अपर मुख्य सचिव आवास एवं शहरी नियोजन विभाग डा. नितिन रमेश गोकरन व मण्डलायुक्त डा. रोशन जैकब की अध्यक्षता में अलीगंज सेक्टर-बी. में तैयार हो रहे सीनियर केयर सेन्टर के निर्माण का सौन्दर्यीकरण के लिए बैठक की गयी। शासन की मंशा के अनुरूप लखनऊ में अब वरिष्ठ नागरिकों का अकेलापन दूर करने व उनके मनोरंजन आदि को देखते हुये सीनियर केयर सेन्टर को क्रिएटिव बनाने के लिए स्माल पुस्ताकालय, मल्टी परपज हाल बनेगा। इसमें इनक्वारी सेन्टर, कॉउसिंलग केबिन जिसमें लीगल फाइनेशियल, योगा थिरेपी रूम, फूड एवं हेल्थ जोन, शौचालय हो। इसमेर महिला, पुरूष, विकलांग , म्यूजिक, खेलकूद आदि की सुविधा दी जा रही है। तीन कमेटी देगी रिपोर्ट मण्डलायुक्त रोशन जैकब ने बताया कि इस निमित्त तीन तरह की कमेटी का गठन किया गया है, जिसमें प्रथम कमेटी में अपर मुख्य सचिव आवास एवं शहरी नियोजन विभाग की अध्यक्षता में की जा रही है। दूसरी एडवाइजरी कमेटी व स्कूटनी कमेटी का गठन किया जायेगा। यह सेन्टर स्मार्ट सिटी मिशन निदेशालय द्वारा कराया जा रहा है। सीनियर केयर सेन्टर निर्माण को और विकसित करने के लिये पार्क का सौन्दर्यीकरण किया जा रहा है। जिसमें औषधि युक्त पौधे, क्यारियों में फूल आदि लगाने के लिए एलडी उद्यान को निर्देश दिये। मण्डलायुक्त द्वारा सम्बन्धित विभागों को आदेश दिये गये है कि इस कार्य से सम्बन्धित सभी अधिकारी समय से कार्यो को बेहतर ढंग से पूरा करेगें। अपर मुख्य सचिव आवास एवं शहरी नियोजन विभाग डा. नितिन रमेश गोकरन व मण्डलायुक्त डा. रोशन जैकब की अध्यक्षता में अलीगंज सेक्टर-बी. में तैयार हो रहे सीनियर केयर सेन्टर के निर्माण का सौन्दर्यीकरण के लिए बैठक की गयी। शासन की मंशा के अनुरूप लखनऊ में अब वरिष्ठ नागरिकों का अकेलापन दूर करने व उनके मनोरंजन आदि को देखते हुये सीनियर केयर सेन्टर को क्रिएटिव बनाने के लिए स्माल पुस्ताकालय, मल्टी परपज हाल बनेगा। इसमें इनक्वारी सेन्टर, कॉउसिंलग केबिन जिसमें लीगल फाइनेशियल, योगा थिरेपी रूम, फूड एवं हेल्थ जोन, शौचालय हो। इसमेर महिला, पुरूष, विकलांग , म्यूजिक, खेलकूद आदि की सुविधा दी जा रही है। तीन कमेटी देगी रिपोर्ट मण्डलायुक्त रोशन जैकब ने बताया कि इस निमित्त तीन तरह की कमेटी का गठन किया गया है, जिसमें प्रथम कमेटी में अपर मुख्य सचिव आवास एवं शहरी नियोजन विभाग की अध्यक्षता में की जा रही है। दूसरी एडवाइजरी कमेटी व स्कूटनी कमेटी का गठन किया जायेगा। यह सेन्टर स्मार्ट सिटी मिशन निदेशालय द्वारा कराया जा रहा है। सीनियर केयर सेन्टर निर्माण को और विकसित करने के लिये पार्क का सौन्दर्यीकरण किया जा रहा है। जिसमें औषधि युक्त पौधे, क्यारियों में फूल आदि लगाने के लिए एलडी उद्यान को निर्देश दिये। मण्डलायुक्त द्वारा सम्बन्धित विभागों को आदेश दिये गये है कि इस कार्य से सम्बन्धित सभी अधिकारी समय से कार्यो को बेहतर ढंग से पूरा करेगें। उत्तरप्रदेश | दैनिक भास्कर
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PM मोदी के जन्मदिन के लिए वाराणसी में खास तैयारी, BJP का 75 दिनों का खास अभियान शुरू
