हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी भजनलाल के गढ़ माने जाने वाले आदमपुर हलके की नगर पालिको को BJP सरकार ने खत्म कर दिया है। पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई और उनके विधायक बेटे भव्य बिश्नोई दोनों ही लंबे समय से इस प्रयास में थे कि आदमपुर नगर पालिका का दर्जा खत्म हो। आखिरकार सरकार ने आज नगर पालिका खत्म होने का ऑफिशियल लेटर जारी कर दिया है। सरकार के इस फैसले से भजनलाल परिवार और उनके समर्थक काफी खुश हैं। कुलदीप बिश्नोई के समर्थक भूप सिंह ने X पर पोस्ट कर लिखा है कि “कुलदीप बिश्नोई जी एवं विधायक भव्य बिश्नोई जी का अपने लोगों से किया वादा पूरा हुआ। आदमपुर नगर पालिका टूटने का ऑफिशियल पत्र सरकार ने जारी कर कर दिया है। पूरी आदमपुर मंडी में खुशी की लहर है। कथनी और करनी में सच्चाई अगर किसी नेता की देखोगे तो भजनलाल परिवार को आगे पाओगे”। इससे पहले कुलदीप बिश्नोई और भव्य बिश्नोई का आदमपुर मंडी में स्वागत किया गया था और कुलदीप बिश्नोई और भव्य ने रोड शो निकालकर लोगों का अभिवादन किया था। भाजपा ने ही दर्जा दिया था अब सरकार ने ही हटाया
दरअसल, आदमपुर को BJP सरकार ने 29 जून 2021 को नगर पालिका का दर्जा दिया था। इसके बाद से ही लोगों ने विरोध शुरू कर दिया। करीब 40 दिन तक लगातार धरना-प्रदर्शन चला था। इसके बाद कुलदीप बिश्नोई ने धरने पर पहुंचकर आश्वासन दिया था कि वह सरकार से मिलकर नगर पालिका का दर्जा खत्म करवाएंगे। कुलदीप बिश्नोई ने तब के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात की थी। मनोहर लाल ने आश्वासन दिया था कि नगर पालिका का दर्जा हटाएंगे। करीब 2 साल पहले सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर कहा था कि आदमपुर गांव को नगर पालिका से हटाया जाएगा। इसके बाद कुलदीप बिश्नोई ने विधायक बेटे भव्य बिश्नोई के साथ जाकर 6 जून को मुख्यमंत्री नायब सैनी से मुलाकात की थी और इस मामले को जल्द हल करने को कहा था। इसके बाद सरकार ने कार्रवाई करते हुए फाइल आगे बढ़ा दी। सरकार ने 2 साल पहले सिसाय का भी दर्जा खत्म किया था
आपको बता दें कि 2 साल पहले 2022 में सिसाय नगर पालिका का दर्जा भी सर्वे के आधार पर खत्म किया गया था। इस सर्वे में 5011 लोगों के सुझाव लिए गए थे। रिपोर्ट के मुताबिक, ज्यादातर लोगों ने सिसाय को फिर से पंचायत बनाने के लिए अपनी राय दी थी। सरकार की ओर से नगर पालिका शुरू करने और खत्म करने दोनों ही मामलों में सर्वे करवाया जाता है, ताकि कोई इसे कोर्ट में चुनौती न दे सके। आदमपुर में भी ऐसा ही सर्वे करवाया गया था। इस सर्वे में भी 5 हजार से ज्यादा लोगों की राय ली गई। इस सर्वे की रिपोर्ट के आधार पर ही आदमपुर नगर पालिका का दर्जा खत्म किया गया है। हरियाणा नगर निगम अधिनियम, 1973 (1973 का 24) की धारा 8 की उप-धारा (1) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए हरियाणा के राज्यपाल द्वारा इस नगर पालिका को समाप्त किया गया है। आदमपुर में सक्रिय हैं भव्य बिश्नोई, अगला चुनाव लड़ेंगे
वहीं, आदमपुर में उप चुनाव जीतने वाले भव्य बिश्नोई आदमपुर में लगातार सक्रिय हैं। वह लोगों के बीच जा रहे हैं और उनकी समस्याओं को हल कर रहे हैं। बता दें कि लोकसभा चुनाव में रणजीत चौटाला आदमपुर हलके से पीछे रह गए थे। भाजपा प्रत्याशी रहे रणजीत चौटाला को 50 हजार का मार्जिन से जीत की उम्मीद थी। मगर जब नतीजे आए तो आदमपुर से लीड के बजाय 6,384 वोट से रणजीत चौटाला कांग्रेस प्रत्याशी जयप्रकाश से पीछे रह गए। इस कारण भव्य बिश्नोई और ज्यादा मेहनत कर रहे हैं। इसलिए सरकार देती है नगर पालिका का दर्जा
