हरियाणा के फतेहाबाद के रतिया में शनिवार को जमकर बवाल हुआ है। प्रशासन की टीम भारी पुलिस बल के साथ नगर पालिका की जमीन पर अवैध कब्जे को छुड़वाने पहुंची। यहां कच्चे मकान बनाकर रह रहे परिवार इसके विरोध में उतर आए। लोग जेसीबी के आगे लेट गए और लोगों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी। एक गाड़ी के शीशे भी टूट गए। लोग नहीं रुके तो पुलिस ने 10-12 लोगों को हिरासत में ले लिया। पथराव में कुछ व्यक्ति व पुलिस कर्मी घायल हुए हैं। बाद में डीएसपी संजय बिश्नोई मौके पर पहुंचे और लोगों से बात की। लोगों ने उन्हें 15 दिन का समय देने और दूसरी जगह अलॉट करने की मांग रखी। जिस पर डीएसपी ने प्रशासन तक यह मांग पहुंचने का आश्वासन दिया तो विरोध समाप्त हुआ। फिलहाल कब्जा हटाने की कार्रवाई रोक दी गई है। जानकारी के अनुसार अग्रवाल धर्मशाला के सामने 3 कनाल 3 मरले नगरपालिका की जमीन पर वर्षों पर पहले कुछ झुग्गी झोपड़ी वाले परिवार आकर रहने लगे। अब यहां पर कच्चे मकान बन गए। 2014 में हुड्डा सरकार के दौरान यह जमीन सरकार द्वारा अरोड़वंश समाज को अलॉट कर दी गई तो समाज की सभा ने कलेक्टर रेट भी भर दिया था। जिसके बाद अब नगर पालिका को यह जमीन खाली करवानी थी। शनिवार को ड्यूटी मजिस्ट्रेट नायब तहसीलदार अशोक कुमार, सिटी एसएचओ जय सिंह, सदर एसएचओ ओमप्रकाश, नगरपालिका सचिव संदीप कुमार, एमई सुनील लांबा की टीम पुलिस फोर्स व जेसीबी लेकर मौके पर पहुंची। लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया। महिलाएं उनके कच्चे मकान न तोड़ने की गुहार लगाने लगी। प्रशासनिक टीमें आगे बढ़ी तो लोगों ने उन पर पथराव शुरू कर दिया। इसके बाद पुलिस बल कार्रवाई को आगे आया। बताया जा रहा है कि एक दो महिलाओं को हलकी चोटें लगी तो वहीं दो-तीन पुलिस कर्मियों को भी मामूली चोटें लगी हैं। एक गाड़ी के शीशे टूट गए। इसके बाद लोग जेसीबी के आगे लेट कर प्रदर्शन शुरू कर दिया। इसके बाद डीएसपी संजय बिश्नोई वहां आए और उन्होंने लोगों से बात कर उन्हें समझाया। लोगों ने फिलहाल 15 दिन का समय और उन्हें कहीं ओर जमीन अलॉट करने की मांग रखी। उन्होंने कहा कि उनके परिवार वर्षों से यहां काबिज हैं, उनकी आय के साधन भी नहीं है, इसलिए उन्हें न उजाड़ा जाए, उन्हें यह जमीन दी जाए या फिर कहीं ओर जमीन रहने को दी जाए। फिलहाल आश्वासन के बाद मामला शांत हुआ है। हरियाणा के फतेहाबाद के रतिया में शनिवार को जमकर बवाल हुआ है। प्रशासन की टीम भारी पुलिस बल के साथ नगर पालिका की जमीन पर अवैध कब्जे को छुड़वाने पहुंची। यहां कच्चे मकान बनाकर रह रहे परिवार इसके विरोध में उतर आए। लोग जेसीबी के आगे लेट गए और लोगों ने पत्थरबाजी शुरू कर दी। एक गाड़ी के शीशे भी टूट गए। लोग नहीं रुके तो पुलिस ने 10-12 लोगों को