PM मोदी के जन्मदिन के लिए वाराणसी में खास तैयारी, BJP का 75 दिनों का खास अभियान शुरू <p style=”text-align: justify;”><strong>PM Narendra Modi Birthday:</strong> प्रधानमंत्री <a title=”नरेंद्र मोदी” href=”https://www.abplive.com/topic/narendra-modi” data-type=”interlinkingkeywords”>नरेंद्र मोदी</a> के संसदीय क्षेत्र वाराणसी में उनके जन्मदिन को मनाने के लिए खास तैयारी की गई है. इसके तहत वाराणसी की दक्षिण विधानसभा के स्थानीय नेताओं ने अगले 75 दिन के लिए एक खास अभियान की शुरूआत की है. ये अभियान पीएम मोदी के जन्मदिन 17 सितंबर तक जारी रहेगा. इसके तहत इस क्षेत्र में कई खास कार्यक्रम किए जाएंगे. </p>
<p style=”text-align: justify;”>दरअसल वाराणसी की दक्षिण विधानसभा हमेशा से बीजेपी का गढ़ रही हैं. यहां पिछले चार दशक से लगातार बीजेपी का कब्जा रहा है लेकिन इस बार लोकसभा चुनाव में बड़ी संख्या में इंडिया गठबंधन को भी यहां वोट मिला. लेकिन अब बीजेपी ने अपने गढ़ को फिर से मजबूत करने की तैयारी की है. बीजेपी ने अभी से यहां अपनी नई रणनीति को धार देना शुरू कर दिया है. इसकी तहत स्थानीय विधायक की तरफ ये अभियान शुरू किया गया है. </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong>पीएम मोदी के जन्मदिन को लेकर विशेष अभियान</strong><br />वाराणसी के दक्षिणी विधानसभा में स्थानीय नेताओं की तरफ से अगले 75 दिनों के लिए अनेक कार्यक्रमों को निर्धारित किया गया है. जो पीएम मोदी के जन्मदिन तक चलते रहेंगे. इनमें क्षेत्र में स्वच्छता अभियान, वृक्षारोपण कार्यक्रम (एक पौधा मां के नाम), जनता से जुड़े स्थानीय समस्याओं का निराकरण, जनसंपर्क एवं चौपाल लगाने जैसे कार्य निर्धारित हैं.</p>
<p style=”text-align: justify;”><br /><img src=”https://feeds.abplive.com/onecms/images/uploaded-images/2024/07/06/a030c8bcfc92a636d838167ca8c175e21720249401641275_original.jpg” /></p>
<p style=”text-align: justify;”>इस अभियान शुरुआत हो गई है और ये अभियान अब प्रधानमंत्री मोदी के जन्मदिवस 17 सितंबर तक चलता रहेगा. इसमें स्थानीय विधायक की तरफ से लोगों से जुड़ने के लिए भी अपील की गई है. प्राप्त जानकारी के अनुसार भारतीय जनता पार्टी द्वारा अभी से ही इस विधानसभा के लिए खास रणनीति पर कार्य किया जा रहा है. बीते लोकसभा चुनाव में इंडिया गठबंधन की तरफ से हैरान करते हुए यहां अच्छी संख्या में 81732 वोट प्राप्त किए गए. इसलिए पार्टी आगामी विधानसभा चुनाव में पहले से ही इस सीट के लिए अपनी तैयारी को दुरुस्त रखना चाहती है.</p>
<p style=”text-align: justify;”>दक्षिणी विधानसभा शुरू से ही बीजेपी का गढ़ रहा है. इसी विधानसभा में काशी विश्वनाथ धाम भी है. सबसे महत्वपूर्ण बात की यहां पर देश के अलग-अलग हिस्सों, सभ्यताओं, संस्कृति के मानने वाले लोगों की संख्या भी अधिक है. बीते परिणाम को ध्यान में रखते हुए पार्टी ने विधानसभा चुनाव के लिए अभी से ही यहां पर अपनी तैयारी को शुरू कर दिया गया है. 2024 के <a title=”लोकसभा चुनाव” href=”https://www.abplive.com/topic/lok-sabha-election-2024″ data-type=”interlinkingkeywords”>लोकसभा चुनाव</a> में हैरान करते हुए इंडिया गठबंधन ने 81732 वोट हासिल किया था, वहीं भारतीय जनता पार्टी को 97878 वोट मिले थे.</p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/akhilesh-yadav-raised-questions-on-arrests-made-in-hathras-satsang-stampede-2731191″>हाथरस कांड में हुई गिरफ्तारियों पर अखिलेश यादव ने उठाए सवाल, कहा- नाकामी छुपाने के लिए..</a></strong></p>
यूपी में ढाई करोड़ से ज्यादा लोग हो जाएंगे बेघर:नजूल बिल पर क्यों झुकी सरकार, वोटबैंक खिसकने का डर या विधायकों का दबाव?
