेड कॉन्स्टेबल ओम प्रकाश शामिल हैं। जबकि दूसरे इंटरव्यू की जांच राजस्थान पुलिस कर रही है। गैंगस्टर के 2 इंटरव्यू वायरल हुए थे। SIT की रिपोर्ट के मुताबिक पहला इंटरव्यू 3 व 4 सितंबर 2023 को हुआ है। लॉरेंस उस समय पंजाब में CIA खरड़ में रखा गया था। दूसरा इंटरव्यू राजस्थान की जयपुर स्थित सेंट्रल जेल में हुआ है। पहले इंटरव्यू में मूसेवाला के कत्ल की जिम्मेदारी ली लॉरेंस का पहला इंटरव्यू 14 मार्च 2023 को ब्रॉडकास्ट हुआ था। इसमें लॉरेंस ने सिद्धू मूसेवाला का कत्ल करवाने की बात कबूली थी। लॉरेंस का कहना था कि मूसेवाला सिंगिंग के बजाय गैंगवार में घुस रहा था। उसके कॉलेज फ्रेंड अकाली नेता विक्की मिड्डूखेड़ा के कत्ल में भी मूसेवाला का हाथ था, इसलिए उसे मरवाया। SIT रिपोर्ट के मुताबिक ये वही इंटरव्यू है, जो उसने CIA की कस्टडी से दिया। दूसरे इंटरव्यू में बैरक से कॉल करने का दिया सबूत लॉरेंस ने अपने दूसरे इंटरव्यू में जेल के अंदर से इंटरव्यू देने का सबूत भी दिया था। उसने अपनी बैरक भी दिखाई और बताया कि उसे बाहर नहीं जाने दिया जाता, लेकिन मोबाइल भी उसके पास आ जाता है और सिग्नल भी। लॉरेंस ने अपने इंटरव्यू में कहा कि रात के समय जेल के गार्ड बहुत कम आते-जाते हैं, इसीलिए वह रात को कॉल कर लेता है। लॉरेंस ने मोबाइल के अंदर आने के बारे में भी जानकारी दी थी। लॉरेंस के अनुसार मोबाइल बाहर से जेल के अंदर फेंके जाते हैं। कई बार जेल स्टाफ उन्हें पकड़ भी लेता है, लेकिन अधिकतर बार मोबाइल उस तक पहुंच जाता है। पंजाब के DGP ने खारिज किया था दावा गैंगस्टर लॉरेंस के इंटरव्यू जारी होने के बाद पंजाब पुलिस पर सवाल उठे थे। इसके बाद पंजाब के DGP गौरव यादव ने प्रेस कॉन्फ्रेंस बुलाई। जिसमें उन्होंने दावा किया था कि इंटरव्यू बठिंडा या पंजाब की किसी भी जेल से नहीं हुआ है। DGP ने लॉरेंस की 2 तस्वीरें दिखाते हुए कहा था- जब लॉरेंस को बठिंडा जेल लाया गया तो उसके बाल कटे थे और दाढ़ी-मूछ नहीं थी।
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