हिरासत में ले लिया। पथराव में कुछ व्यक्ति व पुलिस कर्मी घायल हुए हैं। बाद में डीएसपी संजय बिश्नोई मौके पर पहुंचे और लोगों से बात की। लोगों ने उन्हें 15 दिन का समय देने और दूसरी जगह अलॉट करने की मांग रखी। जिस पर डीएसपी ने प्रशासन तक यह मांग पहुंचने का आश्वासन दिया तो विरोध समाप्त हुआ। फिलहाल कब्जा हटाने की कार्रवाई रोक दी गई है। जानकारी के अनुसार अग्रवाल धर्मशाला के सामने 3 कनाल 3 मरले नगरपालिका की जमीन पर वर्षों पर पहले कुछ झुग्गी झोपड़ी वाले परिवार आकर रहने लगे। अब यहां पर कच्चे मकान बन गए। 2014 में हुड्डा सरकार के दौरान यह जमीन सरकार द्वारा अरोड़वंश समाज को अलॉट कर दी गई तो समाज की सभा ने कलेक्टर रेट भी भर दिया था। जिसके बाद अब नगर पालिका को यह जमीन खाली करवानी थी। शनिवार को ड्यूटी मजिस्ट्रेट नायब तहसीलदार अशोक कुमार, सिटी एसएचओ जय सिंह, सदर एसएचओ ओमप्रकाश, नगरपालिका सचिव संदीप कुमार, एमई सुनील लांबा की टीम पुलिस फोर्स व जेसीबी लेकर मौके पर पहुंची। लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया। महिलाएं उनके कच्चे मकान न तोड़ने की गुहार लगाने लगी। प्रशासनिक टीमें आगे बढ़ी तो लोगों ने उन पर पथराव शुरू कर दिया। इसके बाद पुलिस बल कार्रवाई को आगे आया। बताया जा रहा है कि एक दो महिलाओं को हलकी चोटें लगी तो वहीं दो-तीन पुलिस कर्मियों को भी मामूली चोटें लगी हैं। एक गाड़ी के शीशे टूट गए। इसके बाद लोग जेसीबी के आगे लेट कर प्रदर्शन शुरू कर दिया। इसके बाद डीएसपी संजय बिश्नोई वहां आए और उन्होंने लोगों से बात कर उन्हें समझाया। लोगों ने फिलहाल 15 दिन का समय और उन्हें कहीं ओर जमीन अलॉट करने की मांग रखी। उन्होंने कहा कि उनके परिवार वर्षों से यहां काबिज हैं, उनकी आय के साधन भी नहीं है, इसलिए उन्हें न उजाड़ा जाए, उन्हें यह जमीन दी जाए या फिर कहीं ओर जमीन रहने को दी जाए। फिलहाल आश्वासन के बाद मामला शांत हुआ है। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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करनाल में सिख समाज का बड़ा ऐलान:नहीं चलने देंगे कंगना रनोट की मूवी, सिनेमा हॉल के मैनेजर को दी चेतावनी हरियाणा के करनाल में कंगना रनोट की मूवी इमरजेंसी का सिख समाज के लोगों ने विरोध शुरू कर दिया। हरियाणा सिख एकता दल के बेनर तले समाज के लोग सुपरमॉल में मूवी टाइम सिनेमा पहुंचे और वहां विरोध जताया। साथ ही सिनेमा हॉल के मैनेजर को भी चेतावनी दी कि यहां पर किसी भी कीमत पर मूवी न लगाए, अन्यथा बड़ा खामियाजा भुगतना पड़ सकता है। डीसी को भी सौंपा ज्ञापन समाज के प्रीतपाल सिंह पन्नू, जगदीप औलख, अमृतपाल बुग्गा व अन्य ने कहा कि हमने सिनेमा के प्रबंधकों को सिर्फ इतना ही कहा है कि वह इमरजेंसी मूवी को हॉल में न