अंबाला के शेरपुर गांव के एक आर्मी जवान की ड्यूटी के दौरान लेह लद्दाख में बर्फ पर फिसलने से मौत हो गई। जवान का पार्थिव शरीर शुक्रवार सुबह शेरपुर गांव पहुंचेगा। पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि शेरपुर गांव निवासी गुरप्रीत सिंह (32) भारतीय सेना में तैनात थे और इस समय वह अन्य आर्मी जवानों के साथ लेह लद्दाख में ड्यूटी पर थे। गश्त के दौरान गुरप्रीत सिंह बर्फ पर फिसलकर नहर में गिर गए और गंभीर रूप से घायल हो गए। आर्मी के जवानों ने घायल अवस्था में गुरप्रीत सिंह को अस्पताल पहुंचाया। जहां इलाज के दौरान गुरप्रीत सिंह ने अंतिम सांस ली। गुरुवार को आर्मी ने गुरप्रीत सिंह के परिजनों को उनकी मौत की सूचना दी। आज शेरपुर पहुंचेगा पार्थिव शरीर सूचना मिलते ही परिजनों में मातम पसर गया। गुरप्रीत सिंह के शव की लेह अस्पताल में मेडिकल जांच कराई गई है। शुक्रवार सुबह सेना के वाहन में गुरप्रीत सिंह का पार्थिव शरीर अंबाला से उनके गांव शेरपुर लाया जाएगा। जहां परिजन और अन्य रिश्तेदार जवान के अंतिम दर्शन कर सकेंगे। सेना की टुकड़ी गुरप्रीत सिंह के पार्थिव शरीर को सलामी देगी, जिसके बाद गुरप्रीत सिंह के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया जाएगा। अंबाला के शेरपुर गांव के एक आर्मी जवान की ड्यूटी के दौरान लेह लद्दाख में बर्फ पर फिसलने से मौत हो गई। जवान का पार्थिव शरीर शुक्रवार सुबह शेरपुर गांव पहुंचेगा। पुलिस ने जानकारी देते हुए बताया कि शेरपुर गांव निवासी गुरप्रीत सिंह (32) भारतीय सेना में तैनात थे और इस समय वह अन्य आर्मी जवानों के साथ लेह लद्दाख में ड्यूटी पर थे। गश्त के दौरान गुरप्रीत सिंह बर्फ पर फिसलकर नहर में गिर गए और गंभीर रूप से घायल हो गए। आर्मी के जवानों ने घायल अवस्था में गुरप्रीत सिंह को अस्पताल पहुंचाया। जहां इलाज के दौरान गुरप्रीत सिंह ने अंतिम सांस ली। गुरुवार को आर्मी ने गुरप्रीत सिंह के परिजनों को उनकी मौत की सूचना दी। आज शेरपुर पहुंचेगा पार्थिव शरीर सूचना मिलते ही परिजनों में मातम पसर गया। गुरप्रीत सिंह के शव की लेह अस्पताल में मेडिकल जांच कराई गई है। शुक्रवार सुबह सेना के वाहन में गुरप्रीत सिंह का पार्थिव शरीर अंबाला से उनके गांव शेरपुर लाया जाएगा। जहां परिजन और अन्य रिश्तेदार जवान के अंतिम दर्शन कर सकेंगे। सेना की टुकड़ी गुरप्रीत सिंह के पार्थिव शरीर को सलामी देगी, जिसके बाद गुरप्रीत सिंह के पार्थिव शरीर का अंतिम संस्कार किया जाएगा। हरियाणा | दैनिक भास्कर
Related Posts
नूंह हिंसा में आरोपी बिट्टू बजरंगी को हत्या की धमकी:एक लाख रुपए की डिमांड; 11वीं कक्षा का छात्र गिरफ्तार, इंस्टाग्राम से लिया नंबर
