हरियाणा के पानीपत में गुरुवार की दोपहर को एक बड़ा हादसा हो गया। गांव सौंदापुर स्थित किंगलैंड वाटरपार्क में एक 6 साल की बच्ची हितेषी जैन की पानी में डूबने से मौत हो गई। दरअसल, बच्ची संजय कॉलोनी स्थित जीडी पब्लिक स्कूल में गई थी। जहां से स्कूल का ट्रिप वाटर पार्क के लिए निकला था। दोपहर को सभी बच्चे वाटर पार्क में नहा रहे थे। इसी दौरान संदिग्ध परिस्थितियों में बच्ची वाटर पार्क में डूब गई। काफी देर बाद जब बच्ची को पानी से निकाला तो वह अचेत थी। आनन-फानन में टीचर्स उसे नजदीकी एक निजी अस्पताल ले गए। हायर सेंटर किया गया रेफर जहां से डॉक्टरों ने उसे रेफर कर दिया। इसके बाद बच्ची को सिविल अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने चेकअप के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। बच्ची के शव का पंचनामा भरवा कर शवगृह में रखवा दिया गया है। परिजनों ने स्कूल प्रशासन और वाटर पार्क संचालक के खिलाफ पुलिस को शिकायत दी है। पुलिस मामले की आगामी कार्रवाई में जुट गई है। पुलिस प्रारंभिक जांच में सामने आया कि नहाते वक्त बच्ची पर ध्यान नहीं दिया गया। जिसके चलते वह वाटर पार्क में डूबी है। हरियाणा के पानीपत में गुरुवार की दोपहर को एक बड़ा हादसा हो गया। गांव सौंदापुर स्थित किंगलैंड वाटरपार्क में एक 6 साल की बच्ची हितेषी जैन की पानी में डूबने से मौत हो गई। दरअसल, बच्ची संजय कॉलोनी स्थित जीडी पब्लिक स्कूल में गई थी। जहां से स्कूल का ट्रिप वाटर पार्क के लिए निकला था। दोपहर को सभी बच्चे वाटर पार्क में नहा रहे थे। इसी दौरान संदिग्ध परिस्थितियों में बच्ची वाटर पार्क में डूब गई। काफी देर बाद जब बच्ची को पानी से निकाला तो वह अचेत थी। आनन-फानन में टीचर्स उसे नजदीकी एक निजी अस्पताल ले गए। हायर सेंटर किया गया रेफर जहां से डॉक्टरों ने उसे रेफर कर दिया। इसके बाद बच्ची को सिविल अस्पताल ले जाया गया। जहां डॉक्टरों ने चेकअप के बाद उसे मृत घोषित कर दिया। बच्ची के शव का पंचनामा भरवा कर शवगृह में रखवा दिया गया है। परिजनों ने स्कूल प्रशासन और वाटर पार्क संचालक के खिलाफ पुलिस को शिकायत दी है। पुलिस मामले की आगामी कार्रवाई में जुट गई है। पुलिस प्रारंभिक जांच में सामने आया कि नहाते वक्त बच्ची पर ध्यान नहीं दिया गया। जिसके चलते वह वाटर पार्क में डूबी है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts
हरियाणा के पूर्व डिप्टी CM सरकारी कोठी खाली कर रहे:मान्यता- इसमें रहने वाला दोबारा नहीं जीतता; दुष्यंत ने टाइम भी पूरा नहीं किया