चलाए, क्योंकि मूवी से सिखों की भावनाएं आहत हो रही है। अगर वह मूवी यहां पर चलाता है तो इसका कड़ा विरोध किया जाएगा। सभी सिनेमा हाल को आगाह किया गया है कि सिख समाज करनाल में यह मूवी चलने नहीं देगा। इतना ही नहीं इसके संबंध में डीसी करनाल को भी ज्ञापन दिया जाएगा। कंगना ही मूवी देखेगी अकेली सिख समाज के लोगों का कहना है कि इमरजेंसी मूवी की निर्माता, निर्देशक और नायिका यानी एक्ट्रेस भी खुद कंगना रनोट है, और वह अकेले ही इस मूवी को देखेगी, क्योंकि सिर्फ करनाल ही नहीं बल्कि पूरे हरियाणा में सिख समाज इस मूवी का विरोध कर रहा है। सिख समाज की भूमिका को गलत तरीके से किया है पेश समाज के लोगों का कहना है कि मूवी में सिख किरदारों को गलत तरीके से पेश किया गया है, जबकि सिख समाज का आजादी की लड़ाई में सबसे बड़ा योगदान रहा है। सिख समाज की सबसे ज्यादा कुर्बानियां रही है। देश की सरहदों पर शहीद होने वालों में सिख कौम के नौजवान होते है। मूवी में सिखो को आतंकवादी, उग्रवादी दिखाया गया है और गलत छवि प्रस्तुत की है, हमारे संतों की भी गलत छवि प्रस्तुत की है। जहां पर लोग सिख समाज के बारे में नहीं जानते है, वहां पर लोग मूवी को देखेंगे तो उन्हें लगेगा कि सिख समाज ऐसा ही होता है। हालांकि मूवी अभी आई नहीं है, लेकिन ट्रेलर में सब कुछ नजर आ रहा है। हमारे सिख संगठनों ने मूवी का ट्रेलर देखकर ही फैसला लिया है कि मूवी को किसी भी सिनेमा में चलने नहीं देंगे। सरकार इस मूवी को पूरी तरह से बैन किया जाए। मैंनेजर बोले ने कहा हमें पहले से आदेश सिनेमा के मैनेजर हरीश शर्मा ने कहा कि हमें आदेश हुए है कि इमरजेंसी मूवी नहीं चलानी है। निर्देशों की पालना की जाएगी और पूरी तरह से सहयोग किया जाएगा।
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मनोहर लाल खट्टर ने कहा कि कांग्रेस में 2,600 लोग टिकट लेने आ गए, ऐसा नहीं कि सभी टिकटों के लिए मैदान में कूदे थे। लेकिन एक दूसरे को टिकट नहीं लेने देनी, इसलिए वे दावेदार थे। भाजपा ने 5 तारीख को नामांकन से पहले ही 67 उम्मीदवारों की सूची जारी कर दी थी, जबकि कांग्रेस अपनी बड़ी सूची जिसमें 63 उम्मीदवार थे, वो 11 तारीख की रात और बाकी के 9 उम्मीदवारों को अंतिम दिन घोषित की। ऐसा इसलिए किया ताकि कोई विद्रोह न कर दे। लेकिन हर विधानसभा में 30-40 नेता ऐसे हैं, जो नामांकन तो नहीं भर पाए, लेकिन किसी और की मदद करेंगे, कुछ खुलकर तो कुछ अंदर खाते भाजपा की मदद कर रहे हैं। यह अंदर की बात है, 2-4 तो फतेहाबाद में भी ऐसे नेता होंगे। मनोहर लाल ने कहा कि कांग्रेस की सूची देखें तो 90 में से बहुत से उम्मीदवार ऐसे हैं, जो आपराधिक प्रवृत्ति के हैं, इनमें से एक तो कल तक जेल में ही बंद था। टिकट देते समय कांग्रेस को पता था, फिर भी टिकट दी।