नूंह हिंसा में आरोपी बिट्टू बजरंगी को हत्या की धमकी:एक लाख रुपए की डिमांड; 11वीं कक्षा का छात्र गिरफ्तार, इंस्टाग्राम से लिया नंबर हरियाणा के फरीदाबाद में नूंह में हुई हिंसा में आरोपी बिट्टू बजरंगी को धमकी दी गई। उससे फोन कर एक लाख रुपए की डिमांड की गई। कहा गया कि रुपए न देने पर उसे जान से मार दिया जाएगा। पुलिस ने थाना सारन में एक दिन पहले ही इसको लेकर अज्ञात के खिलाफ केस दर्ज किया था। अब पुलिस ने एक नाबालिग युवक काे हिरासत में लिया। उसे कोर्ट में पेश कर बाल सुधार गृह भेज दिया गया है। पुलिस मामले में छानबीन कर रही है। फरीदाबाद पुलिस के प्रवक्ता ने बताया कि 10 जुलाई को सारन थाने में बिट्टू बजरंगी की शिकायत पर मुकदमा दर्ज किया गया था। इसमें आरोप लगाए गए थे कि उसके पास 6 जुलाई को किसी अनजान नंबर से फोन आया। उसको एक लाख रुपए देने और जान से मारने की धमकी दी थी। शिकायत के आधार पर पुलिस ने मुकदमा दर्ज करके मामले की जांच शुरू की गई। इंस्टाग्राम से निकाला नंबर जांच में लगी पुलिस टीम ने बिट्टू बजरंगी को धमकी देने के मामले में एक नाबालिग युवक को हिरासत में लिया। पकड़े गए युवक की उम्र 15 वर्ष है और वह 11वीं कक्षा में पढ़ता है। नाबालिग राजस्थान के डीग एरिया का रहने वाला है। उसने पूछताछ करने पर बताया कि वह इंस्टाग्राम चलाता है और इंस्टाग्राम पर उसने बिट्टू बजरंगी की आईडी देखी। वहां से उसका मोबाइल नंबर निकालकर उसे धमकी दी थी। नाबालिग युवक ने जिस फोन से बिट्टू को धमकी दी थी, वह फोन पुलिस ने बरामद कर लिया है। पुलिस द्वारा नाबालिग को आज जुवेनाइल जस्टिस बोर्ड (JJB) के समक्ष पेश कर बाल सुधार गृह भेज दिया गया है।
पेरिस ओलिंपिक के क्वार्टर फाइनल में हारे निशांत देव:मैक्सिको के मार्को ने दी 4-1 मात, बॉक्सिंग की दुनिया में कदम रखकर बनाई पहचान
पेरिस ओलिंपिक के क्वार्टर फाइनल में हारे निशांत देव:मैक्सिको के मार्को ने दी 4-1 मात, बॉक्सिंग की दुनिया में कदम रखकर बनाई पहचान हरियाणा के करनाल के छोटे से कोट मोहल्ला में साइकिल चलाते हुए गलियों में खेलते एक छोटे से बच्चे ने शायद ही सोचा होगा कि वह एक दिन देश का नाम रोशन करेगा। वह बच्चा था निशांत देव, जिसने स्केटिंग से अपनी खेल यात्रा शुरू की और बॉक्सिंग की दुनिया में कदम रखकर राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर अपनी पहचान बनाई। वही निशांत आधी रात साढ़े 12 बजे बॉक्सर मार्को वर्डे से भिड़े और अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया। लेकिन निशांत देव को मैक्सिको के मार्को वेर्दे ने क्वार्टर फाइनल मैच में 4-1 से मात दे दी। करनाल के कोर्ट मोहल्ले में बीता बचपन 23 दिसंबर 2000 को हरियाणा के करनाल में जन्मे निशांत देव ने अपनी प्रारंभिक जीवन के दिनों को करनाल के कोट मोहल्ला क्षेत्र में बिताया। यहां उन्होंने अपनी बचपन की यादों को साइकिल चलाते और गलियों में खेलते हुए सजाया। निशांत को खेलों में पहली रुचि स्केटिंग से हुई, जहाँ उन्होंने राष्ट्रीय पुरस्कार भी जीते। 2012 में उन्होंने बॉक्सिंग की दुनिया में कदम रखा। उनके चाचा, जो एक पेशेवर बॉक्सर थे, ने निशांत को बॉक्सिंग अपनाने की प्रेरणा दी। निशांत के पिता, देव पवन कुमार, ने उनकी प्रारंभिक प्रशिक्षण में बहुत सहायता की, उन्हें सुबह जल्दी उठाकर अभ्यास के लिए ले जाते थे। 