हरियाणा के पूर्व डिप्टी CM सरकारी कोठी खाली कर रहे:मान्यता- इसमें रहने वाला दोबारा नहीं जीतता; दुष्यंत ने टाइम भी पूरा नहीं किया चंडीगढ़ में सरकारी कोठी नंबर-48 अक्सर चर्चा में रहती है। इस बार इसकी चर्चा हरियाणा के पूर्व डिप्टी CM दुष्यंत चौटाला को लेकर है। वह अब तक इसी कोठी में रहे थे, लेकिन अब वह इसे खाली कर पंचकूला में शिफ्ट हो रहे हैं। हालांकि, अभी यह कोठी किसी को अलॉट नहीं हुई है। इस कोठी के साथ एक धारणाएं जुड़ी है। ऐसा माना जाता है कि इस कोठी में रहने वाले मंत्रियों में ज्यादातर अगली दफा विधानसभा तक भी नहीं पहुंचते। अब JJP नेता दुष्यंत चौटाला इस कोठी को 5 साल पूरा होने से पहले ही खाली कर रहे हैं। हालांकि, अब वह मंत्री नहीं हैं, इसलिए खाली करना भी पड़ता। इसके अलावा यहां कोठी नंबर-78 को लेकर भी ऐसी ही धारणाएं बनी। बाद में इस कोठी को IAS अफसरों को ही अलॉट किया जाता रहा है। ये कोठियां भी मंत्रियों की अन्य कोठियों की तरह काफी अच्छी हैं, लेकिन इनके साथ जुड़ी धारणाएं नेगेटिव हैं। समझिए… कोठी नंबर-48 का गणित
चंडीगढ़ में कोठी नंबर-48 सेक्टर-2 में है। यहां हरियाणा कोटे की अन्य कोठियां भी हैं, जिनमें मंत्री रहते हैं। इस कोठी में इनेलो सरकार में चौधरी धीरपाल सिंह रहे थे। वह 1999 से 2005 तक इस कोठी में रहे, लेकिन इसके बाद वह नहीं जीते। इस कोठी में कांग्रेस सरकार बनने पर तब के वित्त मंत्री चौधरी बीरेंद्र सिंह रहने लगे, लेकिन वह भी 2009 में हार गए। उन्हें उचाना सीट पर ओमप्रकाश चौटाला ने विधानसभा में हराया। कांग्रेस के दूसरे कार्यकाल में 2009 में यह कोठी मंत्री रणदीप सुरजेवाला को अलॉट हुई। वह जीतकर विधानसभा ताे पहुंचे, लेकिन उनकी सरकार सत्ता से बाहर होने पर वह मंत्री नहीं बन सके और कोठी खाली करनी पड़ी। भाजपा सरकार बनने पर 2014 में यह कोठी तब के वित्त मंत्री कैप्टनअभिमन्यु काे मिली, लेकिन वह भी 2019 में चुनाव हार गए। गठबंधन सरकार बनने पर यह कोठी 2019 में तब के डिप्टी CM दुष्यंत चौटाला को मिली, लेकिन अब लोकसभा चुनाव में पार्टी का प्रदर्शन ठीक नहीं रहा। गठबंधन टूटने से सरकार से बाहर हो गए। अब वह यहां पांच साल पूरे नहीं कर रहे। वह इस कोठी को पहले ही खाली कर रहे हैं। कोठी नंबर-78 में ये भी रहे, जो अगली बार नहीं जीते
कोठी नंबर-78 में तत्कालीन डिप्टी स्पीकर कुलबीर सिंह, सुषमा स्वराज, करतार देवी, बहादुर सिंह, रामबिलास शर्मा, फूलचंद मुलाना रह चुके हैं। ये लोग अगली बार विधानसभा नहीं पहुंचे थे। इनके बाद कृष्णलाल पंवार को भी हार का सामना करना पड़ा। अब यह कोठी अफसरों को दी जा रही है। इसमें अभी मुख्यमंत्री के मुख्य प्रधान सचिव रह रहे हैं।
रणदीप सुरजेवाला बोले- मैं भी CM बनना चाहता हूं:राहुल गांधी जो निर्णय करेंगे, वह सब को मान्य होगा; मनोहर की बातें बचकाना
