हरियाणा के पानीपत जिले के एक गांव में हादसा हो गया। जहां एक पुलिसकर्मी को करंट लग गया। उसे बेहोश पड़ा देख परिजन और स्थानीय लोग तुरंत अस्पताल ले गए। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद मृतक पुलिसकर्मी के शव को सिविल अस्पताल ले जाया गया। जहां उसका पंचनामा भरकर शवगृह में रखवा दिया गया। परिजनों के बयानों के आधार पर पुलिस ने सर्वसम्मति से कार्रवाई करते हुए शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया। मृतक दो बच्चों (लड़का) का पिता था। जिसमें बड़ा बेटा न्यूजीलैंड गया हुआ है। जबकि दूसरा बेटा महज 17 साल का है। लोहे के गेट में करंट था जांच अधिकारी हेड कांस्टेबल सुनील ने जानकारी देते हुए बताया कि घटना गांव पसीना में हुई। जहां मंगलवार 23 जुलाई को भंडारे का आयोजन किया गया था। यह भंडारा गांव का पारंपरिक है। गांव निवासी कांस्टेबल राजेश कुमार (47) हरियाणा पुलिस में तैनात थे। उनकी ड्यूटी सोनीपत जिले के गन्नौर थाने के अंतर्गत ईआरवी पर थी। मंगलवार को वह रात्रि ड्यूटी करके सुबह अपने गांव लौटे थे। गांव के शिव मंदिर में भंडारे का आयोजन किया जा रहा था। जहां उनके परिवार ने भी भंडारे में सेवा की। सेवा के बीच में वह मंदिर के कमरे में रखा प्रसाद लेने चले गए। इस दौरान उन्हें लोहे के गेट से करंट लग गया और उनकी मौत हो गई। हरियाणा के पानीपत जिले के एक गांव में हादसा हो गया। जहां एक पुलिसकर्मी को करंट लग गया। उसे बेहोश पड़ा देख परिजन और स्थानीय लोग तुरंत अस्पताल ले गए। जहां डॉक्टरों ने उसे मृत घोषित कर दिया। इसके बाद मृतक पुलिसकर्मी के शव को सिविल अस्पताल ले जाया गया। जहां उसका पंचनामा भरकर शवगृह में रखवा दिया गया। परिजनों के बयानों के आधार पर पुलिस ने सर्वसम्मति से कार्रवाई करते हुए शव का पोस्टमार्टम करवाकर परिजनों को सौंप दिया। मृतक दो बच्चों (लड़का) का पिता था। जिसमें बड़ा बेटा न्यूजीलैंड गया हुआ है। जबकि दूसरा बेटा महज 17 साल का है। लोहे के गेट में करंट था जांच अधिकारी हेड कांस्टेबल सुनील ने जानकारी देते हुए बताया कि घटना गांव पसीना में हुई। जहां मंगलवार 23 जुलाई को भंडारे का आयोजन किया गया था। यह भंडारा गांव का पारंपरिक है। गांव निवासी कांस्टेबल राजेश कुमार (47) हरियाणा पुलिस में तैनात थे। उनकी ड्यूटी सोनीपत जिले के गन्नौर थाने के अंतर्गत ईआरवी पर थी। मंगलवार को वह रात्रि ड्यूटी करके सुबह अपने गांव लौटे थे। गांव के शिव मंदिर में भंडारे का आयोजन किया जा रहा था। जहां उनके परिवार ने भी भंडारे में सेवा की। सेवा के बीच में वह मंदिर के कमरे में रखा प्रसाद लेने चले गए। इस दौरान उन्हें लोहे के गेट से करंट लग गया और उनकी मौत हो गई। हरियाणा | दैनिक भास्कर
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हरियाणा में BJP को झटका, पूर्व मंत्री ने छोड़ी पार्टी:करनाल से टिकट मांग रहे थे जयप्रकाश, बोले- बड़ी उम्मीद से पार्टी में शामिल हुआ था
