अयोध्या के राममंदिर कांवड़ के साथ ही मेरठ में नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर की कांवड़ तैयार हो रही है। 51 किलो की कांवड़ को शिवभक्त स्वयं तैयार कर रहे हैं। कांवड़ को बनाने में लगभग 2 लाख रुपये का खर्च आ रहा है। जिसे शिवभक्तों ने स्वयं वहन किया है। कांवड़ रविवार सुबह हरिद्वार के लिए रवाना होगी। हरिद्वार हरि की पैड़ी से जल लाकर कांवड़िए उससे शिव जलाभिषेक करेंगे। 20 दिन से ज्यादा समय में तैयार मेरठ में हिंदू महासभा के निर्देशन में युवा स्वयं ये कांवड़ बना रहे हैं। 13 फुट ऊंची इस कांवड़ को तैयार करने में पूरे 20 दिन से ज्यादा का समय लगा है। कांवड़ को युवाओं ने अपने हाथों से तैयार किया है। कांवड़ में हूबहू नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर की कलाकारी को उकेरा गया है। अंदर पंचमुखी भोलेनाथ विराजमान हैं। बाहर नंदी और भोलेनाथ के रुद्रगण हैं। कांवड़ में होंगे पंचमुखी शिवलिंग के दर्शन कांवड़ को तैयार कर रहे अभिषेक अग्रवाल ने बताया कि 13 फुट ऊंची और 13 फुट लंबी और चौड़ी कांवड़ तैयार हो रही है। कांवड़ को लकड़ी, रूई, कपड़ा, थर्माकोल, रेशम के कपड़े, सजावटी सामान, रंगीन लाइटों से सजाया जा रहा है। जिससे पशुपतिनाथ मंदिर का पूरा दृश्य उकेरा जा सके। केके इंटर कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र कांवड़ बना रहे हैं। स्कूल से आकर देते श्रमदान ये छात्र दिन में स्कूल में जाकर पढ़ते हैं। स्कूल से आकर कांवड़ बनाते हैं। केके इंटर कालेज के नौवीं कक्षा में पढ़ रहे निखिल राजपूत वह डी,एन कॉलेज इंटर कक्षा में पढ़ने वाले पीयूष राजपूत बताते हैं कि हम आठ लोग मिलकर पशुपतिनाथ मंदिर वाली कांवड़ तैयार कर रहे हैं। कांवड़ बनाने से पहले हमने मंदिर और उसका पूरा इतिहास जाना जिससे कोई गलती न हो। सभी लोग स्कूल और कालेज से आने के बाद कांवड़ तैयार करने में लग जाते हैं,और फिर रात 12 बजे तक बनाते हैं।पहली बार हम कोई कांवड़ बना रहे हैं। प्रशासनिक नियमों का पालन करके कांवड़ निर्माण डीएन इंटर कालेज से बीकाम कर रहे मयंक राजपूत बताते हैं हम हर साल कांवड़ यात्रा करते हैं,लेकिन कांवड़ पहली बार बना रहे हैं। इसलिए कुछ अलग करने का सोचकर ही पशुपतिनाथ मंदिर वाली कांवड़ बनाने का निर्णय लिया। इस कार्य में,राहुल राजपूत यश राजपूत, किशन राजपूत सोनू भाटी,जतिन राजपूत और कृष राजपूत भी उनकी मदद कर रहे हैं। प्रशासन के निर्देशानुसार नियमों का पालन कर कांवड़ बना रहे हैं। मेरठ में राममंदिर वाली कांवड़ का वीडियो भी देखिए… मेरठ में राम मंदिर जैसी कांवड़, VIDEO:35 लाख रुपए में बनकर तैयार, 30 दिन बनाने में लगे; 250 शिवभक्त जल लेने हरिद्वार रवाना अयोध्या के राममंदिर कांवड़ के साथ ही मेरठ में नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर की कांवड़ तैयार हो रही है। 