यूपी में ढाई करोड़ से ज्यादा लोग हो जाएंगे बेघर:नजूल बिल पर क्यों झुकी सरकार, वोटबैंक खिसकने का डर या विधायकों का दबाव? यूपी में नजूल जमीन के मुद्दे पर सरकार को झुकना पड़ा। उत्तर प्रदेश नजूल संपत्ति विधेयक विधानसभा में पास होने के बाद विधान परिषद में अटक गया। योगी सरकार के लिए मुश्किल ये है कि भाजपा नेताओं ने भी इस मुद्दे पर आपत्ति जताई है। बिल के विरोध की बड़ी वजह यह है कि अगर ये लागू हुआ तो करीब ढाई करोड़ से ज्यादा लोगों से उनके मकान, दुकान और प्रतिष्ठान छिन जाएंगे। उप-चुनाव और आगामी विधानसभा चुनाव 2027 में वोट बैंक के नुकसान की आशंका में भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र सिंह चौधरी ने भी विधेयक का विरोध किया। योगी सरकार में पहली बार ऐसा हुआ, जब दोनों सदनों में पूर्ण बहुमत के बावजूद विधानसभा से पास विधेयक विधान परिषद में अटक गया। या यूं कहें कि अटका दिया गया। माना जा रहा है कि अब यह विधेयक वर्तमान स्वरूप में कभी लागू नहीं हो सकेगा। आखिर क्या है नजूल की जमीन? सत्ता से लेकर विपक्ष क्यों विधेयक के विरोध में एक स्वर मिलाने लगा? योगी सरकार आखिर क्यों इस बिल को प्रवर समिति को भेजने को मजबूर हुई? सबकुछ इस रिपोर्ट में पढ़िए… यूपी में 27 हजार हेक्टेयर से ज्यादा नजूल की जमीन
आवास विभाग के एक अधिकारी ने बताया- यूपी में 27 हजार हेक्टेयर से अधिक नजूल भूमि है। प्रयागराज, लखनऊ, रायबरेली, मेरठ, बाराबंकी, अयोध्या, गोंडा, गोरखपुर, गाजियाबाद, सहारनपुर, देवरिया, आगरा, बहराइच, बलरामपुर, वाराणसी, मुजफ्फरनगर, हाथरस, अलीगढ़, कानपुर और अमेठी में सबसे ज्यादा नजूल संपत्ति है। यहां 25 से 60 फीसदी तक नजूल संपत्ति है। शुरुआती आकलन के अनुसार, नजूल संपत्ति विधेयक लागू होने से करीब ढाई करोड़ से ज्यादा लोग प्रभावित होंगे। उन्होंने बताया कि अवध में गोंडा सहित कुछ जिले तो ऐसे हैं, जिनकी 50 फीसदी से ज्यादा शहरी आबादी नजूल पर बसी है। गोंडा जिले के आधे से अधिक विधायक और सांसद के मकान भी नजूल संपत्ति पर हैं। 7 मार्च को मंजूर हुआ था अध्यादेश
राज्य सरकार ने लोकसभा चुनाव से पहले 7 मार्च 2024 को उत्तर प्रदेश नजूल संपत्ति (लोक प्रयोजनार्थ प्रबंध एवं उपयोग) अध्यादेश 2024 को मंजूरी दी थी। लेकिन, लोकसभा चुनाव के शोर में यह मामला तूल नहीं पकड़ सका। बिल की प्रमुख बातें… जानिए अब विरोध क्यों हो रहा
10 सीटों पर उप-चुनाव होने हैं। आने वाले विधानसभा चुनाव को देखते हुए भी मुद्दे पर सियासत हो रही है। सपा-कांग्रेस, सरकार पर दबाव बना रही हैं। विपक्षी विधायकों का तर्क है कि इससे गरीब बेघर हो जाएंगे। उनका तर्क है कि विधेयक के सख्त प्रावधान पीढ़ियों से इन जमीनों पर रह रहे लोगों को बेदखल कर सकते हैं। लोगों की पूरी कमाई इन जमीनों पर लगी है। वहीं, भाजपा विधायक भी इसलिए विरोध कर रहे हैं कि उन्हें वोटबैंक खिसकने का डर है। अगर ये विधेयक बिना किसी बदलाव के पास हो गया तो 2027 विधानसभा चुनाव में भाजपा को नुकसान हो सकता है। कैबिनेट मंत्री भी अब झाड़ने लगे पल्ला