हरियाणा में BJP को झटका, पूर्व मंत्री ने छोड़ी पार्टी:करनाल से टिकट मांग रहे थे जयप्रकाश, बोले- बड़ी उम्मीद से पार्टी में शामिल हुआ था हरियाणा के करनाल में वरिष्ठ नेता और पूर्व मंत्री जयप्रकाश गुप्ता ने भाजपा पार्टी छोड़ दी है। जयप्रकाश करनाल विधानसभा से टिकट मांग रहे थे और भाजपा ने जगमोहन आनंद को टिकट दे दिया। जेपी अपना टिकट कटने से नाराज थे। 2019 में जयप्रकाश कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हुए थे। खुद मुख्यमंत्री मनोहर लाल खट्टर उन्हें शामिल कराने आए थे और संसदीय चुनाव में नायब सैनी खुद उनके घर आए थे और समर्थन मांगा था। बड़ी उम्मीद के साथ भाजपा में शामिल हुआ था
जेपी ने कहा कि मैं बड़ी उम्मीद और साथियों के दबाव में भाजपा में शामिल हुआ था। ताकि लोगों के दुख-दर्द को बांट सकूं और लोगों की सेवा करता रहूं। लेकिन भाजपा में मेरी उम्मीदें पूरी नहीं हुईं, जिसके चलते मैं अपनी प्राथमिक सदस्यता से इस्तीफा दे रहा हूं। जिस परिवार में किसी की सुनवाई नहीं होती, जो पार्टी किसी परिवार की रक्षा नहीं कर सकती। मैं उस परिवार में नहीं रह सकता और मैं पार्टी से अलग हो रहा हूं। मैं जिस परिवार या पार्टी में रहा हूं, उसके बारे में बुरा भी नहीं बोलूंगा।
(पूरी खबर पढ़ें) पूर्व भाजपा विधायक ने छोड़ी पार्टी, आज कांग्रेस में होंगे शामिल
हरियाणा के चरखी दादरी जिले की बाढड़ा विधानसभा सीट से टिकट कटने के बाद बागी हुए भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष एवं पूर्व विधायक सुखविंदर सिंह मांढी आज कांग्रेस पार्टी में शामिल होंगे। इस दौरान नेता प्रतिपक्ष भूपेंद्र सिंह हुड्डा और कांग्रेस अध्यक्ष उदयभान सिंह दिल्ली में मौजूद रहेंगे। सुखविंदर सिंह मांढी 2014 और 2019 में बाढड़ा विधानसभा सीट से चुनाव लड़ चुके हैं। एक बार वे विधायक चुने गए, जबकि दूसरा चुनाव वे हार गए। 10 साल से जुड़े थे भाजपा से
पूर्व विधायक सुखविंदर सिंह मांढी करीब 10 साल से भाजपा से जुड़े हैं। फिलहाल वे भाजपा किसान मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष थे और बाढड़ा से टिकट के प्रबल दावेदार थे। भाजपा ने उनका टिकट काटकर उम्मेद सिंह पातुवास को दे दिया।
टिकट कटने पर समर्थकों ने किया था विरोध प्रदर्शन
4 सितंबर को भाजपा प्रत्याशियों की सूची जारी होने के चंद मिनट बाद ही उन्होंने इस्तीफा देकर पार्टी को अलविदा कह दिया था। बाढड़ा में उनके समर्थकों ने जमकर विरोध प्रदर्शन किया था और विरोध में भाजपा का पुतला और झंडे जलाए थे।
(पूरी खबर पढ़ें)
नारनौंद में जींद रोड पर मिला युवक का शव:नशे के कारण मौत की आशंका; पिता बोला- नशा करता था बेटा