12 साल की उम्र में बॉक्सिंग की शुरुआत निशांत ने अपनी स्कूली शिक्षा ओपीएस विद्या मंदिर से पूरी की और बाद में बाबू अनंत राम जनता कॉलेज, कौल में दाखिला लिया। निशांत ने 12 साल की उम्र में कर्ण स्टेडियम में कोच सुरेंद्र चौहान के तहत बॉक्सिंग शुरू की। भारतीय हाई-परफार्मेंस निदेशक सैंटियागो नीवा ने निशांत की प्रतिभा को जल्दी ही पहचान लिया। राष्ट्रीय व अंतरराष्ट्रीय स्तर पर चमकाया देश का नाम निशांत ने कई पुरस्कार जीते हैं, जिनमें 2nd खेलो इंडिया यूथ गेम्स और 2019 के ग्रैंड स्लैम एशियन बॉक्सिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक शामिल हैं। 2019 में उन्होंने 4th एलीट मेन्स नेशनल बॉक्सिंग चैंपियनशिप में रजत पदक भी जीता। निशांत ने राष्ट्रीय स्तर पर सफलता जारी रखते हुए 2021 और 2023 में 5th और 6th एलीट मेन्स नेशनल बॉक्सिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीते। उन्होंने सर्बिया में 2021 में AIBA मेन्स वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में अपना अंतर्राष्ट्रीय डेब्यू किया, जहाँ वे क्वार्टर फाइनल तक पहुंचे। 2023 में, निशांत ने ताशकेंट, उज्बेकिस्तान में IBA मेन्स वर्ल्ड बॉक्सिंग चैंपियनशिप में कांस्य पदक जीता, जो उनके करियर की एक महत्वपूर्ण उपलब्धि थी। 12 साल बाद भी उभरा कंधे का दर्द निशांत ने अपने करियर में कई चुनौतियों का सामना किया है। 2010 में उन्हें कंधे में चोट लगी थी, जो 2022 में फिर से उभर आई। उन्हें सर्जरी और ठीक होने के लिए समय की आवश्यकता थी। इस कठिनाई के बावजूद, निशांत ने मजबूत वापसी की। उन्होंने 2023 में नेशनल बॉक्सिंग चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता और वर्ल्ड ओलंपिक बॉक्सिंग क्वालिफिकेशन टूर्नामेंट्स के माध्यम से पेरिस ओलंपिक में स्थान प्राप्त किया। निशांत देव की कहानी दृढ़ता, समर्पण और मेहनत की मिसाल है। उनके संघर्ष और उपलब्धियों ने न केवल करनाल, बल्कि पूरे भारत को गर्व का अनुभव कराया है।
हरियाणा में प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर शिक्षा मंत्री बोलीं:कोई जबरदस्ती है, वहीं पढ़ना हैं?, स्कूल बदल लो; जितना गुड़ खाएंगे, कीमत देनी पड़ेगी
हरियाणा में प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर शिक्षा मंत्री बोलीं:कोई जबरदस्ती है, वहीं पढ़ना हैं?, स्कूल बदल लो; जितना गुड़ खाएंगे, कीमत देनी पड़ेगी हरियाणा के प्राइवेट स्कूलों की मनमानी पर शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा का कहना है कि कोई जबरदस्ती थोड़ी न है कि उसी स्कूल में पढ़ना है, स्कूल बदल लो। त्रिखा शनिवार देर शाम करनाल के घरौंडा में आई थी। पत्रकारों के सवाल पर शिक्षा मंत्री ने यहां तक कह दिया कि जितना गुड़ हम खाएंगे, उसकी कीमत भी तो अदा करनी पड़ेगी। शिक्षा मंत्री सीमा त्रिखा से 2 सवाल और उनके जवाब 1. सवाल: प्राइवेट