नजूल संपत्ति विधेयक का सदन के अंदर और बाहर जबरदस्त विरोध हुआ। सूत्रों के मुताबिक सरकार की ओर से तर्क दिया जा रहा है कि 7 मार्च को कैबिनेट बैठक में इसका अध्यादेश मंजूर किया गया था। उस समय किसी कैबिनेट मंत्री ने इसका विरोध क्यों नहीं किया। उधर, सरकार के इस तर्क के बाद कैबिनेट मंत्री मामले से पल्ला झाड़ने लगे हैं। सदन में विधेयक की पैरवी करने वाले सरकार के दो वरिष्ठ मंत्री अब कह रहे हैं कि उस समय लोकसभा चुनाव में गलत संदेश नहीं जाए, इसलिए विरोध नहीं किया। नौकरशाहों ने सरकार को गलत सलाह देकर यह अध्यादेश कैबिनेट से पास कराया। विधेयक लाने से पहले भी विश्वास में नहीं लिया गया। विपक्ष को बैठे-बिठाए मिल गया मुद्दा
राजनीतिक जानकार मानते हैं कि लोकसभा चुनाव के बाद से भाजपा एक के बाद एक खुद ही विपक्ष के हाथों में मुद्दे दे रही है। कभी ‘संगठन सरकार से बड़ा होता है’ जैसे बयान सरकार की अंदरुनी खींचतान जाहिर कर रहे हैं। कभी कांवड़ यात्रा मार्ग की दुकानों पर नेम प्लेट लगाने के मामले में सुप्रीम कोर्ट की रोक लग रही है। अब नजूल संपत्ति विधेयक जैसा मुद्दा विपक्ष के हाथ लग गया है। विधान परिषद में मामला अटकने के बाद भी विपक्ष इस मुद्दे को हवा दे रहा है। सीनियर जर्नलिस्ट राजीव श्रीवास्तव कहते हैं कि अफसरों ने सरकार को मिस फीड किया। अध्यादेश लागू होने के बाद से ही इलाहाबाद में विरोध शुरू हो गया। नजूल संपत्ति पर हजारों लोगों की रोजी-रोटी जुड़ी है। बिल पास करने से पहले संवाद होना चाहिए था। जिन प्रावधानों पर विरोध है, उन्हें हटाना ही पड़ेगा। वरिष्ठ पत्रकार और राजनीतिक विश्लेषक वीरेंद्रनाथ भट्ट कहते हैं कि पहली बार मुख्यमंत्री पर उंगुली उठ रही है। भाजपा में कोई भी विधेयक के पक्ष में नहीं है। इससे नगरीय निकाय के अधिकारियों और जिलाधिकारियों को अधिकार मिलने से वह जनता को परेशान करेंगे। कल्याण सिंह सरकार के समय 1991 और 1998 में भी नजूल की संपत्ति को फ्री होल्ड करने का निर्णय किया गया था। सरकार को व्यापक विचार-विमर्श करना चाहिए था। सरकार का क्या तर्क? डैमेज कंट्रोल के लिए उतरे मंत्री
विधेयक सियासी रूप से कितना मायने रखता है, इसका अंदाजा इसी से लगाया जा सकता है कि भाजपा के सात साल से अधिक के शासन में पहली बार बड़ी संख्या में विधायक मुख्यमंत्री, दोनों डिप्टी सीएम और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष से मिले। यह भी पहला मौका रहा जब विधानसभा में पारित विधेयक को विधान परिषद में अटकाने के लिए दोनों डिप्टी सीएम और भाजपा प्रदेश अध्यक्ष, सीएम योगी से मिले। विपक्ष समेत पार्टी नेताओं की चिंता देखते हुए भाजपा ने यूपी संसदीय कार्य मंत्री सुरेश कुमार खन्ना को डैमेज कंट्रोल के लिए उतारा। सुरेश कुमार खन्ना ने आश्वासन दिया कि आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों को बेदखल नहीं किया जाएगा। नजूल की जमीन निजी स्वामित्व वाली नहीं हो सकती, लेकिन मौजूदा लीजधारक जो लीज की शर्तों का पालन करते हैं, उनके अनुबंध 30 साल तक के लिए नवीनीकृत किए जाएंगे। अगर वे नवीनीकरण नहीं करना चाहते हैं, तो उन्हें रिफंड मिल सकता है। सरकार ने आश्वासन दिया है कि इस विधेयक का उद्देश्य मौजूदा कब्जेदारों के अधिकारों की रक्षा करना और यह सुनिश्चित करना है कि सरकारी जमीन सार्वजनिक उपयोग और विकास के लिए उपलब्ध रहे। मामले कोर्ट में, जांच के दायरे में भी है जमीन अध्यादेश के खिलाफ 62 मुकदमे सुप्रीम कोर्ट में चल रहे 250 केस एसआईटी और ईओडब्ल्यू जांच भी बिल लागू हुआ तो बड़े लोग भी जद में आएंगे
