पंजाब प्रदेश कांग्रेस के प्रधान और लुधियाना से सांसद अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग कई दिनों बाद शहर में वापस लौटे है। वीरवार रात वह नौघरा स्थित शिव सेना के नेता संदीप गोरा थापर के घर उनका हाल जानने पहुंचे। वड़िंग कुल 5 मिनट थापर के निवास स्थान पर रुके। बिना पानी पीए ही वड़िंग वहां से चले गए। सवालों से घबराए वड़िंग,बिना जवाब दिए निकले पत्रकारों के द्वारा संदीप गोरा थापर के हाल जानने में देरी और शहर में अभी तक सांसद का स्थायी दफ्तर ना होने के सवाल की भनक लगते ही वड़िंग पत्रकारों से किनारा करते हुए चलते बने। बता दें शहर में विपक्ष भी वड़िंग को दफ्तर ना खोले जाने पर लगातार घेर रहा है। घटना के दिन सांसद को शहर में आने चाहिए था-संदीप थापर संदीप थापर गोरा ने कहा कि करीब 3 से 5 मिनट वड़िंग उनके घर पर रुके है। वड़िंग ने पानी तक नहीं पिया। थापर ने कहा कि जिस दिन उन पर निहंगों ने तलवारों से हमला किया था उसी दिन सांसद होने के नाते वड़िंग को लुधियाना में आना चाहिए था। आज भी वड़िंग ने कोई खास बातचीत नहीं की। सिर्फ इतना पूछा कि-आप उनके खिलाफ क्या कुछ बोले थे। थापर ने कहा कि मेरा जवाब था कि फेसबुक और समाचार पत्रों में मेरे द्वारा दिए बयान आज भी रिकार्ड है। यदि मैंने कुछ गलत बोला है तो मुझे बताया जाए। सांसद ने नहीं दिया कोई आर्थिक मदद का आश्वासन पत्रकारों ने थापर से सवाल किया कि-क्या वड़िंग ने परिवार की कोई आर्थिक मदद करने का आश्वासन दिया तो जवाब में थापर ने कहा कि वड़िंग ने परिवार को किसी तरह का कोई आश्वासन नहीं दिया। बता दें बेशक सांसद गोरा थापर का हाल जानने उनके घर पहुंच गए लेकिन परिवार आज भी सांसद वड़िंग से कही न कही मायूस है। वड़िंग ने 13 दिन बाद पूछा हाल, मन में है पीड़ा-नीरज वर्मा संदीप थापर के साथी हिन्दू नेता नीरज वर्मा ने कहा कि एक सांसद होने के नाते राजा वड़िंग को घटना के तुरंत बाद संदीप गोरा थापर का हाल जानना चाहिए था। सभी लोगों ने वोट देकर उन्हें अपना सांसद बनाया है। लेकिन वड़िंग आज 13 दिन बाद थापर का हाल जान रहे है। इतने दिनों बाद वड़िंग का गोरा थापर के घर आना कही न कही अच्छा संकेत नहीं देती। सभी हिन्दू नेताओं के मन में कही न कही इस बात की पीड़ा है। इस तरह की खानापूर्ति का कोई लाभ नहीं है। परिवार आर्थिक तौर पर कमजोर हो गया है। परिवार का एकमात्र सहारा संदीप थापर बेड पर पड़े है। पंजाब प्रदेश कांग्रेस के प्रधान और लुधियाना से सांसद अमरिंदर सिंह राजा वड़िंग कई दिनों बाद शहर में वापस लौटे है। वीरवार रात वह नौघरा स्थित शिव सेना के नेता संदीप गोरा थापर के घर उनका हाल जानने पहुंचे। वड़िंग कुल 5 मिनट थापर के निवास स्थान पर रुके। बिना पानी पीए ही वड़िंग वहां से चले गए। सवालों से घबराए वड़िंग,बिना जवाब दिए निकले पत्रकारों के द्वारा संदीप गोरा थापर के हाल जानने में देरी और शहर में अभी तक सांसद का स्थायी दफ्तर ना होने के सवाल की भनक लगते ही वड़िंग पत्रकारों से किनारा करते हुए चलते बने। बता दें शहर में विपक्ष भी वड़िंग को दफ्तर ना खोले जाने पर लगातार घेर रहा है। घटना के दिन सांसद को शहर में आने चाहिए था-संदीप थापर संदीप थापर गोरा ने कहा कि करीब 3 से 5 मिनट वड़िंग उनके घर पर रुके है। वड़िंग ने पानी तक नहीं पिया। थापर ने कहा कि जिस दिन उन पर निहंगों ने तलवारों से हमला किया था उसी दिन सांसद होने के नाते वड़िंग को लुधियाना में आना चाहिए था। आज भी वड़िंग ने कोई खास बातचीत नहीं की। सिर्फ इतना पूछा कि-आप उनके खिलाफ क्या कुछ बोले थे। थापर ने कहा कि मेरा जवाब था कि फेसबुक और समाचार पत्रों में मेरे द्वारा दिए बयान आज भी रिकार्ड है। यदि मैंने कुछ गलत बोला