नारनौंद में जींद रोड पर मिला युवक का शव:नशे के कारण मौत की आशंका; पिता बोला- नशा करता था बेटा हरियाणा के हिसार जिले के नारनौंद क्षेत्र के गांव राजथल व भैणी अमीरपुर के बीच में बुधवार शाम को जींद हांसी रोड पर एक शव पड़ा मिला। राहगीरों ने इसकी सूचना डायल 112 पर पुलिस को दी। पुलिस ने मौके पर पहुंचकर जांच की तो युवक की मौत हो चुकी थी। नारनौंद थाना प्रभारी चद्रभान मौके पर पहुंचे और शव को अपने कब्जे में लेकर नारनौंद के नागरिक अस्पताल में पहुंचाया। नारनौंद थाना पुलिस को दिए बयान में रविंद्र ने बताया कि वह पेटवाड़ गांव का रहने वाला है और खेती-बाड़ी का काम करता है। उसका बेटा नशे का आदी था। बुधवार दोपहर बाद उन्हें सूचना मिली कि उसका बेटा कृष्ण गांव राजथल व भैणी अमीरपुर के बीच में बुधवार शाम को जींद हांसी रोड पर अचेत अवस्था में पड़ा हुआ है। सूचना मिलने के बाद वो मौके पर पहुंचे तो उसके बेटे कृष्ण की मौत हो चुकी थी। मुझे पूरा यकीन है कि उसके बेटे की मौत नशे के कारण ही हुई है। नारनौंद थाना पुलिस ने सबको कब्जे में लेकर नारनौंद के नागरिक अस्पताल में पहुंचा और पुलिस मामले की जांच कर रही है।
कांग्रेस की एग्रेसिव जाट पॉलिटिक्स से छिटके बाकी वर्ग:19 जाट MLA में 13 कांग्रेस के; सभी 6 अहीर BJP के, पंजाबी-ब्राह्मण और वैश्य-गुर्जर भी ज्यादा
कांग्रेस की एग्रेसिव जाट पॉलिटिक्स से छिटके बाकी वर्ग:19 जाट MLA में 13 कांग्रेस के; सभी 6 अहीर BJP के, पंजाबी-ब्राह्मण और वैश्य-गुर्जर भी ज्यादा ‘ कोई व्यक्ति, नेता या राजनीतिक दल जब सोसाइटी में दबंग समझी जाने वाली बिरादरी की तरफ एक हद से ज्यादा झुकाव और एग्रेशन दिखाने लगे तो बाकी पिछड़े और उपेक्षित वर्ग न सिर्फ उस व्यक्ति, नेता या पार्टी से किनारा कर लेते हैं, बल्कि अंदरखाते उसके खिलाफ एकजुट भी हो जाते हैं।’ यह एक सामान्य फिनोमिना है। हरियाणा चुनाव के नतीजे कुछ हद तक इसी को दिखाते हैं। चुनाव से पहले ही कांग्रेस ने जाट कम्युनिटी की तरफ जिस तरह का झुकाव और एग्रेशन दिखाना शुरू कर दिया था, उसे देखकर OBC, ब्राह्मण, पंजाबी, वैश्य और कुछ हद तक SC बिरादरी खुद को अलग-थलग महसूस करने लगी थी। कांग्रेस की इस पॉलिटिक्स से इन बिरादरियों के मन में कहीं न कहीं असुरक्षा का भाव भी आ गया। इसे BJP के थिंक-टैंक ने भांप लिया। उसके बाद लगातार सैलजा के अपमान और उपेक्षा के मुद्दे को उठाया गया। इसका नतीजा यह हुआ कि जाटों को छोड़कर दूसरे वर्गों का बड़ा हिस्सा अपनी नाराजगी को छोड़ते हुए भाजपा के साथ आ गया। करनाल की असंध सीट से हारे कांग्रेस कैंडिडेट और पूर्व MLA शमशेर सिंह गोगी ने भी पार्टी की पराजय की यही वजह बताई। दूसरी ओर कांग्रेस के रणनीतिकार, खासकर हुड्डा कैंप, वोटिंग के दिन तक सैलजा से जुड़े मुद्दे का कोई ऐसा हल नहीं निकाल पाया जो पार्टी को हो रहे नुकसान को रोक ले। कुछ हद तक इसके लिए उनका ओवर कॉन्फिडेंस भी जिम्मेदार रहा। अब नतीजा सबके सामने है। कैंडिडेट्स के ऐलान से लेकर चुनाव प्रचार तक, कांग्रेस का जोर 22 से 25% जाटों और 20 से 22% SC मतदाताओं पर रहा। इसके मुकाबले भाजपा ने अपनी गैर-जाट पॉलिसी पर चलते हुए 30 से 32% OBC, 9 से 10% पंजाबी, 8 से 9% ब्राह्मण वोटरों पर फोकस किया। कांग्रेस ने BJP से करीब दोगुने टिकट जाटों को दिए, दोनों दलों के 50% जाट जीते