रणदीप सुरजेवाला बोले- मैं भी CM बनना चाहता हूं:राहुल गांधी जो निर्णय करेंगे, वह सब को मान्य होगा; मनोहर की बातें बचकाना हरियाणा कांग्रेस के वरिष्ठ नेता एवं राज्यसभा सांसद रणदीप सुरजेवाला ने हरियाणा सीएम की कुर्सी पर दावा ठोका है। इससे पहले उनके बेटे एवं कैथल में कांग्रेस प्रत्याशी आदित्य सुरजेवाला ने कहा था कि उनकी इच्छा है कि उनके पिता कांग्रेस सरकार बनने पर सीएम बनें। इसके जवाब में रणदीप ने कहा कि कौन मुख्यमंत्री बनेगा यह हर व्यक्ति की आंकाक्षा है। कैथल में पत्रकारों से बातचीत में मंगलवार को सुरजेवाला ने कहा कि मैं, कुमारी सैलजा, जो मेरी बड़ी बहन है, चौधरी भूपेंद्र सिंह हुड्डा सीएम बनना चाहते हैं। हम तीन लोगों के अलावा किसी और साथी का भी यह अधिकार है, यहां प्रजातंत्र है। आखिर में यह निर्णय राहुल गांधी और मल्लिका अर्जुन खड़गे करते हैं, जो निर्णय वह करेंगे, वह हम सबको स्वीकार होगा। कुमारी सैलजा को पूर्व मुख्यमंत्री मनोहर लाल द्वारा ट्विटर पर बधाई देने पर रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि इन बातों में कोई वजन नहीं है। पूर्व मुख्यमंत्री का मैं आदर करता हूं, वह पिता समान हैं, उनकी उम्र की वजह से, पर वे बचकाना बातें कर रहे हैं। कुमारी सैलजा कांग्रेसी थी, हैं और रहेंगी। सुरजेवाला ने कहा कि उन्हें मालूम है मनोहर लाल को प्रधानमंत्री कुरुक्षेत्र की रैली तक में लेकर नहीं गए। कहीं इनको देखकर वोट टूट न जाए। वह अपनी चिंता करें कि कहीं उन्हें मंत्री पद से ना हटा दें, जिस तरह से मुख्यमंत्री कुर्सी से उठाया था।
गुरूग्राम में कांग्रेस को मजबूती देने में जुटे पंकज डाबर:टिकट कटने के बाद मिली नई जिम्मेदारी, जिला मीडिया कोआर्डिनेटर ने की प्रेसवार्ता
गुरूग्राम में कांग्रेस को मजबूती देने में जुटे पंकज डाबर:टिकट कटने के बाद मिली नई जिम्मेदारी, जिला मीडिया कोआर्डिनेटर ने की प्रेसवार्ता एक तरफ प्रदेशभर में कांग्रेस-बीजेपी की टिकट कटने पर दावेदार बागी सुर अपनाए हुए हैं। वहीं दूसरी ओर गुरुग्राम विधानसभा सीट से कांग्रेस टिकट के प्रबल दावेदार पंकज डाबर टिकट कटने के बाद भी पार्टी की नैया पार करने के अभियान में जुटे हुए हैं। पार्टी ने पंकज डाबर को गुरुग्राम जिला मीडिया कोआर्डिनेटर की अहम जिम्मेदारी सौंपी है। होटल में प्रेस कांफ्रेंस कर पंकज डाबर ने पार्टी की टिकट नहीं मिलने पर जरा भी अफसोस जाहिर नहीं किया, बल्कि दावा किया कि वह जिले की चारों सीट पर कांग्रेस को विजय बनाने में जी जान लगा देंगे। उन्होंने कांग्रेस के गुरुग्राम, बादशाहपुर, सोहना, पटौदी सीट के प्रत्याशियों को टिकट मिलने पर बधाई देते हुए वादा किया कि वह सभी को जिताने की हर संभव मदद करेंगे। टिकट के थे प्रबल दावेदार गुरुग्राम विधानसभा सीट पर कांग्रेस की ओर से पंजाबी चेहरा होने के नाते पंकज डाबर टिकट के प्रबल दावेदार थे। पार्टी सर्वे में भी उनका नाम शामिल था और प्रत्याशियों का जो पैनल पार्टी हाईकमान के सामने गया उसमें भी उनका नाम शामिल था। प्रदेश में 32 पर्सेंट तो गुरुग्राम सीट पर करीब 1 लाख पंजाबी वोटर्स होने के चलते पंकज आखिरी समय तक टिकट की रेस में बने रहे। हालांकि