आवास विभाग के अधिकारी ने बताया कि नजूल संपत्ति विधेयक आम आदमी से ज्यादा प्रभावशाली लोगों की जमीन खिसका देगा। इसमें बड़े व्यापारी, उद्योगपति, सभी दलों के नेता और जनप्रतिनिधि, डॉक्टर्स, वकील, शिक्षाविद्, सेवानिवृत्त नौकरशाह, सेवानिवृत्त जज और बाहुबली ज्यादा प्रभावित होंगे। आवास विभाग ने सभी जिलों से मांगी रिपोर्ट
आवास विभाग ने सभी जिलों से नजूल संपत्ति की रिपोर्ट मांगी है। नजूल संपत्ति विधेयक से कितने परिवार प्रभावित होंगे। इसमें गरीब और मध्यम वर्गीय परिवार कितने प्रभावित होंगे। इसका भी आकलन कराया जा रहा है। अन्य राज्यों में क्या है स्थिति
मध्य प्रदेश में स्थायी पट्टे वित्त विभाग की सहमति से अधिकतम 99 साल के लिए दिए जाते हैं। नवीनीकरण के लिए आवेदन देना होता है। राजस्थान में सरकार ने नजूल संपत्तियों को किराए पर देने, जिनका कब्जा है, उन्हें बेचने के लिए नियम बना रखा है। नजूल संपत्तियों की नीलामी का भी नियम है। आगे क्या? : कमेटी के लिए भी चुनौती बनेगा विधेयक
आमतौर पर विपक्ष विधेयकों का विरोध करता है। विधेयक को प्रवर समिति को भेजने की मांग करता है। इस मामले में सत्ता पक्ष की ओर से विधेयक प्रवर समिति को भेजने की मांग उठाई गई। अब विधेयक को प्रवर समिति को भेज दिया गया है। समीक्षा के लिए प्रवर समिति गठित की जाएगी। समिति में सत्तापक्ष के साथ विपक्ष के भी सदस्य होंगे। प्रवर समिति को दो महीने में रिपोर्ट देनी है। जानकार मानते हैं कि प्रवर समिति के लिए भी रिपोर्ट देना किसी चुनौती से कम नहीं होगा। विधान परिषद में नजूल बिल अटका, भूपेंद्र चौधरी विरोध में उतरे, अनुप्रिया बोलीं- विधेयक वापस हो यूपी विधानसभा से पास उत्तर प्रदेश नजूल संपत्ति (लोक प्रयोजनार्थ प्रबंध और उपयोग) विधेयक 2024 गुरुवार को विधान परिषद में अटक गया। भाजपा प्रदेश अध्यक्ष भूपेंद्र चौधरी खुद विधेयक के विरोध में खड़े हो गए। चौधरी के प्रस्ताव पर विधेयक को प्रवर समिति को सौंप दिया गया। डिप्टी सीएम केशव मौर्य विधान परिषद में नेता सदन हैं। जिस वक्त इस विधेयक पर चर्चा हो रही थी, भूपेंद्र चौधरी के अलावा दोनों डिप्टी सीएम केशव मौर्य और ब्रजेश पाठक साथ बैठे हुए थे। नजूल विधेयक का मोदी सरकार में मंत्री अनुप्रिया पटेल ने भी विरोध किया है। पूरी खबर पढ़ें
फिरोजाबाद में कैदी की मौत के बाद पुलिस पर पथराव, गाड़ियों को किया आग के हवाले
फिरोजाबाद में कैदी की मौत के बाद पुलिस पर पथराव, गाड़ियों को किया आग के हवाले <p style=”text-align: justify;”><strong>UP News: </strong>उत्तर प्रदेश के फिरोजाबाद में चोरी के आरोप में जेल भेजे गए आरोपी की मौत के बाद बवाल हो गया. वहीं आरोपी की मौत को लेकर परिजनों का आरोप है कि युवक की पिटाई से मौत हुई है, जिसके बाद शव को रखकर जाम लगा दिया. पोस्टमार्टम के बाद शव को रखकर हिमयपुर चौराहे पर जाम लगाया और इसके बाद हंगामा हुआ. इस दौरान पथराव और आगजनी की घटना हुई.</p>
