पंजाब में तीन पुलिसकर्मियों की नशा तस्करों के साथ सांठगांड सामने आने के बाद अब जिला प्रशासन भी नशे की रोकथाम के लिए जुट गया है। मुख्यमंत्री कार्यालय से मिले आदेशों के बाद जिला प्रशासन ने टोल फ्री नंबर जारी किया है, जिस पर उन नशा तस्करों की जानकारी सांझा की जा सकती है, जिस पर पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही। डीसी अमृतसर घनशाम थोरी ने जंडियाला, वेरका और आसपास के गांवों से मिलने पहुंचे लोगों से नशे की समस्या के बारे में बात करते हुए अपना फोन नंबर दिया। उन्होंने 7973867446 फोन नंबर देते हुए कहा कि अगर पुलिस शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं करती है तो उन्हें इस नंबर पर वॉट्सएप मैसेज भेज सकते हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस भी अपने स्तर पर हर संभव प्रयास कर रही है, लेकिन फिर भी निचले स्तर पर समस्याएं सामने आती हैं। उन्होंने कहा कि हाल ही में जिला पुलिस ने तीन ऐसे पुलिस कर्मियों को बर्खास्त कर दिया है जो नशा तस्करों से जुड़े थे। अब अब उनकी संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया चल रही है। स्कूलों में अध्यापक भी रहेंगे सतर्क डीसी अमृतसर ने बताया कि नशे को रोकने में सबसे बड़ा योगदान पुलिस का है, लेकिन लोगों के सहयोग के बिना यह सफलता मिलना बहुत मुश्किल है। उन्होंने स्कूल के शिक्षकों से भी कहा कि वे स्टूडेंट्स पर नजर रखें। अगर कोई स्टूडेंट परिवार को बिना बताए लगातार छुट्टी ले रहे हैं, स्टूडेंट्स का व्यवहार कुछ दिनों से बदल गया है या बाथरूम में अधिक समय बिताते हैं, जिनकी आंखें लाल रहती हैं, ऐसे स्टूडेंट्स पर नजर रखनी चाहिए। पंजाब में तीन पुलिसकर्मियों की नशा तस्करों के साथ सांठगांड सामने आने के बाद अब जिला प्रशासन भी नशे की रोकथाम के लिए जुट गया है। मुख्यमंत्री कार्यालय से मिले आदेशों के बाद जिला प्रशासन ने टोल फ्री नंबर जारी किया है, जिस पर उन नशा तस्करों की जानकारी सांझा की जा सकती है, जिस पर पुलिस कार्रवाई नहीं कर रही। डीसी अमृतसर घनशाम थोरी ने जंडियाला, वेरका और आसपास के गांवों से मिलने पहुंचे लोगों से नशे की समस्या के बारे में बात करते हुए अपना फोन नंबर दिया। उन्होंने 7973867446 फोन नंबर देते हुए कहा कि अगर पुलिस शिकायत पर कोई कार्रवाई नहीं करती है तो उन्हें इस नंबर पर वॉट्सएप मैसेज भेज सकते हैं। उन्होंने कहा कि पुलिस भी अपने स्तर पर हर संभव प्रयास कर रही है, लेकिन फिर भी निचले स्तर पर समस्याएं सामने आती हैं। उन्होंने कहा कि हाल ही में जिला पुलिस ने तीन ऐसे पुलिस कर्मियों को बर्खास्त कर दिया है जो नशा तस्करों से जुड़े थे। अब अब उनकी संपत्ति जब्त करने की प्रक्रिया चल रही है। स्कूलों में अध्यापक भी रहेंगे सतर्क डीसी अमृतसर ने बताया कि नशे को रोकने में सबसे बड़ा योगदान पुलिस का है, लेकिन लोगों के सहयोग के बिना यह सफलता मिलना बहुत मुश्किल है। उन्होंने स्कूल के शिक्षकों से भी कहा कि वे स्टूडेंट्स पर नजर रखें। अगर कोई स्टूडेंट परिवार को बिना बताए लगातार छुट्टी ले रहे हैं, स्टूडेंट्स का व्यवहार कुछ दिनों से बदल गया है या बाथरूम में अधिक समय बिताते हैं, जिनकी आंखें लाल रहती हैं, ऐसे स्टूडेंट्स पर नजर रखनी चाहिए। पंजाब | दैनिक भास्कर