दरअसल, सरकार सर्वे के आधार पर बड़ी आबादी वाले गांवों को नगर पालिका का दर्जा देती है। नगर पालिका को ग्राम पंचायत से ज्यादा अनुदान मिलता है, जिससे गांव में विकास कार्य होते हैं। गांव में शहरी तर्ज पर सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं। नगर पालिका जलापूर्ति, साफ-सफाई, सड़क, रोशनी, बाजार स्थल का निर्माण, गलियों का नामकरण, मकानों की गिनती, जन्म-मृत्यु पंजीकरण और महामारी नियंत्रण जैसे काम करती है। इसके बदले में लोगों से टैक्स वसूला जाता है। सरकार इसी टैक्स के पैसे से इलाके का विकास करती है। हरियाणा के पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी भजनलाल के गढ़ माने जाने वाले आदमपुर हलके की नगर पालिको को BJP सरकार ने खत्म कर दिया है। पूर्व सांसद कुलदीप बिश्नोई और उनके विधायक बेटे भव्य बिश्नोई दोनों ही लंबे समय से इस प्रयास में थे कि आदमपुर नगर पालिका का दर्जा खत्म हो। आखिरकार सरकार ने आज नगर पालिका खत्म होने का ऑफिशियल लेटर जारी कर दिया है। सरकार के इस फैसले से भजनलाल परिवार और उनके समर्थक काफी खुश हैं। कुलदीप बिश्नोई के समर्थक भूप सिंह ने X पर पोस्ट कर लिखा है कि “कुलदीप बिश्नोई जी एवं विधायक भव्य बिश्नोई जी का अपने लोगों से किया वादा पूरा हुआ। आदमपुर नगर पालिका टूटने का ऑफिशियल पत्र सरकार ने जारी कर कर दिया है। पूरी आदमपुर मंडी में खुशी की लहर है। कथनी और करनी में सच्चाई अगर किसी नेता की देखोगे तो भजनलाल परिवार को आगे पाओगे”। इससे पहले कुलदीप बिश्नोई और भव्य बिश्नोई का आदमपुर मंडी में स्वागत किया गया था और कुलदीप बिश्नोई और भव्य ने रोड शो निकालकर लोगों का अभिवादन किया था। भाजपा ने ही दर्जा दिया था अब सरकार ने ही हटाया
दरअसल, आदमपुर को BJP सरकार ने 29 जून 2021 को नगर पालिका का दर्जा दिया था। इसके बाद से ही लोगों ने विरोध शुरू कर दिया। करीब 40 दिन तक लगातार धरना-प्रदर्शन चला था। इसके बाद कुलदीप बिश्नोई ने धरने पर पहुंचकर आश्वासन दिया था कि वह सरकार से मिलकर नगर पालिका का दर्जा खत्म करवाएंगे। कुलदीप बिश्नोई ने तब के मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर से मुलाकात की थी। मनोहर लाल ने आश्वासन दिया था कि नगर पालिका का दर्जा हटाएंगे। करीब 2 साल पहले सरकार ने नोटिफिकेशन जारी कर कहा था कि आदमपुर गांव को नगर पालिका से हटाया जाएगा। इसके बाद कुलदीप बिश्नोई ने विधायक बेटे भव्य बिश्नोई के साथ जाकर 6 जून को मुख्यमंत्री नायब सैनी से मुलाकात की थी और इस मामले को जल्द हल करने को कहा था। इसके बाद सरकार ने कार्रवाई करते हुए फाइल आगे बढ़ा दी। सरकार ने 2 साल पहले सिसाय का भी दर्जा खत्म किया था
आपको बता दें कि 2 साल पहले 2022 में सिसाय नगर पालिका का दर्जा भी सर्वे के आधार पर खत्म किया गया था। इस सर्वे में 5011 लोगों के सुझाव लिए गए थे। रिपोर्ट के मुताबिक, ज्यादातर लोगों ने सिसाय को फिर से पंचायत बनाने के लिए अपनी राय दी थी। सरकार की ओर से नगर पालिका शुरू करने और खत्म करने दोनों ही मामलों में सर्वे करवाया जाता है, ताकि कोई इसे कोर्ट में चुनौती न दे सके। आदमपुर में भी ऐसा ही सर्वे करवाया गया था। इस सर्वे में भी 5 हजार से ज्यादा लोगों की राय ली गई। इस सर्वे की रिपोर्ट के आधार पर ही आदमपुर नगर पालिका का दर्जा खत्म किया गया है। हरियाणा नगर निगम अधिनियम, 1973 (1973 का 24) की धारा 8 की उप-धारा (1) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए हरियाणा के राज्यपाल द्वारा इस नगर पालिका को समाप्त किया गया है। आदमपुर में सक्रिय हैं भव्य बिश्नोई, अगला चुनाव लड़ेंगे
वहीं, आदमपुर में उप चुनाव जीतने वाले भव्य बिश्नोई आदमपुर में लगातार सक्रिय हैं। वह लोगों के बीच जा रहे हैं और उनकी समस्याओं को हल कर रहे हैं। बता दें कि लोकसभा चुनाव में रणजीत चौटाला आदमपुर हलके से पीछे रह गए थे। भाजपा प्रत्याशी रहे रणजीत चौटाला को 50 हजार का मार्जिन से जीत की उम्मीद थी। मगर जब नतीजे आए तो आदमपुर से लीड के बजाय 6,384 वोट से रणजीत चौटाला कांग्रेस प्रत्याशी जयप्रकाश से पीछे रह गए। इस कारण भव्य बिश्नोई और ज्यादा मेहनत कर रहे हैं। इसलिए सरकार देती है नगर पालिका का दर्जा
दरअसल, सरकार सर्वे के आधार पर बड़ी आबादी वाले गांवों को नगर पालिका का दर्जा देती है। नगर पालिका को ग्राम पंचायत से ज्यादा अनुदान मिलता है, जिससे गांव में विकास कार्य होते हैं। गांव में शहरी तर्ज पर सुविधाएं मुहैया कराई जाती हैं। नगर पालिका जलापूर्ति, साफ-सफाई, सड़क, रोशनी, बाजार स्थल का निर्माण, गलियों का नामकरण, मकानों की गिनती, जन्म-मृत्यु पंजीकरण और महामारी नियंत्रण जैसे काम करती है। इसके बदले में लोगों से टैक्स वसूला जाता है। सरकार इसी टैक्स के पैसे से इलाके का विकास करती है। हरियाणा | दैनिक भास्कर