स्कूल बुक्स को लेकर मनमानी करते हैं, एडमिशन फीस महंगी है, क्या लगाम लग पाएगी? शिक्षा मंत्री: हम किसी अभिभावक को नहीं कहते कि आप अपने बच्चे को प्राइवेट स्कूल में डाले। हम तो दोनों बाहें पसार करके बच्चों को अपनी बड़ी गोद देने के लिए तैयार बैठे है कि बच्चे हमारी गोद में आए। मगर, सबसे बड़ी विडम्बना यह है कि कभी कभी मानसिकता ऐसी हो जाती है कि सरकारी स्कूल में भेजने से व्यक्ति सोचता है कि मैं छोटा हो रहा हूं। प्राइवेट का इंप्रेशन अलग डाला जाता है। सभी प्राइवेट स्कूल बुरे भी नहीं है। क्योंकि प्राइवेट स्कूलों में भी तीन श्रेणियां है, जिसमें एक श्रेणी नॉमिनल फीस, दूसरी श्रेणी, वह है जिसमें स्कूल थोड़ी सी ज्यादा फीस ले रहे है। तीसरी श्रेणी वह है, जिसमें बच्चे को एसी बस लेने जाती है, एसी कमरे से बच्चा निकलता है, एसी कॉरिडोर में उतरता है और एसी क्लास रूम में जाता है। अब इतना गुड़ हम खाऐंगे तो गुड़ की कीमत भी अदा करनी होगी। प्राइवेट स्कूल में शिक्षा पेरेंट्स की चॉइस बन चुकी है। 2. सवाल: प्राइवेट स्कूल सरकारी नियमों को ताक पर रखकर अभिभावकों से फीस वसूलते हैं और उनका शोषण करते हैं, आपके (शिक्षा मंत्री) पास भी शिकायतें पहुंची है? शिक्षा मंत्री: हां, मैं इस चीज को मान रही हूं, लेकिन मैं यह भी तो बात मान रही हूं कि जबरदस्ती थोड़ी न है कि उसी स्कूल में पढ़ाना है, स्कूल बदलने की मुहिम चलाए ना। स्कूलों का बायकॉट करने की मुहिम चलाए। यह कोई कह थोड़े न रहा है कि आप उसी स्कूल में लेकर जाए, जहां पर शोषण हो रहा है। 4 लाख फर्जी एडमिशन पर बोलीं- एक्शन क्या लेना, कांग्रेस हिसाब दे
हरियाणा के सरकारी स्कूलों में 4 लाख फर्जी एडमिशन के मामले में किस प्रकार से एक्शन लिया जा रहा है? इस सवाल पर शिक्षा मंत्री का जवाब था कि उसके ऊपर एक्शन क्या लेना है जी, वो जो एक पार्टी वाले नहीं है, जो कहते है कि कौन मांगे हिसाब, वो हिसाब मांग रहे है ना, ये उन्हीं के बोए हुए बीज हैं। उनको बोला कि चार लाख का हिसाब दे दो, ये कैसे भर्ती किए थे। इन चार लाख स्टूडेंट की एवज में कौन से रिश्तेदार थे, जो स्कूलों में भर्ती किए। स्टाफ की कमी है, साढ़े 14 हजार स्कूलों को कैटर करने के लिए ताकत चाहिए
सरकारी स्कूलों में स्टाफ की कमी के सवाल पर शिक्षा मंत्री ने माना कि सरकारी स्कूलों में स्टाफ की कमी है। 2014 से पहले और आज की स्थिति में जमीन आसमान का अंतर है। जहां पर शिक्षकों की कमी है उसको हरियाणा कौशल रोजगार निगम (HKRN) के माध्यम से भी भर रहे हैं। अभी प्रिंसिपल के तौर पर 500 टीचरों का प्रमोशन भी करने जा रहे हैं। इसके अतिरिक्त जेबीटी के माध्यम से भी टीचर की कमी पूरी करने की कोशिश की है। 22 जिलो में 14500 स्कूल है। साढ़े 14 हजार स्कूलों को कैटर करने के लिए भी ताकत चाहिए। सरकार इस काम को करने में सक्षम है और पूरा भी करेगी। रही बात सरकारी स्कूलों की तो, सरकारी स्कूलों में छात्रों की संख्या में इजाफा हुआ है और इसमें कोई संदेह नहीं है।