<p style=”text-align: justify;”>इस दौरान 4 से 5 पुलिसकर्मी और निकलने वाले राहगीर भी घायल हुए. वहीं पुलिस ने हवाई फायरिंग की और फिर शांति हुई. बता दें कि थाना दक्षिण क्षेत्र के नई आबादी नगला पचिया निवासी 28 वर्षीय आकाश सिंह को पुलिस ने दो दिन पहले चोरी के मामले में जेल भेजा था. जहां जिला अस्पताल में इलाज के दौरान उसकी मौत हो गई और पुलिस ने शव पोस्टमार्टम करने के बाद परिजनों के सुपुर्द कर दिया.</p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं हिमायुपुर चौराहे पर लोगों ने प्रदर्शन किया और नाराज भीड़ ने पुलिस को खड़ेदा व पत्थर भी मारे. नाराज भीड़ ने रोड पर खड़ी बाइक में आग लगा दी. इस दौरान गुस्साई भीड़ ने पुलिस पर जमकर पथराव किया, वहीं पुलिस ने कई राउंड हवाई फायरिंग करते हुए भीड़ को तितर-बितर किया. वहीं इस घटना के बाद पुलिस और आलाधिकारियों में खलबली मच गई और आलाअधिकारी मौके पर पहुंच गए.</p>
<blockquote class=”twitter-tweet”>
<p dir=”ltr” lang=”en”>VIDEO | “On June 19, a case was lodged in Dakshin Police Station against a person named Akash. A stolen two-wheeler was recovered from him. Taking necessary action, he was sent to judicial custody. As per initial information, he fell ill at the district jail, following which he… <a href=”https://t.co/CdVexdlfR0″>pic.twitter.com/CdVexdlfR0</a></p>
— Press Trust of India (@PTI_News) <a href=”https://twitter.com/PTI_News/status/1804193757518049771?ref_src=twsrc%5Etfw”>June 21, 2024</a></blockquote>
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<script src=”https://platform.twitter.com/widgets.js” async=”” charset=”utf-8″></script>
</p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं शव अभी भी एम्बुलेंस में मौजूद है, परिजन शव नहीं ले रहे हैं. वहीं नगर निगम की टीम सफाई करने में लगी हुई है और इस बवाल के बाद 3 सिपाही घायल हैं. हालांकि पुलिस ने इसकी पुष्टि नहीं की है. हालांकि पुलिस ने इस बवाल पर कंट्रोल पा लिय है. </p>
<p style=”text-align: justify;”>वहीं इस मामले को लेकर फिरोजाबाद एसएसपी सौरभ दीक्षित ने कहा-“19 जून को दक्षिण थाने में आकाश नाम के व्यक्ति के खिलाफ मुकदमा दर्ज हुआ था, उसके पास से चोरी का दोपहिया वाहन बरामद हुआ था. इसके चलते आवश्यक कार्रवाई करते हुए उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया था. प्रारंभिक जानकारी के अनुसार जिला जेल में उसकी तबीयत खराब हो गई थी, जिसके बाद जेल के डॉक्टरों ने उसका प्रारंभिक उपचार किया था. आज सुबह उसे जिला अस्पताल भेजा गया और उपचार के दौरान उसकी मौत की सूचना मिली. पीड़ित पक्ष के साथ कई लोग यहां एकत्र हुए, उनमें से कुछ ने हिंसा फैलाने की कोशिश की. कानून व्यवस्था बनाए रखने के लिए हल्का बल प्रयोग किया गया.” </p>
<p style=”text-align: justify;”><strong><a href=”https://www.abplive.com/states/up-uk/moradabad-a-son-in-law-killed-his-father-in-law-due-to-not-give-money-for-his-wife-treatment-ann-2720399″>पत्नी के इलाज के नहीं दिए पैसे तो दामाद ने ससुर की कर दी हत्या, पुलिस ने दर्ज की FIR</a></strong></p>