51 किलो की कांवड़ को शिवभक्त स्वयं तैयार कर रहे हैं। कांवड़ को बनाने में लगभग 2 लाख रुपये का खर्च आ रहा है। जिसे शिवभक्तों ने स्वयं वहन किया है। कांवड़ रविवार सुबह हरिद्वार के लिए रवाना होगी। हरिद्वार हरि की पैड़ी से जल लाकर कांवड़िए उससे शिव जलाभिषेक करेंगे। 20 दिन से ज्यादा समय में तैयार मेरठ में हिंदू महासभा के निर्देशन में युवा स्वयं ये कांवड़ बना रहे हैं। 13 फुट ऊंची इस कांवड़ को तैयार करने में पूरे 20 दिन से ज्यादा का समय लगा है। कांवड़ को युवाओं ने अपने हाथों से तैयार किया है। कांवड़ में हूबहू नेपाल के पशुपतिनाथ मंदिर की कलाकारी को उकेरा गया है। अंदर पंचमुखी भोलेनाथ विराजमान हैं। बाहर नंदी और भोलेनाथ के रुद्रगण हैं। कांवड़ में होंगे पंचमुखी शिवलिंग के दर्शन कांवड़ को तैयार कर रहे अभिषेक अग्रवाल ने बताया कि 13 फुट ऊंची और 13 फुट लंबी और चौड़ी कांवड़ तैयार हो रही है। कांवड़ को लकड़ी, रूई, कपड़ा, थर्माकोल, रेशम के कपड़े, सजावटी सामान, रंगीन लाइटों से सजाया जा रहा है। जिससे पशुपतिनाथ मंदिर का पूरा दृश्य उकेरा जा सके। केके इंटर कॉलेज में पढ़ने वाले छात्र कांवड़ बना रहे हैं। स्कूल से आकर देते श्रमदान ये छात्र दिन में स्कूल में जाकर पढ़ते हैं। स्कूल से आकर कांवड़ बनाते हैं। केके इंटर कालेज के नौवीं कक्षा में पढ़ रहे निखिल राजपूत वह डी,एन कॉलेज इंटर कक्षा में पढ़ने वाले पीयूष राजपूत बताते हैं कि हम आठ लोग मिलकर पशुपतिनाथ मंदिर वाली कांवड़ तैयार कर रहे हैं। कांवड़ बनाने से पहले हमने मंदिर और उसका पूरा इतिहास जाना जिससे कोई गलती न हो। सभी लोग स्कूल और कालेज से आने के बाद कांवड़ तैयार करने में लग जाते हैं,और फिर रात 12 बजे तक बनाते हैं।पहली बार हम कोई कांवड़ बना रहे हैं। प्रशासनिक नियमों का पालन करके कांवड़ निर्माण डीएन इंटर कालेज से बीकाम कर रहे मयंक राजपूत बताते हैं हम हर साल कांवड़ यात्रा करते हैं,लेकिन कांवड़ पहली बार बना रहे हैं। इसलिए कुछ अलग करने का सोचकर ही पशुपतिनाथ मंदिर वाली कांवड़ बनाने का निर्णय लिया। इस कार्य में,राहुल राजपूत यश राजपूत, किशन राजपूत सोनू भाटी,जतिन राजपूत और कृष राजपूत भी उनकी मदद कर रहे हैं। प्रशासन के निर्देशानुसार नियमों का पालन कर कांवड़ बना रहे हैं। मेरठ में राममंदिर वाली कांवड़ का वीडियो भी देखिए… मेरठ में राम मंदिर जैसी कांवड़, VIDEO:35 लाख रुपए में बनकर तैयार, 30 दिन बनाने में लगे; 250 शिवभक्त जल लेने हरिद्वार रवाना उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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नोएडा में प्रॉपर्टी खरीदना हुआ अब और महंगा:आवंटन दरों में 6% की बढ़ोतरी, जानें पुराना और नया रेट शहर में आवासीय, औद्योगिक, ग्रुप हाउसिंग और संस्थागत संपत्तियों की आवंटन दरों में 6 प्रतिशत की बढ़ोतरी कर दी गई है। संस्थागत उपयोग के अंतर्गत कॉर्पोरेट ऑफिस और व्यवसायिक संपत्तियों की दरों में कोई इजाफा नहीं किया गया है। यह निर्णय शुक्रवार को लखनऊ में हुई नोएडा प्राधिकरण की बोर्ड बैठक में लिया गया। लखनऊ में प्रदेश