है तो मुझे बताया जाए। सांसद ने नहीं दिया कोई आर्थिक मदद का आश्वासन पत्रकारों ने थापर से सवाल किया कि-क्या वड़िंग ने परिवार की कोई आर्थिक मदद करने का आश्वासन दिया तो जवाब में थापर ने कहा कि वड़िंग ने परिवार को किसी तरह का कोई आश्वासन नहीं दिया। बता दें बेशक सांसद गोरा थापर का हाल जानने उनके घर पहुंच गए लेकिन परिवार आज भी सांसद वड़िंग से कही न कही मायूस है। वड़िंग ने 13 दिन बाद पूछा हाल, मन में है पीड़ा-नीरज वर्मा संदीप थापर के साथी हिन्दू नेता नीरज वर्मा ने कहा कि एक सांसद होने के नाते राजा वड़िंग को घटना के तुरंत बाद संदीप गोरा थापर का हाल जानना चाहिए था। सभी लोगों ने वोट देकर उन्हें अपना सांसद बनाया है। लेकिन वड़िंग आज 13 दिन बाद थापर का हाल जान रहे है। इतने दिनों बाद वड़िंग का गोरा थापर के घर आना कही न कही अच्छा संकेत नहीं देती। सभी हिन्दू नेताओं के मन में कही न कही इस बात की पीड़ा है। इस तरह की खानापूर्ति का कोई लाभ नहीं है। परिवार आर्थिक तौर पर कमजोर हो गया है। परिवार का एकमात्र सहारा संदीप थापर बेड पर पड़े है। पंजाब | दैनिक भास्कर
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सरकार खोले रास्ता, हमने नहीं रोका:शंभू बॉर्डर खोलने का मामला, किसानों और प्रशासन की दूसरी मीटिंग भी रही बे नतीजा पिछले 6 महीने से बंद पड़े शंभू बॉर्डर को खोलने के लिए आज (रविवार) किसानों और प्रशासन के बीच एक अहम पटियाला पुलिस लाइन में दूसरी मीटिंग हुई। इस मीटिंग में कोई नतीजा नहीं निकला। मीटिंग में पंजाब व हरियाणा सरकार के पुलिस व प्रशासन के अधिकारी भी मौजूद थे। मीटिंग के बाद किसान नेता सरवन सिंह पंधेर ने कहा कि हमने कोई रास्ता बंद नहीं किया। रास्ता हरियाणा व केंद्र सरकार की तरफ से बंद किया गया है। ऐसे में सरकार को शंभू बार्डर खोलना चाहिए। हमने प्रशासन के सामने अपनी बातें रखी है। उन्होंने कहा कि अदालत में केस हम लेकर नहीं गए हैं, यह तो सरकार गई है। हमने प्रशासन के सामने मांग रख दी है। वहीं, उन्होंने कहा कि हरियाणा चाहता है कि किसान ट्रैक्टर ट्रॉलियां लेकर दिल्ली न जाए। लेकिन वह बिना ट्रैक्टर ट्रॉली दिल्ली नहीं जाएंगे। हम पहले दिन से अपनी बात उन्हें साफ कर चुके है। इसके अलावा मीटिंग को लेकर एजेंडा नहीं था। वहीं, इस मीटिंग जगजीत सिंह डल्लेवाल शामिल नहीं हुए। इससे पहले 21 तारीख को भी इस मामले को लेकर मीटिंग हुई थी। 31 अगस्त के संघर्ष की बनाई रणनीति किसान नेता सरबजीत सिंह पंधेर और जगजीत सिंह डल्लेवाल मीटिंग में शामिल होने से पहले पटियाला में स्थित गुरुद्वारा दुख निवारण साहिब में पहुंचे थे। जहां पर किसानों की अन्य जत्थेबंदियों से वह मीटिंग की। इस दौरान उन्होंने 31 अगस्त को शंभू बार्डर समेत 3 जगह पर किए जाने वाले प्रदर्शन को लेकर रणनीति बनाई गई है। किसानों का साफ कहना है कि वह भी चाहते हैं कि रास्ता सबके लिए खोला चाहिए। रास्ता हरियाणा सरकार ने बंद किया है। इस वजह से हर वर्ग के लोगों को परेशान होना पड़ रहा है। उन्होंने कहा कहा कि प्रशासन की नीयत में खोट है। प्रशासन को नहीं केंद्र को मीटिंग की पहल करनी चाहिए। वहीं, इस मामले की सुनवाई अब 2 सितंबर को शीर्ष अदालत में होनी है। इसी कड़ी में यह मीटिंग की जा रही है। SC ने मीटिंग जारी रखने के दिए थे आदेश शंभू बॉर्डर को लेकर सुप्रीम कोर्ट में गुरुवार को सुनवाई हुई थी। सुप्रीम कोर्ट ने दोनों सरकारों को किसानों के साथ बैठकें जारी रखने के आदेश दिए थे। वहीं, पंजाब को 3 दिन में अन्य कमेटी सदस्यों के नाम देने को भी कहा है। वहीं, इस मीटिंग की रिपोर्ट अगली मीटिंग में सुप्रीम कोर्ट में रखी जाएगी।
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