पार्टी हाईकमान ने 2019 के चुनाव में निर्दलीय चुनाव लड़ कर दूसरे नंबर पर रहने वाले मोहित ग्रोवर पर एतबार किया। बावजूद पंकज डाबर इससे निराश नहीं हुए बल्कि पार्टी को मजबूती देने के अभियान में जुट गए। हाईकमान के निर्णय से निराश नहीं पार्टी के प्रति समर्पित पंकज डाबर की शायद इसी लगन को देखते हुए पार्टी हाईकमान ने उन्हें विधानसभा चुनाव के लिए गुरुग्राम जिले की मीडिया कोआर्डिनेटर की अहम जिम्मेदारी सौंपी है। गुरुवार को मीडिया से रुबरू होते हुए पंकज डाबर ने पार्टी के कर्तव्यनिष्ठ सिपाही की हुंकार भरते हुए दावा किया कि टिकट मांगना सभी का अधिकार है और वह भी दावेदार थे, लेकिन हाईकमान के निर्णय से वह निराश नहीं हैं। शुरू से ही एक ही पार्टी से जुड़े मीडिया कॉडिनेटर होने के नाते अब वह जिले की चारों सीट पर कांग्रेस प्रत्याशियों को जिताने की रणनीति बनाकर धरातल पर काम करने के अभियान में जुट गए हैं। पंकज डाबर ने कहा कि वह शुरू से एक ही कांग्रेस पार्टी से जुड़े हुए हैं और जब भी पार्टी ने उनको जो भी जिम्मेदारी सौंपी उसका उन्होंने शत प्रतिशत निर्वहन किया है। इस चुनाव में वह हर हाल में पार्टी की विजयी पताका फहराने की जिम्मेदारी निभाने का दंभ भर रहे हैं। वहीं पार्टी के एकजुट होने व गुटबाजी खत्म होने का भी दावा करते नजर आए। पार्टी एकजुट और प्रदेश में बनेगी कांग्रेस सरकार प्रेस कांफ्रेंस में दावा किया कि उनको जो जिम्मेदारी सौंपी है, वह उसका निर्वहन करने में जुट गए हैं। गुरुग्राम से मोहित ग्रोवर, बादशाहपुर से वर्धन यादव, पटौदी से पर्ल वर्मा और सोहना से रोहताश खटाना को पार्टी ने प्रत्याशी बनाया है। यह चारों ही जिताऊ प्रत्याशी हैं और इनकी हर संभव मदद कर वह उनको चुनाव जिताकर विधानसभा भेजने की रणनीति बनाने में जुटे हुए हैं। यह थे गुरुग्राम सीट के दावेदार गुरुग्राम सीट पर पंकज डाबर, मोहित ग्रोवर, सुखबीर कटारिया, कुलदीप कटारिया, कुलराज कटारिया टिकट की रेस में थे। सुखबीर कटारिया 2014 में निर्दलीय तो 2019 में कांग्रेस टिकट पर हार चुके थे इसके चलते वह शुरू से ही टिकट की रेस से बाहर थे, लेकिन पूर्व सीएम भूपेंद्र हुड्डा के करीबी के चलते वह टिकट की उम्मीद लगाए हुए थे। पंकज डाबर पार्टी के पंजाबी चेहरा थे। चुनाव में जमकर पसीना बहाया गुरुग्राम सीट पर 1 लाख वोटर पंजाबी होने के चलते वह सबसे अधिक प्रबल दावेदार माने जा रहे थे। आखिरी समय में मोहित ग्रोवर की एंट्री होने एवं 2019 के चुनाव में निर्दलीय के रूप में 25 परसेंट वोट हासिल करने के चलते हाईकमान ने पंकज डाबर की जगह मोहित ग्रोवर पर विश्वास जताया। पंकज डाबर प्रदेश के नेताओं के साथ ही लोकसभा चुनाव में कांग्रेस प्रत्याशी रहे राज बब्बर के भी करीबी हैं और इस चुनाव में उन्होंने जमकर पसीना बहाया था। इसी के चलते राज बब्बर भी पंकज डाबर की ही पैरवी कर रहे थे।