कांग्रेस ने 90 विधानसभा सीटों में से 27 पर जाट बिरादरी के कैंडिडेट उतारे। इनमें से 13 जीते। गैर-जाट की राजनीति करने वाली BJP ने 16 सीटों पर जाट नेताओं को उतारा। उसके 6 उम्मीदवार विजयी रहे। 13 सीटों पर दोनों पार्टियों के जाट कैंडिडेट आमने-सामने थे। इनमें से 9 सीटें कांग्रेस और 4 भाजपा ने जीतीं। बड़ी बात यह है कि BJP ने इस बार हुड्डा का गढ़ कहे जाने वाले सोनीपत जिले की 6 में से 4 सीटों पर जीत हासिल की। यहां की खरखौदा और गोहाना सीट तो भाजपा ने पहली बार जीती। 2014 और 2019 की मोदी वेव में भी पार्टी ये दोनों सीटें नहीं जीत पाई थी। सोनीपत की बची हुई 2 में से गन्नौर सीट पर भी BJP के बागी देवेंद्र कादियान विजयी रहे। हुड्डा के इस गढ़ में कांग्रेस को सिर्फ एक सीट पर विजय मिली। कांग्रेस के जाट कैंडिडेट के सामने BJP का गैर जाट कार्ड
11 विधानसभा सीटें ऐसी भी रहीं जहां कांग्रेस के जाट उम्मीदवार के सामने भाजपा ने दूसरी बिरादरियों के कैंडिडेट उतारे। भाजपा ने ऐसी 4 सीटों पर ब्राह्मण, 2 पर वैश्य और 1-1 सीट पर बिश्नोई, बैरागी, गुर्जर, सैनी व सिख चेहरे को टिकट दिया। इन 11 में से 8 सीटें BJP की झोली में गईं। कांग्रेस के जाट कैंडिडेट सिर्फ 3 सीट पर जीत पाए। जाट बाहुल्य उचाना, गोहाना व पलवल में BJP का गैर जाट कार्ड फिट बैठा। अन्य पार्टियों की बात करें तो इनेलो के दोनों विधायक जाट बिरादरी के हैं। इस बार विजयी रहे 3 निर्दलीय में से भी 2 जाट कम्युनिटी से ताल्लुक रखते हैं। 3 सीटें ऐसी, जहां भाजपा के जाट कैंडिडेट, कांग्रेस ने गैर जाट उतारे
प्रदेश की 3 विधानसभा सीटें ऐसी भी रहीं, जहां BJP ने जाट बिरादरी को टिकट दिए और उनके सामने कांग्रेस ने दूसरी बिरादरी को टिकट दिया। उसने 1 सीट पर पंजाबी, 1 पर ब्राह्मण और 1 पर मुस्लिम उम्मीदवार उतारा। इनमें से दो सीटें कांग्रेस ने जीतीं, जबकि एक भाजपा के खाते में गई। 17 OBC विधायकों में से 14 भाजपा के
30% आबादी वाली OBC बिरादरी पर भाजपा और कांग्रेस का बराबर फोकस रहा। दोनों दलों ने OBC के 21-21 कैंडिडेट उतारे। 14 सीटों पर तो दोनों पार्टियों के उम्मीदवार OBC बिरादरी के थे। इस बिरादरी के जो 17 विधायक बने, उनमें 14 भाजपा और 3 कांग्रेस के हैं। रानियां सीट ऐसी रही, जहां दोनों दलों ने OBC उम्मीदवार उतारे थे। यहां बाजी इनेलो के अर्जुन चौटाला मार ले गए जो जाट बिरादरी से हैं। दोनों दलों में बंटे SC वोटर
इसी साल लोकसभा चुनाव में कांग्रेस के पक्ष में एकतरफा मतदान करने वाले SC वोटर विधानसभा चुनाव आते-आते कांग्रेस और भाजपा में बंट गए। अनुसूचित जाति (SC) के लिए रिजर्व 17 सीटों में से कांग्रेस ने 9 और भाजपा ने 8 जीतीं। 2019 में भाजपा को 5, कांग्रेस को 7, JJP को 4 और निर्दलीय को एक रिजर्व सीट पर जीत मिली थी। पांचों मुस्लिम MLA कांग्रेस के
इस बार मुस्लिम बिरादरी के जो 5 विधायक बने हैं, वह पांचों कांग्रेस के हैं। मुस्लिम बाहुल्य नूंह जिले की तीनों सीटों पर कांग्रेस उम्मीदवार विजयी रहे। यमुनानगर की जगाधरी सीट से अकरम खान और पलवल की हथीन सीट से मोहम्मद इसराइल विधायक बने। नूंह जिले की तीनों सीटों पर 2019 में भी कांग्रेस ने ही जीत दर्ज की थी।