के मुख्य सचिव एवं नोएडा-ग्रेटर नोएडा प्राधिकरण के चेयरमैन मनोज कुमार सिंह की अध्यक्षता में बोर्ड बैठक हुई। प्राधिकरण अधिकारियों ने बताया कि आवासीय भूखंड की श्रेणी ए, बी औ सी में करीब 17500 वर्ग मीटर जमीन के तहत करीब 50 भूखंड खाली पड़े हुए हैं। अब नए रेट लागू होने पर इन भूखंड को प्राधिकरण बेचेगा। औद्योगिक व संस्थागत संपत्तियों के हिसाब से शहर को तीन वर्ग में बांटा हुआ है। आवासीय दरों में 6 प्रतिशत का इजाफा
जहां तक आवासीय भूखंड का सवाल है। शहर को ए+ से ई तक छह श्रेणियों में विभाजित किया गया है, जबकि ए+ (सेक्टर 14ए, 15ए, और 44ए और बी) में भूमि आवंटन दर सबसे अधिक है और ई में सबसे कम है। प्राधिकरण ने वित्तीय वर्ष 2024-25 के लिए ए से ई श्रेणी के सेक्टर के लिए प्रचलित दरों में 6% की वृद्धि की है। हालांकि, श्रेणी ए+ आवासीय भूखंड की दर 1.75 लाख रुपए प्रति वर्गमीटर पर ही रहेगी। ए श्रेणी के सेक्टरों (14, 17, 19, 30, 35, 36, 39, 44, 47, 50, 51, 52, 93, 93ए और 93बी) में भूखंड की दर 1.18 लाख रुपए प्रति वर्गमीटर से बढ़ा दी गई है। 1.25 लाख रुपए प्रति वर्गमीटर। बी, सी, डी और ई के लिए दरें 82,420 रुपए से 45,380 रुपए से बढ़ाकर 87,370 रुपए से 48,110 रुपए तक कर दी गई हैं। आवासीय भूखंड के लिए प्राधिकरण ने पाया कि ई-नीलामी में बोलियां अधिकतर रिजर्व प्राइस से 30% अधिक होती हैं। जिसमें उपलब्ध भूखंड की तुलना में आवेदनों की संख्या काफी अधिक होती है। आवासीय भूखंड की नई आवंटन दरें 6 प्रतिशत बढ़ोतरी के बाद ग्रुप हाउसिंग कई दर
ग्रुप हाउसिंग संपत्तियों को भी ई-नीलामी के माध्यम से आवंटित किया जाता है। जिसमें भूखंड के स्थान और बाजार मूल्य के आधार पर आवंटन की बोली लगाई जाती है। इस उद्देश्य के लिए, शहर को पांच में वर्गीकृत किया गया है। ए से ई तक आवंटन दर 1.03 लाख रुपए प्रति वर्गमीटर से 65,250 प्रति वर्गमीटर तक हैं। उन्हें बढ़ाकर 1.09 लाख रुपए प्रति वर्गमीटर से 69,170 रुपए प्रति वर्गमीटर कर दिया गया है। श्रमिक कुंज और ईडब्ल्यूएस आवासीय भवनों की दरें 10,140 रुपए प्रति वर्गमीटर पर ही रहेंगी। फेस वन, फेज टू और फेस तीन के अलावा आईटी-आईटीईएस एवं डेटा सेंटर उपयोग की परिसंपत्तियां की आवंटन दरों में भी 6 प्रतिशत की बढ़ोतरी की गई है। बीते सालों में व्यवसायिक संपत्तियों के बेहद कम खरीदार आए हैं। इसको देखते हुए इस संपत्ति की आवंटन दरें यथावत रखी गई हैं। औद्योगिक भूखंड की दर में इजाफा
औद्योगिक भूखंड आवंटन के लिए शहर को तीन फेज में बांटा गया है। फेज-1 में सेक्टर 1 से 11, 16 और 16ए आते हैं। दूसरे फेज में सेक्टर- 80, 140, 150 और 160 के दशक के औद्योगिक क्षेत्र आते हैं, जबकि तीसरे फेज में कई सेक्टर है। यहां मौजूदा दरें अधिकतम 44,800 रुपए और न्यूनतम 16,020 रुपए प्रति वर्गमीटर से बढ़कर 47,490 रुपए – 16,990 रुपए प्रति वर्गमीटर हो गई हैं। इन एजेंडा पर भी लगी मुहर
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