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अमृतसर में सांसद गुरजीत के घर पहुंचेंगे किसान:देशभर के गैर भाजपा सांसदों से मिलने की तैयारी, MSP के मुद्दे पर सौंपेंगे ज्ञापन किसान आज सोमवार को देशभर के गैर भाजपा सांसदों से संपर्क कर रहे हैं। किसान गैर भाजपा सांसदों से मिलकर उन्हें अपनी मांगों का ज्ञापन सौंपेंगे। किसान लगातार केंद्र के खिलाफ अपनी मांगों को लेकर अड़े हुए हैं, जिसमें एमएसपी गारंटी कानून सबसे अहम है। पंजाब-हरियाणा बॉर्डर पर बैठे किसानों ने अब संसद में अपनी आवाज पहुंचाने के लिए यह तरीका अपनाया है। किसान चाहते हैं कि विपक्ष के साथ-साथ एनडीए के गैर भाजपा सांसद उनके मुद्दों पर निजी विधेयक लेकर आएं, ताकि किसानों को उनका हक मिल सके। किसान नेता सरवन सिंह पंधेर का कहना है कि हर जिले में किसान सांसदों के घर तक मार्च निकालेंगे। इसके बाद सांसदों से मिलकर उन्हें ज्ञापन सौंपा जाएगा।
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पंजाब में पार्टी निशान पर नहीं होंगे पंचायती चुनाव:पंचायती राज्य नियम 1994 में संशोधन की तैयारी, कैबिनेट मीटिंग में आएगा एजेंडा
पंजाब में पार्टी निशान पर नहीं होंगे पंचायती चुनाव:पंचायती राज्य नियम 1994 में संशोधन की तैयारी, कैबिनेट मीटिंग में आएगा एजेंडा पंजाब में आने वाले पंचायती चुनाव पार्टी निशान पर नहीं करवाने की योजना सरकार बना रही है। इसके लिए पंजाब पंचायती राज्य नियम 1994 में संशोधन की तैयारी की गई है। आने वाली अगली कैबिनेट मीटिंग में इस संबंधी एजेंडा भी लाया जा सकता है। इसके पीछे कोशिश यही है गांवों में माहौल खुशनुमा रहे । साथ ही सारे लोग मिलकर गांवों के विकास में सहयोग करे। कानूनी माहिरों से भी ली है राय पंचायती चुनावों को लेकर एक उच्च स्तरीय मीटिंग कुछ दिन पहले हुए हुई थी। इस दौरान यह मुद्दा उठा था। इसको लेकर कानूनी माहिरों से भी राय ली गई है। इसके बाद इस दिशा में कदम बढ़ाया गया है। सूत्रों की माने तो पार्टी निशान पर चुनाव से गांवों में जहां लोग बंट जाते हैं। राजनीतिक दखल अधिक हो जाता है। इस वजह से गांवों का उचित तरीके से विकास नहीं हो पाता है। सबसे बड़ी बात यह है लड़ाई झगडे़ बहुत ज्यादा होते है। अगर यह संशोधन होता है तो बड़ी राहत की बात होगी। 2018 में कांग्रेस के समय में हुए थे चुनाव पंचायत विभाग की तरफ फरवरी में उन पंचायतों को भंग कर दिया गया था, जिनके कार्यकाल को पूरे पांच साल हो चुके थे। साल 2018 में कांग्रेस सरकार के समय में पंचायत चुनाव हुए थे। उस समय 13276 सरपंचों व 83831 पंचों का चुनाव हुआ था। वहीं, इसके बाद अधिकारियों काे ही पंचायतों का कार्यवाहक अफसर लगा दिया था। वहीं वोटर सूचियों व अन्य काम पहले ही से चल रहे हैं। ऐसे में उम्मीद है कि जल्दी ही इस दिशा में कार्रवाई हो सकती है। पहले यह पत्र जारी हुआ था राज्य निर्वाचन आयोग की तरफ से दो हफ्ते पहले एक पत्र ग्रामीण विकास एवं पंचायत विभाग को लिखा था। साथ ही भविष्य में होने वाले चुनावों के लिए पंच व सरपंचों की सीटों को रिजर्व करने संबंधी प्रक्रिया को पूरा करने के लिए कहा था। पत्र में कहा गया था कि s.11 (5) के अनुसार रिजर्वेशन संबंधी हर जिले में डिप्टी कमिश्नर की तरफ से नोटिफिकेशन जारी की जाए, ताकि चुनाव के समय आम लोगों व उम्मीदवारों को दिक्कत न उठानी पडे़।
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